Sunday, 22 May 2016

झूठा दहेज़ का मुकदमा डालने वाली, मेरी पूर्व पत्नी की बोखलाहट देखकर , आज मुझे बहुत संतुष्टि मिली ........

साथियों, 

आज मेरे गुजारा भत्ता के मुकदमें में तारीख थी । मैंने गुड़गांव में जो मकान खरीद कर उसके नाम करवाया था, उसके बारे में बाप बेटी कोर्ट को गुमराह कर रहे थे। शुक्र है कि उसका हाउसिंग लोन था, कैश में ख़रीदा होता तो , वो बेचकर भाग जाती । बाप बेटी ने झूठे एफिडेविट भी दे रखे थे। अब साढ़े 6 साल बाद बैंक मेनेजर ने कोर्ट में डाक्यूमेंट्स जमा करवाये तो झूठ पकड़ में आना ही था। आज मैंने सुप्रीम कोर्ट की दो अथॉरिटी के साथ एप्लीकेशन लगाकर, मजिस्ट्रेट को मजबूर कर दिया कि जब कोई पार्टी , व्यक्ति , वकील, कोर्ट को गुमराह करे , झूठी शपथ, या एफिडेविट के साथ , तो उनको किसी भी प्रकार का रिलीफ नहीं दिया जायेगा ( न अंतरिम और न फाइनल )।
अब मजिस्ट्रेट साहब को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानना पड़ेगा, अगर वो नहीं मानते, तो फिर जज के खिलाफ भी मुकदमा डाला जा सकता है ।
जब हम बहस कर रहे थे तो, वो भी वकीलों के सिखाये हुए, ड्रामे करने लगी । जब कुछ जोर नही चला, तो रोने का ड्रामा, वो भी नहीं चले, लेकिन 7 सालों की Frustration साफ़ दिख रही थी। बच्चे का नाटक करने लगी, हमनें उसकी भी पोल खोल दी ।
जब कोई जोर रही चला तो, धमकी देने लगी ।
दोस्तों हमारा कहने का मतलब ये है कि थोड़ा तसल्ली से चलें, संयम रखें ।
ये वही पत्नी थी जो ये धमकी देती थी कि --- मेरे बाप ने इतनी पढाई हूँ की आधी तनख्वाह तो ले ही लूँगी । और मकान तो मेरे नाम है ही ,
हालात ऐसे बदले कि उसको न तो मकान मिला, न ही गुजारा भत्ता ......... .40,000/- महीने का खर्चा माँगा था।
गुड़गांव कोर्ट ने 1500 का आदेश दिया , वो भी नहीं मिला । नारनौल कोर्ट ने 750 बंधा , वो भी नहीं मिला ।
जब दुश्मन को फ्री का पैसा मिलेगा ही नहीं, (जिसके लिए उसने , आप के परिवार को झूठे मुकदमें में उलझाया ) , तो वे बुरी तरह बोखलाहट में आएंगे । 

तब आपको बड़ी संतुष्टि मिलेगी कि झूठा केस करके , कोर्ट, कानून , वकील, जज, भी उनको ख़ुशी नहीं दिलवा सकते .....???    अगर आप,   ठान लें तो ........

5 comments:

  1. आपकी और हमारी समस्याओं का एक ही समाधान है कि हम इकट्ठे हों । तन मन और धन से एक दूसरे का साथ दें, ताकि हम इस लड़ाई को लड़ना दूसरे पीड़ित भाइयों को सिखा सकें । इसलिये , वर्कशॉप आयोजित करने में अपना सहयोग दें । ।

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  2. बाप बेटी दोनों का ईलाज होगा , क्योंकि बाप अपने आप को दहेज़ के केसों का डॉन समझता था। गलती से एक्सपेरिमेंट खुद की बेटी के साथ हुआ और दामाद भी दूरदर्शी निकला , तो अब टेंशन शुरू हो गई । हमने तो कोर्ट साफ2 कह दिया कि जिन्होंने झूठे केस करने के लिए, भड़काया था, अब उसी के पास जाओ । झूठा केस डाला है तो उसके परिणाम भुगतो ......!!! मुझे इसीलिये, जज उसको साथ ले जाने के लिए, नहीं कहते ......??? एक बार जज ने कहा कि देखो कितनी अच्छी है ....??? तो हमने जज साहब को कहा था कि अगर इतनी ही अच्छी थी तो (250 से ज्यादा सरपंच प्रधान जो मुझे समझौता करने को कह रहे थे , वे इसको अपने घर क्यों नहीं ले गए...... ??? ) और आप को इतनी अच्छी लग रही है, तो अपने घर ले जाओ , मुझे सलाह न दो ।

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  3. हमें कॉल करके, अपने डाक्यूमेंट्स के साथ मिलें। या फिर वर्कशॉप में ...... अगले 4 महीने हम बहुत व्यस्त रहेंगे । व्यक्तिगत तौर पर हर पीड़ित को समय देना सम्भव नहीं है, बेहतर होगा की वर्कशॉप में मिलें । 09253323118

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  4. हमारी एक ही विनती है कुछ करना है तो स्वार्थ छोड़ कर साथ आइये । विश्वास नहीं है, या डर लगता है तो जैसा हो रहा है , इसको सहन करते रहिये ।

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  5. अपने केस में , भारी नुकसान के बावजूद , हम कभी भी समझौते के लिए किसी के पास नहीं गए । जबकि मेरे खुद के केस में 250 से ज्यादा सरपंच प्रधान मेरे पर समझौते का दबाब बनाने के लिए , हमारे घर आये। क्योंकि ..............

    उसकी वजह थी , मोटी दलाली की संभावना , क्योंकि मेरा गुड़गांव वाला मकान पत्नी के नाम था, मैं खुद भी अच्छे लेवल पर था, मेरा भाई भी साइंटिस्ट है । कई लोगों में ससुर क भेजे हुएे , दलाल भी थे । क्योंकि मेरे माता पिता तो मेरे साथ रहते ही नहीं थे । इसलिये , उनको समझा कर , हम खुद आगे आये। हमने उन लोगों से केवल दो ही सवाल किये कि ज्यादा अच्छी लग रही है , तो अपनी पत्नी की सौतन बनाकर अपने घर ले जाओ ........ या फिर अपने लड़के की पत्नी बनाकर घर ले जाओ ।

    कई कमीने लोगों ने ( जिनकी दाल नहीं गली,) उन्होंने घर वालों पर दबाब बनाने की कोशिश की, तो उन्होंने साफ कह दिया कि रहना बच्चों ने है, अगर ये तैयार हो, तो इससे बात कर लो ......। उनको चाय पीनी मुश्किल हो गई ।

    एक और अच्छी बात ये भी हुई कि जो लोग पत्नी और उसके बाप को भाव दे रहे थे । उनके घर की बहुओं ने ही , जब उनके खिलाफ दिक्कतें , करनी शुरू की, तो उन्होंने पत्नी का अपने घर में घुसना बन्द करवा दिया ।
    अपने मुकदमें से , सबसे पहले इन दलालों को बाहर करो । माँ बाप को समझा कर, खुद मौर्चा संभालो ।

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