Saturday, 28 January 2017

गलत जजों के होंसले इसलिए बुलंद रहते हैं, क्योंकि उनको ये मालूम है कि ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जब तक गलत फैंसले देने वाले जजों के खिलाफ प्रशासनिक शिकायत कार्यवाही नहीं होगी, तब तक निर्दोष जनता  ऐसे ही प्रताड़ित होती रहेगी और मुकदमों का बोझ ऐसे ही  बढ़ता ही रहेगा ।

 केवल अपील करने से उस जज को क्या सजा मिली.....???
सजा तो फिर भी धन और समय की बर्बाद के जरिये अपील कर्ता को ही मिली !....... ???

 जजों की प्रशासनिक शिकायत ना के बराबर होती है ।
 जब तक न्यायपालिका के बड़े मंदिर के पुजारी ( यानि कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज ) निचली अदालतों के जजों के फर्जीवाड़ों और भरष्टाचार की शिकायतों पर कोई कार्यवाही न करके, अवैध वसूली करके उनको बचाते रहेंगे, तब तक ये जज सुधरने वाले नहीं है । इसलिए गलत जजों के होंसले बुलंद रहते हैं, क्योंकि उनको ये मालूम है  कि--- गलत फैंसला देने पर उनके खिलाफ कुछ भी नहीं होगा ........!!!

जब जज संरक्षण अधिनियम बनाया गया था तो उसमें ये साफ लिखा था कि -- इस कानून बनने का ये मतलब नहीं है कि जज कुछ भी करने के लिए आज़ाद हो गए हैं, जब भी किसी जज के खिलाफ कोई शिकायत आएगी, तो उस पर कार्यवाही करनी पड़ेगी।

 लेकिन इस देश का दुर्भाग्य देखिये, कि जिसके जिम्मे संविधान के द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार, और संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई थी, वे ही संविधान का सबसे ज्यादा मजाक बना रहे हैं । जबकि ये शपथ लेते है संविधान के अनुसार काम करने की....... अब जजों ने बेशर्मी और फर्जीवाड़ों की सभी हदें पार कर दी हैं और ये कुदरत का नियम है कि -- जब भी कोई ताकत निरंकुश और बेलगाम हो जाती है, तब कुदरत किसी न किसी अवतार के माध्यम से उस अत्याचार से मुक्ति दिलवाती है ।  अब वो वक्त नजदीक ही है, जजों की जबाबदेही कानून बनेगा, और ये फर्जीवाड़े करने वाले जज , अपनी औकात में रहने लगेंगे ।

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