Saturday, 9 April 2016

प्राइवेट स्कूलों की शोषण की प्रवृति को उजागर करती एक बेहतरीन पेशकश ...........

स्कूलों में लूट ..........
अगर एक स्कूल में 7000 बच्चे हैं Annual fee building fund ke sath 5000/- rs hai ,
7000*5000=35000000 , यानी कि तीन करोड़ पचास लाख रुपये यह रकम आप से बिना वजह लेते है बिलिंडग और ऐनुयल फडं के रूप मे , यह फडं स्कूल लगाता कहा है 
?? कही नही...............
अब टयुश्न फीस 1400/- महीना यानी 7000 बच्चे , 7000*1400 =9800000 रुपये प्रति महीना और स्कूल का खर्च 160 मैडम कर्मचारी लगभग 160*20000=3200 000 बत्तीस लाख साथ में मैनटेंनस 1800000 अठारह लाख रुपये यह भी मैंने ज्यादा गिन दिए टोटल हुए 50000000 पचास लाख रुपये ................
आया प्रति महीना 98000000 और खर्च हुआ 50000000 बाकी बचे 48000000 अरतालिस लाख रुपये महीना ,अब कम्प्यूटर के लिए 100 रुपये प्रति महीना 5000*100=500000 पांच लाख रुपये प्रति महीना लगता लगभग लाख रुपये महीना बाकी बचे 400000 रुपये टोटल हुए बावन लाख रुपये महीना ,फिर यह ऐयनुयल फीस और बिलिंडग फडं क्यो ???????????????? (जागो पैरेट्स जागो)
यहां ना तो सरकार देखती है ना ही कोई मैहक्मा .....................
टैक्स के लिए सभी लोगों को ऊपर मडंराते रहते है ,स्कूलों पर किसी की निगाह नहीं है आप सभी से अनुरोध है कि अपना कारोबार (होजरी) छोड़ दें क्योंकि यहाँ तो टैक्स देने पड़ते है ऊपर से सीजन भी नहीं लगता ,दोहरी मार पड़ती है और पैसा डूबते है वो अलग से ...इसलिए होजरी का काम छोड़कर स्कूल खोल लिया जाए क्यों है ना पते की बात................
सभी से अनुरोध है कि यह मैसज ध्यान से पढ़ें और गौर करें कि यह सब लिखा ठीक है के गल्त अगर आप स्कूलों पर ऐक्सन लेते है तो फिर ठीक नहीं तो मेरा लिखा भी बेअथ् जाएगा ,कृपा आगे सभी ग्रुप में शेयर करना ना भूलें धन्यवाद आपका






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