आखिर क्यों हुई न्यायपालिका, विधायिका पर भारी..........???
क्योकि इन नेताओं ने जमकर मजे लुटे, फर्जीवाड़े किये, जब हदें पार होने लगी, तो फिर न्यायपालिका ने उम्मीद दिखाई और विधायिका की कमजोरी का फायदा उठाते हुए, विधायिका पर हावी हो गई ...............
Amar Ujala 04.02.2016
अब न्यायपालिका अपने रुतबे को कायम रखने के लिए ही, अपनी कमजोरियां छुपा रही है। यनि की जजों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करके , न्यायपालिका और और ताकतवर बनाना, ताकि ये लोग अपनी तानाशाही, और मनमानी बरकरार रख सकें । और जब जनता के प्रति जबाबदेही, या पारदर्शिता की बात आते, या फिर अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी सार्वजानिक करने की बात आये या फिर जजों के खिलाफ मिली शिकायतों और उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी सार्वजनिक करने की बात आये, तो फिर न्यायपालिका की स्वतंत्रता से खिलवाड़ का बहाना बसना दो। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में कोई भी अंग बिना किसी जबाबदेही और पारदर्शिता , जिम्मेदारी के मनमानी करने के लिए , तानाशाही करने के लिए कैसे छोड़ा जा सकता है ....???
Absolutely Right. No need to pay taxes as these all r eaten by the politicians.
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