आदरणीय देशवासियों,
जैसे हमारे बच्चों का मन करता है, ठीक उसी प्रकार , हमारे घर के काम करने वाले , लोगों के बच्चों का भी मन करता है। हमारी आप से विनती है कि -- या तो उनको आप रेस्टोरेंट आदि में साथ न लेकर जाएं , और यदि साथ लेकर जाते हैं , तो बिना भेदभाव के उनको भी वही खाना खिलाएं , जो हम अपने बच्चों को खिलाते हैं ।
इसका सबसे बड़ा फायदा -- एक ये कि आपके बच्चे में चीजों को , बांटने की अच्छी आदत पड़ जायेगी , जो आपको उस समय फायदा देगी, जब आप बुजुर्ग हो जायेंगे। ये संस्कार , बच्चे को बुढ़ापे में, आप के साथ धोखा नहीं करने देंगे। जब भी वे कोई चीज़ खायेंगे , तो आप के साथ बांटे बिना नहीं खायेंगे ।
दूसरा फायदा , ये कि उस गरीब माँ बाप के बच्चे में कभी भी हीन भावना नहीं आएगी । लेकिन, कभी भी उस बच्चे को या उसके माता पिता को ये एहसास मत करवाना कि हमनें खाना खिलाया ।
तीसरा फायदा, ये कि आपको आंतरिक ख़ुशी भी मिलेगी । ये बात 200% सच है। मुझे कोई भूखा दिख जाये, या कोई खाना मांगे, तो हम अपना खाना भी उनको दे देते हैं, या उनको खरीदकर खिला देते हैं । और उस दिन , मुझे भूख ही नहीं लगती ........!!! इतनी ख़ुशी मिलती है हमें ,......
जब वो बड़ा होगा , तो आपका हमेशा , सम्मान करेगा , जोकि करोड़ रूपये खर्च करके भी नहीं मिल सकता ......
भवदीय
हमें अपने से छोटे , कमजोर और गरीब का भी ,....... सम्मान करना चाहिए ….........अपने से ताकतवर का तो सभी करते ही आये हैं ..........
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