Thursday, 16 June 2016

हम भी देखें तो सही,.... कौन, कहाँ तक और क्या सोच सकता है .............???

समाज और देश के अनछुए  मुद्दों, से आप को परिचित करने का प्रयास .................. I 
जो समाज या देश किसी समस्या की जमीनी हकीकत को नकारकर चलता है, वो कभी भी ताकतवर नहीं बन सकता, ................. उसे हराना सबसे आसान है क्योकि वो अन्दर से खोखला है .......................
 समाजहित और देशहित में,  एक  सवाल ,...................      आप सभी के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सदर आमंत्रित हैं ................
क्या आप ने कभी गहराई से सोचा कि – आजकल की तथाकथित पढ़ी लिखी औरतें ही,  इतना  ज्यादा फर्जीवाड़ा और ग़द्दारी,  क्यों कर रही हैं ...........???
 क्या आप ने कभी गहराई से सोचा कि – आजकल की तथाकथित पढ़ी लिखी औरतें ही,  इतना ज्यादा फर्जीवाड़ा और ग़द्दारी,   क्यों कर रही हैं ...........??? 


हमारे माता पिता के समय में ज्यादा सुख सुविधाएं भी नहीं होती थी......................., न ही ज्यादा आय के स्त्रोत थे.........................., कोई ज्यादा पढाई लिखाई भी नहीं थी ............., फिर भी परिवार खुश थे........................,

आज आर्थिक सम्पन्नता बढ़ी......................, शिक्षा का  प्रसार  हुआ........................, भौतिक सुख सुविधाएं बढ़ी ...........................,  परिवार छोटे हुए........................., फिर भी परिवार  की खुशियाँ ख़तम हो रही ..................,  पारिवारिक रिश्ते कमजोर हो रहे.......................,   रिश्तों में स्वार्थ और नकलीपन भर गया.........................., 

ऐसा क्यों ........................... ???????????????????? जरा सोचें और बताएं .......................   

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