Tuesday, 7 June 2016

अब हमनें निर्णय कर लिया है कि – इस जज के खिलाफ कंटेम्प्ट का मुकदमा डालेंगे . ................


.जब इनको ही गलत काम करने की शर्म नहीं, तो हम कब तक सहन करेंगे ................... अच्छा है, जिंदगी भर के लिए याद रखेगा कि -- किसी से वास्ता पड़ा था..............
नारनौल कोर्ट में एक JMIC है अरुण कुमार डाबला..................
अभी लगभग 10 महीने पहले ही पहली पोस्टिंग नारनौल में हुई. हमारा गुजारा भत्ता का मुकदमा, CJM राजेश गुप्ता ( जिसकी गड़बड़ी पकड़कर, हमें गुजारा भत्ता के केस में, गैरकानूनी तरीके से जेल भेजने के एवज में, उसके खिलाफ हमनें मुकदमा डालने की अनुमति मांग रखी थी ) में चालाकी से मेरी केस फाइल इस नए जज को ट्रान्सफर कर दी .
JMIC अरुण कुमार डाबला की जोइनिंग के लगभग 5 दिन बाद, केस में हमारी मुलाकात इनसे हुई. हमनें इस नये जज साहब को ये कहानी समझाते हुए, डाक्यूमेंट्स दिखाकर, दे दिए , तो ये जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंगल के पास गये कि – इस मामले का मैं क्या करूँ ..............???
इस जज ने, DSJ अरुण कुमार सिंगल के कहने पर, जानबूझकर ये आर्डर लिख दिया कि – इन डाक्यूमेंट्स में कुछ भी नहीं है, जबकि वे इतने स्पष्ट सबूत हैं कि – किसी गवाह की भी जरुरत नहीं............. नया --2 जज था, इसलिए हमनें इसे छोड़ दिया.
अब मेरे केस में बैंक मेनेजर, मेरे द्वारा पत्नी के नाम ख़रीदे गये मकान के सारे दस्तावेज कोर्ट में दे गया तो, उससे बाप बेटी के कोर्ट में दिए गये एफिडेविट जिसमें बाप बेटी ने कोर्ट में झूठा दावा किया कि—मनोज तो गुडगाँव में आलीशान मकान में रहता है ( दिनांक 15 अगस्त 12 ), जबकि वो मकान तो जनवरी 12 में ही बिक गया था. नीलामी के नोटिस भी पत्नी को ही भेजे गये थे.
सब जब झूठ कोर्ट की केस फाइल पर डाक्यूमेंट्स के साथ आ गये तो, सुप्रीम कोर्ट की 2 अथॉरिटी लगाकर हमनें जज साहब को एप्लीकेशन लगाई कि – जो लोग कोर्ट को झूठी शपथ या झूठे एफिडेविट के साथ गुमराह करे, उनको किसी भी प्रकार का अंतरिम या फाइनल रिलीफ नहीं दिया जायेगा. कोर्ट को गुमराह करने का ये गंभीर अपराध है.
अब इस जज JMIC अरुण कुमार डाबला ने, DSJ अरुण कुमार सिंगल के प्रभाव में आकर, फिर मेरी एप्लीकेशन डिसमिस कर दी .
ये जज अभी प्रोबेशन पीरियड पर है, हम इसका कोई नुक्सान नहीं चाहते थे, इसलिए, इनको हमनें दबाब में गलत फैसला न करने के बारे में, सलाह भी दी थी, लेकिन, फिर भी इतना सरासर गलत फैसले लिखते हुए इनको डर नहीं लगता.................!!!
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अब हमनें निर्णय कर लिया है कि – इस जज के खिलाफ कंटेम्प्ट का मुकदमा डालेंगे . .................
जब इनको ही गलत काम करने की शर्म नहीं, तो हम कब तक सहन करेंगे ................... अच्छा है, जिंदगी भर के लिए याद रखेगा .................कि --- किसी शेर से वास्ता पड़ा था....................

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