आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
क्या संविधान लागु होने के 67 साल बाद भी हिन्दुस्तान में संविधान लागु हो पाया है ..........???
आज पुरे देश में गणतंत्र दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया । सरकारी खजाने से अरबों रूपये खर्च करके देश के सार्वजनिक संस्थान जैसे -- स्कूल, कॉलेज, कोर्ट, विभिन्न आयोग के आलावा देश के प्राइवेट और सरकारी संस्थान ने गणतंत्र दिवस मनाया । देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने देश के नाम संदेश भी दिया , ये सब हम पिछले 67 वर्षों से देखते आ रहे हैं । हर बार यही बात दोहराई जाती हैं कि हमारा देश गणतांत्रिक देश है, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागु हुआ । लेकिन उस समय संसद अंग्रेज़ों की थी , देश में पहले लोकसभा चुनाव तो 1952 में हुए थे ।
तो फिर या संविधान आज़ाद हिंदुस्तान का कैसे हो गया ....???
दूसरा सवाल ये कि आज तक इस संविधान को हकीकत में लागु क्यों नहीं कर पाये .......???
तीसरा सवाल ये कि -- जिन लोगों को संविधान की रक्षा की शपथ दिलवाई जाती है ( जैसे हाई कोर्ट , सुप्रीम कोर्ट के जज, विभिन्न आयोगों के सदस्य और अध्यक्ष और दूसरे संवैधानिक पद पर आसीन लोग ), जब वे ही संविधान का मजाक बनाते हैं तो उन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं ......???
आजतक मौलिक अधिकारों को जमीनी स्तर पर लागु क्यों नहीं किया जा सका .......???
देश की न्यायपालिका के भृष्ट जज ही कोर्टों में मुकदमों की सुनवाई के दौरान , रोजाना संविधान की हत्या करते हैं, उनकी इस बेलगाम कार्यशैली को आज भी हम क्यों झेल रहे है .......???
भृष्ट और बेईमान आचरण वाले लोगों को ही हम संवैधानिक पद पर क्यों बिठा रहे हैं .......??? जो लोग खुद ही चोर , डाकू वाला काम करते हैं, क्या वे किसी को न्याय देंगे ......??? मैंने कई ऐसे मामले देखे हैं, जब भी जिम्मेदार पर पर भृष्ट व्यक्ति को, संविधान की रक्षा करने की शपथ के साथ नियुक्त किया जाता है , तो वे लोग शपथ तो केवल दिखावे, और उस पद की सुख सुविधाओं को हासिल करने और ईमानदारी का दिखावा करने के लिए करते है । हरियाणा मानव अधिकार आयोग का पहला अध्यक्ष विजेंदर कुमार जैन को बनाया, जोकि भृष्ट आचरण वाला जज था। ऐसे ही हरियाणा में पहला लोकायुक्त प्रितमपाल को बनाया , वो भी बेईमान प्रवृति का आदमी था । ऐसे ही पंजाब के वर्तमान लोकपाल सतीश मित्तल भी भृष्ट व्यक्ति रहा है, जिस ने हाई कोर्ट का जज रहते हुए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की निचली अदालतों के लिए खरीदी गई कुर्सियों में ही रिश्वत खा ली थी । ऐसे चरित्र वाले लोग , पीड़ित लोगों को क्या न्याय देंगे .......???
देश की अदालतों में जज जिनकी जिम्मेदारी , पीड़ित लोगों को न्याय देने की है, वे ही न्याय को सरे आम बेच रहे हैं , दिखावे में न्याय का मंदिर और हकीकत में शोषण और अवैध वसूली के केंद्र बन गए है, चोर, डाकू, मर्डर ,डकैती जैसे अपराध से भी खतरनाक अपराध जज कर रहे है।
जिन लोगों पर जेल में बन्द लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है वे ही अवैध वसूली करके उनका शोषण कर रहे हैं ..........
क्या देश को ऐसा संविधान देने के लिए ही शहीदों ने अपनी कुर्बानी दी थी ........???
क्या संविधान लागु होने के 67 साल बाद भी हिन्दुस्तान में संविधान लागु हो पाया है ..........???
आज पुरे देश में गणतंत्र दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया । सरकारी खजाने से अरबों रूपये खर्च करके देश के सार्वजनिक संस्थान जैसे -- स्कूल, कॉलेज, कोर्ट, विभिन्न आयोग के आलावा देश के प्राइवेट और सरकारी संस्थान ने गणतंत्र दिवस मनाया । देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने देश के नाम संदेश भी दिया , ये सब हम पिछले 67 वर्षों से देखते आ रहे हैं । हर बार यही बात दोहराई जाती हैं कि हमारा देश गणतांत्रिक देश है, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागु हुआ । लेकिन उस समय संसद अंग्रेज़ों की थी , देश में पहले लोकसभा चुनाव तो 1952 में हुए थे ।
तो फिर या संविधान आज़ाद हिंदुस्तान का कैसे हो गया ....???
दूसरा सवाल ये कि आज तक इस संविधान को हकीकत में लागु क्यों नहीं कर पाये .......???
तीसरा सवाल ये कि -- जिन लोगों को संविधान की रक्षा की शपथ दिलवाई जाती है ( जैसे हाई कोर्ट , सुप्रीम कोर्ट के जज, विभिन्न आयोगों के सदस्य और अध्यक्ष और दूसरे संवैधानिक पद पर आसीन लोग ), जब वे ही संविधान का मजाक बनाते हैं तो उन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं ......???
आजतक मौलिक अधिकारों को जमीनी स्तर पर लागु क्यों नहीं किया जा सका .......???
देश की न्यायपालिका के भृष्ट जज ही कोर्टों में मुकदमों की सुनवाई के दौरान , रोजाना संविधान की हत्या करते हैं, उनकी इस बेलगाम कार्यशैली को आज भी हम क्यों झेल रहे है .......???
भृष्ट और बेईमान आचरण वाले लोगों को ही हम संवैधानिक पद पर क्यों बिठा रहे हैं .......??? जो लोग खुद ही चोर , डाकू वाला काम करते हैं, क्या वे किसी को न्याय देंगे ......??? मैंने कई ऐसे मामले देखे हैं, जब भी जिम्मेदार पर पर भृष्ट व्यक्ति को, संविधान की रक्षा करने की शपथ के साथ नियुक्त किया जाता है , तो वे लोग शपथ तो केवल दिखावे, और उस पद की सुख सुविधाओं को हासिल करने और ईमानदारी का दिखावा करने के लिए करते है । हरियाणा मानव अधिकार आयोग का पहला अध्यक्ष विजेंदर कुमार जैन को बनाया, जोकि भृष्ट आचरण वाला जज था। ऐसे ही हरियाणा में पहला लोकायुक्त प्रितमपाल को बनाया , वो भी बेईमान प्रवृति का आदमी था । ऐसे ही पंजाब के वर्तमान लोकपाल सतीश मित्तल भी भृष्ट व्यक्ति रहा है, जिस ने हाई कोर्ट का जज रहते हुए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की निचली अदालतों के लिए खरीदी गई कुर्सियों में ही रिश्वत खा ली थी । ऐसे चरित्र वाले लोग , पीड़ित लोगों को क्या न्याय देंगे .......???
देश की अदालतों में जज जिनकी जिम्मेदारी , पीड़ित लोगों को न्याय देने की है, वे ही न्याय को सरे आम बेच रहे हैं , दिखावे में न्याय का मंदिर और हकीकत में शोषण और अवैध वसूली के केंद्र बन गए है, चोर, डाकू, मर्डर ,डकैती जैसे अपराध से भी खतरनाक अपराध जज कर रहे है।
जिन लोगों पर जेल में बन्द लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है वे ही अवैध वसूली करके उनका शोषण कर रहे हैं ..........
क्या देश को ऐसा संविधान देने के लिए ही शहीदों ने अपनी कुर्बानी दी थी ........???
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