आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
जज जब फँसते है तो आखिर में एक ही हथियार चलाते हैं कि -- इसका तो दिमागी स्वास्थ्य ख़राब है ......
लेकिन , Justice Karnan की हिम्मत से हमें बहुत कुछ सिखने की जरुरत ....
-- पूरे हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार हाई कोर्ट के किसी कार्यरत जज ने न्यायपालिका के भृष्ट जजों के खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत जुटाई ।
-- दूसरी बड़ी बात ये कि - सुप्रीम कोर्ट के जजों के तानाशाही रवैये के खिलाफ , कानूनी कार्यवाही की हिम्मत जुटाई ।
-- तीसरी बड़ी बात ये कि -- इस लड़ाई में अकेले पड़ने पर भी डरे नहीं , और हिम्मत के साथ सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की असलियत दुनिया के सामने रख दी ।
-- चौथी बड़ी बात ये कि -- अपनी जज की ताकत का सही इस्तेमाल, कानून के अनुसार, लेकिन असंभव को संभव बनाने की कोशिश में किया ।
-- पांचवी बड़ी बात ये कि -- भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के जजों में गलत काम करने का डर रहेगा
-- छठी बड़ी बात ये कि -- और दूसरे पीड़ित जजों को अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा मिलेगी ।
-- सातवीं बड़ी बात ये कि -- इस लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट की एक के बाद तानाशाही के बाद भी करनन साहब ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए , बिना किसी डर के ईंट के जबाब पत्थर से दिया ।
--आठवीं बड़ी बात ये कि करनन साहब अपने उद्देश्य में बाधा डालने वाले, राम जेठमलानी जैसे प्रभावशाली लोगों द्वारा विचलित करने की सारी कोशिशों से भटके नहीं , बहकावे में नहीं आये ।
नौवीं बड़ी बात ये कि -- जजों की पीड़ित को प्रताड़ित करने के लिए , जमानती और गैर जमानती वारंट के दुरुपयोग की सच्चाई, दुनिया के सामने आएगी ।
और दसवीं बड़ी बात ये कि -- जजों की तानाशाही सोच , कानून दुरुपयोग के और भी नमूने देखने को मिलेंगे ।
अब न केवल न्यायपालिका के लोग, बल्कि दूसरे पीड़ित लोगों के प्रेरणा स्त्रोत बन चुके हैं । इस दुनिया में लोग आते है और एक दिन चले जाते हैं, लेकिन इतिहास बनाने का मौका विरलों को मिलता है ।
नमन है उन माता पिता को जिन्होने ऐसे संस्कार देकर ऐसा बेटा देश को दिया ..
..
जज जब फँसते है तो आखिर में एक ही हथियार चलाते हैं कि -- इसका तो दिमागी स्वास्थ्य ख़राब है ......
लेकिन , Justice Karnan की हिम्मत से हमें बहुत कुछ सिखने की जरुरत ....
-- पूरे हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार हाई कोर्ट के किसी कार्यरत जज ने न्यायपालिका के भृष्ट जजों के खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत जुटाई ।
-- दूसरी बड़ी बात ये कि - सुप्रीम कोर्ट के जजों के तानाशाही रवैये के खिलाफ , कानूनी कार्यवाही की हिम्मत जुटाई ।
-- तीसरी बड़ी बात ये कि -- इस लड़ाई में अकेले पड़ने पर भी डरे नहीं , और हिम्मत के साथ सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की असलियत दुनिया के सामने रख दी ।
-- चौथी बड़ी बात ये कि -- अपनी जज की ताकत का सही इस्तेमाल, कानून के अनुसार, लेकिन असंभव को संभव बनाने की कोशिश में किया ।
-- पांचवी बड़ी बात ये कि -- भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के जजों में गलत काम करने का डर रहेगा
-- छठी बड़ी बात ये कि -- और दूसरे पीड़ित जजों को अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा मिलेगी ।
-- सातवीं बड़ी बात ये कि -- इस लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट की एक के बाद तानाशाही के बाद भी करनन साहब ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए , बिना किसी डर के ईंट के जबाब पत्थर से दिया ।
--आठवीं बड़ी बात ये कि करनन साहब अपने उद्देश्य में बाधा डालने वाले, राम जेठमलानी जैसे प्रभावशाली लोगों द्वारा विचलित करने की सारी कोशिशों से भटके नहीं , बहकावे में नहीं आये ।
नौवीं बड़ी बात ये कि -- जजों की पीड़ित को प्रताड़ित करने के लिए , जमानती और गैर जमानती वारंट के दुरुपयोग की सच्चाई, दुनिया के सामने आएगी ।
और दसवीं बड़ी बात ये कि -- जजों की तानाशाही सोच , कानून दुरुपयोग के और भी नमूने देखने को मिलेंगे ।
अब न केवल न्यायपालिका के लोग, बल्कि दूसरे पीड़ित लोगों के प्रेरणा स्त्रोत बन चुके हैं । इस दुनिया में लोग आते है और एक दिन चले जाते हैं, लेकिन इतिहास बनाने का मौका विरलों को मिलता है ।
नमन है उन माता पिता को जिन्होने ऐसे संस्कार देकर ऐसा बेटा देश को दिया ..
..
No comments:
Post a Comment