Wednesday, 11 May 2016

अब सुप्रीम कोर्ट को भी, हमारे टोपी पहनने से , तकलीफ होने लगी .........





कल हम, सहारा को सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी से सम्बंधित RTI की अपील के सिलसिले में , सुप्रीम कोर्ट गए थे। हम बस से उतरे , तो सामने गेट नंबर D था। जाने लगा तो सिक्यूरिटी वाले ऐतराज करने लगे कि भाई साहब टोपी उतार कर जाओ । हमने उनको बताया कि हम कोई पहली बार , सुप्रीम कोर्ट नहीं आ रहे हैं । पहले भी कई बार में , इसी तरह टोपी डालकर ही आता रहा हूँ और अंदर अपने काम भी करके आया हूँ । क्योंकि में थोडा लेट हो रहा था , इसलिये, मैंने बहस में ना उलझकर, गेट C से गया और अंदर चला गया, क्योंकि वे हमारे बारे में जानते हैं । आपको याद होगा , मोहिनी कामवानी जी का मामला भी गेट C पर ही हुआ था । अंदर गया पास बनवाया, तो पास बनाने वाले ने , लेटर देने के बावजूद, रजिस्ट्रार से बात की, तब पास बनाया। अब अंदर जाने लगा तो, सिक्यूरिटी वाले, वाही बात दोहराने लगे । हमनें उनको कहा की ये किसी भी व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है और आप अपने बड़े अधिकारी से बात करें । वे कई लोगों के पास गए, उनसे बात की और फिर आखिरकार वे मान गए और हम टोपी पहनकर ही अंदर गए । अगर हम उनकी बात मानकर , टोपी उतार देते तो वे हमेशा के लिए, दिक्कत पैदा करते। जब हम वापिसी में आये तो वे बोले कि भाई साहब ... क्या मामला था ......??? हमने उनको सुब्रत रॉय के केस की गड़बड़ी की बारे में , बताया तो सच जानकर उनका खून बढ़ गया कि ...कोई तो है , जो इन बड़े लोगों की गड़बड़ी पकड़कर , पीछे पड़ा हुआ है। फिर हम गेट डी पर भी गए, उनको बताया कि हम टोपी पहनकर ही अंदर गए और अपना काम करके आये हैं । वे भी सुब्रत रॉय के मामले को जानकर बड़े हैरान हुए । बता रहे थे कि याकूब मेमन के लिए रात को भी कोर्ट खुला था ।

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