Saturday, 16 April 2016

हम ईश्वर के शुक्रगुजार हैं कि दहेज़, गुजारा भत्ता, घरेलू हिंसा के झूठे मुकदमों में , .....सब कुछ बर्बाद होने के बावजूद , हम देश और समाज के पीड़ित लोगों के लिए कुछ कर सके ........

हम ईश्वर के शुक्रगुजार हैं कि दहेज़, गुजारा भत्ता, घरेलू हिंसा के झूठे मुकदमों में , .....सब कुछ बर्बाद होने के बावजूद , हम देश और समाज के पीड़ित लोगों के लिए कुछ कर सके ........
हिन्दुस्तान में आजतक , पति और उसके परिवार वालों को , महिला सेल, पुलिस अधिकारी, प्रोटेक्शन ऑफिसर, वकील, जज , सभी ने एक पैसा ऎंठने के आसान शिकार के रूप में ही देखा ..........और हमनें अब इस समस्या के समाधान ढूंढ लिए हैं ।
7 साल पहले जब मेरी पत्नी ने ड्रामा करके , गुड़गांव में पत्नी के नाम ख़रीदा हुआ मकान हड़फने, की नियत से, लालची ससुर ( जोकि अपने आप की दहेज़ के केसों का डॉन समझता था ) ने मेरे और परिवार के खिलाफ मुक़दमे डलवाये, । हम शोषण के आगे नहीं झुके, कैरियर बर्बाद हुआ, नौकरी गई । लेकिन अच्छी सोच को मैंने मरने नहीं दिया और मैंने कसम खाई थी कि --- एक दिन , मैं कुछ ऐसा करूँगा , जिसके कारण ये स्वार्थी लोग , निर्दोष लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाने से पहले डरेंगे । साधारण काम में , हमारी रूचि , कभी भी नहीं रही । हमेशा बड़े काम और असाधारण काम, जिनकों , कई करोड़ों लोगों में से कोई विरला ही , करने की सोच सकता है। चाहे....वो नई दवाई Invent करना हो............., या दुनियाभर के बढ़िया Mouth Organ सिखने हों ,......… या जजों की गड़बड़ी पकड़ना हो ........., या झूठे दहेज़ के मुकदमों को दर्ज करवाने वाले बाप बेटी को सजा करवाने की बात हो ........
अभी हमें , बहुत कुछ करना हैं । हम अभी एक मुकाम पर पहुंचे हैं , जहाँ कभी भी, कोई भी , मेरे माता पिता को ये शिकायत ,नहीं कर सकेगा, कि तुमने अपने बच्चे पर, पढाई के पैसे खर्च किये, मेहनत की , वो बेकार थी । अब हमें पुरा विश्वास है, कि मेरे माता पिता ने अपनी मेहनत की कमाई , ( यानिकि हम ) जो कि देश और समाज को सौंपी थी, वो सार्थक थी । किसी का बच्चा , अपना व्यक्तिगत नुकसान , झेलकर भी, अगर देश , समाज के लिए, कुछ कर जाये........ऐसा भी , कितने लोगों को नसीब होता है .......???
सोच अच्छी हो, तो अच्छे ही काम होंगे, ........!!!
अगर बहुत अच्छी होगी, तो बहुत बड़े काम होंगे......!!!
अगर अवचेतन मन जागृत है, तो दुनिया में अजूबे कहे और माने जाने वाले , काम होंगे ........
देश 19 लाख से ज्यादा वकील, कानून में प्रावधान होते हुए भी, पति परिवार की प्रताड़ना , शोषण , को रोकने के लिए, पत्नी और उसके परिवार वालों के खिलाफ , हिंदुस्तान में कुछ उंगलियों पर गिनने लायक ही मुकदमे, डाले गए हैं। कारण सिर्फ एक है कि -- शरीफ लोगों को जेल भेजने का डर बनाकर, आसानी से मिलने वाली अवैध वसूली का लालच .......,जोकि स्वार्थी लोगों के लालच के चलते , महिला सशक्तिकरण के आड़ में , एक संगठित इंडस्ट्री का रूप ले चुकी है ।
इसीलिए, हमनें अब कुछ तरीके निकाले हैं, जिनके बारे में वकीलों ने , जानबूझकर कुछ भी नहीं किया ।
इस लड़ाई में , बहुत सारे अच्छी सोच वाले, वकील , दोस्त, मेरे रिसर्च के दौरान , inspire करने वाले, मेरे अध्यापक गण , मुसीबत में मेरे साथ देने वाले, मुझसे छोटे, बड़े , कोई भाई सामान , तो कुछ पिता सामान , कोई बहन सामान , तो कोई माता के सामान , सभी का अहम् योगदान रहा है । मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी आप सभी का प्यार और आशीर्वाद मिलता रहेगा .......
आपका अपना
Manojj Kr. Vishwakarma ......
Social Activist, RTI Activist and Scientist......

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