Tuesday, 31 January 2017

जब शरीफ अपनी शराफत छोड़ता है तो बड़े 2 तानाशाह ख़त्म हो जाते है, ये जज तो कुछ भी नहीं हैं ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

सहनशीलता की एक सीमा होती है, जब ये जज बेशर्म होकर जानबूझकर फर्जीवाड़ा करते रहेंगे, न्याय की हत्या करते रहेंगे, तो शरीफ लोगों को एक सीमा  के बाद शराफत छोड़कर,  किसी भी हद तक कदम उठाने को मजबूर होना पड़ता है। और जब शरीफ अपनी शराफत छोड़ता है तो बड़े 2 तानाशाह ख़त्म हो जाते है, ये जज तो कुछ भी नहीं हैं  ........

 ये जज अंदर से बहुत ही कमजोर हैं, इनमे सच का सामना करने की हिम्मत नहीं है । ये तो बस शरीफ लोगों को जेल भेजने का डर बनाकर , उनको अपनी मर्जी के अनुसार नचा रहे हैं ।

 जो आदमी जेल से नहीं डरता, उससे ये जज डरते हैं । और मोहिनी कामवानी जी की इस बात से भी हम सहमत हैं कि -- सुप्रीम कोर्ट ही जजों के भरष्टाचार और फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार है। क्योंकि ये लोग हाई कोर्ट और निचली कोर्ट के जजों के फर्जीवाड़े के खिलाफ कुछ नहीं करते ।

Monday, 30 January 2017

To fulfil my Duty for the Youth, Society, and Nation, we are writing one more book on..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....
Respected Indian Citizens,

We are also working to Publish one more book regarding my experiences with 498a, Police, Jail and so called small and big temples of Justice. Most of the people of our Nation donot know the reality about Police Stations, Jails, Judges. Many of our  Grand Parents  were used to  say that --- Till date they have never visited Police Station, Tehsil ( for land dispute ) and Court .  It  proved their neat and clean record, without any criminal background .  But now a days this lack of knowledge is dangerous for Society, because this innocence makes us easy target for extortion. This struggle of last around 8 years has taught me many lessons, has brought many good changes without any Power,  Position  and Money,  which I feel each Citizen should know, so that they cannot be made as easy target for Extortion.
Apart from this , this book will help Youth to know the eye opening facts of our System, which many times not only spoil their career, lucrative jobs, but also compels them to Suicide, as no one listens to them, once they are labelled as Criminal due to false cases. How irresponsible attitude of Judges is deteriorating the Youth, innocent families....... elderly Parents...???
What we can do without Power and Position ......???
What we should do .... to get out of such situation.......???
How we can develop such system where innocent People are not tortured......???
And energy of People of India is utilized in constructive works,  and not in  useless activities.
The most dangerous thing is our Children, who are being deprived from company of Father's family. This has long term impacts on Society and Nation.

I hope this rich experience will , inspire our youth,  to become successful inspite of all odds ( created by Corrupt People of our system) .


If you have any idea or suggestion to accomplish this task of my Duty for Nation and Society ---   to awaken and empower the  Youth, Society and Nation .

Saturday, 28 January 2017

अब वक्त की मांग है कि -- जिनके खिलाफ जजों ने किसी भी रूप में फर्जीवाड़ा किया है, वे . ......

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अब वक्त की मांग है कि -- जिनके खिलाफ जजों ने किसी भी रूप में फर्जीवाड़ा किया है, वे अपनी शिकायत सबूतों के साथ कानून मंत्रालय, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा अध्यक्ष, प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन , इस मांग को लिखकर भेजें कि -- जब किसी भी जनसेवक को फर्जीवाड़ा करने पर सजा है, तो फर्जीवाड़े करने, जानबूझकर कानून दुरुपयोग करने पर जजों को सजा क्यों नहीं .....??? इसलिए, जजों की जबाबदेही कानून बनाया जाये । मुझे 200% विश्वास है अगर देश के वे सभी लोग, जिनको झूठे मुकदमों में फंसाकर, प्रताड़ित किया गया और शोषण किया गया , तो वो दिन दूर नहीं जब ये कानून बनेगा और लागु भी होगा । बस जरुरत है तो ईमानदारी से इस समस्या के समाधान के लिए अपनी 2 जिम्मेदारी निभाने की .....

अब वो वक्त नजदीक ही है, जजों की जबाबदेही कानून बनेगा, और ये फर्जीवाड़े करने वाले जज , अपनी औकात में रहने लगेंगे

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जब जज संरक्षण अधिनियम बनाया गया था तो उसमें ये साफ लिखा था कि -- इस कानून बनने का ये मतलब नहीं है कि जज कुछ भी करने के लिए आज़ाद हो गए हैं, जब भी किसी जज के खिलाफ कोई शिकायत आएगी, तो उस पर कार्यवाही करनी पड़ेगी। लेकिन इस देश का दुर्भाग्य देखिये, कि जिसके जिम्मे संविधान के द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार, और संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई थी, वे ही संविधान का सबसे ज्यादा मजाक बना रहे हैं । जबकि ये शपथ लेते है संविधान के अनुसार काम करने की....... अब जजों ने बेशर्मी और फर्जीवाड़ों की सभी हदें पार कर दी हैं और ये कुदरत का नियम है कि -- जब भी कोई ताकत निरंकुश और बेलगाम हो जाती है, तब कुदरत किसी न किसी अवतार के माध्यम से उस अत्याचार से मुक्ति दिलवाती है ।  अब वो वक्त नजदीक ही है, जजों की जबाबदेही कानून बनेगा, और ये फर्जीवाड़े करने वाले जज , अपनी औकात में रहने लगेंगे ।
ज्यादा जानकारी के लिए इस वीडियो को इस लिंक पर देखें ---  

गलत जजों के होंसले इसलिए बुलंद रहते हैं, क्योंकि उनको ये मालूम है कि ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जब तक गलत फैंसले देने वाले जजों के खिलाफ प्रशासनिक शिकायत कार्यवाही नहीं होगी, तब तक निर्दोष जनता  ऐसे ही प्रताड़ित होती रहेगी और मुकदमों का बोझ ऐसे ही  बढ़ता ही रहेगा ।

 केवल अपील करने से उस जज को क्या सजा मिली.....???
सजा तो फिर भी धन और समय की बर्बाद के जरिये अपील कर्ता को ही मिली !....... ???

 जजों की प्रशासनिक शिकायत ना के बराबर होती है ।
 जब तक न्यायपालिका के बड़े मंदिर के पुजारी ( यानि कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज ) निचली अदालतों के जजों के फर्जीवाड़ों और भरष्टाचार की शिकायतों पर कोई कार्यवाही न करके, अवैध वसूली करके उनको बचाते रहेंगे, तब तक ये जज सुधरने वाले नहीं है । इसलिए गलत जजों के होंसले बुलंद रहते हैं, क्योंकि उनको ये मालूम है  कि--- गलत फैंसला देने पर उनके खिलाफ कुछ भी नहीं होगा ........!!!

जब जज संरक्षण अधिनियम बनाया गया था तो उसमें ये साफ लिखा था कि -- इस कानून बनने का ये मतलब नहीं है कि जज कुछ भी करने के लिए आज़ाद हो गए हैं, जब भी किसी जज के खिलाफ कोई शिकायत आएगी, तो उस पर कार्यवाही करनी पड़ेगी।

 लेकिन इस देश का दुर्भाग्य देखिये, कि जिसके जिम्मे संविधान के द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार, और संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई थी, वे ही संविधान का सबसे ज्यादा मजाक बना रहे हैं । जबकि ये शपथ लेते है संविधान के अनुसार काम करने की....... अब जजों ने बेशर्मी और फर्जीवाड़ों की सभी हदें पार कर दी हैं और ये कुदरत का नियम है कि -- जब भी कोई ताकत निरंकुश और बेलगाम हो जाती है, तब कुदरत किसी न किसी अवतार के माध्यम से उस अत्याचार से मुक्ति दिलवाती है ।  अब वो वक्त नजदीक ही है, जजों की जबाबदेही कानून बनेगा, और ये फर्जीवाड़े करने वाले जज , अपनी औकात में रहने लगेंगे ।

Kind attention ...!!! Victims of False cases ..... Your stories are invited for ...........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

Respected Indian Citizens,

We are writing a book ,   Victims of Judicial Corruption to  awaken the common people ( those who have not seen the real picture of Extortion and Torture  of Judicial System ), about the  Harassment , Social, Physical , Mental Torture, Financial Extortion of Innocent people ( including  Elderly  Parents, Youth, Children )  due to False cases registered by Police, and then further  attitude of  Judiciary regarding disposal of false cases registered by  selfish motive.

Why we are writing this book .....???

We are writing this book to bring the Truth of Courts and Judges in open .
Secondly, Society will understand you better, when they know your situation and position.
Thirdly, This awakening will help to bring Judges accountability Bill, which will control frauds of Judges.
Fourth, reasons to prevent Suicides happening due to lack of emotional support from Society .
Fifth, reason is to make People more Powerful with Knowledge, which is must for Healthy Society.

We have decided to select Best 100  stories.  If you feel that -- Whatever happened to you and your family due to False cases, should not happen with any other family or person,  then you are sincerely requested to send complete details , with eye opening evidences ( like Photo, documents or any other documentary evidence ).
Your details should be neatly typed or writen in not more then 500 words , along with one affidavit  of declaration that -- These documents are belonging to you and nothing has been concealed.

For any further details you can call us on 09253323118  or email at  mkvish2003@rediffmail. com

Thursday, 26 January 2017

68 वें गणतन्त्र दिवस पर, देशवासियों के नाम सन्देश ............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

क्या संविधान लागु होने के 67 साल बाद भी हिन्दुस्तान में संविधान लागु हो पाया है ..........???

आज पुरे देश में गणतंत्र दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया । सरकारी खजाने से अरबों रूपये खर्च करके देश के सार्वजनिक संस्थान जैसे -- स्कूल, कॉलेज, कोर्ट, विभिन्न आयोग के आलावा देश के प्राइवेट और सरकारी संस्थान ने गणतंत्र दिवस मनाया । देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने देश के नाम संदेश भी दिया , ये सब हम पिछले 67 वर्षों से देखते आ रहे हैं । हर बार यही बात दोहराई जाती हैं कि हमारा देश गणतांत्रिक देश है, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागु हुआ ।  लेकिन उस समय संसद अंग्रेज़ों की थी , देश में पहले लोकसभा चुनाव तो 1952 में हुए थे ।

तो फिर या संविधान आज़ाद हिंदुस्तान का कैसे हो गया ....???
दूसरा सवाल ये कि आज तक इस संविधान को हकीकत में लागु क्यों नहीं कर पाये .......???
तीसरा सवाल ये कि -- जिन लोगों को संविधान की रक्षा की शपथ दिलवाई जाती है ( जैसे हाई कोर्ट , सुप्रीम कोर्ट के  जज, विभिन्न आयोगों के सदस्य और अध्यक्ष और दूसरे संवैधानिक पद पर आसीन लोग ), जब वे ही संविधान का मजाक बनाते हैं तो उन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं ......???
आजतक मौलिक अधिकारों को जमीनी स्तर पर लागु क्यों नहीं किया जा सका .......???
देश की न्यायपालिका के भृष्ट जज ही कोर्टों में मुकदमों की सुनवाई के दौरान , रोजाना  संविधान की हत्या करते हैं, उनकी इस बेलगाम कार्यशैली को आज भी हम क्यों झेल रहे है .......???

भृष्ट और बेईमान आचरण वाले लोगों को ही हम संवैधानिक पद पर क्यों बिठा रहे हैं .......??? जो लोग खुद ही चोर , डाकू वाला काम करते हैं, क्या वे किसी को न्याय देंगे ......???  मैंने कई ऐसे मामले देखे हैं, जब भी जिम्मेदार पर पर भृष्ट व्यक्ति को, संविधान की रक्षा करने की शपथ के साथ  नियुक्त किया जाता है , तो वे लोग शपथ तो केवल दिखावे, और उस पद की सुख सुविधाओं को हासिल करने और ईमानदारी का दिखावा करने के लिए करते है । हरियाणा मानव अधिकार आयोग का पहला अध्यक्ष विजेंदर कुमार जैन को बनाया, जोकि भृष्ट आचरण वाला जज था। ऐसे ही हरियाणा में पहला लोकायुक्त प्रितमपाल को बनाया , वो भी बेईमान प्रवृति का आदमी था । ऐसे ही पंजाब के वर्तमान लोकपाल सतीश मित्तल भी भृष्ट व्यक्ति रहा है, जिस ने हाई कोर्ट का जज रहते हुए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की निचली अदालतों के लिए खरीदी गई कुर्सियों में ही रिश्वत खा  ली थी  ।  ऐसे चरित्र वाले लोग , पीड़ित लोगों को क्या न्याय देंगे .......???
देश की अदालतों में जज जिनकी जिम्मेदारी , पीड़ित लोगों को न्याय देने की है, वे ही न्याय को सरे आम बेच रहे हैं , दिखावे में न्याय का मंदिर और हकीकत में शोषण और अवैध वसूली के केंद्र बन गए है, चोर, डाकू, मर्डर ,डकैती जैसे अपराध से भी खतरनाक अपराध जज कर रहे है।

 जिन लोगों पर जेल में बन्द लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है वे ही अवैध वसूली करके उनका शोषण कर रहे हैं ..........
क्या देश को ऐसा संविधान देने के लिए ही शहीदों ने अपनी कुर्बानी दी थी ........???

Monday, 23 January 2017

अब मुझे वो लोग समझदार लगते हैं जोकि कोर्ट में न्याय के लिए न जाकर, माफिया के माध्यम से.................

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

पिछले 7 वर्षों में कोर्ट में जजों की बेईमानी, मुर्खता, फर्जीवाड़े, तानाशाही सोच, गैर जिम्मेदाराना रवैया देखकर, अब मुझे वो लोग समझदार लगते हैं जोकि कोर्ट में न्याय के लिए न जाकर,  माफिया के माध्यम से अपना काम करवाते हैं 

Sunday, 22 January 2017

क्यों न देश के सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस और सुप्रीम कोर्ट पब्लिक ग्रिएवेंस सेल को बंद कर दिया जाये ......................???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

देश के सर्वोच्च न्यायलय सुप्रीम कोर्ट में रोजाना लगभग 4000 से 5000 शिकायतें रोजाना आती हैं, पीड़ित लोग उस शिकायत की कॉपी हाई कोर्ट को भी भेजते हैं I न तो सुप्रीम कोर्ट कोई कार्यवाही करता है ........... उन शिकायतों पर भी नहीं जोकि हाई कोर्ट के जजों के गंभीर फर्जीवाड़े या फिर सविधानिक के द्वारा दिए गये मौलिक अधिकारों से सम्बंधित होती है,................और न ही हाई कोर्ट कोई कार्यवाही करते हैं   I

 वैसे जजों को संविधान की रक्षा की शपथ दिलवाई जाती है, लेकिन संविधान के प्रावधानों का सबसे ज्यादा मजाक देश के अदालतों के भ्रष्ट जज ही बनाते हैं I लोकतंत्र के दुसरे अंग ( कार्यपालिका, विधानपालिका, मीडिया, पुलिस और दुसरे  विभाग  )कुछ करे तो न्यायपालिका बड़े प्रवचन देती है, लेकिन जब फर्जीवाड़ा करने वाले जज हों, तो हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट को कोई कमी, फर्जीवाड़ा या बुराई, दिखती ही नहीं .................
संविधान निर्माताओं ने न्यायपालिका को स्वतंत्र रखने का प्रावधान शुरू करते वक्त ये सोचा भी नहीं होगा कि – देश में कभी ऐसी स्थिति भी आएगी कि – जज इस हद तक फर्जीवाड़ा करेंगे ओर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट इस हद तक बेशर्म और गैर जिम्मेदार हो जायेंगे ,...................... और देश के नागरिक इस खतरनाक स्थिति का सामना करेंगे I
देश के लोगों के खून पसीने की कमाई से एकत्रित टैक्स के पैसे के खर्चे  पर पलने वाले इन विभागों को अब बंद कर देना चाहिए, क्योकिं आज़ादी से लेकर आज तक, भ्रष्ट जजों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय उनको बचाने, मुफ्त की मोटो वेतन/ सुविधाओं के मजे लूटने और  फर्जीवाड़े को प्रोत्साहित करने के आलावा  कोई परिणाम ना तो देश के सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस और ना ही सुप्रीम कोर्ट  पब्लिक ग्रिएवेंस सेल दे पाए हैं, तो क्यों इनको सफ़ेद हाथी के रूप में पाल पोशकर, जनता के खून पसीने की कमाई के पैसे को बर्बाद करते रहने दिया जाये ......................???

Please watch this video ---  https://youtu.be/juagWxdCHOo

Saturday, 21 January 2017

जिनके भी खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है, उनका कभी न कभी जमानती / गैर जमानती वारंट से वास्ता तो पड़ा ही होगा, फर्जी और गैर कानूनी तरीके से वारंट करके, निर्दोष को जेल में डालकर अवैध वसूली करना, एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री बन चुकी है ..............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जिनके भी खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है, उनका कभी न कभी जमानती / गैर जमानती वारंट से वास्ता तो पड़ा ही होगा, फर्जी और गैर कानूनी तरीके से वारंट करके, निर्दोष को जेल में डालकर अवैध वसूली करना, एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री बन चुकी है .............. जिसमे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की मानसिकता की बहुत बड़ी भूमिका है I अगर आप भी इस फर्जीवाड़े के शिकार हैं तो इस लेख को जरूर पढ़ें .....इस लिंक पर जाकर विडियो को जरूर देखें, ये जानकारी किसी न किसी का फायदा जरूर करेंगी https://youtu.be/BvMWCmzMtyA

Friday, 20 January 2017

कोर्ट में गैर जमानती वारंट का दुरूपयोग............जिनके खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है उनको कभी न कभी इस मानसिक , सामाजिक, प्रताड़ना से वास्ता पड़ा ही होगा ................

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जिनके भी खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है, उनका कभी न कभी जमानती / गैर जमानती वारंट से वास्ता तो पड़ा ही होगा, फर्जी और गैर कानूनी  तरीके से वारंट करके, निर्दोष को जेल में डालकर अवैध वसूली करना, एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री बन चुकी है .............. जिसमे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की मानसिकता की बहुत बड़ी भूमिका है I अगर आप भी इस फर्जीवाड़े के शिकार हैं तो इस लेख को जरूर पढ़ें .....इस लिंक पर जाकर विडियो को जरूर देखें, ये जानकारी किसी न किसी  का फायदा जरूर करेंगी  .....................
 https://youtu.be/BvMWCmzMtyA

Tuesday, 17 January 2017

इस देश में कानून दुरूपयोग के सबसे बड़े शिकार हैं --- दहेज़ के केस के शिकार जोकि अपने परिवार के साथ कदम दर कदम मानसिक ,सामाजिक , न्यायिक प्रताड़ना, आर्थिक शोषण के

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

हमारे अनुभव के अनुसार इस देश में कानून दुरूपयोग के सबसे बड़े शिकार हैं --- दहेज़ के केस के शिकार जोकि अपने परिवार के साथ कदम दर कदम मानसिक ,सामाजिक , न्यायिक प्रताड़ना, आर्थिक  शोषण के शिकार होते हैं।  जिस केस में पत्नी मर गई वो परिवार तो मजबूर हो गया,  जिस पर बलात्कार का आरोप है वो भी जेल में होने से मजबूर हो गया-----???                                                   लेकिन 498 अ के केस में जिनकी पत्नी जिन्दा है ,   उनके अंदर अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिये सबसे ज्यादा आग होनी चाहिए , क्योकि उनका सबसे ज्यादा शोषण होता है ---;;???  एक बार प्रताड़ना होकर मर जाये तो भी बात पर भूल पड़ जाती है।                      

      लेकिन  वे ही लोग जोकि  सबसे ज्यादा प्रताड़ित हुए, शोषण के शिकार हुए, वे ही  अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने में सबसे पीछे रहते है  या फिर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कोई न कोई बहाना बनाते मिलेंगे-----???  और  वैसे ये उम्मीद करते हैं कि कोई उनके केस से मुक्ति दिलवा दे।

Monday, 16 January 2017

वर्ष 2016 में 6 जजों द्वारा मेरे खिलाफ डाले गये कंटेम्प्ट के 3 झूठे केस हाई कोर्ट से ख़ारिज हुए .............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

वर्ष 2016 में 6 जजों द्वारा मेरे खिलाफ डाले गये कंटेम्प्ट के 3 झूठे  केस हाई कोर्ट से ख़ारिज हुए   ..


https://activistglobal.blogspot.in/2016/09/6-3_8.html

जिंदगी और मौत के मुश्किल हालात आपको बड़ा और साहसिक काम करने की हिम्मत और प्रेरणा देते हैं और इतिहास ऐसे ही लोगों को याद करता है जो.............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

एक तरफ नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंघल ने षड्यंत्र रचकर, जेल में डालकर   मेरी हत्या अर्वाने के उद्देश्य से 15/09/2016 को मेरे कोर्ट रूम में जज के सामने उपस्थित होते हुए भी फर्जीवाड़ा करते हुए गैरजमानती वारंट करवाए गये I हमने भी ठान लिया कि – चाहे ये जज मेरे खिलाफ कितने भी फर्जीवाड़े, प्रताड़ना कर लें........... हम कुछ ऐसा करें , जिसके बारे में जानकर लोग हमारी सोच और काम पर गर्व महसूस करें और फर्जीवाड़ा करने वाले जज (नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंघल, JMIC अपर्णा भरद्वाज, JMIC संदीप चौहान, JMIC M Z Khan ) अपने आप से शर्मिंदा हों I
इसी सोच के चलते हमने चंडीगढ़ के कई अलग 2 बीमारियों के मरीजों को मुफ्त के तरीके सुझाये और आज लगभग 4 महीने में 500 से ज्यादा लोगों को बिना किसी शुल्क के तकलीफ, कष्ट, बीमारी से मुक्ति मिली I अब लोगों की मदद से हम इस अभियान को आगे तक ले जायेंगे I अब जल्दी ही हम कैंसर के मरीजों को इस बीमारी से छुटकारा दिलवाने के लिए हम प्रयासरत हैं और हमारी कोशिश ये है कि—हम ये दवा भी निशुल्क ही उपलब्ध करवाएं I मेरे पास कुछ भी नहीं है, सब कुछ इन झूठे मुकदमों और फिर इन भ्रष्ट जजों के फर्जीवाड़े ने बर्बाद कर दिया, लेकिन मेरी हार्दिक तमन्ना है कि – किसी भी तरह ये सपना साकार हो और बेसमय इस बीमारी के कारण मरने वाले लोगों को बचाया जा सके I
ईन्सान की सोच अच्छी हो तो लाख दिक्कतों के बावजूद भी, इतिहास रच सकता है .................जिंदगी और मौत के मुश्किल हालात आपको बड़ा और साहसिक काम करने की हिम्मत और प्रेरणा देते हैं, बाकि सब तो बच्चे पैदा करना पेट भरना करते हैं और  इतिहास ऐसे ही लोगों को याद करता है I  

जल्दी ही हम अपनी जिंदगी के अनुभवों के आधार पर दो  पुस्तक लिखने जा  रहे हैं एक हिंदुस्तान की न्यायपालिका के भ्रष्टाचार के शिकार लोगों का संग्रह और दूसरी किताब हिंदुस्तान की पुलिस, जेल, न्याय व्यवस्था और 498—a केस के मेरे व्यक्तिगत अनुभव...........  इन अनुभवों से देश विदेश के करोड़ों लोगो को काफी कुछ सिखने को मिलेगा और अन्याय और अत्याचार के खिलाफ बिना / कम ताकत / संसाधनों के भी लड़ने की प्रेरणा मिलेगी ............... जय हिन्द ..................!!!



आप सभी का धन्यवाद .................. शुक्रिया ................जल्दी ही हम 200,000 का आंकड़ा पार करेंगे ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अब जल्दी ही ये ब्लॉग 200,000 का आकंड़ों के पार करने वाला है I पिछले साल जनवरी में हमने ये ब्लॉग शुरू किया था I इस एक साल में 344 पोस्ट लिखे और 194,218 लोगों ने इस ब्लॉग को पढ़ा I हम आप की उमीदों पर खरा उतरने के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे I

एक बार फिर आप सभी का  धन्यवाद .................. शुक्रिया .....................!!!

Sunday, 15 January 2017

आइये जाने ....!!! कोर्ट में किस प्रकार होता है गैर जमानती वारंट का दुरूपयोग........???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

देश के काबिल वैज्ञानिक के साथ न्यायपालिका के फर्जीवाड़े की कहानी ............................

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....देश के काबिल वैज्ञानिक के साथ न्यायपालिका के फर्जीवाड़े की कहानी ............................
कोर्ट में किस प्रकार होता है गैर जमानती वारंट का दुरूपयोग ..............???
किस तरह निर्दोष लोगो का होता है शोषण ..............???


Saturday, 14 January 2017

जब मै पढता था तो मेरा सपना था कि मै नई दवाई खोजकर नोबेल पुरूस्कार विजेता बनु, अब इसके साथ न्यायपालिका के भृष्ट जजों के अत्याचार से मुक्ति दिलवाना भी हमारे उद्देश्य में जुड़ गया हैं ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जब मै पढता था तो मेरा सपना था कि मै मेडिसिन के क्षेत्र में कोई ऐसा काम करूँ की, नोबेल पुरूस्कार विजेता बन जाऊ। दो नई  दवाइयाँ भी बनाई । अब मेरी जिंदगी के उद्देश्य में न्यायपालिका के क्षेत्र में भी ऐसा काम करना जुड़ गया है , जिससे भृष्ट जज फर्जीवाड़ा करने से पहले 10 बार सोचें, और ये सपना साकार भी होगा ..........
एक ऐसा तरीका जल्दी ही देश के लोगों तक पहुंचाएंगे । 

अब मुझे 200% यकीन हो गया है कि मेरी हत्या करने की सोचने वाले जज हारेंगे, और हम जीतेंगे .........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

हमें अब 200 % विश्वास हो गया है कि -- अब नारनौल का सेशन जज अरुण कुमार सिंघल अपने पद के प्रभाव का इस्तेमाल करके कितनी भी चालाकी कर ले , अपने जूनियर जजों से कितने भी फर्जीवाड़े करवा ले, जीत हमारी ही होगी। और एक दिन ऐसा भी आएगा जब ये जज दुनिया के सामने ये कबुलेंगे कि -- उन्होंने अन्याय और प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं, छोड़ी, फिर भी मनोज तो कमाल कर गया ....... थोड़े दिनों में लोग हमारे विशेष काबिलियत के बारे में जानेंगे, तो हमें प्रताड़ित करने वाले लोग खुद ही अपने आप को बोना महसूस करेंगे । मेरे माता पिता ने हमारी शिक्षा ऐसी वैसी नहीं दी, अगर इन भृष्ट जजों में हिम्मत है तो इस बात का मुकाबला करें कि -- इन्होंने बिना किसी पॉवर या पद के कितने लोगों की जिंदगी बचाई ......???
और हम ऊपर वाले के , साथ 2 अरुण कुमार सिंघल, और इसके जैसे सोच वाले सभी जजों का शुक्रिया अदा करते हैं, कि इन्होंने हमें इतना कुछ सीखा दिया, इतने सारे आईडिया दे दिए, जिनके माध्यम से हम देश के लोगों की जिंदगी बदल सकते हैं ।

अगर हिंदुस्तान के किसी भी जज में इतनी काबिलियत है तो..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

हिंदुस्तान के किसी भी जज  में इतनी काबिलियत है तो कानून के क्षेत्र में कोई ऐसी नई विधि, तरीका विकसित करके दिखाएँ,  जिससे लोगों को अन्याय, झूठे मुक़दमे और प्रताड़ना से मुक्ति मिल सके .....
हमनें न तो वकालत की पढाई की और ना ही मेरी इस झूठ को सच और सच को झूठ में बदलने के काम में मेरी रूचि है। लेकिन हम ऐसे कुछ तरीके जरूर निकल देंगे, जिनके इस्तेमाल से देश के करोड़ों लोगों की प्रताड़ना रुकेगी.......

BSF के तजबहादुर जी की सोच और हिम्मत को हमारा सलाम .......हमें विश्वास है ये घटना और पीड़ितों को प्रेरित करेगी ......

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

हमें BSF के तेजबहादुर भाई साहब से कुछ सीखना चाहिए ........
जो लोग न्यायपालिका के अन्याय के शिकार हैं, उनको BSF के जवान की हिम्मत से कुछ सीखना चहिये । एक सोच और हिम्मत ने बड़े 2 अफसरों को अंदर तक हिला दिया । देश के उन सब लोगों को सलाम , जिन्होंने इस वीडियो को करोड़ों की संख्या तक पहुँचाया ...........!!!

Friday, 13 January 2017

वर्ष 2016 चंडीगढ़ हाई कोर्ट के वकील जगमोहन सिंह भट्टी ने पंजाब के 21 मुख्य संसदीय सचिवों की छुट्टी करवाई .....

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

वर्ष 2016 में जज के फर्जीवाड़े की हद जब पार हुई जब मेरे कोर्ट रूम में उपस्थित होते हुए भी मेरे खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गये

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

वर्ष 2016 में जज के फर्जीवाड़े की हद जब पर हुई जब मेरे कोर्ट रूम में उपस्थित होते हुए भी मेरे खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गये  I
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें................. https://activistglobal.blogspot.in/2017/01/blog-post_8.html

वर्ष 2016 में हिंदुस्तान की जनता ने CJI T. S. Thakur के रूप में एक ऐसा मुख्य न्यायधीश देखा जो केवल ...........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

वर्ष 2016 में हिंदुस्तान की जनता ने CJI T. S. Thakur के रूप में एक ऐसा  मुख्य न्यायधीश देखा जो ...................... केवल घडियाली आंसू ही बहाता रहा .............. भाषण देने, मीडिया के सामने रोना रोने के आलावा,  कोई भी अच्छा काम नहीं किया  I  

Wednesday, 11 January 2017

न्यायपालिका के फर्जीवाड़े रोकने के लिए,, देश की जनता के नाम अपील..............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

देशवासियों के नाम अपील...................

न्यायपालिका के भ्रष्ट जजों के फर्जीवाड़े, तानाशाही, प्रताड़ना, शोषण की प्रवृति, गैर कानूनी तरीके से वारंट जारी करके जेल भेजना जैसे कारनामों पर लगाम लगाने के लिए, जजों की जबाबदेही कानून बनवाने के लिए,  देश के लोगों से अपील ...........................

संविधान निर्माताओं ने हिंदुस्तान की न्यायपालिका को स्वतंत्र इसलिए बनाया ताकि पीड़ित लोगों को निष्पक्ष न्याय मिल सके I लेकिन न्यायपालिका ने देश  के लोगों को न्याय दिलवाने की अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की बजाय, अपनी ताकत के इस्तेमाल करते हुए केवल अपनी तानाशाही को ही बढ़ने पर ध्यान दिया I  यही कारण है कि -- जजों के खिलाफ आई  शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं करने से, न्यायपालिका के भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला I पीड़ित शिकायत करता है तो विधायिका ( यानि कि मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, कानून मंत्रालय स्वतंत्र न्यायपालिका की दुहाई देकर, पुलिस और कार्यपालिका  जज की संरक्षण कानून का हवाला देकर पल्ला  झाड़ लेते हैं ) राज्यपाल  और राष्ट्रपति को कार्यवाही करने का अधिकार है लेकिन वे भी इन शिकायतों पर कोई कार्यवाही न करके, हाई कोर्ट को ही भेज देते हैं I सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बढ़िया बहाना बना रखा है कि -- संविधान के अनुच्छेद 235 के अनुसार हाई कोर्ट ही कार्यवाही करेंगे और हाई कोर्ट वाले कुछ करते ही नहीं ............  जब हाई कोर्ट कुछ न करे तो सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी बनती है, लेकिन रोजाना मिलने वाली लगभग 4000 से 5000 शिकायतें सुप्रीम कोर्ट रद्दी की टोकरी में डाल देता है I
आजकल जज जानबूझकर, बेवकूफी और बेशर्मी करते हुए, ऐसे ऐसे बेवकूफी कर रहे हैं कि -- आपको  एक 5 साल का बच्चा भी इनसे ज्यादा समझदार लगेगा .....!!!  अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज़ को कुचलने के लिए निर्दोष लोगों के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर, उनके खिलाफ झूठे मुकदमे डलवाकर, जेल भेजा जा रहा है और झूठी कंटेम्प्ट की शिकायतें भेजकर, हाई कोर्ट में मुकदमे शुरू कर दिए जाते हैं I हाई कोर्ट वाले भी बिना सोचे समझे, ही इस केस को शुरू करवा देते हैं I वकील तो झूठे मुकदमे करवाने के लिए मशहूर थे ही, लेकिन अब ये काम जज ही करने लग गये हैं , जोकि न्याय के लिए एक खतरनाक स्थिति है I      
अब सवाल ये उठता है कि -- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जजों के घपले, गैर कानूनी काम और फर्जीवाड़े रोकने के लिए, जानबूझकर  कुछ भी न करे तो इस देश की जनता कहाँ पर जाये..........???
उसका क्या कसूर ......................???
ये जज बेशर्मी की हदें पार करते हुए, किसी को नौकरी से निकाल  रहे हैं, तो किसी के खिलाफ झूठी इन्क्वायरी शुरू करके प्रताड़ित कर रहे हैं I हरमीत टिंकू, भोगी राम, सीता राम, हरदीप सिंह  जैसे अनेकों कोर्ट कर्मचारी हैं जो इन जजों के अत्याचार के शिकार हुए हैं कई भाई लोग तो प्रताड़ना के चलते आत्महत्या ही कर गये I जरा सोचिये ...... !!! जब ये जज अपने कौर्ट के कर्मचारियों को ही न्याय नहीं दे सकते, तो हमें और आपको क्या खाक न्याय देंगे ............???
इसके आलावा हमारे और आप जैसे करोड़ों पीड़ित हैं, उनके खिलाफ सरासर झूठे मुकदमे डलवाए गए हैं I जिनको बर्बाद करने में कोर्ट के जजों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन वे अपनी न्याय की जिद के कारण ही जिन्दा हैं I जैसे -- मोहिनी  कामवानी जी व् उनका परिवार, लुधियाना  के सुभाष कैटी जी, हरमीत टिंकू जी, फरीदाबाद के भोगी राम, सीता राम गर्ग, रेवाड़ी  के अमित लोहिया जी और दुसरे असंख्य नाम ...................
इसके आलावा वे सभी लोग जोकि जजों की प्रताड़ना के चलते इस दुनियां से अलविदा हो गये.......... उनकी वाली स्थिति किसी और व्यक्ति या परिवार के साथ न हो I  इसलिए, व्यापक जनहित को देखते हुए हम ये सन्देश देश के जिम्मेदार लोगों के नाम, आप सभी से सहयोग और समर्थन की उम्मीद के साथ  भेज  रहे हैं I  हमें 200 % विशवास है कि -- आप सभी का यथासंभव सहयोग मिलेगा और ये कानून बनेगा, वर्तमान के साथ-2 भावी पीढियां भी आपके इस योगदान की ऋणी रहेंगी I          
जब किसी अधिकार / शक्ति का दुरूपयोग होने लगे तो उसका  दुरूपयोग रोकना जरूरी हो जाता है, इसलिए, देश के लगभग 50  करोड़ लोगों की प्रताड़ना, कीमती उर्जा, वक्त, धन की बर्बादी रोकने के लिए कदम उठाने जरूरी हो जाते हैं, और ऐसी स्थिति में देश के ही दूरदर्शी, लोगों की बहुत बड़ी भूमिका होती है I इसी समस्या को समझते हुए ही हमनें जजों की जबाबदेही कानून को बनवाने के लिए हर जिले से प्रधानमंत्री जी के नाम ज्ञापन देने शुरू किये, 200 से ज्यादा  पत्र भी लिखे I अगर इस देश के सभी पीड़ित लोग अपने स्वार्थ और डर छोड़कर इस नेक काम में अपनी आहुति देते हुए, कानूनमंत्री,  प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदन, अपने क्षेत्र के विधायक, संसद, मुख्यमंत्री को समय की इस जरुरत से अवगत  करवाने के लिए पत्र जरूर लिखें I किसी भी प्रकार की मदद के लिए आप सादर आमंत्रित हैं I

Sunday, 8 January 2017

अगर कोई जज गैर जमानती वारंट का दुरूपयोग करे तो उसके लिए , कानून में समाधान भी हैं ,.........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अगर कोई जज गैर जमानती वारंट का दुरूपयोग करे तो उसके लिए , कानून में समाधान भी हैं ,............

 लेकिन  ये बात वकील कभी भी नहीं बताएँगे , क्योंकि  जेल के डर बनाकर ही तो वकीलों की कमाई होती है । पूरे देश में लगभग 22 लाख वकील हैं , उनमें से 2200 अपवाद को छोड़कर, बाकि ज्यादातर अपने जुगाड़ में ही ज्यादा व्यस्त रहते हैं ।  अगर आपके साथ भी कोई जज जानबूझकर या फिर रंजिश की नियत से गैर जमानती वारंट जारी करे तो आप भी उस जज के खिलाफ कार्यवाही ही नहीं, उसको हटाने की भी मांग जरूर करें ।  सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में एक 23 साल पुराने जिला सेशन जज की छुट्टी कर दी थी ।  इसके आलावा और भी ऐसे कई आदेश / दिशानिर्देश भी आये हैं जिसमे किसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते वक्त जज को सोच समझकर , सारे पहलुओं पर गौर करने के बाद ही , आखिरी विकल्प पर ये कदम उठाना चाहिए ।  हमनें भी पहले 5 साल तक काफी जज देखे हैं, किसी ने भी गैर जमानती वारंट का दुरुपयोग नहीं किया ।  लेकिन जो भृष्ट जज होते हैं , वे गैर जमानती वारंट जारी करने को उतावले रहते हैं ,  ताकि आसानी से अवैध वसूली की जा सके ।  गैर जमानती वारंट का दुरुपयोग करवाने में भृष्ट और बिकाऊ वकीलों की भी बड़ी भूमिका होती है,  वे जानबूझकर, या दूसरी पार्टी से अवैध  वसूली मिलने पर ,   कोर्ट में पेश ही  नहीं होते  ।  दूसरा कारण , ये भी है कि -- वकील भी ये चाहते हैं कि -- लोग फंसे रहें ताकि उनकी कमाई होती रहे ।

इसलिये, अपने मुक़दमे को कभी भी सिर्फ वकील के भरोसे न छोड़कर , खुद हर पेशी पर नजर रखें ।   जजों का काम किसी के खिलाफ रंजिश से गैर जमानती वारंट जारी करके किसी निर्दोष को जेल भेजना नहीं है।  ज्यादातर जजों को कानून का ज्ञान ही नहीं है, और आँख बन्द करके किसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने को उतावले रहते हैं । वॉरंट का उद्देश्य केवल किसी व्यक्ति की हाजिरी सुनिश्चित करना होता है। जोकि सम्मन, जमानती वारंट से भी किया जा सकता है। गैर जमानती वारंट तो खतरनाक अपराध करने वाले Hard Core अपराधी के लिए बनाये गए थे ।  लेकिन, वकीलों को पता नहीं और न ही वे इस दुरुपयोग को रोकना चाहते , इसलिए,  ये दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है ।
हम भी इस दुरुपयोग के कई बार शिकार हुए, तो काफी मेहनत के बाद , ये समाधान मिला है ।
 अगर आप के खिलाफ भी कोई जज गलत तरीके से गैर जमानती वारंट जारी कर रहा हो तो मदद के लिए आप संपर्क  कर सकते हैं ।

Saturday, 7 January 2017

नारनौल की JMIC अपर्णा भारद्वाज के फर्जीवाड़े के सबूत ...............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

नारनौल की JMIC  अपर्णा भारद्वाज के फर्जीवाड़े के सबूत  ...............

कृपया ध्यान से पढ़ें और समझें कि --- किस प्रकार सच्चाई के निशान पकडे जाते हैं ......???
इन 5 फ़ोटो में से नम्बर 1 को देखें । ये पेज वेबसाइट से डाउनलोड किया गया है और मेरे केस की जानकारी है । नम्बर 3 पेज पर ध्यान से देखें तो पाएंगे कि केस में 15.09.2016 की तारीख दी गई थी ।  अब पेज नंबर 5 पर देखें कि ---  15.09.2016 का आर्डर गायब है । ये सब अपने आप नहीं हुआ, ये फर्जीवाड़े जजों के द्वारा अपने जूनियर कर्मचारियों पर दबाब बनाकर करवाये जाते हैं ।  ये सुचना किसी और पीड़ित के काम आ सकती है ।




क्या आपने कभी ऐसा देखा या सुना है कि आप कोर्ट रूम में जज से बात कर रहे हों और वो जज आपके गैर जमानती वारंट जारी कर दे ..............???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

क्या आपने कभी ऐसा देखा या सुना है कि आप कोर्ट रूम में जज से बात कर रहे हों और वो जज आपके गैर जमानती वारंट जारी कर दे ..............???

शायद नहीं , लेकिन नारनौल का सेशन जज अरुण कुमार सिंघल बौखलाहट में इतना गिर गया कि -- नई जूनियर जज JMIC अपर्णा भारद्वाज  से ऐसा कारनामा करवा दिया। ये लोग चालाकी में ये भूल गए कि ये सारी घटना का सच CCTV कैमरा में रिकॉर्ड हो गया ।  दरअसल जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंघल का प्लान ये था कि किसी भी तरह मुझे जेल में डलवाकर मेरा मर्डर करवाकर काम ख़त्म कर दिया जाये ।  15.09.2016 की घटना है । उस मजिस्ट्रेट ने उस दिन के दो आर्डर लिखे जिन पर समय 11:30    AM 11:40 AM लिखा गया है  ।  लेकिन चालाकी करते हुए , खूब चालाक भी कोई न कोई निशान छोड़ जाते हैं ।  ये आर्डर 13 दिनों तक कोर्ट की वेबसाइट पर डाले ही नहीं गए ।
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि जब ये 2 आर्डर 11: 30 और 11:40 बजे लिख दिए गए थे तो  वेबसाइट पर उसी दिन क्यों नहीं डाले गए ......
  ???   क्योंकि ये आर्डर उस दिन लिखे ही नहीं गए  । इस बारे में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की  दिशानिर्देश हैं कि जजों के आर्डर उसी दिन National Judicial Data Grid पर उसी दिन डालने हैं ।  अब चालाकी करते हुए ये लोग केवल एक ही आर्डर डाले ।    अब कुछ दिनों बाद किसी कारण  से मुझे उस आर्डर की जरुरत थी तो हमने वेबसाइट को खोल कर देखा तो पाया कि -- 15.09.2016 का जो एक आर्डर डाला था वो भी हटा दिया ।    हमनें 07.12.2016 को हाई कोर्ट चंडीगढ़ और नारनौल कोर्ट से RTI से वेबसाइट पर डाले गए आदेशों को हटाने के नियम, कानून के बारे में जानकारी मांगी । नारनौल कोर्ट का तो आपको मालूम  है ही, कि जब   सेशन जज ही इस हद तक गिर चूका है, तो क्या उम्मीद की जाये ......???  लेकिन हाई कोर्ट में इस  बारे में मीटिंग हुई और इस बारे में सर्कुलर जरी किया कि  --- वेबसाइट पर डाले गए आर्डर को बदलने या हटाने के लिए लिखित में अनुमति लेनी होगी । ये नोटिस 16:12:2016 का है और हरियाणा , पंजाब, और चंडीगढ़ के सभी कोर्टों में भेज दिया गया है और 01: 01: 2017 से प्रभावी हो गया है ।

   ये जानकारी किसी और जज के फर्जीवाड़े रोकने के लिए, और किसी पीड़ित के काम आ सकती है .........

जो भी जज पद के अहंकार और घमंड में निर्दोष लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं , उनको अगर हमसे मुकाबला करना ही है तो .........

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-- नौकरी छौड़कर हमारे साथ मुकाबला करने आये ...
-- और इन्होंने पद और पॉवर के बिना आज तक कितने लोगों की जिंदगी को मारने की बजाय बचाने का काम किया ...........???

निचली कोर्ट, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को खुली चुनौती ....... अगर इनके माँ बाप ने 1% भी अच्छे संस्कार दिए हों तो अपने काम से हमारे द्वारा किये जाने वाले काम से तुलना करने की हिम्मत जुटाएं .........

पिछले 4 महीनों के दौरान बिना किसी शुल्क के  लगभग 500 से ज्यादा  मरीज़ो को पीड़ा , बीमारी , तकलीफ से मुक्ति मिली ।  उनकी दुआएँ ही   हमारी असली ताकत है, जिन्होंने नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंघल  के द्वारा ( अपने जूनियर जजों के माध्यम से ) मेरी और मेरी माता जी की जेल में डालकर हत्या करवाने के षड्यंत्र के बावजूद हमें जिन्दा बचाया और आज हम जीवित हैं ।
मेरे पर और मेरी माता जी पर कितने भी झूठे आरोप लगा लें ......???

ये लोग ऐसे ही झूठे आरोप लगाते रहेंगे और हम अपना काम करते रहेंगे ....... और एक दिन हम इन लोगों से कई गुना आगे निकल जायेंगे ...... और हमारी बुराई करने वाले लोगों को , दूसरे लोग ही गलत कहना शुरू कर देंगे ।

हिंदुस्तान की न्यायपालिका के जिस किसी भी जज को हमसे मुकाबला करने का शौक है वो इस बात का मुकाबला करे कि --- बिना पद और पॉवर के , उन्होंने आजतक कितने लोगों की जिंदगी बचाई ...........???

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मुझे मेरे माता पिता ने अच्छे संस्कार देकर ,इसलिए इसलिए पढ़ाया था कि -- हम नई दवाइयाँ खोजकर मानवता की सेवा कर सकें , ताकि पीड़ा से तड़फते हुए लोगों की जिंदगी खुशहाल बन सके ।  झूठे मुकदमों के चलते और जजों के फर्जीवाड़ों के चलते हमारा व्यक्तिगत और मानवता का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।  अब हमने निश्चय कर लिया है कि --- हम गंभीर बीमारी कैंसर से पीड़ित लोगों को बचाने के लिए कैंसर की दवाई को जल्दी ही निशुल्क उपलब्ध करवाने की कोशिश करेंगे , ताकि इस बीमारी के कारण बेवक्त मौत का शिकार बनने वाले लाखों लोगों की जिंदगी को बचाया जा सके । और साथ 2 इन भृष्ट जजों के फर्जीवाड़े रोकने के लिए भी , तरीके निकालेंगे ........
जिस किसी जज को हमसे मुकबला करना हो, वो हमारे साथ इस बात का मुकबला करे कि .. उसने बिना किसी पॉवर या पद के कितने लोगों की जिंदगी बचाई .........???

Friday, 6 January 2017

ऐसे बदलते हैं नियम और कानून .........???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

ऐसे बदलते हैं नियम और कानून ..........???

जब मेरे केस की शुरूआत हुई थी तो उस समय सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से मेरी मुलाकात हुई थी। हमसे बात करने के बाद , मुझसे ये कहा था कि --- आप जैसे लोगों की वजह से ही कानून बदलते है ........???  पिछले 7 सालों में एक नहीं कई ऐसे कारनामे हुए ।
क्या आपने कभी ऐसा देखा या सुना है कि आप कोर्ट रूम में जज से बात कर रहे हों और वो जज आपके गैर जमानती वारंट जारी कर दे ..............??? शायद नहीं , लेकिन नारनौल का सेशन जज अरुण कुमार सिंघल बौखलाहट में इतना गिर गया कि -- नई जूनियर जज JMIC अपर्णा भारद्वाज  से ऐसा कारनामा करवा दिया। ये लोग चालाकी में ये भूल गए कि ये सारी घटना का सच CCTV कैमरा में रिकॉर्ड हो गया ।  दरअसल जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंघल का प्लान ये था कि किसी भी तरह मुझे जेल में डलवाकर मेरा मर्डर करवाकर काम ख़त्म कर दिया जाये ।  15.09.2016 की घटना है । उस मजिस्ट्रेट ने उस दिन के दो आर्डर लिखे जिन पर समय 11:30    AM 11:40 AM लिखा गया है  ।  लेकिन चालाकी करते हुए , खूब चालाक भी कोई न कोई निशान छोड़ जाते हैं ।  ये आर्डर 13 दिनों तक कोर्ट की वेबसाइट पर डाले ही नहीं गए ।
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि जब ये 2 आर्डर 11: 30 और 11:40 बजे लिख दिए गए थे तो  वेबसाइट पर उसी दिन क्यों नहीं डाले गए ......
  ???   क्योंकि ये आर्डर उस दिन लिखे ही नहीं गए  । इस बारे में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की  दिशानिर्देश हैं कि जजों के आर्डर उसी दिन National Judicial Data Grid पर उसी दिन डालने हैं ।  अब चालाकी करते हुए ये लोग केवल एक ही आर्डर डाले ।    अब कुछ दिनों बाद किसी कारण  से मुझे उस आर्डर की जरुरत थी तो हमने वेबसाइट को खोल कर देखा तो पाया कि -- 15.09.2016 का जो एक आर्डर डाला था वो भी हटा दिया ।    हमनें 07.12.2016 को हाई कोर्ट चंडीगढ़ और नारनौल कोर्ट से RTI से वेबसाइट पर डाले गए आदेशों को हटाने के नियम, कानून के बारे में जानकारी मांगी । नारनौल कोर्ट का तो आपको मालूम  है ही, कि जब   सेशन जज ही इस हद तक गिर चूका है, तो क्या उम्मीद की जाये ......???  लेकिन हाई कोर्ट में इस  बारे में मीटिंग हुई और इस बारे में सर्कुलर जरी किया कि  --- वेबसाइट पर डाले गए आर्डर को बदलने या हटाने के लिए लिखित में अनुमति लेनी होगी । ये नोटिस 16:12:2016 का है और हरियाणा , पंजाब, और चंडीगढ़ के सभी कोर्टों में भेज दिया गया है और 01: 01: 2017 से प्रभावी हो गया है ।   ये जानकारी किसी और जज के फर्जीवाड़े रोकने के लिए, और किसी पीड़ित के काम आ सकती है .........

Representations for Judges Accountability Bill..........................













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Now, Govt. will keep eye on Judge's Activities........................

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Representations for Judicial Accountability Bill ...................Law Minister.....................

















आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

Representation for Judicial Accountability Bill................... Prime Minister.............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....





















Representations sent for Judicial Accountability Bill.................President of India........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....