Thursday, 16 June 2016

आईये ...... !!! जाने देश वकीलों का हाल, एक वकील के अनुभव से,............अधिवक्ता ↔ एडवोकेट ↔ वकील बन के रह गयी केवल अपमानित परिभाषा........................................

अधिवक्ता  एडवोकेट  वकील बन के रह गयी केवल अपमानित   परिभाषा....................

अधिवक्ता वैदिक शब्द है ! शुक्लयजुर्वेद में भगवान् शिवको प्रथम अधिवक्ता कहा गया गया है- "अद्ध्यवोचदधिवक्ताप्प्रथमोदैव्योभिषक् " !
एडवोकेट शब्द लैटिन में १४वी शताब्दी में प्रचलन में आया, वकील मुग़ल काल में !
भारत में एडवोकेट्स एक्ट १९६१ पारित होने के बाद क़ानून का व्यवसाय करने लिए बार काउन्सिल में पंजीकृत सभी व्यक्तियों को एडवोकेट कहा जाने लगा जिसका हिन्दी अनुवाद अधिवक्ता है !
लेकिन क्या इन परिभाषाओं में आने वाले हम अधिवक्ता लोग अब इस लायक हैं रह गए हैं की हमे इन परिभाषाओं के दायरे में रखा जाये ?
१९७० से १९९० के समयकाल में कुछ अधिवक्ताओं के कुकर्म देख या सुन कर हमें शर्म आती हैं अपने अधिवक्ता होने पर ! १९९० से लेकर अब तक के समयकाल में अधिकांश अधिवक्ताओं के घिनोने कुकर्मो को देख या सुन कर हम शर्म करने लायक तक भी नहीं रहते अपने अधिवक्ता होने पर ! दूसरी पार्टी से मिल जाना या दूसरी पार्टी के शरीफ अधिवक्ता से न्यायालय में बदतमीजी और गुंडागर्दी करना, नक़ली दस्तावेज बनाना, नक़ली गवाह बनाना, यहाँ तक की नकली वादी-परिवादी बनाना, शरीफ न्यायधीश की झूठी शिकायतें करना और बदमाश न्यायाधीश की गुलामी करना, घटिया दल्लो से भागेदारी कर काम हासिल करना, पार्टीज से २० रूपए की नक़ल के २००० रूपए वसूलना इत्यादि ऐसे अनेक कर्म, या यु कहिये कुकर्म हैं, जो अधिवक्ताओं का धर्म बन गया हैं.
क्या ये इन परिभाषाओं का अपमान नहीं हैं की इन परिभाषाओ के शत्रुओ को इन परिभाषाओं से सम्मानित किया जा रहा हैं ?
अजय बंसल वकील,
दिल्ली-हिसार मोब: 9654815374

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