जब एक बेटी का बाप रिश्ता करने निकलता है , तो................
सारी कैलकुलेशन मतलब ये हिसाब किताब लगा लेता है कि कितनी सम्पति है, क्या बैंक बैलेंस है, उसकी बेटी को क्या मिलेगा ......??? लड़का तो लड़की से काबिल होना ही चाहिए...ज्यादा पढ़ा हो, कमाता भी ज्यादा हो .......??? खुद की बेटी में लाख कमी हो तो भी, लड़के में कोई ऐब नहीं होना चाहिए । लाखों में हीरा चाहिए ।
लड़की क्या जिम्मेदारी निभाएगी ,इसकी कोई Guranttee / Warantee नहीं, ....... ??
ससुराल में माँ बाप की सेवा कभी भी न करनी पड़े , ननद तो हो ही न, शादी का खर्च होगा । खुद की बेटी का घर तो ऐसा चाहिये कि उसको कोई भी काम करना ही न पड़े । जब खुद के घर के लिए बहु चाहिए तो सेवा करे । हमारे लोगों की सोच दोगली हो गई है । ऐसे कितने माता पिता हैं, जो अपनी बेटी को ऐसे संस्कार देते हैं और विदा करते वक्त ये समझाते है कि सास ससुर भी माँ बाप हैं, उनकी सेवा भी , बिना किसी स्वार्थ के करनी है ......???
जब पति परिवार किसी शर्तों को न माने, तो दहेज़ के मुकदमें करने और करवाने के लिए, इस देश में बहुत से सरकारी , सामाजिक और गैर सरकारी दलाल घूमते ही है .......???
याद रखें .... आपके पत्नी परिवार ने आपके साथ अपनी लड़की की शादी यूँ ही नहीं की, आपको हर स्तर पर सबसे बेहतर होने पर ही चुना था।
झूठे केस करने वाले गद्दार लोगों को ये एहसास करवाना जरुरी है, कि उन्होंने आप को खो दिया है और अब उनको आपकी क़ाबलियत से 50% वाला दूल्हा भी उनको नहीं मिलने वाला ........???
लड़की क्या जिम्मेदारी निभाएगी ,इसकी कोई Guranttee / Warantee नहीं, ....... ??
ससुराल में माँ बाप की सेवा कभी भी न करनी पड़े , ननद तो हो ही न, शादी का खर्च होगा । खुद की बेटी का घर तो ऐसा चाहिये कि उसको कोई भी काम करना ही न पड़े । जब खुद के घर के लिए बहु चाहिए तो सेवा करे । हमारे लोगों की सोच दोगली हो गई है । ऐसे कितने माता पिता हैं, जो अपनी बेटी को ऐसे संस्कार देते हैं और विदा करते वक्त ये समझाते है कि सास ससुर भी माँ बाप हैं, उनकी सेवा भी , बिना किसी स्वार्थ के करनी है ......???
जब पति परिवार किसी शर्तों को न माने, तो दहेज़ के मुकदमें करने और करवाने के लिए, इस देश में बहुत से सरकारी , सामाजिक और गैर सरकारी दलाल घूमते ही है .......???
याद रखें .... आपके पत्नी परिवार ने आपके साथ अपनी लड़की की शादी यूँ ही नहीं की, आपको हर स्तर पर सबसे बेहतर होने पर ही चुना था।
झूठे केस करने वाले गद्दार लोगों को ये एहसास करवाना जरुरी है, कि उन्होंने आप को खो दिया है और अब उनको आपकी क़ाबलियत से 50% वाला दूल्हा भी उनको नहीं मिलने वाला ........???
ये एहसास होने में थोडा वक्त लगता है, जब घर में कोई त्योहार हो, या शादी या कोई समारोह हो, दूसरी औरतें ही जब, ऐसी औरतों को अपने पास नहीं बिठाती , कदम 2 पर सूई सी चुभोती हैं । तब ऐसी औरतों ही हालात ख़राब हो जाती है। लेकिन हम संयम नहीं रखते........ किसी को अंदर से इतना तोड़ो, कि वो किसी को कह भी न सके........???
सब्र और संयम से चलें और फिर देखें , कितना मजा आता है ........ ??? कि वे बार 2 समझौते के लिए गिड़गिड़ायें , लोगों के पैर पकडें और कोई उनकी सुनने को तैयार न हो .......???
सब्र और संयम से चलें और फिर देखें , कितना मजा आता है ........ ??? कि वे बार 2 समझौते के लिए गिड़गिड़ायें , लोगों के पैर पकडें और कोई उनकी सुनने को तैयार न हो .......???
अपने केस में , भारी नुकसान के बावजूद , हम कभी भी समझौते के लिए किसी के पास नहीं गए । जबकि मेरे खुद के केस में 250 से ज्यादा सरपंच प्रधान मेरे पर समझौते का दबाब बनाने के लिए , हमारे घर आये। क्योंकि ..............
ReplyDeleteउसकी वजह थी , मोटी दलाली की संभावना , क्योंकि मेरा गुड़गांव वाला मकान पत्नी के नाम था, मैं खुद भी अच्छे लेवल पर था, मेरा भाई भी साइंटिस्ट है । कई लोगों में ससुर क भेजे हुएे , दलाल भी थे । क्योंकि मेरे माता पिता तो मेरे साथ रहते ही नहीं थे । इसलिये , उनको समझा कर , हम खुद आगे आये। हमने उन लोगों से केवल दो ही सवाल किये कि ज्यादा अच्छी लग रही है , तो अपनी पत्नी की सौतन बनाकर अपने घर ले जाओ ........ या फिर अपने लड़के की पत्नी बनाकर घर ले जाओ ।
कई कमीने लोगों ने ( जिनकी दाल नहीं गली,) उन्होंने घर वालों पर दबाब बनाने की कोशिश की, तो उन्होंने साफ कह दिया कि रहना बच्चों ने है, अगर ये तैयार हो, तो इससे बात कर लो ......। उनको चाय पीनी मुश्किल हो गई ।
एक और अच्छी बात ये भी हुई कि जो लोग पत्नी और उसके बाप को भाव दे रहे थे । उनके घर की बहुओं ने ही , जब उनके खिलाफ दिक्कतें , करनी शुरू की, तो उन्होंने पत्नी का अपने घर में घुसना बन्द करवा दिया ।
अपने मुकदमें से , सबसे पहले इन दलालों को बाहर करो । माँ बाप को समझा कर, खुद मौर्चा संभालो ।