आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
आजकल दिल्ली में बहुत चालक लोगो के गैंग काम कर रहे हैं जिनका का काम दिल्ली आने वाले लोगो के मोबाइल फ़ोन और जेब काटना होता है . दिल्ली आने वाला लगभग हर यात्री इसका बनता है शिकार .
ये लोग लाल बत्ती पर, बस स्टैंड पर ,या भीड़ वाली जगहो पर शिकार करते हैं . आप पैदल भी जा रहे हो तो खुद ही आप से टक्कर मारेंगे और आप से झगड़ा करने लगेंगे , जब तक आप कुछ समझेंगे तब तक हाथ साफ . इतने खतरनाक कि आप ने अगर पकड़ लिया तो ब्लेड से हमला कर सकते हैं .
क्या करें..................?????
--कभी भी भीड़ वाली जगहो पर फ़ोन से बात न करें,.
--जेब में कम से कम रूपये रखे जितने कि किराया आदि कि जरुरत हो . दो सौ / तिन सौ
--सफ़र में कम से कम सामान ले कर चले .
--औरतें ख़ास तौर से दिखावे के चक्कर में ज्वेलरी डाल कर चलती है , जहा तक हो सके कम आभूषण डाले और वो भी आर्टिफीसियल हो तो अच्छा रहेगा
--सावधानी से रहे.................... क्योकि, ज्यादा सामान के चक्कर में आप थक जाते है और उनके शिकार बन जाते हैं
आजकल दिल्ली में बहुत चालक लोगो के गैंग काम कर रहे हैं जिनका का काम दिल्ली आने वाले लोगो के मोबाइल फ़ोन और जेब काटना होता है . दिल्ली आने वाला लगभग हर यात्री इसका बनता है शिकार .
ये लोग लाल बत्ती पर, बस स्टैंड पर ,या भीड़ वाली जगहो पर शिकार करते हैं . आप पैदल भी जा रहे हो तो खुद ही आप से टक्कर मारेंगे और आप से झगड़ा करने लगेंगे , जब तक आप कुछ समझेंगे तब तक हाथ साफ . इतने खतरनाक कि आप ने अगर पकड़ लिया तो ब्लेड से हमला कर सकते हैं .
क्या करें..................?????
--कभी भी भीड़ वाली जगहो पर फ़ोन से बात न करें,.
--जेब में कम से कम रूपये रखे जितने कि किराया आदि कि जरुरत हो . दो सौ / तिन सौ
--सफ़र में कम से कम सामान ले कर चले .
--औरतें ख़ास तौर से दिखावे के चक्कर में ज्वेलरी डाल कर चलती है , जहा तक हो सके कम आभूषण डाले और वो भी आर्टिफीसियल हो तो अच्छा रहेगा
--सावधानी से रहे.................... क्योकि, ज्यादा सामान के चक्कर में आप थक जाते है और उनके शिकार बन जाते हैं
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