Wednesday, 31 May 2017

आइये..!!! जानने की कोशिश करें कि आखिर हिंदुस्तान में सब तरफ (कार्यपालिका , विधानपालिका और न्यायपालिका) और आम जनता के इतने ख़राब हालात क्यों ...............???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

आइये..!!! जानने की कोशिश करें कि आखिर हिंदुस्तान में सब तरफ (कार्यपालिका , विधानपालिका और न्यायपालिका) और आम जनता के इतने ख़राब हालात क्यों ...............???
आदरणीय देशवासियों,
इस समय हमारे देश में चारों तरफ निराशा का माहौल, न्यायपालिका से लोग परेशान, पुलिस से प्रताड़ित, नेताओं और पार्टी से हताश, ताकतवर और दबंग की गुंडागर्दी से आतंकित, न्यायपालिका की अपराधियों और रसूख वाले लोगों को बचाने की प्रवृति से, एक ऐसे माहौल का निर्माण हो रहा है कि – शरीफ आदमी का तो जीना ही दूभर हो गया है . मजे हो रहे हैं दलालों के, अपराधियों, ऊँची पहुँच और रसूख वाले लोगों के या नेताओं के चमचों के ......................या चरित्रहीन औरतों के .....................
आखिर ऐसा सब क्यों और किस लिए हो रहा है. .............??? और इसके क्या समाधान हो सकते हैं ....??? इस विषय पर आप सभी के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित हैं .
आइये ....!!! इसके बारे में विस्तार से जाने ................
1) नेताओं ओर राजनेतिक दलों का गैर जिम्मेदार और अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए देश और समाज की जिम्मेदारियों से खिलवाड़,
2) न्यायपालिका में जरुरी सुधारों पर चुप्पी,
3) जनता को अज्ञानता के अँधेरे में और डराकर रखना,
4) जनता के हित के लिए बनाये गए संसाधनों का दुरूपयोग जनता को मारने, कुचलने और तडफाने के लिए करना,
5) देश की जरुरत के हिसाब से कानून नहीं बनाना,
6) कानून दुरूपयोग को एक व्यवसायिक इंडस्ट्री में परिवर्तित करना,
7) न्यायपालिका में दूरदर्शिता वाले जजों की कमी,
8) जजों को न्याय का सौदा करने पर कोई सजा नहीं होना,
9) लोगों को समय पर न्याय नहीं मिलना,
10) समाज में चरित्रहीनता, वैश्यावृति और नंगेपन को बढ़ावा देना,
11) कर्तव्य परायणता का आभाव,
12 ) केवल अधिकारों के लिए मारामारी, जिम्मदारी नाम की कोई चीज नहीं,
13) जिसकी जो सँभालने जिम्मेदारी, वही उसको लूटने लगा,
14) भ्रष्ट व्यवस्था में ताकतवर लोगो का मजबूत तंत्र विकसित होना,
15) दोषी को सजा न होना,
16) सामाजिक स्तर पर नैतिक मूल्यों में भारी गिरावट,
17) आपसी रिश्तों में विशवास की बजाय, स्वार्थ और लालच का हावी होना,
18) सामाजिक प्रधान और सरपंच, लोगों को झूठे मामलों में उलझाकर, कमजोर करने और अवैध वसूली में व्यस्त,
19) राजनीतिज्ञों के द्वारा समाज को जाती, धर्म, और स्त्री पुरुष में बांटकर, उनमे एक दुसरे के प्रति नफरत और जहर फैलाना,
20) सरकारों नेताओं और राजनैतिक दलों के द्वारा समस्या के समाधान के लिए ईमानदारी से काम करने की बजाय, जनता को झूठे झांसे देना और उनको बरगलाना.

आइये...!!! जाने, कौन होता है ........??? एक एक्टिविस्ट................
ये एक ऐसा प्राणी होता है -- जो किसी पीड़ा से प्रेरित होकर,........... समाज और देश के भले के लिए,........ लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए,........ प्रताड़ना सह कर भी काम करता है. ऐसे व्यक्ति, किसी भी समाज और देश के लिए बहुमूल्य सम्पदा/ संपत्ति की तरह होते हैं. उनके पास व्यापक ज्ञान और अनुभव होता है. इस ग्रुप का उद्देश्य -- ऐसे सभी प्रकार के एक्टिविस्ट को एक मंच पर लाकर, उनके बेशकीमती ज्ञान और अनुभव को,.... आप तक पहुँचाना है. इस नेक काम में,...... आप सब का सहयोग, सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित हैं................ . अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को पढ़ें ----.https://www.facebook.com/groups/act... An Activist, is Valuable Asset, of any Society And Nation, who is inspired & Driven by the Deep Burning Pain that he has felt. He sacrifices his desires for the eradication / solution of Problems creating Pain / Problems for Society & Nation. Aim of this Group is to bring All Activists working for any Cause, on single Platform, to ensure betterment of Society & Nation with Help of their Valuable Knowledge & Experiences........... Appeal................. May 16, 2014 at 2:20am आदरणीय देशवासिओ, फेसबुक पर मुझे ब्लॉक कर दिए जाने के कारण मैं आपकी Friend Request स्वीकार भी नहीं कर पा रहा हूँ . इसलिए आप से विनती है की हमसे जुड़ने के किये Follow करें . Groups से जुड़ने के लिए Request स्वीकार की जा सकती हैं. अलग-2 विषयो की अधिक जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग, ग्रुप्स और पेज को पढ़ें .आप से निवेदन है कि ग्रुप्स में उनकी केटेगरी के अनुसार ही पोस्ट करेंगे तो उनकी उपयोगिता अधिक बनी रहेगी . ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें -----https://www.facebook.com/notes/mano...

No comments:

Post a Comment