आखिर समाज और देश के लोग वकीलों का सम्मान क्यों करें ..............???
हम समाज की एक कड़वी सच्चाई आप के सामने पेश कर रहे हैं , कृपया, इसे व्यक्तिगत स्तर पर न ले, हमारा उद्देश्य सच को सामने लाना है, न कि किसी व्यक्ति विशेष की बुराई करना हमे विश्वास है कि-- ये कड़वा सच कुछ लोगो को झझकोरने का काम करेगा, और देश के लोगो के भले के लिए कुछ लोगो को प्रेरित करेगा
वकीलों को सम्मान क्यों नहीं मिल रहा ..........???
पूरी दुनियां में किसी भी समाज और देश के नागरिक, किसी भी पेशे के लोगो को सम्मान.............., उस पेशे के लोगो के द्वारा समाज और देशहित में किये गए, लोगो के जीवन में अच्छे बदलाव, उनकी समस्याओं के समाधान के लिए किये गए प्रयास/ योगदान के कारण निर्धारित करते हैं. अपना घर परिवार चलाने के लिए, सब फीस भी लेते हैं, उसके बावजूद भी कुछ लोग समाज और देश की बेहतरी के लिए, काम करते रहते है, तो समाज उनको सम्मान भी देता है. जिस हिसाब से वकालत पेशे में गुणवत्ता की जबरदस्त कमी आई है. जिसको कोई दूसरा काम नहीं दिखा, किसी भी Law कॉलेज में एडमिशन लिया, घर बैठे हाज़िरी लगती रही, नकल करके पेपर भी दिए , डिग्री मिली, और बन गए वकील साहब.........!!!
इस से देश में लगभग 40 % वकीलों की डिग्री फर्जी है. जब डिग्री इस प्रकार बटेंगी, तो फिर क्वालिटी , कहाँ से आएगी ..........???
आप डॉक्टर्स को देखिये .......... आपको लगेगा कि किसी समझदार आदमी से बात कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योकि -- पहला तो मेडिकल कि पढाई में भारी कम्पटीशन, फिर एडमिशन में कम्पटीशन, और उनको पढाई के दौरान सिखाई जाने वाली बातें, और ट्रेनिंग. तब जाकर एक डॉक्टर बनता है और लोगो का इलाज करता है.
मैंने अनुभव के आधार पर पाया कि -- वकालत पेशे में इतनी गिरावट, क्यों आई ........???
इस पेशे के लोगो ने समाज की समस्या के समाधान देने की बजाय, लोगो को उलझाकर, डराकर, छलकपट, चालाकी, धोखाधड़ी, अपनाते हुए अपना जीवन यापन किया और लोगो से काम के नाम की फीस वसूल की.
कुछ उदहारण :--
1) -- इस देश में लाखो दहेज़ प्रताड़ना के मुकदमे, हर साल अदालतों में दर्ज हो रहे हैं. कानून के अनुसार दहेज़ देना भी अपराध है. इस देश में ऐसे कितने वकील हैं -- जिन्होंने दहेज़ देने पर पत्नी पक्ष पर मुकदमा दर्ज करवाया. ............???
2) -- इसी प्रकार किसी मजबूर व्यक्ति पर गुजर भत्ता का झूठा केस डाला गया, वो इन हालातो में थे कि गुजर भता दे ही नहीं सकते थे ............!!! ऐसे मुकदमे कितने होंगे.............??? जिनमे वकील ऐसे व्यक्ति को गुजर भत्ता न देने की सूरत में, जेल जाने से बचा सके ............??? (क्योकि अपने लालच में जबाब और केस के तथ्य और सच्चाई कोर्ट के सामने जानबूझकर रखी ही नहीं ..............!!! ताकि जेल भेजने का डर बनाकर, अपना जुगाड़ बना सकें .............???)
ऐसे वकील पूरे देश में कितने हैं..............???
किसी भी क्षेत्र में, कोई नई चीज खोजना, अविष्कार करना बहुत बड़ी बात होती है. जिसने लाइट का आविष्कार किया, कंप्यूटर बनाया, इंटरनेट बनाया, ..........कोई नई दवाई की खोज की , वे लोग अपने काम से, मानवता की सेवा (इस दुनियां से जाने के बाद भी), कर रहे हैं.
वकालत के पेशे में कोई नई खोज करने वाले वकील तो, इस हिंदुस्तान में पैदा ही नहीं हुए,.................??? सारे कानून, अंग्रेजो ने बनाये. आज़ादी से लेकर आजतक जो एक -- दो, संशोधन हुए, जैसे कि -- दहेज़ प्रताड़ना ( 498 -अ ), दहेज़ हत्या ( 304 -बी ) , उनका ही, सबसे ज्यादा दुरूपयोग हो रहा है. केवल कुछ वकील और अवैध वसूली करने वाले, दलाल किस्म के लोगो के फायदे , समाज को तोड़ने, निर्दोष लोगो को जेल भेजने, बुजुर्गो को आत्महत्या के लिए मजबूर करने, युवा पीढ़ी को मरने, बेरोजगार करने, के आलावा, इस देश को, इन कानूनो ने क्या दिया ..............???
और ऐसे अनेको उदहारण, इस देश और समाज से हम पेश कर सकते हैं, जो ये साबित करते हैं कि -- आखिर समाज, वकालत पेशे के लोग..... यानिकि वकीलों का सम्मान, क्यों करे ..........???
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