आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
आदरणीय देशवासियों,
आदरणीय देशवासियों,
कल हम ( कमल हिन्दुस्तानी और मैं ) हाई कोर्ट चंडीगढ़ से केस निपटाकर, कालका – दिल्ली सराय रोहिल्ला ट्रेन से दिल्ली आ रहे थे. जैसे ही हम D—6 डिब्बे में चढ़े और बैठे, कुछ देर बाद ही कुछ औरतों की तेज आवाज आने लगी तो हम हिन्दुस्तानी मर्द अपनी आदत के अनुसार, भीड़ का झुण्ड बनाकर तमाशबीन बने हुए थे. मैं भीड़ को पार करते हुए, आगे गया तो देखा कि – एक बुजुर्ग आदमी ने उस ट्रेन की सीट पर एडजस्ट करने को कहा ( क्योकि वो तीन की सीट थी और केवल दो ही औरतें बैठी थी ) था. इसलिए, वो औरतें उस बुजुर्ग आदमी के साथ झगडा करने लगी और देखते ही देखते वो 5 औरतें हो गई और पूरे डिब्बे में, उस स्तर की गली गलोच करने लगी जिसके बारे में हम यहाँ लिख भी नहीं सकते ............??? और बार बार पुलिस / महिला हेल्पलाइन की धमकी दे रही थी. मुझे लगा कि – ये तो कोई गैंग लग रहा है. मैंने चुप चाप उनके झगडे की विडियो रिकॉर्डिंग करनी शुरू कर दी, ताकि किसी अनहोनी घटना की स्थिति में, निर्दोष को प्रताड़ना से बचाया जा सके. थोड़ी देर बाद जब उनका ध्यान हमारी तरफ गया तो मेरे उपर झगड़ने लगी और मारा पीटी करने को उतारू होने लगी. ( क्योकि उनको लगा कि उनका फर्जीवाड़ा विडियो रिकॉर्डिंग में हो चूका है ) मैं दोड़कर आगे गया और फिर 100 नम्बर पर कॉल किया और सारी बात बता दी. इतने में ट्रेन स्टेशन से चल दी और वे औरतें तो पूरी तैयारी के साथ किसी को शिकार बनाने आई थी. इसलिए, आधे घंटे तक जमकर गली गलोच कर रही थी. पूरा डिब्बा खचाखच सवारियों से भरा हुआ था, लेकिन सब तमाशगीर...........!!! मैंने समझदारी से अपना डिब्बा बदल लिया, ताकि वो किसी मारा पीती का ड्रामा न कर सकें. अम्बाला स्टेशन पर पुलिस भी आ गई. सारी सवारियों से गवाही भी दे दी ( क्योंकि उनका ड्रामा और हमारी हिम्मत देखकर किसी डेली यात्री का जमीर जग गया और उसने सभी दैनिक यात्रियों को इक्कठा कर लिया ). पुलिस आई जरूर, लेकिन उनके खिलाफ कुछ भी नहीं किया. अगर मेरी जगह कोई महिला/ लड़की होतो, तो उस पुरुष को जरूर जेल भेज देते और मीडिया भी खूब शोरशराबा करता. महिला सशक्तिकरण के प्रोफेशनल ड्रामेबाज भी मोमबत्ती जलूस निकालते. जल्दबाजी में विडियो रिकॉर्डिंग तो नष्ट हो गई, लेकिन विडियो रिकॉर्डिंग से पोल खुल जाने के डर से, वो फ्रॉड औरतें, पुलिस या महिला हेल्पलाइन को फ़ोन करके, उस निर्दोष बुजुर्ग और मुझे नहीं फंसा सकी और रोहतक कांड जैसा चंडीगढ़ कांड होने से बच गया. अगर हम हिम्मत नहीं करते, तो वो बुजुर्ग जेल में ही...... सड़कर, मर जाता................... कल एक कोशिश ने एक निर्दोष बुजुर्ग को फ्रॉड औरतों की गैंग का शिकार बनने से बचाया.
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