Wednesday, 11 January 2017

न्यायपालिका के फर्जीवाड़े रोकने के लिए,, देश की जनता के नाम अपील..............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

देशवासियों के नाम अपील...................

न्यायपालिका के भ्रष्ट जजों के फर्जीवाड़े, तानाशाही, प्रताड़ना, शोषण की प्रवृति, गैर कानूनी तरीके से वारंट जारी करके जेल भेजना जैसे कारनामों पर लगाम लगाने के लिए, जजों की जबाबदेही कानून बनवाने के लिए,  देश के लोगों से अपील ...........................

संविधान निर्माताओं ने हिंदुस्तान की न्यायपालिका को स्वतंत्र इसलिए बनाया ताकि पीड़ित लोगों को निष्पक्ष न्याय मिल सके I लेकिन न्यायपालिका ने देश  के लोगों को न्याय दिलवाने की अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की बजाय, अपनी ताकत के इस्तेमाल करते हुए केवल अपनी तानाशाही को ही बढ़ने पर ध्यान दिया I  यही कारण है कि -- जजों के खिलाफ आई  शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं करने से, न्यायपालिका के भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला I पीड़ित शिकायत करता है तो विधायिका ( यानि कि मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, कानून मंत्रालय स्वतंत्र न्यायपालिका की दुहाई देकर, पुलिस और कार्यपालिका  जज की संरक्षण कानून का हवाला देकर पल्ला  झाड़ लेते हैं ) राज्यपाल  और राष्ट्रपति को कार्यवाही करने का अधिकार है लेकिन वे भी इन शिकायतों पर कोई कार्यवाही न करके, हाई कोर्ट को ही भेज देते हैं I सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बढ़िया बहाना बना रखा है कि -- संविधान के अनुच्छेद 235 के अनुसार हाई कोर्ट ही कार्यवाही करेंगे और हाई कोर्ट वाले कुछ करते ही नहीं ............  जब हाई कोर्ट कुछ न करे तो सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी बनती है, लेकिन रोजाना मिलने वाली लगभग 4000 से 5000 शिकायतें सुप्रीम कोर्ट रद्दी की टोकरी में डाल देता है I
आजकल जज जानबूझकर, बेवकूफी और बेशर्मी करते हुए, ऐसे ऐसे बेवकूफी कर रहे हैं कि -- आपको  एक 5 साल का बच्चा भी इनसे ज्यादा समझदार लगेगा .....!!!  अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज़ को कुचलने के लिए निर्दोष लोगों के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर, उनके खिलाफ झूठे मुकदमे डलवाकर, जेल भेजा जा रहा है और झूठी कंटेम्प्ट की शिकायतें भेजकर, हाई कोर्ट में मुकदमे शुरू कर दिए जाते हैं I हाई कोर्ट वाले भी बिना सोचे समझे, ही इस केस को शुरू करवा देते हैं I वकील तो झूठे मुकदमे करवाने के लिए मशहूर थे ही, लेकिन अब ये काम जज ही करने लग गये हैं , जोकि न्याय के लिए एक खतरनाक स्थिति है I      
अब सवाल ये उठता है कि -- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जजों के घपले, गैर कानूनी काम और फर्जीवाड़े रोकने के लिए, जानबूझकर  कुछ भी न करे तो इस देश की जनता कहाँ पर जाये..........???
उसका क्या कसूर ......................???
ये जज बेशर्मी की हदें पार करते हुए, किसी को नौकरी से निकाल  रहे हैं, तो किसी के खिलाफ झूठी इन्क्वायरी शुरू करके प्रताड़ित कर रहे हैं I हरमीत टिंकू, भोगी राम, सीता राम, हरदीप सिंह  जैसे अनेकों कोर्ट कर्मचारी हैं जो इन जजों के अत्याचार के शिकार हुए हैं कई भाई लोग तो प्रताड़ना के चलते आत्महत्या ही कर गये I जरा सोचिये ...... !!! जब ये जज अपने कौर्ट के कर्मचारियों को ही न्याय नहीं दे सकते, तो हमें और आपको क्या खाक न्याय देंगे ............???
इसके आलावा हमारे और आप जैसे करोड़ों पीड़ित हैं, उनके खिलाफ सरासर झूठे मुकदमे डलवाए गए हैं I जिनको बर्बाद करने में कोर्ट के जजों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन वे अपनी न्याय की जिद के कारण ही जिन्दा हैं I जैसे -- मोहिनी  कामवानी जी व् उनका परिवार, लुधियाना  के सुभाष कैटी जी, हरमीत टिंकू जी, फरीदाबाद के भोगी राम, सीता राम गर्ग, रेवाड़ी  के अमित लोहिया जी और दुसरे असंख्य नाम ...................
इसके आलावा वे सभी लोग जोकि जजों की प्रताड़ना के चलते इस दुनियां से अलविदा हो गये.......... उनकी वाली स्थिति किसी और व्यक्ति या परिवार के साथ न हो I  इसलिए, व्यापक जनहित को देखते हुए हम ये सन्देश देश के जिम्मेदार लोगों के नाम, आप सभी से सहयोग और समर्थन की उम्मीद के साथ  भेज  रहे हैं I  हमें 200 % विशवास है कि -- आप सभी का यथासंभव सहयोग मिलेगा और ये कानून बनेगा, वर्तमान के साथ-2 भावी पीढियां भी आपके इस योगदान की ऋणी रहेंगी I          
जब किसी अधिकार / शक्ति का दुरूपयोग होने लगे तो उसका  दुरूपयोग रोकना जरूरी हो जाता है, इसलिए, देश के लगभग 50  करोड़ लोगों की प्रताड़ना, कीमती उर्जा, वक्त, धन की बर्बादी रोकने के लिए कदम उठाने जरूरी हो जाते हैं, और ऐसी स्थिति में देश के ही दूरदर्शी, लोगों की बहुत बड़ी भूमिका होती है I इसी समस्या को समझते हुए ही हमनें जजों की जबाबदेही कानून को बनवाने के लिए हर जिले से प्रधानमंत्री जी के नाम ज्ञापन देने शुरू किये, 200 से ज्यादा  पत्र भी लिखे I अगर इस देश के सभी पीड़ित लोग अपने स्वार्थ और डर छोड़कर इस नेक काम में अपनी आहुति देते हुए, कानूनमंत्री,  प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदन, अपने क्षेत्र के विधायक, संसद, मुख्यमंत्री को समय की इस जरुरत से अवगत  करवाने के लिए पत्र जरूर लिखें I किसी भी प्रकार की मदद के लिए आप सादर आमंत्रित हैं I

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