. मैंने ऐसे कई मामले देखे हैं, जिनमें जज ( जिनमें अधिकतर ब्राह्मण या बनिया समुदाय से है , या इनके रिश्तेदार हैं । बाकि दूसरे तो नाम मात्र के हैं ), अपनी ताकत और रुतबे को कायम रखने के लिए, दलित जजों को प्रताड़ित करते हैं । कई मामलों में हमने देखा है कि दलित जज , नियत से ईमानदार होते हुए भी, अपवाद फैसला लेते हुए डरते हैं । जबकी दूसरे जज जिनके , जुगाड़ ऊपर तक हैं या जिनके माई बाप ऊपर हैं ,---वे कोई भी गैर कानूनी फैसला , बिना किसी डर के लिख देते हैं । न्यायपालिका में भी जातिवाद की जडें , बहुत गहरी फैली हुई हैं । दलित तबके के लोग कुछ बड़े पदों पर पहुँच तो गए हैं , लेकिन आत्मसम्मान की लड़ाई बाकि है । बाकि दूसरे कुछ लोगों को तो अपनी आदत के चलते, गरीब , पीड़ित , कमजोर और दलित तबके को सुबह, शाम गालियां दिए बिना, खाना ही हजम नहीं होता........!!!
We invite all Activists, Religious Gurus, Experts, Intellectuals, RTI Activists, Responsible Citizens to come forward to change India. Anyone working to change anything, any issue for betterment of Society and Nation, is valuable asset to Nation. We request you to come forward to make India a better place to live............... M--09253323118 Email-- letschangeindiablog@gmail.com
Wednesday, 13 April 2016
हिन्दुस्तान के कोर्ट में दलित जजों का होता है शोषण .......
. मैंने ऐसे कई मामले देखे हैं, जिनमें जज ( जिनमें अधिकतर ब्राह्मण या बनिया समुदाय से है , या इनके रिश्तेदार हैं । बाकि दूसरे तो नाम मात्र के हैं ), अपनी ताकत और रुतबे को कायम रखने के लिए, दलित जजों को प्रताड़ित करते हैं । कई मामलों में हमने देखा है कि दलित जज , नियत से ईमानदार होते हुए भी, अपवाद फैसला लेते हुए डरते हैं । जबकी दूसरे जज जिनके , जुगाड़ ऊपर तक हैं या जिनके माई बाप ऊपर हैं ,---वे कोई भी गैर कानूनी फैसला , बिना किसी डर के लिख देते हैं । न्यायपालिका में भी जातिवाद की जडें , बहुत गहरी फैली हुई हैं । दलित तबके के लोग कुछ बड़े पदों पर पहुँच तो गए हैं , लेकिन आत्मसम्मान की लड़ाई बाकि है । बाकि दूसरे कुछ लोगों को तो अपनी आदत के चलते, गरीब , पीड़ित , कमजोर और दलित तबके को सुबह, शाम गालियां दिए बिना, खाना ही हजम नहीं होता........!!!
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