आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
देश के सर्वोच्च न्यायलय सुप्रीम कोर्ट में रोजाना लगभग 4000 से 5000 शिकायतें रोजाना आती हैं, पीड़ित लोग उस शिकायत की कॉपी हाई कोर्ट को भी भेजते हैं I न तो सुप्रीम कोर्ट कोई कार्यवाही करता है ........... उन शिकायतों पर भी नहीं जोकि हाई कोर्ट के जजों के गंभीर फर्जीवाड़े या फिर सविधानिक के द्वारा दिए गये मौलिक अधिकारों से सम्बंधित होती है,................और न ही हाई कोर्ट कोई कार्यवाही करते हैं I
वैसे जजों को संविधान की रक्षा की शपथ दिलवाई जाती है, लेकिन संविधान के प्रावधानों का सबसे ज्यादा मजाक देश के अदालतों के भ्रष्ट जज ही बनाते हैं I लोकतंत्र के दुसरे अंग ( कार्यपालिका, विधानपालिका, मीडिया, पुलिस और दुसरे विभाग )कुछ करे तो न्यायपालिका बड़े प्रवचन देती है, लेकिन जब फर्जीवाड़ा करने वाले जज हों, तो हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट को कोई कमी, फर्जीवाड़ा या बुराई, दिखती ही नहीं .................
संविधान निर्माताओं ने न्यायपालिका को स्वतंत्र रखने का प्रावधान शुरू करते वक्त ये सोचा भी नहीं होगा कि – देश में कभी ऐसी स्थिति भी आएगी कि – जज इस हद तक फर्जीवाड़ा करेंगे ओर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट इस हद तक बेशर्म और गैर जिम्मेदार हो जायेंगे ,...................... और देश के नागरिक इस खतरनाक स्थिति का सामना करेंगे I
देश के लोगों के खून पसीने की कमाई से एकत्रित टैक्स के पैसे के खर्चे पर पलने वाले इन विभागों को अब बंद कर देना चाहिए, क्योकिं आज़ादी से लेकर आज तक, भ्रष्ट जजों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय उनको बचाने, मुफ्त की मोटो वेतन/ सुविधाओं के मजे लूटने और फर्जीवाड़े को प्रोत्साहित करने के आलावा कोई परिणाम ना तो देश के सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस और ना ही सुप्रीम कोर्ट पब्लिक ग्रिएवेंस सेल दे पाए हैं, तो क्यों इनको सफ़ेद हाथी के रूप में पाल पोशकर, जनता के खून पसीने की कमाई के पैसे को बर्बाद करते रहने दिया जाये ......................???
Please watch this video --- https://youtu.be/juagWxdCHOo
देश के सर्वोच्च न्यायलय सुप्रीम कोर्ट में रोजाना लगभग 4000 से 5000 शिकायतें रोजाना आती हैं, पीड़ित लोग उस शिकायत की कॉपी हाई कोर्ट को भी भेजते हैं I न तो सुप्रीम कोर्ट कोई कार्यवाही करता है ........... उन शिकायतों पर भी नहीं जोकि हाई कोर्ट के जजों के गंभीर फर्जीवाड़े या फिर सविधानिक के द्वारा दिए गये मौलिक अधिकारों से सम्बंधित होती है,................और न ही हाई कोर्ट कोई कार्यवाही करते हैं I
वैसे जजों को संविधान की रक्षा की शपथ दिलवाई जाती है, लेकिन संविधान के प्रावधानों का सबसे ज्यादा मजाक देश के अदालतों के भ्रष्ट जज ही बनाते हैं I लोकतंत्र के दुसरे अंग ( कार्यपालिका, विधानपालिका, मीडिया, पुलिस और दुसरे विभाग )कुछ करे तो न्यायपालिका बड़े प्रवचन देती है, लेकिन जब फर्जीवाड़ा करने वाले जज हों, तो हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट को कोई कमी, फर्जीवाड़ा या बुराई, दिखती ही नहीं .................
संविधान निर्माताओं ने न्यायपालिका को स्वतंत्र रखने का प्रावधान शुरू करते वक्त ये सोचा भी नहीं होगा कि – देश में कभी ऐसी स्थिति भी आएगी कि – जज इस हद तक फर्जीवाड़ा करेंगे ओर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट इस हद तक बेशर्म और गैर जिम्मेदार हो जायेंगे ,...................... और देश के नागरिक इस खतरनाक स्थिति का सामना करेंगे I
देश के लोगों के खून पसीने की कमाई से एकत्रित टैक्स के पैसे के खर्चे पर पलने वाले इन विभागों को अब बंद कर देना चाहिए, क्योकिं आज़ादी से लेकर आज तक, भ्रष्ट जजों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय उनको बचाने, मुफ्त की मोटो वेतन/ सुविधाओं के मजे लूटने और फर्जीवाड़े को प्रोत्साहित करने के आलावा कोई परिणाम ना तो देश के सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस और ना ही सुप्रीम कोर्ट पब्लिक ग्रिएवेंस सेल दे पाए हैं, तो क्यों इनको सफ़ेद हाथी के रूप में पाल पोशकर, जनता के खून पसीने की कमाई के पैसे को बर्बाद करते रहने दिया जाये ......................???
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