आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
https://www.facebook.com/notes/manojj-vishwakarma/%E0%A4%AE%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%9C%E0%A4%9C-%E0%A4%B5%E0%A5%8D-%E0%A4%B5%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%B2%E0%A5%8B-%E0%A4%95%E0%A4%BF-%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%82%E0%A4%A6-%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%85%E0%A4%AC-%E0%A4%86%E0%A4%AA-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%97/434194920017478/
आदरणीय देशवासिओं ,
अभी पिछले कुछ दिनों में मैंने गुजारा भत्ता के कुछ खतरनाक केस देखे हैं . जिनमे कोर्ट और जजो ने न्याय का तो जनाजा ही निकाल दिया .
अभी पिछले कुछ दिनों में मैंने गुजारा भत्ता के कुछ खतरनाक केस देखे हैं . जिनमे कोर्ट और जजो ने न्याय का तो जनाजा ही निकाल दिया .
केस no.1 )-- एक व्यक्ति 75 % विकलांग दोनों हाथ काम करने के काबिल नहीं , और बिलकुल फटेहाल में , पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती है , वो 1500 रूपये महीने गुजारा भत्ता नहीं दे सका इसलिए जैल में डाल दिया.
केस no . 2 )-- एक आदमी ने अपने माता- पिता के ख़रीदे हुए 5 एकड़ ज़मीन कीमत लगभग 3.5 करोड़ रूपये अपनी पत्नी के नाम करवा दी . जज ने 7500 रूपये प्रति महीने का गुजारा भत्ता के आदेश कर दिए , इधर से नौकरी भी चली गई. जज ने 60 दिनों के लिए जैल भेज दिया
इधर मुझे भी 15 दिन के लिए चालाकी से जैल में ड़ाल दिया क्योकि मैंने हाई कोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज कि गडबडीओ कि शिकायत कर दी थी . जज ने जानबूझ कर गलत आर्डर लिख के जैल भेज दिया . मैंने जैल में आमरण अनशन शुरू कर दिया और 15 दिनों तक केवल पानी पर जिन्दा रहा.अब मैंने CJM राजेश गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज करने कि अनुमति, तथा जानबूझकर फ़ाइल के सबूतो और तथ्यो को नकार कर गलत आदेश लिखा और मुझे 15 दिन के लिए जैल में भेज दिया . जिसके कारंण मेरी न्याय कि लड़ाई को लेकर समाज में गलत सन्देश गया . मेरे न्याय के प्रति जज्बे को ठेस पहुची है जो कि समाज व् न्यायपालिका कि गरिमा के लिए खतरा है . इस नुक्सान को हालाँकि पैसे से नहीं टोला जा सकता फिर भी , जज कि वेतन से काटकर क्लेम मुझे दिलवाया जाये .
ये जनाब मेरे केस में तीसरे जज होंगे जो घर बैठेंगे . मैंने तो अपनी जिम्मेदारी निभाकर जज व् वकीलो कि नींद हरम कर दी है............अब आप क्या करेंगे.................?????
मेरे कुछ सुझाव :--
गुजाराभत्ता के केस में कभी भी जज को जैल जाने से मना न करे.
जज को पत्र लिखकर पत्नी से जैल में रहने के लिए रजाई, गद्दा, सर्दी हो तो सवेटर, गरम लोई. दो जोड़ी कपडे, अंडरवियर, बनियान, साबुन, तेल , पानी कि मांग करें. ससुराल वालो का 5000/- का खर्च बढ़ जायेगा . और ज्यादा परेशान करना हो तो जज के माध्यम से पत्नी से दाह संस्कार के लिए 10000/- रूपये जमा करवाने कि मांग करें क्योंकि कोर्ट व् जजो कि केवल खतरनाक आतंकवादिओं के ही जीने के आधिकार दीखते हैं, शरीफ लोगों कि प्रताड़ना नहीं . इसलिए मेरे जीने के अधिकार तो है ही नहीं . लेकिन में चैन से मरना चाहता हूँ और मेरी इच्छा है कि मेरी अर्थी जैल से ही निकले. इन बातो को कृपया हलके में न ले . ये भविषय में कही न कही आपको काम आएँगी . इसलिए कुछ करने कि गिजारिश कर रहा हूँ. हम जल्दी ही इस दुरूपयोग के विरोध में एक बड़ा आभियान चलाएंगे और एक पति के मौलिक आधिकारो के हनन के खिलाफ जनहित याचिका भी डालेंगे.
जज को पत्र लिखकर पत्नी से जैल में रहने के लिए रजाई, गद्दा, सर्दी हो तो सवेटर, गरम लोई. दो जोड़ी कपडे, अंडरवियर, बनियान, साबुन, तेल , पानी कि मांग करें. ससुराल वालो का 5000/- का खर्च बढ़ जायेगा . और ज्यादा परेशान करना हो तो जज के माध्यम से पत्नी से दाह संस्कार के लिए 10000/- रूपये जमा करवाने कि मांग करें क्योंकि कोर्ट व् जजो कि केवल खतरनाक आतंकवादिओं के ही जीने के आधिकार दीखते हैं, शरीफ लोगों कि प्रताड़ना नहीं . इसलिए मेरे जीने के अधिकार तो है ही नहीं . लेकिन में चैन से मरना चाहता हूँ और मेरी इच्छा है कि मेरी अर्थी जैल से ही निकले. इन बातो को कृपया हलके में न ले . ये भविषय में कही न कही आपको काम आएँगी . इसलिए कुछ करने कि गिजारिश कर रहा हूँ. हम जल्दी ही इस दुरूपयोग के विरोध में एक बड़ा आभियान चलाएंगे और एक पति के मौलिक आधिकारो के हनन के खिलाफ जनहित याचिका भी डालेंगे.
No comments:
Post a Comment