Thursday, 11 February 2016

ये लोग कर रहे , हमारे देश को अंदर से खोखला......., दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक .....!!!!!

 आज हम आपको कुछ गहरे मुद्दों पर , जानकारी दे रहे है , जोकि हमारे देश , समाज को अंदर से खोखला करके , दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक तरीके से , नुकसान और बर्बादी की तरफ ले जा रहे है । कुछ जहर तेजी से फैला रहे है , तो कुछ धीमा जहर, हमे परोस रहे है। देश के जिम्मेदार नागरिक होने नाते , हम आप को इन लोगों और ऐसी ताकतों से अवगत करवा रहे है । इनके आलावा, आप के विचार में कोई और ऐसी बात हो, जिसे हम भूल वश नहीं लिख सके तो, सुधार के लिए, आप के सुझाव और प्रतिक्रियाएं .........सादर आमंत्रित हैं । हमे विश्वास है कि हम सच को सामने लाकर, न केवल आपको नयी जानकारी देंगे, बल्कि आप को प्रेरित भी कर सकेंगे, जिससे अच्छे लोग समाज और देश को बचाने के लिए आगे आ सकें, ताकि इन ताकतवर लोगों को, देश और समाज का और , नुकसान करने से रोक जा सके ।
1. न्यायपालिका के भृष्ट जज, और उनका गैरजिम्मेदार रवैया,
2. चरित्रहीन औरतें, वैश्यावृति और चरित्रहीनता को कानूनी तौर पर बढ़ावा
3. महिला सशक्तिकरण के नाम पर ड्रामा करने वाली तथाकथित समाजसेवी औरतें,
4. दलाल और अय्यासी किस्म के इनके अंधभक्त (जिनमे सरपंच और प्रधान किस्म के लोग),
5. महिला थाने ,
6. जानबूझकर समाज को कमजोर करने, परिवारों को तोड़ने के उद्देशय से बनाये गए एक तरफ कानून और उनके दुरूपयोग पर सजा का प्रावधान नहीं करना ,
7. शोषण और अन्याय को बढ़ावा देने वाली, गुलाम परस्त शिक्षा व्यस्था
8. धनबल और बाहुबल पर आने वाले लोगों को , पैसे, शराब , और अय्याशी ...... के बल पर वोट देने वाले , इस देश के गुलाम और गद्दार लोग ,
9. सही और गलत की बजाय, जाती और धर्म के नाम पर ही , योग्यता की अनदेखी करने की संकीर्ण सोच,
10. सच , की अनदेखी, अन्याय का विरोध नहीं करने और सब कुछ सहन करने की सोच ,
11. खुद कुछ करने की बजाय, दूसरों से ही त्याग और समर्पण की उम्मीद , लेकिन फल सबसे पहले चाहिये,
12. सुबह से लेकर शाम तक मीडिया के माध्यम से परोसी जा रही , बेलगाम अश्लीलता और हवस
13. देश के असली और गंभीर मुद्दों को नकारकर , जनता को भर्मित करने की नियत से , गुमराह करने वाले मीडिया चैनल और अखबार,
14. विदेशी फंडिंग के सहारे चलने वाले, तथाकथित समाजसेवी और उनके संगठन व् NGO,
15. अंग्रेजो द्वारा हमें गुलाम रखने के लिए, थोपी गई, अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता ,
16. हिंदुस्तान की न्यायपालिका का जनता के प्रति जबाबदेह नहीं होना,
17. देश के मीडिया पर विदेशी ताकतों का नियंत्रण और मालिकाना हक़ ,
18. वोट डालने की हर नागरिक की बाध्यता नहीं होना,
19. जनता की समस्या के समाधान की बजाय, उनको भिखारी और मुफ्तखोर बनाकर गुलाम रखने की , स्वार्थी नेताओं और उनकी सरकारों की सोच ,
20. सरकारों और राजनितिक दलों और उनके नेताओं के फैसले का आधार , देशहित और जनहित की बजाय वोटबैंक आधारित राजनीती.....
21. कानून दुरूपयोग को रोकने के लिए, कोई ठोस व्यवस्था नहीं होना,
22. समय पर न्याय नहीं मिलना ,
23. सामाजिक स्तर पर नैतिक रूप से भारी गिरावट, अवैध वसूली, अन्याय, अत्याचार , शोषण को हर स्तर पर बढ़ावा ,
देश और समाज को कमजोर और खोखला कर रहे हैं । अपने स्वार्थ, मुफ़्त का पैसा, अवैध वसूली के चलते, देश का वो नुक्सान कर रहे है, जिसकी भरपाई ही नहीं हो सकती...???

2 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. jai hind

    good people will always support


    victory is for those who fought for public

    Punit Batra
    92130-33334





    ReplyDelete