डॉ. आंबेडकर जी, इस देश को कैसा संविधान दे गये .....???
जिसकी जिम्मेदारी कानून बनाने की है वे खुद ही अनपढ़ / नाकाबिल और अपराधी हैं.......???
जिनकी जिम्मेदारी संविधान के प्रावधानों की रक्षा करने की है , यानि की न्यायपालिका , वे ही इस देश में संविधान का , सबसे ज्यादा, मजाक बना रहे हैं ......???
जिसकी जिम्मेदारी कानून बनाने की है वे खुद ही अनपढ़ / नाकाबिल और अपराधी हैं.......???
जिनकी जिम्मेदारी संविधान के प्रावधानों की रक्षा करने की है , यानि की न्यायपालिका , वे ही इस देश में संविधान का , सबसे ज्यादा, मजाक बना रहे हैं ......???
न्याय बिक रहा है , जज ही न्याय को अन्याय में बदलने में व्यस्त है। निर्दोष को बनाया जाता है, अपराधी और अपराधी हो जाता है बरी........
पीड़ित लोग मानसिक रूप से इतने गुलाम हो चुके हैं , कि अन्याय और अत्याचार के खिलाफ, कुछ करने को तैयार ही नहीं.........??? सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ही , संविधान का मजाक उड़ाते हैं , और शपथ लेते है ---संविधान की रक्षा करने की .........
तथाकथित आज़ादी के 69 साल बाद भी , इस देश में छुआछूत जारी है , सरकारी कॉलेज में दलित छात्रों को अलग कक्षा में बिठाया जाता है, गावँ में हरिजन चौपाल , पिछड़ा चौपाल, और सामान्य यानि की दबंग लोगों के लिए चौपाल ही अलग2 हैं । जब हम इकठ्ठा बैठेंगे ही नहीं, तो भाईचारा, सामाजिक सौहार्द, समानता की भावना कहाँ से आएगी .......??? जमीनी स्तर पर भेदभाव कैसे ख़त्म होगा ..........
कृपया , करके हमें कुछ समझाओ कि आपने इतनी प्रताड़ना सहते हुए भी, अन्याय के खिलाफ , संघर्ष कैसे जारी रखा ...........??? ताकि इस देश के नकली , डरपोक, और दब्बू पीड़ित , जोकि कानून दुरुपयोग के शिकार हैं , उनको जगाया जा सके ..........???
भवदीय
देश का एक जिम्मेदार नागरिक, .......
पीड़ित लोग मानसिक रूप से इतने गुलाम हो चुके हैं , कि अन्याय और अत्याचार के खिलाफ, कुछ करने को तैयार ही नहीं.........??? सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ही , संविधान का मजाक उड़ाते हैं , और शपथ लेते है ---संविधान की रक्षा करने की .........
तथाकथित आज़ादी के 69 साल बाद भी , इस देश में छुआछूत जारी है , सरकारी कॉलेज में दलित छात्रों को अलग कक्षा में बिठाया जाता है, गावँ में हरिजन चौपाल , पिछड़ा चौपाल, और सामान्य यानि की दबंग लोगों के लिए चौपाल ही अलग2 हैं । जब हम इकठ्ठा बैठेंगे ही नहीं, तो भाईचारा, सामाजिक सौहार्द, समानता की भावना कहाँ से आएगी .......??? जमीनी स्तर पर भेदभाव कैसे ख़त्म होगा ..........
कृपया , करके हमें कुछ समझाओ कि आपने इतनी प्रताड़ना सहते हुए भी, अन्याय के खिलाफ , संघर्ष कैसे जारी रखा ...........??? ताकि इस देश के नकली , डरपोक, और दब्बू पीड़ित , जोकि कानून दुरुपयोग के शिकार हैं , उनको जगाया जा सके ..........???
भवदीय
देश का एक जिम्मेदार नागरिक, .......
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