आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
We invite all Activists, Religious Gurus, Experts, Intellectuals, RTI Activists, Responsible Citizens to come forward to change India. Anyone working to change anything, any issue for betterment of Society and Nation, is valuable asset to Nation. We request you to come forward to make India a better place to live............... M--09253323118 Email-- letschangeindiablog@gmail.com
Wednesday, 31 May 2017
RTI sent to District Session Judge, Narnaul. dated-- 01/06/2015..............
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
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RTI sent to District Session Judge, Narnaul. dated-- 01/06/2015 , for details of Rules/ Law, according to which District Session Judge, can Suspend the Office Superintendent of District Court, Narnaul Mr. O P Marodiya.
https://www.facebook.com/notes/manojj-vishwakarma/rti-sent-to-district-session-judge-narnaul-dated-01062015/616572751779693/
Rewari & Narnaul Courts started Update of Daily orders on Court Website........................
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
अक्सर हम केस की तारीख लेकर अपने घर चले जाते हैं, और पीछे से जज फाइल के फैसले बदल देते हैं और हम उसकी कीमत चुकाते रहते हैं .......... अपील या revision के रूप में मिली प्रताड़ना .
मुझे किसी जज के माध्यम से पता चला तो हमने हाई कोर्ट...
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रेवाड़ी और नारनौल के कोर्ट ने शुरू किया -- जजों के आदेशों को रोजाना वेबसाइट पर डालना ......
अक्सर हम केस की तारीख लेकर अपने घर चले जाते हैं, और पीछे से जज फाइल के फैसले बदल देते हैं और हम उसकी कीमत चुकाते रहते हैं .......... अपील या revision के रूप में मिली प्रताड़ना .
मुझे किसी जज के माध्यम से पता चला तो हमने हाई कोर्ट...
https://www.facebook.com/notes/manojj-vishwakarma/rewari-narnaul-courts-started-update-of-daily-orders-on-court-website/616565745113727/
RTI sent to District Session Judge, Narnaul. dated-- 31/05/2015
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
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RTI sent to District Session Judge, Narnaul. dated-- 31/05/2015 for list of Persons who were appointed as Readers in Court, but not working as readers. https://www.facebook.com/notes/manojj-vishwakarma/rti-sent-to-district-session-judge-narnaul-dated-31052015/616573785112923/
क्या आप को लगता है कि ये लोग इतनी आसानी से हथियार डाल देंगे या सुधर जायेंगे ...............???
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
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हिंदुस्तान की सरकार........ अफसर ................, राजनेता........., जज............., वकील.............., पुलिस............, गुंडे बदमाश................., बाहुबली......., सरपंच..............., सामाजिक प्रधान.............., विधायक..........., सांसद..........., कोर्ट................, जेल,............., महिला कल्याण संगठन................, महिला थाने..........., कानून..........., अवैध वसूली के केंद्र................, ऐसे ही नहीं सुधरने वाले .............. ???
जिन लोगो को भोली भली जनता को डराकर, ताकत का इस्तेमाल करके, फ्री का माल खाने की आदत पड़ गई हो.............,
क्या आप को लगता है कि ये लोग इतनी आसानी से हथियार डाल देंगे या सुधर जायेंगे ...............???
जिस दिन हिन्दुस्तान के अन्याय और अत्याचार के पीड़ित लोग, एकजूट हो कर, अपनी ताकत का एहसास करवाएंगे............................., उस दिन इस देश की व्यवस्था अपने आप सुधरने को मजबूर हो जाएगी.
हमें देश की व्यवस्था को बदलना होगा............................. या फिर,................. यूं ही तड़फ—तड़फ कर, सड़-- सड़कर, मरना होगा ................ फैसला आपका ...............
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को पढ़ें ----https://www.facebook.com/groups/victimsofinjustice/
Appeal.................
May 16, 2014 at 2:20am
आदरणीय देशवासिओ,
फेसबुक पर मुझे ब्लॉक कर दिए जाने के कारण मैं आपकी Friend Request स्वीकार भी नहीं कर पा रहा हूँ . इसलिए आप से विनती है की हमसे जुड़ने के किये Follow करें . Groups से जुड़ने के लिए Request स्वीकार की जा सकती हैं. अलग-2 विषयो की अधिक जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग, ग्रुप्स और पेज को पढ़ें .आप से निवेदन है कि ग्रुप्स
में उनकी केटेगरी के अनुसार ही पोस्ट करेंगे तो उनकी उपयोगिता अधिक बनी रहेगी .
ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें -----https://www.facebook.com/notes/manojj-vishwakarma/ये-ग्रुप्स-आप-लोगो-कि-सेवा-करते-रहेंगे-हमारी-कोशिश-इनको-और-बेहतर-बनाना-है-/540484442721858
आपका
भवदीय
Manojj Kr. Vishwakarma... न्याय--- पुरुष
Social Activist, RTI Activist & Scientist
धार्मिक आयोजन और रामलीला आदि में बार डांसर का क्या काम ...............??? आखिर उनको बुलाया ही क्यों जाता है ..............???
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समाज और देश के अनछुए मुद्दों, से आप को परिचित करने का प्रयास .................. 17
जो समाज या देश किसी समस्या की जमीनी हकीकत को नकारकर चलता है, वो कभी भी ताकतवर नहीं बन सकता, ................. उसे हराना सबसे आसान है क्योकि वो अन्दर से खोखला है .......................
समाजहित और देशहित में, एक सवाल ,................... आप सभी के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित हैं ................
हमारी समझ में ये नहीं आता कि--- धार्मिक आयोजन और रामलीला आदि में बार डांसर का क्या काम ...............??? आखिर उनको बुलाया ही क्यों जाता है ..................???
अभी मैं IBN—7 चैनल पर खबर देख रहा था, जिसमे वाराणसी के एक धार्मिक कार्यक्रम में, उत्तर प्रदेश के पुलिस वाले मदहोश होकर बार बालाओं के अश्लील डांस में शामिल होकर नाच रहे थे .
ठीक इससे पहले बिहार के एक नेता जी का विडियो दिखाया गया, जिसमे वो किसी शादी के समारोह में, बार डांसर के साथ डांस करने में व्यस्त थे.
और पूरे देश में होने वाली रामलीलाओ के आयोजन में भी जवान सुन्दर और कामासिन लड़कियों को बुलाकर कमोतेजित और भड़काऊ डांस करवाया जाता है . और अपने आप को सभ्य, संस्कारवान और सामाजिक कहने वाले लोग ( जिनमे अपने आप को हाई सोसाइटी की औरतें भी शामिल होती हैं ) खूब आनंद लेकर, इन आयोजन का लुत्फ़ उठाते हुए, हम देश के हर कोने में देख सकते हैं. और ऐसे आयोजनों में उच्च शिक्षित वर्ग, IAS / IPS, मंत्री, जज, सब शामिल होते हैं . लेकिन क्या किसी ने ये आवाज़ उठाने की कोशिश करी, कि ये क्या हो रहा है ................???
मीडिया बार बार ये सवाल उठा रहा था कि --- देखिये ! ये UP के पुलिस वाले और बिहार के नेता जी का अश्लील डांस ........................
क्या कोई मीडिया वाला कभी इस बात का विरोध करेगा कि—आखिर धर्मिक आयोजनों में इन लडकियों को, कम कपडों में स्टेज पर, कामुक और अश्लील डांस करने के लिए आखिर बुलाया ही क्यों जाता है ..............??? सुबह से लेकर शाम तक अश्लीलता तो ये मीडिया ही परोसता है, TRP बढ़ने के चक्कर में . और ऐसी ही बेशर्म वे औरतें, और उनके दलाल होते हैं जो पैसे के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं.....??? आखिर हम भावी पीढ़ियों के सामने क्या परोस रहे हैं ..................??? इस बात पर कोई भी कोशिश नहीं करता दिखता कि – ये सब आखिर परोसा ही क्यों जा रहा है और फिर ये भी कहा जा रहा है कि – क्या कर दिया .......???
आखिर धार्मिक आयोजनों में अश्लीलता परोसने की जरुरत ही क्या है ......................???
तथाकथित समाजसेवी औरतें, उनके महिला कल्याण संगठन, महिला आयोग इन मुद्दों पर हमेशा चुप क्यों रहते हैं, ..................???
क्योकि वे खुद इसी प्रकार की औरतें होती हैं, जो केवल अपना शरीर परोसकर, किसी पुरुष को खुश करके अपना काम निकालने में व्यस्त रहती हैं . ऐसे आयोजनों में ऐसी महिलाएं बढ़ चढ़ कर भाग लेती हैं . ये अश्लीलता उनको क्यों नहीं दिखती .....................???
आज के लोग मंदिर और धर्मशालाओं में बैठकर भी न्यायपूर्ण फैसले नहीं करवा पाते ???और हमारे बुजुर्ग पेड़ के नीचे बैठकर भी.......
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समाज और देश के अनछुए मुद्दों, से आप को परिचित करने का प्रयास .................. 19
जो समाज या देश किसी समस्या की जमीनी हकीकत को नकारकर चलता है, वो कभी भी ताकतवर नहीं बन सकता, ................. उसे हराना सबसे आसान है क्योकि वो अन्दर से खोखला है .......................
समाजहित और देशहित में, एक सवाल ,................... आप सभी के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित हैं ................
पहले हमारे बुजुर्ग पेड़ के नीचे बैठकर भी न्यायसंगत फैसले कर देते थे और आज के तथाकथित समाजसेवी, सरपंच/ सामाजिक प्रधान, मंदिर और धर्मशालाओं में बैठकर भी न्यायपूर्ण फैसले नहीं करवा पाते ..............??? आखिर क्या कारण हैं इन सबके पीछे ................???
क्योकि आज के इन तथाकथित समाजसेवी, सरपंच/ सामाजिक प्रधान, लोगो का नैतिक और चारित्रिक पतन हो चूका है इसलिए ये लोग अपनी कमजोरियां छुपाने के लिए मंदिर और धर्मशाला की आड़ लेते हैं . जबकि हकीकत यह है की ये ही लोग न्याय के सबसे बड़े दलाल हैं . अगर इनके स्वार्थ सिद्ध हो रहे हों तो आपके पक्ष में झूठी गवाही देने के लिए ट्रेक्टर भरकर लोग पहुँच जायेंगे . आपको बस इतना करना होता है कि इन लोगो के लिए दिन में खाने पिने का बढ़िया खाना, चाय नाश्ता और रात के लिए शराब और कबाब का बंदोबस्त करना होता है . देश के हर गली गावं मोहल्ले, महिला थाने, पुलिस थाने, कोर्ट में आप को शराफत, सच्चाई और ईमानदारी का भद्दा मजाक देखने को मिल जायेगा . और इनके माध्यम से होने वाले फैसलों में हुए, लेन देन का लगभग 50% हिस्सा तो दलाली में ही चला जाता है
Appeal.................
May 16, 2014 at 2:20am
आदरणीय देशवासिओ,
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में उनकी केटेगरी के अनुसार ही पोस्ट करेंगे तो उनकी उपयोगिता अधिक बनी रहेगी .
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समाज और देश के अनछुऐ मुद्दे पर , अपार जनसमर्थन से मिली प्रेरणा के बाद, हमारा अगला प्रयास,समाज के छुपे हुए हीरो को...
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समाज और देश के अनछुऐ मुद्दे पर , अपार जनसमर्थन से मिली प्रेरणा के बाद, हमारा अगला प्रयास.................समाज के छुपे हुए हीरो को दुनियां के सामने लाना.............!!!
आदरणीय देशवासियों ,
आजकल मीडिया भी बिकाऊ हो चूका है और केवल वे ही खबरें छपी या टीवी पर दिखाई जाती हैं, जिससे मीडिया के लोगो के स्वार्थ सिद्ध होते हो . इस कारण समाजहित और राष्ट्रहित की ख़बरों या ऐसे काम को उचित स्थान नहीं मिल पाता, जिसके कारण समाज में शून्यता आ रही है . ऐसे लोगो और उनके द्वारा किये गए काम को देश और दुनियां के सामने लाना जरुरी है, ताकि लोगो को अच्छे काम करने की प्रेरणा मिलती रहे .
हम देश दुनियां के सभी एक्टिविस्ट गण के समाजहित और देशहित के काम के बारे में आप सब को अवगत करवाना चाहते हैं. अगर आपके जानकारी / पास पड़ोस में कोई भी ऐसा एक्टिविस्ट हो तो उनके काम की जानकारी फोटो सहित पूरा विवरण हमरे पास भेजें या पोस्ट करें .
आइये...!!! जाने, कौन होता है ........??? एक एक्टिविस्ट................
ये एक ऐसा प्राणी होता है -- जो किसी पीड़ा से प्रेरित होकर,........... समाज और देश के भले के लिए,........ लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए,........ प्रताड़ना सह कर भी काम करता है.
ऐसे व्यक्ति, किसी भी समाज और देश के लिए बहुमूल्य सम्पदा/ संपत्ति की तरह होते हैं. उनके पास व्यापक ज्ञान और अनुभव होता है.
इस ग्रुप का उद्देश्य -- ऐसे सभी प्रकार के एक्टिविस्ट को एक मंच पर लाकर, उनके बेशकीमती ज्ञान और अनुभव को,.... आप तक पहुँचाना है.
इस नेक काम में,...... आप सब का सहयोग, सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित हैं................
.
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को पढ़ें ----.https://www.facebook.com/groups/activistglobal/
An Activist, is Valuable Asset, of any Society And Nation, who is inspired & Driven by the Deep Burning Pain that he has felt. He sacrifices his desires for the eradication / solution of Problems creating Pain / Problems for Society & Nation. Aim of this Group is to bring All Activists working for any Cause, on single Platform, to ensure betterment of Society & Nation with Help of their Valuable Knowledge & Experiences...........
हमें इन लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए ...................!!
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
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अरे भाई साहब.......!!! ये तो गुलामी से भी गन्दा दौर है ..............
हमें भोगी राम जी, हरमीत सिंह टिंकू, प्रणव शर्मा और ऐसे कई और नाम जैसे भाइयों से प्रेरणा लेनी चाहिए कि – ये भाई लोग, कोर्ट के एम्प्लोयी होते हुए भी
अन्याय का विरोध कर रहे हैं ( जब कि जज लोग इनको किसी भी हद तक परेशान कर सकते हैं ) ....................... और दुसरे लोग जो कि जजों के अन्याय के
खिलाफ, लड़ने की बजाय इनके अत्याचार के सामने घुटने टेक देते हैं. इसीलिए इन जजों की मनमानी और गुंडागर्दी बढ़ रही है .
--- क्या कोर्ट में पिने का पानी की सुविधा की मांग करना , स्टेशनरी की मांग करना , बीमार बच्चों के ईलाज करवाने के लिए छुट्टी की मांग करना भी गुनाह है ..........???
जजों के भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई ने, वकील बनने को मजबूर कर ही दिया...............
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पिछले कई दिनों से मुझ पर काम का आत्याधिक दबाब था. मुझे हाई कोर्ट में अपना केस डालना था, ताकि नारनौल के जजों के फर्जीवाड़े पर, कानूनी कार्यवाही भी हाई कोर्ट के स्तर पर चलती रहे . मुझे अपने ही केस, जो कि नारनौल के जजों कोर्ट में चल रहे हैं, उनको किसी और जिले के कोर्ट में ट्रान्सफर करवाने के लिए हाई कोर्ट में केस डालना था. क्योकि मैंने अभी तक हाई कोर्ट में कोई केस नहीं डाला था, इसलिए नारनौल के जजों के हौसले, कुछ ज्यादा ही बुलंद हो गए थे.............??? कई जजों के फर्जीवाड़े पकड़ने के कारण, जानबूझकर मुझे लीगल ऐड से वकील ही नहीं दिया जा रहा था . आर्थिक कारणों से हाई कोर्ट नहीं जा सके थे . हम इस नकारात्मक लड़ाई में उलझकर उपनी रचनात्मकता को ख़त्म नहीं करना चाहते थे . ये एक विशेष काबिलियत है जोकि --- कई करोड़ लोगों में से किसी विरले को ही नसीब होती है . सच को झूठ और झूठ को सच में बदलने का काम, कोई बहुत बढ़िया काम नहीं है. लेकिन एक अच्छे और स्वस्थ समाज के निर्माण में, निष्पक्ष न्यायप्रणाली की बहुत बड़ी भूमिका और जरुरत होती है. दुर्भाग्य से इस देश में आज ऐसे लोगो की बहुत बड़ी कमी है, जिसके कारण पीड़ित लोग न्याय के लिए तरस रहे हैं. लेकिन जजों के भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई ने, आख़िरकार हमें वकील बनने को मजबूर कर ही दिया और ये हाई कोर्ट में मेरा पहला केस है जो मैंने डाला है, इसलिए थोड़ी दिक्कत आ रही थी. अगले केसों में अब ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी. इस लड़ाई में कई लोगों का विशेष योगदान रहा है, जोकि पर्दे के पीछे से, हमारे साथ हर संभव मदद कर रहे हैं और करते रहेंगे. जजों के खिलाफ वकील तो केस लड़ने से रहे, इसलिए अब हम अपने केस हाई कोर्ट चंडीगढ़ में खुद ही लड़ेंगे.
पिछले कई दिनों से मुझ पर काम का आत्याधिक दबाब था. मुझे हाई कोर्ट में अपना केस डालना था, ताकि नारनौल के जजों के फर्जीवाड़े पर, कानूनी कार्यवाही भी हाई कोर्ट के स्तर पर चलती रहे . मुझे अपने ही केस, जो कि नारनौल के जजों कोर्ट में चल रहे हैं, उनको किसी और जिले के कोर्ट में ट्रान्सफर करवाने के लिए हाई कोर्ट में केस डालना था. क्योकि मैंने अभी तक हाई कोर्ट में कोई केस नहीं डाला था, इसलिए नारनौल के जजों के हौसले, कुछ ज्यादा ही बुलंद हो गए थे.............??? कई जजों के फर्जीवाड़े पकड़ने के कारण, जानबूझकर मुझे लीगल ऐड से वकील ही नहीं दिया जा रहा था . आर्थिक कारणों से हाई कोर्ट नहीं जा सके थे . हम इस नकारात्मक लड़ाई में उलझकर उपनी रचनात्मकता को ख़त्म नहीं करना चाहते थे . ये एक विशेष काबिलियत है जोकि --- कई करोड़ लोगों में से किसी विरले को ही नसीब होती है . सच को झूठ और झूठ को सच में बदलने का काम, कोई बहुत बढ़िया काम नहीं है. लेकिन एक अच्छे और स्वस्थ समाज के निर्माण में, निष्पक्ष न्यायप्रणाली की बहुत बड़ी भूमिका और जरुरत होती है. दुर्भाग्य से इस देश में आज ऐसे लोगो की बहुत बड़ी कमी है, जिसके कारण पीड़ित लोग न्याय के लिए तरस रहे हैं. लेकिन जजों के भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई ने, आख़िरकार हमें वकील बनने को मजबूर कर ही दिया और ये हाई कोर्ट में मेरा पहला केस है जो मैंने डाला है, इसलिए थोड़ी दिक्कत आ रही थी. अगले केसों में अब ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी. इस लड़ाई में कई लोगों का विशेष योगदान रहा है, जोकि पर्दे के पीछे से, हमारे साथ हर संभव मदद कर रहे हैं और करते रहेंगे. जजों के खिलाफ वकील तो केस लड़ने से रहे, इसलिए अब हम अपने केस हाई कोर्ट चंडीगढ़ में खुद ही लड़ेंगे.
हमारे देश में आम जनता को सशक्त करने का, सबसे कारगर तरीका है ............ लोगों को शिक्षित करके, ताकतवर बनाना .................
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ये नेता लोग, वैसे ही बड़ी -- 2 बातें करते रहते हैं, लेकिन समस्या के समाधान के लिए, कभी भी कुछ नहीं करते......??? किसी भी देश और समाज को ताकतवर और सशक्त बनाने में शिक्षा और ज्ञान की बहुत बड़ी भूमिका होती है. इसी सच को समझते हुए, हमने स्कूल और कॉलेज के बच्चों को चुना है .
--- जब एक बच्चा समझेगा, तो कम से कम 50 से 60 लोग ( उनके माता पिता, परिवार के अन्य लोग, रिश्तेदार, गली --मोहल्ले के लोग ) शिक्षित होंगे.
--- दूसरी बात ये कि – बच्चों के मन में कोई बात समझ आ गई, तो फिर परिवार, समाज और देश तो अपने आप समझ जायेगा . इस कड़ी में हम छोटे –छोटे मुद्दे, जिनसे हमारा वास्ता रोजमर्राह की जिंदगी में कही न कही पड़ता है, उनके समाधान के बारे में समझायेंगे .
जब आपको ज्ञान होगा, तो आपका शोषण नहीं हो सकेगा . काफी सोच विचार के बाद हमने कुछ योजनाएं तैयार की हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है :--- .
ज्ञानम् परम बलम् Knowledge is Power --- एक बहुत बड़ी सच्चाई है .
स्कूल और कॉलेज के बच्चों को, सेमिनार के माध्यम से शिक्षित करेंगे . उनको छोटे-- 2 मुद्दो के समाधान के तरीके सिखाएंगे . जब उनको ज्ञान होगा, तो न केवल उनका, बल्कि उनके परिवार, रिश्तेदार, जानकर, गली/ मोहल्ले के लोग और परिचित लोगों का शोषण रुकेगा . और जब बच्चे यानि कि-- देश का भविष्य सशक्त होगा तो बेहतर समाज का निर्माण करने में मदद मिलेगी.
If you have any Idea or suggestion,for implementation of this plan, please come forward for Social Cause.................
समाजहित और देशहित के इस काम में, आप सभी का सहयोग वांछनीय है .
आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित हैं.......................
हिंदुस्तान की मीडिया को, देश में जहर फ़ैलाने के आलावा कोई काम नहीं................???
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हमें ऐसा लगता है कि—हिंदुस्तान की मीडिया को देश में जहर फ़ैलाने के आलावा कोई काम नहीं रह गया है. मीडिया में अगर आजकल आप देखेंगे कि केवल नकलीपन और ड्रामेबाजी के आलावा, कुछ दिखाया ही नहीं जा रहा . मीडिया केवल और केवल पैसे लेकर, बेतुके प्रोग्राम दिखाकर देश की जनता को भ्रमित करने के आलावा, कोई काम नहीं कर रहा ............!!! अभी फ्रांस में आतंकी हमला हुआ और उन्होंने कार्यवाही भी की जिसकी सब तारीफ कर रहे हैं और कुछ गद्दार हिन्दुस्तानी जैसे कांग्रेस के मणि शंकर आइय्यर, उत्तर प्रदेश के महामूर्ख, देशद्रोही और गैरजिम्मेदार मंत्री आजम खान बेतुकी बयानबाजी करके देश की जनता को बेवकूफ बना रहे हैं. इस देश की मीडिया को भी ऐसे ही गद्दार और गैर जिम्मेदार लोगों को दिखने के आलावा कोई काम ही नहीं .............??? जनहित के मुद्दे और जनता की समस्याओं की आवाज उठाने की किसी को चिंता ही नहीं ...............??? उन मुद्दों पर तो खबरें पैसे लेकर या अवैध प्रतिफल लेकर दबा दी जाती हैं और दिखावे में ऐसे ईमानदार बनेंगे कि इनसे जिम्मेदार और ईमानदार तो कोई है ही नहीं...................!!!
जब तक, जहर फ़ैलाने वाले इन गद्दार लोगों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं होगी............. तब तक, इस देश में ये ड्रामे रुकने वाले नहीं हैं ..............???
Appeal................. May 16, 2014 at 2:20am आदरणीय देशवासिओ, फेसबुक पर मुझे ब्लॉक कर दिए जाने के कारण मैं आपकी Friend Request स्वीकार भी नहीं कर पा रहा हूँ . इसलिए आप से विनती है की हमसे जुड़ने के किये Follow करें . Groups से जुड़ने के लिए Request स्वीकार की जा सकती हैं. अलग-2 विषयो की अधिक जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग, ग्रुप्स और पेज को पढ़ें .आप से निवेदन है कि ग्रुप्स में उनकी केटेगरी के अनुसार ही पोस्ट करेंगे तो उनकी उपयोगिता अधिक बनी रहेगी . ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें -----https://www.facebook.com/notes/mano...
आतंकी हमले पर हिंदुस्तान को, फ्रांस से कुछ सिखने की जरुरत ......................
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आदरणीय देशवासियों ,
हम हिन्दुस्तानी, हैं ही मानसिक गुलाम और डंडे के यार ............. अभी फ्रांस में आतंकी हमला हुआ और उन्होंने कार्यवाही भी की. जिसकी सब तारीफ कर रहे हैं और कुछ गद्दार हिन्दुस्तानी जैसे कांग्रेस के मणि शंकर आइय्यर, और उत्तर प्रदेश के महामूर्ख, देशद्रोही और गैरजिम्मेदार मंत्री आजम खान, बेतुकी बयानबाजी करके देश की जनता को बेवकूफ बना रहे हैं. इस देश की मीडिया को भी ऐसे ही गद्दार और गैर जिम्मेदार लोगों को दिखने के आलावा कोई काम ही नहीं .............??? मीडिया में अगर आजकल आप देखेंगे कि केवल नकलीपन और ड्रामेबाजी के आलावा, कुछ दिखाया ही नहीं जा रहा . मीडिया केवल और केवल पैसे लेकर, बेतुके प्रोग्राम दिखाकर देश की जनता को भ्रमित करने के आलावा, कोई काम नहीं कर रहा ............!!!
दूसरी तरफ हमारे देश में जब इसी प्रकार मुंबई में हमला हुआ और 170 के करीब लोगों की निर्मम हत्या आतंकी हमले में हुई . उन आतंकवादियों को किस कदर देश की जनता की खून पसीने की कमाई को लुटाते हुए कितने करोडो रूपये खर्च सुरक्षा पर और 15:50 लाख खर्च करके महंगा वकील पैरवी के लिए दिया..............??? . जबकि देश में साइंटिस्ट, जो देश के काम आ सकते हैं उनको केस की पैरवी के लिए वकील तक नहीं ............??? उन हत्याओ पर किसी को कोई दुःख नहीं हुआ, सीख लेते हुए कोई कदम नहीं उठाये गए . सरकारी दामादों की तरह आतंकिवादियों की सेवा की , तो क्या आपको लगता है कि ऐसा करने से ये देश कुछ कर सकेगा .............???
जब तक जहर फ़ैलाने वाले इन गद्दार लोगों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं होगी तब तक इस देश में ये ड्रामे रुकने वाले नहीं हैं ..............???
Appeal................. May 16, 2014 at 2:20am आदरणीय देशवासिओ,
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आखिर मोदी जी देश में जहर फ़ैलाने वाले देशद्रोहियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने से डर क्यों रहे हैं ...???
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मुझे एक बात समझ नहीं आ रही कि -- आखिर मोदी जी देश में जहर फ़ैलाने वाले देशद्रोहियों के खिलाफ, सख्त कार्यवाही करने से क्यों डर रहे हैं ...???
अब तो पूरी बहुमत वाली सरकार है . अभी फ्रांस में आतंकी हमला हुआ और उन्होंने कार्यवाही भी की जिसकी सब तारीफ कर रहे हैं और कुछ गद्दार हिन्दुस्तानी जैसे कांग्रेस के मणि शंकर आइय्यर, उत्तर प्रदेश के महामूर्ख, देशद्रोही और गैरजिम्मेदार मंत्री आजम खान बेतुकी बयानबाजी करके, देश की जनता को बेवकूफ बना रहे हैं.
जब तक जहर फ़ैलाने वाले इन गद्दार लोगों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं होगी तब तक इस देश में ये ड्रामे रुकने वाले नहीं हैं ..............???
केवल एक बार इन देशद्रोहियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर दो,.................... फिर ये ड्रामे, अपने आप ख़त्म हो जायेंगे.........................
जब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ही गड़बड़ी करें तो हम कहाँ जायें .......???
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आदरणीय देशवासियों,
सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायधीश श्री आर ऍम लोढ़ा और वर्तमान मुख्य न्यायधीश श्री एच अल दत्तु के कारनामे देखने के लिए इस लिंक पर जायें ----https://www.facebook.com/notes/mano...
ये दोनों जज व्यक्तिगत रूप से इस फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार हैं , इसलिए हम भी न्यायिक अत्याचार के पीड़ित लोगों की इस मुहीम में शामिल होंगे ....... `न्यायिक आतंकवाद' के मुख्य अभियुक्त उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री. एच.एल.दत्तु को गिरफ्तार करने के लिये पीड़ित नूर सबा जी के साथ देश के कई पीड़ित https://www.facebook.com/groups/499...
आपका भवदीय
Manojj Kr. Vishwakarma... न्याय--- पुरुष
Social Activist, RTI Activist & Scientist
A Responsible Citizen of Nation.......
सुप्रीम कोर्ट ने जजों के खिलाफ आई शिकायतों की जानकारी देने से किया इनकार ............
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हमने RTI के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से जजों के खिलाफ आई शिकायतों और उन पर की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी मांगी थी . कंटेम्प्ट का बहाना बनाकर जानकारी देने से मन कर दिया प्रथम अपील, केन्द्रीय सुचना आयोग को भी, अपील लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं ......???
एक तरफ तो न्यायपालिका देश के लोगों को न्याय दिलवाने की बात करती है. लेकिन दूसरी तरफ, भ्र्ष्ट जजों के खिलाफ आई शिकायतों और उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी, को छुपाने का मतलब, क्या समझा जाये .............???
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें ---https://www.facebook.com/notes/manojj-vishwakarma/%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%9C%E0%A4%9C%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AB-%E0%A4%86%E0%A4%88-%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%87%E0%A4%A8%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-/652162411554060/
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने की संवेदनहीनता की हदें पार ..........
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
आदरणीय हरियाणावासियों,
आज हम आपको हरियाणा के मानव अधिकार आयोग के बारे में एक जरूरी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं . इसके चेयरमैन विजेंदर कुमार जैन रिटायर्ड चीफ जस्टिस हाई कोर्ट चंडीगढ़ हैं. गलती से आपको इनके भाषण सुनने को मिल जाये तो आपको ऐसा लगेगा कि-- इस आदमी से बढ़िया तो, कोई इंसान इस धरती पर मिलेगा ही नहीं ...........??? और ड्रामा ऐसा करेंगे कि – भगवान् भी शरमा जाये. ये दावा करते हैं कि – इस दुनियां में मानव अधिकार आयोग के आलावा किसी आयोग की जरूरत ही नहीं है . मतलब ये कि — इनको ही सारी पॉवर दे दो और ये जनाब लूट कर खा जायें. DLF के केस में यही जज साहब चीफ जस्टिस के नाते डील कर रहे थे. हमने ये भी सुना है कि—मोटा माल खाए थे , रोबर्ट वाड्रा और कांग्रेस को खुश किया और ईनाम के रूप में, इनको इस आयोग का चेयरमैन बना दिया.
संवेदनहीनता की हदें की पार................. मैंने नारनौल जेल की जनहित की समस्याओं को लेकर दो शिकायतें इनको भेजी थी. जिसमे पहला मामला था – नारनौल जेल में पीने के पानी और शौचालय की समस्या को लेकर थी . इस जेल में लगभग दो सो बीस लोगो के रहने की कैपेसिटी है , लेकिन इसमें लगभग 800 कैदी हैं. और आप ये जानकर हैरान होंगे कि --- इन शिकायतों में भी गड़बड़ी करते हुए, अवैध प्रतिफल लेकर ख़ारिज कर दिया. अब ऐसे में इन लोगों से न्याय की उम्मीद करना अपने आप को धोखा देने के सामान है.
मानव आधिकारो के हनन का इससे गंभीर मुद्दा क्या हो सकता है .................???
आखिर क्यों हुई न्यायपालिका, विधायिका पर भारी..........???
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
क्योकि इन नेताओं ने जमकर मजे लुटे, फर्जीवाड़े किये, जब हदें पार होने लगी, तो फिर न्यायपालिका ने उम्मीद दिखाई और विधायिका की कमजोरी का फायदा उठाते हुए, विधायिका पर हावी हो गई ...............
Amar Ujala 04.02.2016
अब न्यायपालिका अपने रुतबे को कायम रखने के लिए ही, अपनी कमजोरियां छुपा रही है। यनि की जजों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करके , न्यायपालिका और और ताकतवर बनाना, ताकि ये लोग अपनी तानाशाही, और मनमानी बरकरार रख सकें ।
और जब जनता के प्रति जबाबदेही, या पारदर्शिता की बात आते, या फिर अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी सार्वजानिक करने की बात आये .............................या फिर जजों के खिलाफ मिली शिकायतों.................... और उन पर की गई कार्यवाही.............................. की जानकारी सार्वजनिक करने की बात आये.............................., तो फिर न्यायपालिका की स्वतंत्रता से खिलवाड़ का बहाना बना दो। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में कोई भी अंग, बिना किसी जबाबदेही और पारदर्शिता , जिम्मेदारी के मनमानी करने के लिए , तानाशाही करने के लिए कैसे छोड़ा जा सकता है ....???
https://www.facebook.com/notes/manojj-vishwakarma/%E0%A4%86%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%88-%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80/680019415435026/
हिंदुस्तान को बेहतर बनाने के लिए, देश के सभी जिम्मेदार नागरिकों से विनम्र निवेदन ......................
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
आदरणीय देशवासियों,
जिस हिसाब से देश के हालात सुधरने की बजाय, बिगड़ रहे हैं. उसका मूल कारण है – व्यवस्था की जड़ में गड़बड़ियाँ . जिनको कभी सुधारने की कोशिश ही नहीं की गई. देश आजाद होने से लेकर आज तक, समस्याओं के समाधान के लिए ईमानदारी से प्रयास करने की बजाय, देश की जनता को केवल बरगलाने, बेवकूफ बनाने और लीपापोती करके, अपना खाने-कमाने का जुगाड़ बनाने और हर मुद्दे के समाधान को वोट बैंक से जोड़कर, लोगों को जाती, धर्म, स्त्री-पुरुष में बांटकर, समाज को कमजोर करने के आलावा, देश के नेताओं ने कुछ नहीं किया.
और कोई कोशिश करता हुआ दिखे, तो ये सब लोग, कुत्ते बिल्ली की तरह उसके पीछे पड जाते हैं. क्योंकि उनको मालूम है कि अगर समस्या के समाधान के लिए काम होने लगेगा, तो फिर देश का सामान्य नागरिक सुखी हो जायेगा, तो फिर उनके पीछे कौन घूमेगा ........??? उनकी तो दुकान ही बंद हो जाएगी .
व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए चाहे वो संसद ठप्प करने का मामला हो......या फिर विपक्ष में होते हुए जनता को मूल मुद्दे से भटकाने का मामला हो. अन्ना जी, के आन्दोलन से पैदा हुए, केजरीवाल ने भी ड्रामेबाजी करके, लोगों का विशवास खत्म करके, देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखने वाले युवाओं का मनोबल और जनता का भरोसा तोड़ने का काम करके, माहौल और प्रयासों को नुक्सान पहुँचाया है. फिर भी कुछ लोग जमाने की परवाह किये बिना, अपने प्रयासों को गति देने में लगे हुए हैं. थोडा बहुत बदलाव भी हुआ है, लेकिन हमें लगता है, इससे बेहतर भी हो सकता था ...???
लोग समय पर न्याय न मिलने, कदम दर कदम पर व्यवस्था की कमियों के कारण, हो रहे शोषण और अत्याचार से दुखी हैं. जुगाड़ और पैसे के दम पर सब कुछ हो रहा है. अभी हाल में कोर्ट से बरी हुए सलमान खान के पिता ने केस में लगभग पच्चीस करोड़ रूपये खर्च होने का दावा करके, एक बड़ा ईशारा किया है कि — इतनी बड़ी रकम आखिर कहाँ पर खर्च हुई होगी..............??? समझदार लोग समझ गए होंगे ...???
अब हमें लग रहा है कि – कुछ नए सिरे से करने की जरुरत है. किसी के पास ज्ञान है............ तो कोई मैदान में आकर लड़ने का मादा रखता है ....???
अगर, सभी बुद्धिजीव निजी हितों को त्यागकर, विचार विमर्श करें तो कुछ अच्छा किया जा सकता है. आखिर ! ये सब चीजें हमेशा ऐसे ही तो रहेंगी नहीं, कोई न कोई तो इन हालातों को बदलने के लिए अगुवा बनेगा. जब सिंगापुर को बदला जा सकता है, तो हिन्दुस्तान को भी बदलकर, दुनियां का अग्रणी देश बनाया जा सकता है. हम इसी विचारधारा को ध्यान में रखते हुए, देश- दुनियां के उन सभी विद्वान / बुद्धिजीव / अपने विषयों के विशेषज्ञ/ जिम्मेदार नागरिक गण को एक मंच पर इक्कठा करने के उद्देश्य से आप सभी देशवासियों के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित करते हैं....................
एक बुजुर्ग महिला का अनुभव.........
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आदरणीय देशवासियों,
इस समय देश में महिला सशक्तिकरण के नाम पर जो अवैध वसूली का खेल चल रहा है, वो इतने ख़तरनाक स्तर पर पहुँच चूका है कि इसमें शामिल लोगों ( सरपंच, सामाजिक प्रधान, पुलिस, जज, महिला सेल, महिला थाने, और आईयाश/दलाल किस्म के लोग ) के द्वारा, समाज और देश का, वो नुकसान किया जा रहा है जिसके कारण हुए नुक्सान की भरपाई, कभी भी नहीं हो सकती . इसका असर हमारे सामाजिक जीवन में कदम- कदम पर देखने को मिल रहा है .
अभी मैंने कुछ अनुभव देखे जिनका विवरण इस प्रकार है :--
कुछ दिनों पहले मैं दिल्ली से रेवाड़ी ट्रेन से आ रहा था . जनरल डिब्बे में सफ़र था . उसमे एक परिवार था जिसमे उनके 15 के करीब सदस्य थे महिलाएं, लड़कियां और पुरुष . उस डिब्बे की सारी सीटों पर कब्ज़ा कर लिया. बड़ी वाली सीट पर केवल तीन लोग बैठे थे. डिब्बे में और सवारियां भीड़ के कारण खड़ी थी, जिनमे बुजुर्ग महिलाएं, छोटे बच्चे भी थे. उनकी परेशानियों को देखते हुए सीट पर एडजस्ट करने का निवेदन किया ( बड़ी सीट पर 5 से 6 लोग तो आराम से बैठ सकते हैं ). उस परिवार की बेशर्मी देखकर हम हैरान थे कि वे लोग दुसरे लोगों को सीट देने को तैयार ही नहीं और उपर से गुंडागर्दी और बेशर्मी.
हद तो तब हो गई जब इस बेशर्मी में उस परिवार के 60 साल की उम्र के पुरुष भी शामिल हो गए. हम अक्सर ऐसे लोगों का विरोध करने की बजाय, चुप्पी साध लेते हैं. और ये हादसा केवल मेरे साथ एक बार ही नहीं, अनेकों बार होते हैं. लेकिन मुझे कोई बुजुर्ग, विकलांग, या कोई और मजबूर यात्री, बस या ट्रेन में दिखे तो उसको सीट दिलवा ही देता हूँ . चाहे उसके लिए मुझे खड़ा होकर सफ़र क्यों न करना पड़े ...??? लोगों के फर्जीवाड़े से डरने की बजाय, विरोध करना जरूरी होता है. तभी लोग गलत काम करने से डरेंगे.
ऐसे हालात किसी के भी साथ हो सकते हैं, इसके लिए मैं एक सुझाव पेश कर रहा हूँ जो कि मेरे सामने जयपुर से रेवाड़ी ट्रेन का सफ़र करते वक्त लगभग 15 वर्ष पहले हुआ था. मैं जनरल डिब्बे में सफ़र कर रहा था. उपर वाली एक सीट पर लगभग 30 वर्ष आयु की महिला बीमार होने का बहाना करके कब्ज़ा किये हुए थी. जबकि ट्रेन में भीड़ के कारण और यात्री परेशान थे. उस समय एक बुजुर्ग महिला दौसा से चढ़ी और उस जवान बीमार महिला से सीट पर एडजस्ट करने को कहा. वो बुजुर्ग महिला ये समझ गई कि ये औरत बीमारी का ड्रामा कर रही है, और उसने उस जवान औरत को ये कहा कि— बेटा, भगवान् करे, तू इसी तरह लेटी ही रहे, कभी उठने लायक न रहे. ये सुनकर वो महिला झट से उठ खड़ी हुई.
तब उस बुजुर्ग महिला ने हमें बताया कि बेटा, मैं समझ गई थी कि ये औरत झूठ बोलकर बीमारी का बहाना बना रही है . और इस प्रकार बुजुर्ग महिला की समझदारी और अनुभव ने उस चालाक औरत को सीट खाली करने को मजबूर कर दिया . आप भी समझदारी से इस फार्मूले को अपना सकते हैं , क्योकि आजकल सफ़र में औरतें कुछ ज्यादा ही ड्रामा करने लग गई है और दुसरे लोगों की परेशानियों की परवाह न करते हुए, बेशर्मी करते हुए ट्रेन में सीट को कब्ज़ा करने की आदत से बाज नहीं आती हैं.
Appeal...............
आदरणीय देशवासिओ,
फेसबुक पर मुझे ब्लॉक कर दिए जाने के कारण मैं आपकी Friend Request स्वीकार भी नहीं कर पा रहा हूँ . इसलिए आप से विनती है की हमसे जुड़ने के किये Follow करें . Groups से जुड़ने के लिए Request स्वीकार की जा सकती हैं. अलग-2 विषयो की अधिक जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग, ग्रुप्स और पेज को पढ़ें .आप से निवेदन है कि ग्रुप्स में उनकी केटेगरी के अनुसार ही पोस्ट करेंगे तो उनकी उपयोगिता अधिक बनी रहेगी . ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें -----https://www.facebook.com/notes/mano...
सलमान खान , जयललिता के बाद अब न्यायपालिका, राहुल गांधी और सोनियां गांधी पर हुई मेहरबान.........
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भारतीय न्यायपालिका ने एक बार फिर रसूखवाले कांग्रेस पार्टी के माता और पुत्र को तुरंत और बिना शर्त जमानत देकर फुर्ती दिखाई..................
कोई गरीब और सामान्य नागरिक होता तो फिर न्यायपालिका को उसमे सारी दुनियां की बुराइयां दिखती..............
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हिंदुस्तान कि शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए कुछ सुझाव ..................
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शिक्षा किसी भी सभ्य समाज को ज्ञान प्रदान करने हुए समाज/ देश के नागरिकगण को ताकतवर बनती है . ज्ञानम् परम बलम -- "Knowledge is Power. " दुर्भाग्य से हमारे देश की शिक्षा जानबूझकर इस तरह की बनाई गई है कि -- हमारे लोग ज्ञान से वंचित रहे और नेता लोग हमारा शोषण करते रहे.
अभी कुछ दिनों पहले मैंने Legal Aid को और प्रभावी बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी को सुझाव भेजा था. जब 18/12/2015 को हम PMO और कानून मंत्रालय भी गए थे, तो वहां हमें बताया कि हमारा सुझाव उनको बहुत पसंद आया है. अभी हमें जो समझ आ रहा है कि --- हमारी वर्तमान शिक्षा में निम्नलिखित बदलाव की जरुरत है :---
1) -- देश के सभी स्कूल / कॉलेज में गीता, कुरान, बाइबिल और गुरुग्रंथ साहिब के बारे में पढ़ाया जाये ताकि देश का हर बच्चा ये जान सके कि -- अनेकता में एकता वाले देश हिंदुस्तान में, किस धर्म ने क्या कहा है ...??? मूल ज्ञान हर बच्चे को पढ़ाया जाये और कोई ज्यादा ज्ञान लेना चाहे तो वो ज्यादा अध्ययन कर सकता है. इस कदम से देश में जहर फ़ैलाने वाले लोग, धर्मनिर्पक्षता, सहिष्णुता के नाम पर जहर नहीं फैला पाएंगे, क्योकि हर नागरिक को ये पता होगा कि सच क्या है .... ??? और इससे देश में सामाजिक एकता/ भाईचारा को बढ़ावा मिलेगा.
2) -- देश के हर स्कूल और कॉलेज में भारतीय संविधान, इंडियन पैनल कोड (IPC), क्रिमिनल पैनल कोड ( Cr PC ) के बारे में पढ़ाया जाये ताकि देश के हर बच्चे को कानून के बारे में मूलभूत ज्ञान हो और जरुरत पड़ने पर वो इस ज्ञान का इस्तेमाल कर सके.
3) -- इसके अलावा देश के सभी आयोग, विभाग/ उनके उद्देश्य/ जिम्मेदारी/ और गड़बड़ी पर किसकी शिकायत किसे और किस तरीके से करनी है. ...???
4) -- इसके अलावा सुचना का अधिकार, मानव अधिकार, उपभोक्ता कानून, पुलिस की कार्य प्रणाली, प्राथमिकी दर्ज करवाना आदि, FIR, लीगल ऐड जैसे -- मूलभूत कानून/ प्रक्रियाएं, जिनकी हमें जिंदगी में कहीं न कहीं जरुरत पड़ती रहती है. इनके बारे में मूलभूत आवश्यक जानकारी हमारी शिक्षा प्रणाली में शामिल की जानी चाहिए, ताकि देश का हर बच्चा जो स्कूल और कॉलेज से पढ़कर निकलेगा, उसे मूलभूत जानकारी हो. जब कभी उसके परिवार, गली-- मोहल्ले, जानकार-- रिश्तेदार/ परिचित को जरुरत हो, तो उनकी प्रताड़ना और शोषण को रोक जा सके.
5) अध्यापक को सरकारी कागजी कार्यों से मुक्ति के साथ --2 स्कूल में पर्याप्त संसाधनो की व्यवस्था के लिए बजट का इंतजाम. योग्य अध्यापक की नियुक्ति के लिए पारदर्शी प्रणाली को लागु करना , ताकि केवल योग्य लोग ही अध्यापक बन सकें .
-- इस कदम का सबसे बड़ा फायदा :-- हमने देखा है कि -- लोगों को जानकारी न होने के कारण, पुलिस, कानून, न्यायपालिका, प्रशासन और व्यवस्था के दूसरे अंग लोगों का शोषण करते हैं. इस कदम से देश में क्रन्तिकारी और बड़े बदलाव आएंगे. जब एक बच्चा जागरूक होगा तो परिवार और रिश्तेदार अपने आप जागरूक हो जायेंगे. हम उपरोक्त सुझावों पर, आपकी राय और प्रतिक्रियाएं जानना चाहते हैं.
भारतीय न्यायपालिका और मेरे अनुभव............ मेरी जगह कोई और होता तो वो शर्तिया आत्महत्या कर लेता.............
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India...................
आदरणीय देशवासियों,
अभी हमने कुछ दिनों पहले हाई कोर्ट चंडीगढ़ में, एक केस डाला है. दस्तावेज बहुत सारे हो गए थे, उपर से वकील नहीं और पैसे भी नहीं ............ लीगल ऐड से मुझे वकील, जानबूझकर दे नहीं रहे. लगभग 1000 पेज के डाक्यूमेंट्स बन रहे थे, जिनको घटाते हुए हम 350 पेज का एक सेट तक लाये. इंग्लिश से हिंदी की अनुवाद भी खुद ही की. और in person केस डाल सका.......!!!
मैं सोच रहा था कि – मेरी जगह कोई अनपढ़ आदमी होता, तो वो अपना केस हाई कोर्ट में डाल ही नहीं सकता था. ................... और ऐसे हालातों में या तो वो आत्महत्या कर लेता या फिर शोषण करवाता ....................???
इसलिए, आप से विनती है कि—न्यायिक सुधारों को हलके में न लें . आज, चाहे आप पीड़ित हैं............ या ...............नहीं ..........!!! लकिन, कभी भी आप इस शोषण के शिकार बन सकते हैं.
देश और समाज की बेहतरी के लिए, तन मन और धन से इस मुहीम का साथ दें, ताकि किसी भी परिवार को झूठे केसों की प्रताड़ना का शिकार न होना पड़े. जय हिन्द .........!!!
न्यायपालिका कर रही Contempt Of Court Act का दुरूपयोग, इसलिए इसमें बदलाव करने की जरुरत ..............
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
आदरणीय देशवासियों,
जब से बोम्बे हाई कोर्ट ने लेखिका अरुणा राय को अदालत की अवमानना का नोटिस दिया गया है, तब से देश में कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट एक्ट के बारे में काफी चर्चा हो रही है. हर कोई ये तो कह रहा है कि – सभी को देश की कानून और न्याय व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए. लेकिन, कुछ पहलुओं पर जानबूझकर पर्दा डाला जा रहा है. आइये.... !!! जाने, हिंदुस्तान की न्यायपालिका के कुछ कडवे सच..................
-- हिन्दुस्तान एक लोकतान्त्रिक देश है, हर नागरिक को अपनी बात रखने की आज़ादी है और ये संविधान द्वारा दिया गया, एक मौलिक अधिकार भी है. कोर्ट में भी कोई वकील या पीड़ित अपनी बात रखने का अधिकार रखता है, अन्यथा तो कोई अपने केस की पैरवी ही नहीं कर पायेगा ..........???
--किसी भी लोकतान्त्रिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की बहुत बड़ी भूमिका होती है.
तो फिर समस्या क्या है ........???
दरअसल न्यायपालिका को पहले लोग सम्मान की नजर से देखते थे और लोग जजों को भगवान् की तरह देखते थे और देश में अदालतों को न्याय के मंदिर कह कर प्रचारित किया गया है.
नेताओं का भी पहले लोग बहुत सम्मान करते थे. क्योकि नैतिक मूल्य ऊँचे थे और उनमे एक शर्म भी थी, गलत काम करने का डर था.. कि – लोग क्या सोचेंगे ...........??? क्योकि कल उनके पास वोट मांगने भी जाना है. लेकिन इनमे से नेहरु, इंदिरा गाँधी जैसे चतुर और शातिर लोग भी थे. जो अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे. इतिहास ऐसे अनेकों उदाहरणों से भरा हुआ है.
पहले जज केवल वे ही लोग बनते थे जिनका परिवार बहुत संपन्न / पढ़ा लिखा हो या फिर जिनकी पहुँच ऊँची हो. सरकार अपनी पसंद के लोगों को ही जज बनाती थी, ताकि अपने हिसाब और फायदे से राज चलाया जा सके.
एक सामान्य आदमी कोर्ट, कानून से डरता है. उसे कानून की बारीकियां और जानकारी नहीं होती .........!!! क्योकि देश के तथाकथित निर्माताओं ने जानबूझकर, हमारी शिक्षा व्यवस्था ही ऐसी बनाई, जिसने शोषण का रास्ता खुला रखा. हमें ऐसी बातें सिखाई ही नहीं गई, जिनका असल जिंदगी में वास्ता पड़ता है. जिसको ज्ञान होगा, उसका शोषण नहीं किया जा सकेगा.....??? इसलिए, हिन्दुस्तान की आम जनता को ज्ञान से वंचित रखा गया.
वकीलों का भी पहले बहुत सम्मान हुआ करता था. कोर्ट और जजों की छवि जनता में इस प्रकार बनाई गई ताकि जनता डरे. “ ताकत जब भी ज्यादा, निरंकुश और असीमित हो, तो कही न कहीं, तानाशाही की तरफ अग्रसर होने लगती है.” वक्त के साथ-- साथ राजनीती में, नैतिक मूल्यों में गिरावट आई. अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए लोकलाज और शर्म को छोड़कर, अपराधीकरण, गुंडागर्दी, धनबल, और असीमित घोटाले, घपले और भ्रष्ट आचरण के कारण, नेताओं का सम्मान कम होता चला गया और जनता नफरत की नजर से देखने लगी.
नेताओ/ विधायिका की कमजोरी का फायदा उठाते हुए, न्यायपालिका ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए, जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर कब्ज़ा कर लिया, और सरकार को इस अधिकार क्षेत्र में अतिकर्मण से रोकने के लिए, न्यायपालिका की स्वतंत्रता का ड्रामा शुरू कर दिया. जब कभी भी भ्रष्ट जजों के खिलाफ कार्यवाही की बात आई तो न्यायपालिका ने (अपनी ताकत और रुतबे को बरकरार रखने के लिए), ऐसे जजों के खिलाफ कार्यवाही न करके, न्यायपालिका को और भी निरकुंश और तानाशाही की और प्रेरित किया.
जब पश्चिम बंगाल के जज सेन के खिलाफ महाभियोग चलने की बात आई तो कांग्रेस के कुछ दलालों की सेटिंग के माध्यम से उसको विफल करके, समाज ऐसा सन्देश दिया कि – एक बार जज बन जाओ, फिर कुछ भी नहीं बिगड़ने वाला.......!!! नेता को तो वोट मांगने के लिए जनता के दरबार में, 5 साल बाद, फिर जाना पड़ेगा. लेकिन एक बार जज बन गए तो समझो हमेशा के लिए सरकारी और तानाशाही की खुली छूट .....
वैसे देश में जजों की तानाशाही, अत्याचार और गैर कानूनी काम के तो हजारों उदहारण हैं. जजों के खिलाफ, आज़ादी से लेकर आजतक केवल 36 मुक़दमे ही दर्ज हो सके हैं, और इस हिम्मत करने वाले लोगों को किस हद तक प्रताड़ित किया गया होगा......???
ये बहुत कम लोग जानते हैं , क्योकि ये बातें मीडिया में नहीं छपती. उनमे न्यायपालिका ने जजों को सजा से बचाने का भरपूर प्रयास किया और अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाले पीड़ित लोगों को प्रताड़ित करने के लिए, और मीडिया को ऐसी खबरें प्रसारित करने से रोकने के लिए कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट एक्ट का जमकर दुरूपयोग किया. न्यायपालिका संगठित थी और ताकत का इस्तेमाल करते हुए लोगों की आवाज़ को कुचलने के लिए, जेल भेजने का डर दिखाकर, विधानपालिका की कमजोरी का फायदा उठाते हुए जमकर शोषण और अवैध वसूली करने लग चुकी है. आज देश के सब लोग जानते हैं कि—देश की अदालतों में कितना बुरा हाल है, जज जमकर फर्जीवाड़ा करते हुए, अवैध वसूली करके, गलत फैसले हक में देते हैं. जो अवैध वसूली न दे पाए वो, या तो जेल में होता है या फिर उसे न्याय मिलता ही नहीं है. हाँ, अगर आप सलमान खान, जय ललिता, सोनिया गंदगी, राहुल गाँधी की तरह प्रभावशाली हैं तो, कोई दिक्कत ही नहीं........!!! सब कुछ मैनेज हो जायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुबर्तो राय को, बिना किसी शिकायत या FIR की ही जेल में डाल दिया, जोकि सरासर कानून के खिलाफ है. और ऐसे न जाने कितने झूठे मुकदमे देश भर की अदालतों में, प्रताड़ित करने नियत से चलाये जा रहे हैं.....??? जज को, सब कुछ मालूम है, फिर भी केस में फर्जीवाडा करने वाले लोगों के खिलाफ कुछ करने की बजाय, केस को लम्बा खीचने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं. हिंदुस्तान की न्यायपालिका खुद वो जिम्मेदारी और पारदर्शिता नहीं निभाना चाहती जोकि वो दुसरे जनसेवक और संस्थाओं से चाहती है. किसी भी देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की बहुत बड़ी भूमिका होती है. इसी सोच के चलते सुप्रीम कोर्ट ने, सुचना का अधिकार की मूल भावना और सोच को दरकिनार करते हुए, RTI Act को कमजोर करने का काम किया, ताकि न्यायपालिका के फर्जीवाड़े, सामने न आ सकें और भ्रष्टाचारी बच सकें.
जजों के खिलाफ शिकायतों पर कार्यवाही को छुपाना और लोगों को डराने के लिए, उनके खिलाफ झूठे केस दर्ज करने के लिए सर्कुलर तक जारी किये जा रहे हैं, ताकि जजों के फर्जीवाड़े को कार्यवाही बचाया जा सके.............. कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट एक्ट में ये साफ़ लिखा है कि – न्यायसंगत और जायज सबूतों के आधार पर किसी की आलोचना करना अपराध नहीं है. लेकिन कोई अन्याय के खिलाफ बोले, या मीडिया टीवी चैनल पर प्रसारित कर दे या कोई अखबार छाप दे तो उनके खिलाफ भारी जुर्माना लगाना ( टाइम्स नाउ चैनल में एक खबर में किसी जज की फोटो गलती से लग गई थी तो उसके खिलाफ 100 करोड़ का जुर्माना लगाया और बार – बार माफीनामा प्रसारित करवाया ) और कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट के नोटिस भेज कर झूठे मुक़दमे चलाकर, लोगों को प्रताड़ित करना, तानाशाही नहीं तो क्या है ................??? क्या किसी पीड़ित को कभी इतने बड़ी राशी का क्लेम दिया गया ...........??? क्यों नहीं ...........???
बोम्बे हाई कोर्ट के इस नोटिस की सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय कर्तजू ने भी निंदा करते हुए इसे आधारहीन और गलत बताया है. देश भर में ऐसे अनेको झूठे मुक़दमे, जजों ने अपने आप को बचाने, जनता की आवाज़ को कुचलने के उद्देश्य से, अदालतों में दर्ज करवा रखे हैं. मैंने नारनौल के दौरे पर आये चंडीगढ़ हाई कोर्ट के एडमिनिस्ट्रेटिव जज महिंदर सिंह सुल्लर से, लीगल ऐड से वकील दिलवाने के बारे में कहा था, जोकि उन्होंने गैरजिम्मेदार तरीके से मन कर दिया. मैंने उस जज के फर्जीवाड़े की शिकायत कर दी तो झूठे आरोप लगवा कर गैर कानूनी तरीके से 14 दिनों के लिए जेल भिजवाया और झूठे आरोप लगाकर कंटेम्प्ट का मुकदमा चलाकर प्रताड़ित करने की कोशिश की. जबकि उस हाई कोर्ट के जज की नौकरी की नियुक्ति ही गैरकानूनी थी. जिस जज ने इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कर रखा हो, वो क्या जिम्मेदारी से काम करेगा ...............??? कभी नहीं .........???
जज अवैध वसूली, गैर कानूनी तरीके अपनाते हुए, अवैध प्रतिफल लेकर, जानबूझकर गलत फैसले लिखकर, निर्दोष लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं. जब पीड़ित शिकायत करता है, तो उसको प्रताड़ित करने के लिए झूठे आरोप ( He tried to scandalize the Court, which lowered down the authority & dignity of Court ) लगाकर जेल भेजना और कांतेम्प्त के झूठे मुकदमे दर्ज करने की शिफारिश करके प्रताड़ित करते हैं. मेरे पास ऐसे अनेकों जजों के फर्जीवाड़े के सबूत हैं, जो स्पष्ट रूप से, निचली कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जजों के फर्जीवाड़े साबित करता है. कोई भी व्यक्ति ये सबूत देख सकता है.
किसी भी लोकतान्त्रिक व्यवस्था में, जनता की आवाज को कुचलने की कोई भी प्रथा जैसे कि Contempt Of Court Act का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. ये प्रावधान अंग्रेजों ने देश की जनता को गुलाम रखने के लिए बनाये थे. जिनका प्रयोग, भ्रष्ट जज अपने कारनामों को बचाने, जनता को डराने और प्रताड़ित करने के लिए कर रहे हैं. हर किसी पर कोर्ट की अवमानना के झूठे आरोप लगाकर प्रताड़ित कर रहे हैं. लोकतंत्रिक व्यवस्था में जजों को आलोचना का भी स्वागत करना चाहिए. ये देश कोई तानाशाही व्यवस्था में नहीं चल रहा है, अब वक्त बदल चूका है और मनमानी नहीं चल सकती .......!!! लोकतंत्र में जजों को भी जिम्मेदारी से काम करने पड़ेंगे. और ईमानदार जजों को इन बातों से डरने की जरुरत ही नहीं है. इसलिए, अब Contempt Of Court Act के इस प्रावधान को खत्म करने की जरुरत है और इसके साथ—साथ जजों को जिम्मेदार बनाने के लिए, जजों की जबाबदेही सुनिश्चित करने वाला कानून भी बनाना जरूरी हो गया है.
पुलिस के लोगों को, सकारात्मक और जिम्मेदार बनाने के लिए, सुझाव ..............
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
कोई भी व्यक्ति कितना भी भृष्ट क्यों न हो ................,??? आखिर, वो एक इंसान भी होता है. यही बात, पुलिस पर भी लागु होती है . जब दूसरे कर्मचारी, चाहे वो अध्यापक हो, नेता, मंत्री हो, अधिकारी हो, सब अपने परिवार और बच्चों के साथ समय बिताते हैं, त्यौहार, पारिवारिक समारोह, या किसी पारिवारिक मजबूरी जैसे -- किसी सदस्य की बीमारी की अवस्था में घर उपस्थित होकर देखभाल करना, बच्चों की पढाई लिखाई आदि .
ये सब ऐसे मौके हैं -- जिनसे इंसान में अपने घर परिवार से, लगाव पैदा होता है . पुलिस के लोगों के साथ समस्या ये है कि -- पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी, जज , नेता, मंत्री , विधायक और सांसद, सबके सामने सलाम ठोकते रहो ........!!! खुद खाना कहते रहेंगे, लेकिन कोई इज्जत नहीं .......... सब खाना कहते रहेंगे, इनको कोई, चाय के लिए भी नहीं पूछता ........??? आम जनता में भी, पुलिस के प्रति नफरत ............!!!
असली मजे तो बड़े अधिकारी , नेता मंत्री लूटते हैं . फिर फ़्रस्टेरशन में ये लोग, दारू पिएंगे, और जो सामने आया उस पर रॉब झाडेंगे . ............!!! क्योकि उसके मन की भड़ास निकलने का, कोई तो रास्ता खुला होना चाहिए. ताकि उनका दिमाग शांत रहे . जब घर परिवार, बच्चों से लगाव होगा, तो उनमे किसी और को परेशान करने, प्रताड़ित करने से पहले, चार बार सोचेंगे .............
क्योकि पुलिस वालो को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले अधिकारी और मंत्री का खुद का चरित्र तो फर्जीवाड़े से भरा होता है. इसलिए, ऐसे प्रवचन, नकली, बनावटी और बेअसर होते हैं और नकारात्मकता को बढ़ावा देने का काम करते हैं.
मेरा ये मानना है कि -- पुलिस के कर्मचारियों को पूरे परिवार के साथ, साल में दो बार, कम से कम तीन दिन के लिए x 2 , किसी भर्मण पर जरूर ले जाया जाये .
इसके होने वाले फायदे :--- जब परिवार और बच्चों के साथ होंगे, तो न तो वे शराब का सेवन कर सकेंगे और न ही गली गलोच कर सकेंगे . परिवार के साथ समय बिताने से, उनमे परिवार के सदस्यों के साथ लगाव पैदा होगा, और ये लगाव ही, उनको एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करेगा .
कल एक कोशिश ने, निर्दोष बुजुर्ग को, फ्रॉड औरत गैंग की प्रताड़ना से बचाकर, रोहतक कांड जैसा चंडीगढ़ कांड होने से बचाया .....
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
आदरणीय देशवासियों,
आदरणीय देशवासियों,
कल हम ( कमल हिन्दुस्तानी और मैं ) हाई कोर्ट चंडीगढ़ से केस निपटाकर, कालका – दिल्ली सराय रोहिल्ला ट्रेन से दिल्ली आ रहे थे. जैसे ही हम D—6 डिब्बे में चढ़े और बैठे, कुछ देर बाद ही कुछ औरतों की तेज आवाज आने लगी तो हम हिन्दुस्तानी मर्द अपनी आदत के अनुसार, भीड़ का झुण्ड बनाकर तमाशबीन बने हुए थे. मैं भीड़ को पार करते हुए, आगे गया तो देखा कि – एक बुजुर्ग आदमी ने उस ट्रेन की सीट पर एडजस्ट करने को कहा ( क्योकि वो तीन की सीट थी और केवल दो ही औरतें बैठी थी ) था. इसलिए, वो औरतें उस बुजुर्ग आदमी के साथ झगडा करने लगी और देखते ही देखते वो 5 औरतें हो गई और पूरे डिब्बे में, उस स्तर की गली गलोच करने लगी जिसके बारे में हम यहाँ लिख भी नहीं सकते ............??? और बार बार पुलिस / महिला हेल्पलाइन की धमकी दे रही थी. मुझे लगा कि – ये तो कोई गैंग लग रहा है. मैंने चुप चाप उनके झगडे की विडियो रिकॉर्डिंग करनी शुरू कर दी, ताकि किसी अनहोनी घटना की स्थिति में, निर्दोष को प्रताड़ना से बचाया जा सके. थोड़ी देर बाद जब उनका ध्यान हमारी तरफ गया तो मेरे उपर झगड़ने लगी और मारा पीटी करने को उतारू होने लगी. ( क्योकि उनको लगा कि उनका फर्जीवाड़ा विडियो रिकॉर्डिंग में हो चूका है ) मैं दोड़कर आगे गया और फिर 100 नम्बर पर कॉल किया और सारी बात बता दी. इतने में ट्रेन स्टेशन से चल दी और वे औरतें तो पूरी तैयारी के साथ किसी को शिकार बनाने आई थी. इसलिए, आधे घंटे तक जमकर गली गलोच कर रही थी. पूरा डिब्बा खचाखच सवारियों से भरा हुआ था, लेकिन सब तमाशगीर...........!!! मैंने समझदारी से अपना डिब्बा बदल लिया, ताकि वो किसी मारा पीती का ड्रामा न कर सकें. अम्बाला स्टेशन पर पुलिस भी आ गई. सारी सवारियों से गवाही भी दे दी ( क्योंकि उनका ड्रामा और हमारी हिम्मत देखकर किसी डेली यात्री का जमीर जग गया और उसने सभी दैनिक यात्रियों को इक्कठा कर लिया ). पुलिस आई जरूर, लेकिन उनके खिलाफ कुछ भी नहीं किया. अगर मेरी जगह कोई महिला/ लड़की होतो, तो उस पुरुष को जरूर जेल भेज देते और मीडिया भी खूब शोरशराबा करता. महिला सशक्तिकरण के प्रोफेशनल ड्रामेबाज भी मोमबत्ती जलूस निकालते. जल्दबाजी में विडियो रिकॉर्डिंग तो नष्ट हो गई, लेकिन विडियो रिकॉर्डिंग से पोल खुल जाने के डर से, वो फ्रॉड औरतें, पुलिस या महिला हेल्पलाइन को फ़ोन करके, उस निर्दोष बुजुर्ग और मुझे नहीं फंसा सकी और रोहतक कांड जैसा चंडीगढ़ कांड होने से बच गया. अगर हम हिम्मत नहीं करते, तो वो बुजुर्ग जेल में ही...... सड़कर, मर जाता................... कल एक कोशिश ने एक निर्दोष बुजुर्ग को फ्रॉड औरतों की गैंग का शिकार बनने से बचाया.
कुछ लोग, अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए, अन्ना हज़ारे जी को प्रयोग करके, लोगों के विशवास को खत्म करने का, खतरनाक अपराध कर रहे हैं...........
आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
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आजकल कुछ लोग, अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए, अन्ना हज़ारे जी को प्रयोग करके, लोगों के विशवास को खत्म करने का, खतरनाक अपराध कर रहे हैं...........
पहले अरविन्द केजरीवाल, फिर जनरल वी के सिंह का जनतंत्र मोर्चा, फिर कर्नल देवेन्द्र नैन, सुरेश शर्मा का जय हिन्द मोर्चा, विष्णु दत्त शर्मा का अन्ना समर्थक गाँधीवादी मोर्चा, और इनकी देखा देखी हरियाणा के एक और नए नेता दलबीर मोर ................सब के सब अपने स्वार्थों के लिए, अन्ना हज़ारे जी की वारिस का ड्रामा करके अपना-2 स्वार्थ साधने में लगे हुए हैं. ग्वालियर वाले विष्णु दत्त शर्मा ने तो 150 जिलो की 21 लोगों की समिति / कमेटी भी बना ली . और उसमे ऐसे फर्जीवाड़े कर रखे है कि -- जो कभी इस आंदोलन का हिस्सा ही नहीं थे, न किसी प्रकार का योगदान, और उससे भी बड़ी बात ये कि -- किसकी उपस्थिति में इन समितियों का गठन हुआ . लोगों को गुमराह करके एफिडेविट तक ले लिए, जबकि खुद इन लोगों ने, अपने एफिडेविट नहीं दिए हैं. सब का सब फर्जीवाड़ा .......... जब अन्ना जी के कार्यालय बात की, तो उनका कहना है कि -- हमारी अनुमति ही नहीं है .
ये लोग अपने निजी स्वार्थों कि पूर्ति के लिए, लोगों का बचा खुचा विशवास भी खत्म करके, सत्यानाश करके, खतरनाक अपराध कर रहे हैं.
इसलिए, आप सभी देशवासियों से निवेदन है कि इन नकली अन्ना भक्तों से सावधान रहे , क्योकि आखिरी में फिर वही चालाकी और धोखा मिलना है. समय रहते आपको सचेत कर रहे हैं. बाकि करना वही, जो आपकी अंतरात्मा गवाही दे.
निवेदक
एक जिम्मेदार अन्ना समर्थक
आखिर समाज और देश के लोग,...... वकीलों का सम्मान क्यों करें ..............???
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हम समाज की एक कड़वी सच्चाई आप के सामने पेश कर रहे हैं , कृपया, इसे व्यक्तिगत स्तर पर न ले, हमारा उद्देश्य सच को सामने लाना है, न कि किसी व्यक्ति विशेष की बुराई करना हमे विश्वास है कि-- ये कड़वा सच कुछ लोगो को झझकोरने का काम करेगा, और देश के लोगो के भले के लिए कुछ लोगो को प्रेरित करेगा
वकीलों को सम्मान क्यों नहीं मिल रहा ..........???
पूरी दुनियां में किसी भी समाज और देश के नागरिक, किसी भी पेशे के लोगो को सम्मान.............., उस पेशे के लोगो के द्वारा समाज और देशहित में किये गए, लोगो के जीवन में अच्छे बदलाव, उनकी समस्याओं के समाधान के लिए किये गए प्रयास/ योगदान के कारण निर्धारित करते हैं. अपना घर परिवार चलाने के लिए, सब फीस भी लेते हैं, उसके बावजूद भी कुछ लोग समाज और देश की बेहतरी के लिए, काम करते रहते है, तो समाज उनको सम्मान भी देता है. जिस हिसाब से वकालत पेशे में गुणवत्ता की जबरदस्त कमी आई है. जिसको कोई दूसरा काम नहीं दिखा, किसी भी Law कॉलेज में एडमिशन लिया, घर बैठे हाज़िरी लगती रही, नकल करके पेपर भी दिए , डिग्री मिली, और बन गए वकील साहब.........!!!
इस से देश में लगभग 40 % वकीलों की डिग्री फर्जी है. जब डिग्री इस प्रकार बटेंगी, तो फिर क्वालिटी , कहाँ से आएगी ..........???
आप डॉक्टर्स को देखिये .......... आपको लगेगा कि किसी समझदार आदमी से बात कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योकि -- पहला तो मेडिकल कि पढाई में भारी कम्पटीशन, फिर एडमिशन में कम्पटीशन, और उनको पढाई के दौरान सिखाई जाने वाली बातें, और ट्रेनिंग. तब जाकर एक डॉक्टर बनता है और लोगो का इलाज करता है.
मैंने अनुभव के आधार पर पाया कि -- वकालत पेशे में इतनी गिरावट, क्यों आई ........???
इस पेशे के लोगो ने समाज की समस्या के समाधान देने की बजाय, लोगो को उलझाकर, डराकर, छलकपट, चालाकी, धोखाधड़ी, अपनाते हुए अपना जीवन यापन किया और लोगो से काम के नाम की फीस वसूल की.
कुछ उदहारण :--
1) -- इस देश में लाखो दहेज़ प्रताड़ना के मुकदमे, हर साल अदालतों में दर्ज हो रहे हैं. कानून के अनुसार दहेज़ देना भी अपराध है. इस देश में ऐसे कितने वकील हैं -- जिन्होंने दहेज़ देने पर पत्नी पक्ष पर मुकदमा दर्ज करवाया. ............???
2) -- इसी प्रकार किसी मजबूर व्यक्ति पर गुजर भत्ता का झूठा केस डाला गया, वो इन हालातो में थे कि गुजर भता दे ही नहीं सकते थे ............!!! ऐसे मुकदमे कितने होंगे.............??? जिनमे वकील ऐसे व्यक्ति को गुजर भत्ता न देने की सूरत में, जेल जाने से बचा सके ............??? (क्योकि अपने लालच में जबाब और केस के तथ्य और सच्चाई कोर्ट के सामने जानबूझकर रखी ही नहीं ..............!!! ताकि जेल भेजने का डर बनाकर, अपना जुगाड़ बना सकें .............???)
ऐसे वकील पूरे देश में कितने हैं..............???
किसी भी क्षेत्र में, कोई नई चीज खोजना, अविष्कार करना बहुत बड़ी बात होती है. जिसने लाइट का आविष्कार किया, कंप्यूटर बनाया, इंटरनेट बनाया, ..........कोई नई दवाई की खोज की , वे लोग अपने काम से, मानवता की सेवा (इस दुनियां से जाने के बाद भी), कर रहे हैं.
वकालत के पेशे में कोई नई खोज करने वाले वकील तो, इस हिंदुस्तान में पैदा ही नहीं हुए,.................??? सारे कानून, अंग्रेजो ने बनाये. आज़ादी से लेकर आजतक जो एक -- दो, संशोधन हुए, जैसे कि -- दहेज़ प्रताड़ना ( 498 -अ ), दहेज़ हत्या ( 304 -बी ) , उनका ही, सबसे ज्यादा दुरूपयोग हो रहा है. केवल कुछ वकील और अवैध वसूली करने वाले, दलाल किस्म के लोगो के फायदे , समाज को तोड़ने, निर्दोष लोगो को जेल भेजने, बुजुर्गो को आत्महत्या के लिए मजबूर करने, युवा पीढ़ी को मरने, बेरोजगार करने, के आलावा, इस देश को, इन कानूनो ने क्या दिया ..............???
और ऐसे अनेको उदहारण, इस देश और समाज से हम पेश कर सकते हैं, जो ये साबित करते हैं कि -- आखिर समाज, वकालत पेशे के लोग..... यानिकि वकीलों का सम्मान, क्यों करे ..........???
Let's Change India……………..
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