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जाटों के लिए, जाट पहले, देश और कानून बाद में .....
जाट आरक्षण, जरुरत नहीं , ये लालच है । जाटों की गुंडागर्दी, लूट खसोट और पुलिस और फ़ौज के गैर जिम्मेदार अधिकारियों ने साबित किया कि ----
1) उनके लिये, जाट पहले है, देश और उसका कानून बाद में
2) दूसरा ये कि एक जाट, अपनी जाती के दूसरे व्यक्ति को बचाने के लिए, किसी भी हद को पार कर सकता है
3) तीसरा ये कि जाटों के लिए,, अपने स्वार्थ के सामने मानवता कोई , मायने नहीं रखती
4) लूटने , गुंडागर्दी करने की खानदानी आदत कायम है
5) पुलिस , और फ़ौज शायद इसीलिए चुप है, किसी और जाती के लोगों को कुचलना हो, शोषण करना हो, तो ये लोग सबसे आगे मिलेंगे।
जाटों के लिए, जाट पहले, देश और कानून बाद में .....
जाट आरक्षण, जरुरत नहीं , ये लालच है । जाटों की गुंडागर्दी, लूट खसोट और पुलिस और फ़ौज के गैर जिम्मेदार अधिकारियों ने साबित किया कि ----
1) उनके लिये, जाट पहले है, देश और उसका कानून बाद में
2) दूसरा ये कि एक जाट, अपनी जाती के दूसरे व्यक्ति को बचाने के लिए, किसी भी हद को पार कर सकता है
3) तीसरा ये कि जाटों के लिए,, अपने स्वार्थ के सामने मानवता कोई , मायने नहीं रखती
4) लूटने , गुंडागर्दी करने की खानदानी आदत कायम है
5) पुलिस , और फ़ौज शायद इसीलिए चुप है, किसी और जाती के लोगों को कुचलना हो, शोषण करना हो, तो ये लोग सबसे आगे मिलेंगे।
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