आदरणीय देशवासिओं, .
देश में महिलाओं के लिए बनाये गए कानूनों के दुरूपयोग को रोकने के लिए कुछ सुझाव ---
1) 498-a , बलात्कार गुजर भत्ता , घरेलु हिंसा कानूनों के दुरूपयोग का मुख्य कारण --झूठा केस करने पर ना पुलिस , ना महिला , ना महिला सेल , ना महिला आयोग, ना महिला के रिश्तेदार , ना भ्रष्ट वकील, ना तथाकथित महिला कल्याण संगठन . इनमे से किसी को भी सजा नहीं होती . समाज के सबसे बड़े दलाल समझोते के नाम पर जम कर पीड़ित परिवार का मानसिक, आर्थिक, सामाजिक शोषण करते हैं . हमारी मांग इन केसों के दुरूपयोग पर कड़ी सजा की मांग होनी चाहिए .
2) कोर्ट में भी जमकर क़ानूनी प्रक्रिया का मजाक उडाया जाता है .जज की मज़बूरी है और हम चक्की में पिसते रहते हैं , लेकिन विरोध नहीं करते. आप अपने केस में कुछ गलत हो रहा हो तो कृपया लिखे जरुर . पत्र हमेशा जिम्मेदार अधिकारी के नाम से लिखें .
3) गुजारा भत्ता कानून में एक बहुत बड़ी गड़बड़ी है की अगर आप बेरोजगर हो, कर्ज्वान हो, किसी और मज़बूरी के कारण , अगर आप मर रहे हो तो भी 1500 रूपये मासिक गुजारा भत्ता आप को देना पड़ेगा. ये चालाकी से किया गया एक खतरनाक प्रावधान है जिसकी कीमत हम आज चुका रहे हैं . अगर आप कोर्ट को ये अहसास करवा सके की --में मजबूर हूँ तो कोर्ट आपका मासिक गुजारा भत्ता 1500 से कम कर देगा . अगर आप गुजारा भत्ता न दे तो भी आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा . जज आपको मजबूर करके जेल नहीं भेज सकता , अगर आप शिकायत कर दे -- तो जज साब की नौकरी जा सकती है. दूसरा सबसे बड़ा फायदा जब वधु पक्ष को पैसे नहीं मिलेगा तो केस अपने आप काबू में आ जायेगा . बिना पैसे के न तो वकील उनका साथ देगा , मानसिक रूप से वो टूट जायेंगे तो उसका बहुत बड़ा फायदा होता है . धैर्य रखे, जल्दबाजी न करें . कोर्ट की तारीख भुगतना सस्ता पड़ता है , पत्नी पक्ष को पैसे देना महंगा पड़ता है . मेंटेनेंस केस से वकील हटा दे . आपका पैसा बचेगा , दुसरे पार्टी को टेंशन होगी . जिस प्रकार एक सरकारी कर्मचारी को कम से कम 15 साल नौकरी के बाद पेंशन मिलती है उसी प्रकार १५ साल शादी निभाने वाली पत्नी को ही गुजारा भत्ता मिले , इससे महिलाए शादी तोड़ने को प्रोत्साहित नहीं होंगी .
4) कोर्ट में पारिवारिक केसों के लिए भी फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये जाये , जिससे बुजुर्गों, बच्चों और परिवार की दूसरी माहिलाओं को परेशानी न हो .
5) केस झूठा पाए जाये तो मुकदमा दर्ज करने वाले पुलिस , वकील प्रोटेक्शन ऑफिसर , महिला सेल , महिला आयोग , महिला कल्याण संगठन की सैलरी से नुक्सान की भरपाई की जाये. जब सरकार झूठा केस करने के लिए सारी सुविधा दे सकती है तो झूठे केस के कारण हुआ नुक्सान की भरपाई भी करे . अगर हम ने क्लेम मांगना शुरू कर दिया तो ये सारी फरौड़ औरतें भागती नजर आएँगी .
6) दुसरे पक्ष को किसी भी प्रकार का आर्थिक लाभ न दे , यही झूठे मुकदमों की जड़ है.
अगर आप मेरे सुझावों से सहमत हैं तो इसे जन-जन तक पहुचाएँ.................
भवदीय
Manojj Kr. Vishwakarma .
Social Activist, RTI Activist & Scientist...
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