Tuesday, 31 May 2016

ये लोग करते हैं , जेल में बन्द कैदियों का शोषण .... जिला सेशन जज, CJM, हाई कोर्ट के जज, मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन/सदस्य .........

जेल में बंद लोगों का शोषण करने में, शामिल होते है, .........................   जेल अधीक्षक......, जिला सेशन जज..., चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट....., हाई कोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज...., मानव अधिकार आयोग  के चेयरमैन.......

आदरणीय देशवासियों,

आज हमारे मित्र ने जेल में बंद लोगों के शोषण करने के गैंग में शामिल लोगों के बारे में जानकारी साँझा की तो हमने सोचा कि – आपको इस शोषण में शामिल लोगों के बारे में बताया जाये .
हम और आप अन्याय और अत्याचार के शिकार जरूर हैं, लेकिन हम संघर्ष करने के लिए काफी हद तक आजाद हैं.  अगर आप जेल में बंद लोगों की समस्या के बारे में सच जानेंगे,.......... तो आप के ये एहसास होगा कि – आप तो काफी कुछ कर सकते है ............      आपकी मजबूरी तो कुछ भी नहीं है ............... मजबूर तो वे लोग हैं जोकि जेल में बंद हैं...............  जिनको चिट्ठी लिखने के लिए पेपर तक नहीं दिया जाता .......................

मुझे विशवास है कि इस लेख को पढ़कर,   आपकी जानकारी और ज्यादा ज्ञान से परिपूर्ण होगी और आप अपने से ज्यादा, मजबूर लोगों का दर्द समझने की कोशिश करेंगे और  छोटी 2 तकलीफों के लिए शिकायतें नहीं करेंगे .
 
सच जानकर आप कभी भी इन भ्रष्ट और गिरे हुए जजों को,   ईज्जत से देखने  की बजाय,  नफरत से देखने लगेंगे.   नारनौल के भ्रष्ट जजों ने रंजिश के चलते , हमें  कई ब़ार जेल में डाला.       इसलिए, हम जेल के अन्दर के,  हर तरह के घपले, भ्रष्टाचार की सारी जानकारी है .

जेल से  सम्बन्धित शिकायतों तथा दुसरे मामलों का इंचार्ज,  उस जिला कोर्ट का चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट  ( CJM ) होता है . उसके अलावा,    जिला सेशन जज भी जिला कोर्ट का मुखिया होने के नाते जेल में हर महीने जाता है . ताकि  जेल में बंद लोगों की समस्याओं के साथ 2,    जेल की दूसरी खामियां दूर की जा सके . इसके आलावा हर सप्ताह में CJM, जेल में उन लोगों की रिहाई करने के लिए जाते हैं , जोकि छोटे मोटे अपराध में बंद  हैं............, जिनके जमानती नहीं हैं .

अक्सर पुलिस,  चोरी के मामले में किसी भी गरीब मजदूर , प्रदेशी लोगों को,   चोरी के झूठे मुकदमे लगाकर, या फिर जिसके खिलाफ पहले से ही कुछ मुकदमे हैं , उसमे कुछ झूठे मुकदमे जोड़ देती है.  ऐसे लोगों का,     न तो कोई पैरवी करने वाला होता है ..............और न ही कोई,............. जमानत देने वाला . इसलिए, मज़बूरी के चलते, ......... वे जेलों में बंद है.  देश की जेलों में लगभग 80 % निर्दोष लोग बंद है .  वे सिर्फ इसलिए बंद हैं क्योकि उन्होंने पुलिस को रिश्वत / दलाली नहीं दी ............या ..............नहीं दे सके .

आप लोगों को ये लगता होगा कि ये जज तो बहुत ही जिम्मेदार , ईमानदार और न्याय के देवता होते हैं . जेल में बंद कैदियों से मिलते हैं  तो ऐसा ड्रामा करेंगे कि – अगर भगवन भी धरती पर आ जाये तो वो भी चोर और बेईमान और ये जज ईमानदार .................
चाहे वो हाई कोर्ट के जज हों ......................... या मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन /सदस्य हों .....................चाहे जिला सेशन जज हों ................या फिर चाहे वो CJM हों .....................
सब के सब जेल से अवैध वसूली लेते हैं ................

जिसमे इनके रेट इस प्रकार से हैं ................. हाई कोर्ट के जज ..... 1 लाख रूपये प्रति दौरा ,  मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन/सदस्य ..............1 लाख रुपया प्रति दौरा ,  जिला सेशन जज ...............कम से कम .............1 लाख प्रति महिना , CJM .....................50000/- प्रति शिकायत तथा 50,000 /- प्रति महिना अलग से .......

आइये ...........!!! जाने इन जजों को ये रिश्वत /  दलाली क्यों दी जाती है ................???

क्योंकी ये सब वे लोग हैं जोकि जेल प्रशासन के अत्याचार, भ्रष्टाचार , खाने में गड़बड़ी, ईलाज में हॉस्पिटल भेजने से रोकने, पत्र लिखने के लिए पेपर नहीं देना,  नए कैदियों को डराकर अवैध वसूली करना, पुराने कैदियों से प्रताड़ित करवाना आदि शिकायतों पर कार्यवाही करते हैं .  

कैदियों की शिकायतों को दबाने के एवज में ये जज लोग रिश्वत लेते हैं.  हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन विजेंदर कुमार जैन ( जोकि चंडीगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस भी है ), तो इतना घटिया ईन्सान है कि – जो जेल में टॉयलेट और पिने के पानी से सम्बंधित सुविधाओं को उपलब्ध करवाने की शिकायत में ही,...............    दलाली खा गये .

मानवाधिकार का इससे बड़ा उलंघन क्या हों सकता है ...................???

 जिस देश में लोग पुन्य कमाने के लिए प्याऊ लगाते हों ..................कोई भी व्यक्ति पिने के पानी के लिए 10 मिनट ईन्तजार कर सकता है , लेकिन शौच जाने के लिए नहीं ...................!!!
जेल में कैदियों की संख्या के हिसाब से टॉयलेट की सुविधा नहीं है, लोगों को एक घंटा ईन्तजार करना पड़ता है .
ये लोग जेल में बंद मजबूर कैदियों का शोषण करवाकर, अवैध वसूली के लालच में, इतने गिर सकते हैं, ......................ये आप,......   सोच भी नहीं सकते ..............

यही कारण है कि – किसी केस में कोई खाता –पीता/ संपन्न  आदमी शामिल हों, ओर वो केस झूठा होते हुए भी, ................ये जज लोग उस मुकदमे को ख़ारिज करने की बजाय................, सिर्फ इसलिए चलाते हैं कि – उसे किसी भी तरह जेल भेजकर ..................या.................. जेल भेजने का डर, दिखाकर मोटी रकम  अवैध वसूली की जा सके ............................!!!  

 इस देश में मुकदमें जजों की इस भ्रष्ट और  अवैध वसूली की मानसिकता के कारण, बढ़ रहे हैं ........................ चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट टी एस ठाकुर का रोना धोना ..................ये सब नाटक है .......

 ये लोग पहले भ्रष्ट जजों को बचाने की आदत छोड़ें,..................उनके खिलाफ भी निष्पक्ष रैवैया रखते हुए, .................कानूनी  कार्यवाही करके दिखाएँ .......................   न्यायपालिका की स्वतंत्रता के हनन के नाम पर, ड्रामा करन बंद करें ..............
   
ये है इन जजों का असली चेहरा .............................,  अगर भगवन इनके कर्मों, कुकृत्यों का हिसाब किताब मांग ले, तो मुझे पूरा विश्वास है कि – इन सब जजों को, सड़ा 2 कर मारे ..................

मुझे 200% विश्वास है कि –जेल में बंद लोगों की मजबूरी, शोषण, जजों , मानवाधिकार आयोग के लोगों के ड्रामे का सच जानकर, आपकी अंतरात्मा कुछ सोचने को मजबूर होगी ................कि अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आइये , हम भी कुछ करें ................या .............कुछ कर  रहे हैं , उनके हाथ मजबूत करें ................
धन्यवाद,............  जय हिन्द .............!!!

3 comments:

  1. हमें विश्वास है कि वे लोग जोकि किसी भी कारण से, जेल में गए हैं ...…या …......वे लोग जिनको इस सम्बन्ध में परिचित लोगों से जानकारी है । वे इस कड़वे सच का समर्थन जरूरी करें, ताकि वे लोग जोकि इस से अनजान हैं , उनको इस सच से अवगत करवाया जा सके ….....

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    1. मनोज जी मैं आपकी हर बात से सहमत हूँ। परंतु कोई भी वकील पुलिस या छोटे से बड़ा अधिकारी इन बैईमानो के खिलाफ बोलना नहीं चाहता है। मैंने भ्रष्ट वकीलों की शिकायत करी तो जज वकील पुलिस ने मिलकर मुझे भी जेल मे डाल दिया था

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    2. मनोज जी मैं आपकी हर बात से सहमत हूँ। परंतु कोई भी वकील पुलिस या छोटे से बड़ा अधिकारी इन बैईमानो के खिलाफ बोलना नहीं चाहता है। मैंने भ्रष्ट वकीलों की शिकायत करी तो जज वकील पुलिस ने मिलकर मुझे भी जेल मे डाल दिया था

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