Tuesday, 7 June 2016

रिश्तों में कभी भी, कहीं भी विशवास और शक को मिक्स मत करना,............................ नहीं तो अच्छे लोग, आप से दूर हों जायेंगे.................


हमें कुछ लोगों का दोगला व्यवहार देखकर बहुत दुःख होता है, दिखावा तो ऐसा करेंगे कि – वे बहुत ईमानदार हैं. लेकिन, उनकी सोच में, इतना अहंकार और मुर्खता होती है, कि – उनको ये लगता है कि इस दुनियां में उनसे ज्यादा काबिल या समझदार तो कोई है ही नहीं............. उनके सामने कितनी ही अच्छी से अच्छी बात, चीज, आईडिया रख दो, उनको अपने आलावा सब पागल और मुर्ख ही दिखते हैं . इसी अहंकार और मुर्खता के चक्कर में, वे अच्छे लोगों को खो देते हैं. इसलिए, हमारी विनती है, किसी भी , किसी भी प्रकार के रिश्तों में, ( चाहे वो दोस्ती का हों,............... गुरु शिष्य का हों ,.............. या फिर आप किसी को अपना आदर्श मानते हों ,...................या घर परिवार का हों.......... ) या तो विशवास ही कर लेना .............या फिर शक कर लेना .
कभी भी इन दोनों को मिक्स मत कर देना .......................... नहीं तो अच्छे लोग, आप से दूर हों जायेंगे.................

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