Friday, 13 May 2016

झूठे दहेज़ के मुकदमों के शिकार लोगों का शोषण करने वाले, वहाँ भी मौजूद हैं, जहाँ आप शक करने की सोच भी नहीं सकते ..............???

हिन्दुस्तान में झूठे दहेज़ के मुकदमों का शिकार बनाये गए लोगों का शोषण करने वाले, ......... वहाँ भी मौजूद होते हैं, जहाँ हम शक करने की सोच भी नहीं सकते .......

आदरणीय देशवासियों ,
अभी कई दिनों से हम इस समस्या का समाधान खोजने में लगे हुए हैं कि जो लोग , निर्दोष लोगों का शोषण करने के लिए, झूठे मुकदमें करते है और करवाते हैं , ........उनका ईलाज कैसे किया जाये .......?????
देश के अलग2 हिस्सों से पीड़ित भाई लोगों के फ़ोन आते हैं , कुछ मिलने भी आते हैं । सबकी समस्या गंभीर हैं , ऊपर से हमारा अनुभव ख़राब होना, जिसके कारण हमें सही, बात भी गलत ही लगती है ।
अभी कुछ दिनों पहले एक दोस्त का मामला सामने आया । वो पहले मुझसे मिला, कुछ काम बना, लेकिन वो रेवाड़ी की प्रोटेक्शन ऑफिसर की चक्कर में आ गया।
(आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो औरत रेवाड़ी की Protection Officer थी वो पहले कोई महिला परिषद् नाम की किसी संस्था का हिस्सा थी, ऊपर से वकील भी। इसलिए, बेहद चालाक, ड्रामेबाज और नौटंकीबाज भी थी और उसको उलटे सीधे अवैध वसूली के तौर तरीके मालूम थे। वो जुगाड़ से उन औरतों के फ़ोन, और पता निकलवा लेती थी, जिनके पति रेवाड़ी से थे, उनसे संपर्क करके , उन औरतों को पटा कर , पति परिवार पर समझौता करवाने के नाम पर , पति परिवार को जेल भेजने का डर बनाकर, उनके द्वारा डेल गए केस वापिस करवा देती। जबकि औरत के केस वापिस नहीं करवाती, और समझौता करवाकर, उस औरत को पति के घर भेजकर, और ड्रामे करवाकर फिर मुकदमे करवाने की धमकी देकर , पैसे ऐंठती थी ). उसके सारे मुकदमें, वापिस करवा दिए, जबकि उसकी पत्नी के केस वापिस नहीं करवाये । पति को ये कह कर डरा दिया की तेरी बहन को जेल हो जायेगी, वो डर गया और उसको साथ ले गया। उस औरत ने फिर वही ड्रामे, धमकियां शुरू कर दी , तब वो फिर मेरे पास आया। जब समझौता किया तब मुझसे कोई सलाह नहीं ली। वो तो शुक्र है कि वो दुबारा भाग गई , वर्ना हालात और ख़राब होते .......!!! दोस्त ने पुलिस के मामले में भी कुछ लापरवाही बरती, अब पुलिस ने रंजिश के चलते, उनके परिवार के 4 लोगों को भगोड़ा घोषित कर दिया । लगभग 2 से ज्यादा साल से कोर्ट में भी नहीं गया। अब बुरी तरह फँस गया। कई मुकदमें लग गए वो अलग, ऊपर से जेल भी जाना पड़ेगा ।
इसलिए, हमारी ये सलाह कि जब एक बार मुकदमेबाजी हो ही गई, तो फिर किसी भी रिश्तेदार, पुलिस, महिला सेल, प्रोटेक्शन ऑफिसर, सरपंच , प्रधान, के दबाब में आकर,................ उस औरत के साथ न तो कोई समझौता करें और ना ही उसे अपने घर पर लाएं । क्योंकि कोर्ट में वकील और पुलिस , औरतों को उलटे सीधे, चालाकियां सीखा देते हैं । निकम्मी औरतों को गलत बात जल्दी समझ में आती है। .

समझौता करवाया, अपना स्वार्थ साधा, आपको कुएं में धकेला, और ये लोग तो अपने घर चले गए ।
 मरा हुआ साँप,..... आपके गले में डाल गए, भुगतना आपको ही पड़ेगा........

सरपंच प्रधान टाइप के लोगों की स्वार्थ भरी, दलीलें कि पूरी जिंदगी कैसे कटेगी ........??? बुढ़ापे में रोटी कौन देगा........??? इन सब दलीलें देने के पीछे एक , अदृश्य कारण सेक्स की जरुरत भी दिखाई जाती है ।
मर्द की सबसे बड़ी कमजोरी होती है कि वो कितना भी ताकतवर हो, इन बातों में आकर्षित हो जाता है।
अरे भाई....!!! आप शादी से पहले भी तो रहते थे ........??? और सारे लड़के फ्रॉड नहीं होते, संयम से रहने वाले भी होते हैं ।
वंश चलाने, बच्चों के लिए भावुक न बनें । किसी भावना में न उलझकर, अपने परिवार और बूढ़े माँ बाप के जीवन के अंतिम समय को सुखी रखने , और अपने घर को बिना सलाखों की जेल बनने से बचाएं ।

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