Sunday, 21 October 2018

अमृतसर में हुई दर्दनाक घटना का सबसे बड़ा दोषी है --- रावण दहन कार्यक्रम समिति के लोग ..........

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अमृतसर में हुई दर्दनाक घटना से हम सभी का मन दुखी है, सभी लोग अपने फायदे के हिसाब से आरोप लगा रहे है l कोई प्रशासन को दोष दे रहा है .................तो कोई रेलवे को.................. तो कोई रेल के ड्राइवर को दोष दे रहा है ................तो कोई नेताओं को............ मीडिया भी अपनी ढपली बजा रहा है पर.............. सच कहने की बजाय ड्रामे ज्यादा हो रहे है ............. समस्या के असली कारण और इस गलती से सीख लेने की बात पर सभी चुप है ..........

आईये ............!!! जाने इस समस्या का असली सच ...............

लेकिन इस घटनाक्रम का सबसे बड़ा दोषी है --- रावण दहन कार्यक्रम समिति के लोग ..........

सबसे पहले कोई भी कार्यक्रम करने से पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होती है l इस प्रक्रिया में ये भी बताना होता है कि-- कितने लोगों की भीड़ जुटने की सम्भावना है .....??? एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड के साथ सम्बंधित पुलिस थाना को भी सूचित करना होता है l सबसे बड़ी गलती आयोजक समिति की है कि -- उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए जिला प्रशासन से कोई अनुमति ली ही नहीं l
रेलवे का और रेल ड्राइवर का भी इसमें कोई दोष नहीं है l रेलवे तो इस कायक्रम कि अनुमति देता ही नहीं, बल्कि आयोजकों के खिलाफ मुकदमा और बनता है l रेल ड्राइवर 100 किलोमीटर प्रति घंटा कि स्पीड से चल रही ट्रैन को रोक भी लेता, तो रुकने की दूरी तक ये लोग मर चुके होते ....!!! उस ड्राइवर पर ट्रैन में सवार कई हज़ार लोगों सुरक्षा की जिम्मेदारी भी थी l उस जगह पर रेल ट्रैक पर मोड़ भी था, तेज शोर और धुआं के चलते आगे की भीड़ के बारे में सही अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था l

ऐसे कार्यक्रम के आयोजन में लोगों की धार्मिक भावना के चलते, नेता भी चुप्पी साध जाते है वरना ऐसे कार्यक्रम में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी को भी एक जिम्मेदार नागरिक होने के चलते इतने सारे लोगों की सुरक्षा के बारे में भी सचेत रहना चाहिए था l लेकिन इस देश लोग, चुनाव में धनबल और बाहुबल बाले लोगों को ही चुनते है, समझदार को तो लोग वोट ही नहीं देते l
पंजाब और केंद्र सरकार ने जनभावना को देखते हुए, तुरंत 5 लाख और 2 लाख रूपये के मुआवजे की घोषणा करके, जख्म पर मलहम लगाने का काम जरूर किया है l लेकिन असली दोषी पर सभी चुप है......... और इस गलती से सीख कोई भी नहीं लेना चाहता ...............

आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ...............


https://www.bhaskarhindi.com/news/amritsar-train-mishap-dozens-died-dozens-injured-10-big-mistakes-51238

Friday, 11 May 2018

हिंदुस्तान के स्कूल / कॉलेज में जिम्मेदार नागरिक क्यों नहीं बन रहे .............???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


हमारे देश के स्कूल और कॉलेज आपकी कमाई का बड़ा हिस्सा तो वसूल कर रहे हैं लेकिन, फिर भी बच्चों को जिम्मेदार नागरिक नहीं बना रहे ......... ऐसा क्यों ..???

मुझ पर भी खतरनाक तरीके से भीख भत्ता देने का दबाब बनाया गया था, लेकिन हमनें भी ठान लिया था कि ---

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


जब झूठे मुकदमों के कारण हमारी नौकरी ही चली गई तो हम भीख भत्ता कहाँ से देंगे .................???
जब हम जिद पर अड़े रहे तो पत्नी के आयकर Return और स्कूल में नौकरी करने के सबूत भी मिल गये l लेकिन इसके लिए हमें सब्र से काम करना पड़ा, जजों को भी ये समझाना पड़ा कि – हमारे हालात ऐसे नहीं हैं कि हम हर महीने भीख दे सकें l
इसीलिए पत्नी ने जब 40 हजार भीख मांगी तो जज ने उसको केवल 750 /- रूपये महिना ही देने को कहा l
हमनें जज साहब को समझाया कि – हम इन हालातों में 750 /- भी कहाँ से लाऊं ............ और वो जबाब नहीं दे सके l ऐसा केस देखने वाले 7 जजों के साथ हुआ l

अगर हम भी दबाब में आकर झुक जाते,..... तो पत्नी के फर्जीवाड़े कभी भी पकड़ में नहीं आते .........!!!

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


मुझ पर पत्नी पक्ष द्वारा झूठे दहेज़ के मुकदमे दर्ज करवाने के बाद समझौते के लिए दबाब बनाने के लिए 250 से ज्यादा सरपंच / प्रधान ने अपने दांव पेंच चलने की कोशिश की थी, लेकिन हम दबाब में नहीं आये l
उनसे केवल 2 सवाल किये थे कि – जब ये इतनी अच्छी है तो आप इसको या तो अपनी पत्नी की सौतन बना लो या फिर अपने लड़के के लिए ले जाओ l
एक बार की बात है जब एक जज ने भी मुझे ऐसा ही कहा था – तब हमनें उस जज को भी यही कहा था कि – ये मेरे लायक तो बची नहीं , अगर इतनी ही अच्छी लग रही है तो आप इसको अपने घर ले जाओ l
उस दिन के बाद उस जज ने मुझसे पत्नी को ले जाने के लिए कभी भी नहीं कहा l
मुझे वकील भी हटाने पड़े, अगर मेरे केस में वकील होते तो हम भीख भत्ता की लड़ाई को इस मुकाम तक पहुंचा ही नहीं पाते .................

कोर्ट रूम में कैमरा लगने का हमारा सपना साकार होने लगा है .............. अब ऐसे कैमरे देश की हर कोर्ट रूम में लगवाने हैं .....................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


अभी कुछ दिन पहले नारनौल के सेशन जज की कोर्ट में हमारी तारीख लगी थी l हमने देखा कि -- वहां पर कैमरा लग गया है जिससे ये साबित किया जा सकता है कि -- आप किस समय कोर्ट में गये ,...............???
जज किस समय से किस समय तक कोर्ट में बैठा ...............???
आप कोर्ट में थे और आपका वारंट जरी कर दिया जाये तो उस समय ये रिकॉर्डिंग सच साबित करने में मदद करेगी ..............???
अभी हाई डेंसिटी कैमरा और लगने हैं जिससे और ज्यादा स्पष्ट रिकॉर्डिंग होगी जिससे बारीकी से जज की हर गतिविधि के रिकॉर्डिंग होगी l LED टीवी हर कोर्ट रूम में लग ही चुके हैं l
अब ऐसे कैमरे देश की हर कोर्ट रूम में लगवाने हैं .....................

Friday, 4 May 2018

क्या आप देश के जिम्मेदार नागरिक बनना चाहते हैं.......................???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


आदरणीय देशवासियों,

हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था की कई खामियों के चलते तथाकथित स्कूल / कॉलेज शिक्षा के व्यासायिकरण पर केन्द्रित हो गये हैं l जिसके चलते हम बच्चों की रचनात्मकता को निखारने, उनकी रूचि के अनुसार उनकी दक्षता बढ़ाने की तरफ कोई व्यवस्था का प्रावधान ही नहीं कर सके हैं, जबकि वर्तमान समय में एक माध्यम बर्ग का अभिभावक अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा केवल अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च करता है l और उसके बाद भी हम वैज्ञानिक की बजाय क्लर्क पैदा कर रहे हैं l जिस बच्चे को संगीतकार बनना था, उसको हम डॉक्टर बना रहे हैं l जिसको खानसामा बनना था, उसको इंजिनियर बनाकर हम देश और समाज का बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं l बच्चों को जिंदगी में काम आने वाली बातें / जानकारी तो सिखाई ही नहीं जा रही ........... जब जरुरत पड़ती है तो उसका ज्ञान के आभाव में शोषण होता है l किस विभाग में कोई काम करवाने की प्रक्रिया क्या है ........??? पुलिस गड़बड़ी करे तो क्या करना है ................??? कोर्ट, वकील, जज , अधिकारी गड़बड़ी करे तो क्या करना है ..... ??? हमें पता ही नहीं होता, जिसके चलते हमारा कदम – 2 पर शोषण होता है और शोषण करने वाले लोग हमसे 50 % भी काबिल नहीं होते ........... लेकिन हम उनके सामने अपने आपको असहाय और मजबूर पाते हैं l

हमनें पिछले कई वर्षों में ऐसे लाखों लोगों से मुलाकात में पाया कि – वे अपने ज़माने के उच्च शिक्षित और समझदार होते हुए भी शोषण के शिकार हो रहे हैं और उस दलदल में मजबूर हैं l यही से हमें ये विचार आया कि – देश के लोगों को ये सब जानकारियां कैसे सिखाई जायें ................??? ताकि उनका कोई शोषण नहीं कर सके l इसी सपने को साकार करने के लिए गहन मंथन के बाद हमनें निर्णय लिया कि – अगर हमें देश में जिम्मेदार नागरिक पैदा करने हैं, तो उनको ये जानकारी स्कूल और कॉलेज से ही सिखानी पड़ेंगी l अब जिन लोगों की कमाई अवैध वसूली / या लोगों की ज्ञान की कमी से हो रही है, वे कभी भी नहीं चाहेंगे कि – देश के लोग जागरूक बन जायें , क्योंकि यदि ऐसा हो गया यो फिर उनके स्वार्थ कैसे पूरे होंगे .............???

इसी उद्देश के साथ ये जानकारी हम आपके साथ साँझा कर रहे हैं , जल्दी ही हम कार्यशाला के माध्यम से ये जानकारियां सिखाना शुरू करेंगे l वैसे तो सिखने की कोई उम्र नहीं होती , लेकिन अगर कोई कॉलेज का बच्चा ये जानकारियां सिख जाता है तो वो ज्ञान कम से कम 50 साल तक चलेगा l दूसरी बात ये कि – उस एक बच्चे के सिखने से , समाज के कम से कम 50 से 60 उन लोगों का भी लाभ होगा जोकि उनके परिवार / रिश्तेदारी से हैं l
इस मुद्दे से सम्बंधित आप के पास कोई सुझाव / प्रतिक्रियाएं हों तो सदर आमंत्रित हैं l
जय हिन्द ..... !!!

Saturday, 21 April 2018

इस देश के पुरुष भी इतने गद्दार हो गये हैं कि – झूठे बलात्कार के मुकदमों के खिलाफ सजा की मांग करना तो दूर, उपर से इन फ्रॉड औरतों के समर्थन में जाकर......

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....




इस देश के पुरुषों को हार्दिक शुभकामनाएं ........................


अब तुम्हें मारने के लिए मोदी सरकार ने एक और हथियार पैदा कर दिया l झूठा बलात्कार का मुकदमा करने पर भी औरत का कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि उस औरत को झूठा मुकदमा करवाने पर सजा है ही नहीं , लेकिन आप को जेल, अग्रिम जमानत नहीं और फांसी की सजा भी ............ सजा को पढ़ लो .........

POCSO एक्‍ट में बडे बदलाव--
-- 12 साल की बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा
-- 16 साल से छोटी लड़की से गैंगरेप पर उम्रकैद की सजा
-- 16 साल से छोटी लड़की से रेप पर कम से कम 20 साल तक की सजा
-- सभी रेप केस में 6 महीने के भीतर फैसला सुनाना होगा
-- नए संशोधन के तहत रेप केस की जांच 2 महीने में पूरी करनी होगी
-- रेप के किसी भी अपराध में अग्रिम जमानत प्रतिबंधित
-- महिला से रेप पर सजा 7 से बढ़कर 10 साल होगी।
बलात्कार इंडस्ट्री में शामिल तथाकथित एक्टिविस्ट, NGO, वकील, दलाल, नेता, महिला समाज सेवी, महिला कल्याण संगठन, पुरुषों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग तो करते हैं, लेकिन कभी भी झूठे बलात्कार के केस पर सजा की मांग क्यों नहीं करते ...................???
क्योंकि झूठे मुकदमों पर सजा होते ही इन सबकी दुकान बंद हो जाएगी ................ एक झूठी शिकायत पर ही कम से कम दस लाख की औसत अवैध वसूली होती है और झूठे मुकदमे में तो नुकसान करोड़ों में जाता है l
और इस देश के पुरुष भी इतने गद्दार हो गये हैं कि – झूठे बलात्कार के मुकदमों के खिलाफ सजा की मांग करना तो दूर है l उपर से इन फ्रॉड औरतों के समर्थन में जाकर ( केवल ऐसी औरतों के शरीर को स्पर्श करने का मौका पाने के लिए ), मुफ्त में न केवल अपने ही निर्दोष पुरुषों को झूठे मुकदमों में फंसाने, बल्कि उनको मरने के लिए अवैध वसूली की इंडस्ट्री को बढ़ावा देकर बहुत बड़ा अपराध कर रहे है l

इस देश के पुरुषों को हार्दिक शुभकामनाएं ........................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



अब तुम्हें मारने के लिए मोदी सरकार ने एक और हथियार पैदा कर दिया l झूठा बलात्कार का मुकदमा करने पर भी औरत का कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि उस औरत को झूठा मुकदमा करवाने पर सजा है ही नहीं , लेकिन आप को जेल, अग्रिम जमानत नहीं ............ सजा को पढ़ लो .........

POCSO एक्‍ट में बडे बदलाव--
-- 12 साल की बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा
-- 16 साल से छोटी लड़की से गैंगरेप पर उम्रकैद की सजा
-- 16 साल से छोटी लड़की से रेप पर कम से कम 20 साल तक की सजा
-- सभी रेप केस में 6 महीने के भीतर फैसला सुनाना होगा
-- नए संशोधन के तहत रेप केस की जांच 2 महीने में पूरी करनी होगी
-- रेप के किसी भी अपराध में अग्रिम जमानत प्रतिबंधित
-- महिला से रेप पर सजा 7 से बढ़कर 10 साल होगी।
बलात्कार इंडस्ट्री में शामिल तथाकथित एक्टिविस्ट, NGO, वकील, दलाल, नेता, महिला समाज सेवी, महिला कल्याण संगठन, पुरुषों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग तो करते हैं, लेकिन कभी भी झूठे बलात्कार के केस पर सजा की मांग क्यों नहीं करते ...................???
क्योंकि झूठे मुकदमों पर सजा होते ही इन सबकी दुकान बंद हो जाएगी ................ एक झूठी शिकायत पर ही कम से कम दस लाख की औसत अवैध वसूली होती है और झूठे मुकदमे में तो नुकसान करोड़ों में जाता है l
और इस देश के पुरुष भी इतने गद्दार हो गये हैं कि – झूठे बलात्कार के मुकदमों के खिलाफ सजा की मांग करना तो दूर है l उपर से इन फ्रॉड औरतों के समर्थन में जाकर ( केवल ऐसी औरतों के शरीर को स्पर्श करने का मौका पाने के लिए ), मुफ्त में न केवल अपने ही निर्दोष पुरुषों को झूठे मुकदमों में फंसाने, बल्कि उनको मरने के लिए अवैध वसूली की इंडस्ट्री को बढ़ावा देकर बहुत बड़ा अपराध कर रहे है l

बलात्कार इंडस्ट्री के लोग, कभी भी झूठे बलात्कार के केस पर सजा की मांग क्यों नहीं करते ...................???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

बलात्कार इंडस्ट्री में शामिल तथाकथित एक्टिविस्ट, NGO, वकील, दलाल, नेता, महिला समाज सेवी, महिला कल्याण संगठन, पुरुषों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग तो करते हैं, लेकिन कभी भी झूठे बलात्कार के केस पर सजा की मांग क्यों नहीं करते ...................???
क्योंकि झूठे मुकदमों पर सजा होते ही इन सबकी दुकान बंद हो जाएगी ................ एक झूठी शिकायत पर ही कम से कम दस लाख की औसत अवैध वसूली होती है और झूठे मुकदमे में तो नुकसान करोड़ों में जाता है l

ये लोग कभी भी झूठे बलात्कार के केस पर सजा की मांग क्यों नहीं करते ...................???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

बलात्कार इंडस्ट्री में शामिल तथाकथित एक्टिविस्ट, NGO, वकील, दलाल, नेता, महिला समाज सेवी, महिला कल्याण संगठन, पुरुषों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग तो करते हैं, लेकिन कभी भी झूठे बलात्कार के केस पर सजा की मांग क्यों नहीं करते ...................???
क्योंकि झूठे मुकदमों पर सजा होते ही इन सबकी दुकान बंद हो जाएगी ................ एक झूठी शिकायत पर ही कम से कम दस लाख की औसत अवैध वसूली होती है और झूठे मुकदमे में तो नुकसान करोड़ों में जाता है l

Monday, 16 April 2018

दलित और न्याय.......................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



आजकल देश में दलित समुदाय और आरक्षण के खिलाफ अलग -- 2 तरह से जहर फैलाया  जा रहा है, ये जहर फ़ैलाने वाले लोग दलित समुदाय की जमीनी हकीकत, दर्द से वाकिफ नहीं हैं l आईये .....!!! हम आपको  समाज की कडवी सच्चाई से अवगत करवाते हैं..............

SC/ST एक्ट के दुरूपयोग पर सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जो फैसला दिया वो जमीनी हकीकत से दूर था l  दरअसल गावों में दलित समुदाय के हालत इतने ख़राब हैं कि – आज भी अगर वो किसी थाने में पुलिस के पास SC/ST एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करवाने के लिए जाता हैं, तो पुलिस उसकी सुनती ही नहीं l और अगर कोई मुकदमा दर्ज होता है तो वो केवल दो ही कारण से होता है l
n पहला ये कि – SC / ST कमीशन के दखल से ये फिर
n दूसरा ये कि – किसी प्रभावशाली व्यक्ति का कोई स्वार्थ शामिल हो l

अगर मुकदमा दर्ज हो भी गया तो उस परिवार को कितने भयंकर मानसिक दबाब और प्रताड़ना  से गुजरना पड़ता है l कदम 2 पर दुश्मन जो कि पैसे और बहुबल के दम पर कभी गवाहों को डराकर या किसी भी तरीके से उनको कोर्ट में सच कहने से रोका जाता है l  दरअसल कुछ जातियों के लोग इतने ताकतवर और साधन संपन्न हो चुके हैं ( क्योंकि हर प्रभावशाली पद पर उसका जाति का व्यक्ति बैठा है ) कि – वे रसूख, पैसे और बहुबल के दम पर किसी का मर्डर कर दें, किसी का बलात्कार कर दें, तो उनका कुछ भी नहीं बिगड़ने वाला l कोर्ट और जज तो कोई दिक्कत ही नहीं ............... क्योंकि वे तो हमेशा व्बिकने को तैयार ही रहते हैं l  अगर मुकदमा दर्ज हो भी जाये तो सरकार उनके खिलाफ मुकदमे वापिस भी ले लेती है l हरियाणा में जाटों ने गुंडागर्दी की, गंग रेप  किये, लोगों के घर, स्कूल जला दिए, घर जला दिए , हरियाणा का वो नुकसान कर दिया कि – कोई भी यहाँ पर आकर निवेश नहीं करना चाहता ..............!!!

UP के मुख्यमंत्री ने खुद के खिलाफ मुकदमे ख़त्म करवा लिए, अब चहेतों के खिलाफ मुकदमे ख़त्म करने की तैयारी चल रही है l
क्या कभी किसी दलित / कमजोर वर्ग के लोगों के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमे वापिस लिए गये ...............???

कभी भी नहीं ...... ये इस देश की कडवी सच्चाई है, ताकतवर और संपन्न जातियों के लोग इतने  ताकतवर हो चुके हैं कि – बिना आरक्षण के भी इनके लोग कैसे  70 % मलाईदार नौकरियों पर कैसे भर्ती  हो गये l

इसके लिए इन्होने कुछ तरीके इजाद किये जैसे कि – हरियाणा में HCS की भर्ती में 2/3 पोस्ट निकाली, उसमे केवल अपने लोग भर्ती किये ( क्योंकि 4 से कम पद हों तो आरक्षण देने से बचा जा सकता है l ऐसे ही जुगाड़ देश के लगभग हर राज्य में किये गये )

दूसरा तरीका न्यायपालिका में बैठे जाती विशेष की लोबी ने किया कि – किसी कोर्स में दाखिला लेते वक्त जो आर्खित वर्ग का व्यक्ति जनरल कोटे में दाखिला ले लेता था, उसको अब आरक्षित कोटे तक ही सिमित करके,  उनको आगे बढ़ने से रोक दिया  l

तकथित उच्च जातियों की जनसँख्या तो केवल 15 % , लेकिन प्रभावशाली पदों पर कब्ज़ा 90 % अपने लोग, उसने अपने फायदे के लिए कुछ भी करवा लो l ये लोग दूध की मलाई तो खुद खाते हैं, उसके बाद जो पानी बचता है जिसे सपरेटा भी बोलते हैं, उसमे अरक्षित और कमजोर वर्ग को खुश भी कर देते हैं और उपर से एहसान भी जता देते हैं l  अपने फायदे के लिए दूसरों को गुमराह/ भ्रमित करने के लिए चालाकी भरे ड्रामे करते रहते हैं l

दलित मुद्दे पर गड़बड़ी सुप्रीम कोर्ट ने की, लेकिन दोष मढ़ा गया मोदी सरकार पर .......

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



कुछ दिनों से देश में दलित और बलात्कार के मुद्दे पर जमकर नाटक हो रहे हैं , जिसमे सच्चाई को गायब ही करते हुए , जनता को भर्मित करने का काम किया जा रहा है ....... आईये .... जाने कुछ कड़वे सच .....!!!
पहला मुद्दा दलित समाज के गुस्से का --
दरअसल दलित समाज सदियों से सम्मान से वंचित रहा है । भेदभाव, अन्याय, छुआछूत तथा ताकतवर व सम्पन्न जातियों के लोगों द्वारा अत्याचार का शिकार रहा है , जिसे स्वार्थी लोगों ने हमेशा न्याय से वंचित रखा है । कांग्रेस ने दिखावे के लिए सम्मान तो दिया, लेकिन इस समाज को हमेशा के लिये दबा कुचला ही रखा । जब भी थोड़ी नाराजगी लगी तो कभी थोड़े पैसे देकर , तो कभी छोटा मोटा पद देकर इस समाज को अपने फायदे के लिये प्रयोग किया । कभी भी इस समाज को इतना काबिल नहीं बनने दिया गया कि ये लोग मानसिक और आर्थिक रूप से ताकतवर बन सकें । इनको कभी शराब पिलाकर, तो कभी बी पी एल कार्ड, तो कभी बी पी एल प्लाट, तो कभी छात्रवृत्ति , तो कभी आरक्षण, तो कभी SC / ST एक्ट के नाम पर , तो कभी किसी से दुश्मनी निकालने के लिए उसको किसी दलित से झूठा SC/ ST एक्ट का मुकदमा लगवा देना जैसे अनेकों चालाकी भरे, झूठे ताकत का एहसास करवाने वाले तरीकों से हमेशा वोट लेकर , सत्ता के लिए केवल और केवल इस्तेमाल किया है । जब भी कोई इस जाल में नहीं फंसा तो उसको मारपीट और बाहुबल से डराया गया । दलित समाज के लोग आरक्षण के सहारे कुछ प्रभावशाली पदों तक पहुंचे , सम्पन्नता भी आई, लेकिन ताकतवर और संपन्न जाती के लोगों ने कभी भी उनको सम्मान नहीं दिया । जातिसूचक शब्दों से संबोधित करते हुए दलित व्यक्ति को अपमानित करना तो जैसे इन लोगों का जन्मसिद्ध अधिकार ही हो गया । इसी अपमान के चलते ये समाज अपने आपको समाज से अलग महसूस करने लगा और अपने खिलाफ अत्याचार के लिये एकजुट होता चला गया ।
अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने SC / ST एक्ट से संबंधित केस में जो फैसला दिया ( जोकि जमीनी हकीकत से परे था ), उसके खिलाफ दलित समाज का गुस्सा , निकाला गया केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ । ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि बीजेपी को ब्राह्मण बनियों की पार्टी माना जाता है ।
दलित समाज को हमेशा से तिस्कृत समझने के कारण वो लगाव नहीं बन सका, कांग्रेस से इस बात को चालाकी से भुनाया और ये मुद्दा मोदी के खिलाफ घुमा दिया । यही कारण है कि गड़बड़ी सुप्रीम कोर्ट ने की, दोष मढ़ा गया मोदी सरकार के खिलाफ .........

Wednesday, 4 April 2018

हमारा देश ...... और न्याय ......

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के दलित क्रूरता ( SC / ST Act ) से संबंधित फैसले के खिलाफ सदियों से अन्याय , अत्याचार और छुआछूत के शिकार दलित समुदाय का विरोध कई मायनों में महत्वपूर्ण है । कुछ सम्पन्न और ताकतवर जातियों के लोग इसका विरोध कर रहे हैं , लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के पीछे का सच हम आपके सामने ला रहे हैं .....
--- इस देश में अगर कोई दलित या कोई और गरीब आदमी जब पुलिस के पास शिकायत जाता है, तो पुलिस मुकदमा दर्ज करते समय अपना फायदा नुकसान, राजनीतिक प्रभाव, अफसरशाही का दबाब , जातिगत प्रभाव आदि को नाप तोल कर ही कार्यवाही करती है।
जरूरतमंद का तो काम होता ही नहीं, SC/ST एक्ट में मुकदमा दर्ज करवाने की तो बात ही छोड़ दो .....
--- चाहे वो दहेज़ का झूठा मुकदमा दर्ज करने की बात हो, पति परिवार निर्दोष होते हुए भी गिड़गिड़ाता रह जाता है, लेकिन अपने लालच के चलते , तुरंत झूठा मुकदमा दर्ज हो जाता है ......
--- अब रही बात इन्वेस्टिगेटिवन की, वो तो पुलिस को हर मुकदमें में करनी होती है , लेकिन जांच में नाम पर थाने में ही लीपा पोती करके , निर्दोष लोगों को गिरफ्तार करने पुलिस केवल इसलिये, जाती है कि -- पुलिस को अवैध वसूली का जुगाड़ दीखता है ।
--- जब पुलिस का स्वार्थ सिद्ध हो, ...
तो वो सब कुछ कर देगी , ( मतलब किसी के खिलाफ केवल 1 घंटे में ही FIR से लेकर, मुकदमा दर्ज करने तक , जांच भी पूरी और गिरफ़्तारी भी ) वरना बहाने बनाते रहेंगे ......
-- और इस पूरी प्रक्रिया में केवल गरीब, दबा कुचला और कमजोर तबका फंसता है, पैसे और रसूख वाला पैसे के दम पर बच निकलता है ।
--- जो लोग लाखों करोड़ की चोरी करते हैं, उनको मिलती है बैल और छोटी चोरी करने वाले को मिलती है जेल ......
--- हम जेल के अंदर की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं । ज्यादातर चोरी और दूसरे मामलों में दलित वर्ग के लोगों को ही फँसाया जाता है, नेता भी इस वर्ग के बच्चों को अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए गुंडागर्दी के लिए, प्रयोग करते हैं ।
--- अब बारी आती है न्यायपालिका की --- जज भी दलित वर्ग को हीन भावना से देखते हैं , बड़े चोर, भृष्ट , प्रभावशाली लोगों को तो बचाते हैं और कमजोर वर्ग को खा जाने को दौड़ते हैं । न्यायपालिका में दलित और पिछड़ा समुदाय का % बहुत कम होना भी एक कारण है । जोकि उसी पृष्ठभूमि के जमीनी हालात को बेहतर समझ सकता है ।
जिसनें उस दर्द को देखा ही नहीं , वो पीड़ित की व्यथा क्या समझेगा ......???
यही कारण है दलित समुदाय के गुस्से / आक्रोश का ......

SC /ST एक्ट में दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट जितना चिंतित है , उतनी चिंता महिलाओं के द्वारा कानून दुरुपयोग पर गंभीर क्यों नहीं .......???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के दलित क्रूरता ( SC / ST Act ) से संबंधित फैसले के खिलाफ सदियों से अन्याय , अत्याचार और छुआछूत के शिकार दलित समुदाय का विरोध कई मायनों में महत्वपूर्ण है । कुछ सम्पन्न और ताकतवर जातियों के लोग इसका विरोध कर रहे हैं , लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के पीछे का सच हम आपके सामने ला रहे हैं .....
इस फैसले के पीछे सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि -- झूठे केसों के चलते कोर्ट का समय बर्बाद होता है ।
-- सुप्रीम कोर्ट को 498a, घरेलु हिंसा, गुजारा भत्ता , छेड़ा छाड़ि , बलात्कार के झूठे मुकदमों ( जोकि कोर्टों में झूठे मुकदमों का सबसे बड़ा % है ) के कारण , कोर्ट का कीमती समय की बर्बादी क्यों नहीं दिख रही .......???
क्योंकि इन मुकदमों के चलने से जजों की कमाई होती है ।
-- जो जज इन झूठे मुकदमों को चलाने में रूचि रखते हैं, उनके खिलाफ आजतक सुप्रीम कोर्ट ने कितने जजों के खिलाफ कार्यवाही की .........???
और नहीं की तो क्यों नहीं की , क्या मजबूरी थी .....???
और सुप्रीम कोर्ट को ये समय की बर्बादी और झूठे मुक़दमे केवल SC/ ST Act में ही क्यों दिखी ......??? और दूसरे मुकदमों में क्यों नहीं .....???
-- सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस करनन को जेल भेजने की फुर्ती दिखाई, उतनी फुर्ती प्रेस कांफ्रेंस करने वाले 4 जजों के खिलाफ कॉन्टेम्पट की कार्यवाही करने में क्यों नहीं .......???
क्योंकि न्यायपालिका में जाती विशेष का ही दबदबा है, केवल 200 परिवार के लोग ही सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के जज बनते हैं ........
यही कारण है कि SC /ST एक्ट में तो सुप्रीम कोर्ट को दुरुपयोग दिखा, लेकिन दूसरे कानूनों के दुरुपयोग ( जोकि देश और समाज को अंदर से खोखला कर रहे हैं ) पर सुप्रीम कोर्ट चुप है .......

Sunday, 11 March 2018

जिस दिन हिंदुस्तान के पति भीख भत्ता को काबू में करना और पत्नी परिवार के खिलाफ उलटे मुकदमे डालना सिख जायेंगे,. उसी दिन से

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जिस दिन हिंदुस्तान के पति भीख भत्ता को काबू में करना और पत्नी परिवार के खिलाफ उलटे मुकदमे डालना सिख जायेंगे,.................
उसी दिन से दिन औरतों के माध्यम से झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा और भीख भत्ता के झूठे मुकदमे बंद हो जायेंगे .............
यही हमारी पीड़ित पतियों की कार्यशाला का उद्देश्य है ...................

आजकल कोर्ट , न्याय के मंदिर नहीं रहे......

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

क्या है Litigation Industry.....???
आजकल कोर्ट , न्याय के मंदिर नहीं रहे...... अब तो पुलिस, महिला आयोग, महिला सशक्तिकरण संस्थाये , वकील, जज ने मिलकर कोर्ट में झूठे मुकदमें को चलाकर, निर्दोष लोगों को फंसाये रखकर, अवैध वसूली का काम जमकर हो रहा है। 
कोई ज्यादा विरोध करे तो उस पर कॉन्टेम्पट का केस लगवा दो….....
या फिर उसे बिना किसी जायज कारण के सजा करके ........... अपील दलील में उलझा दो,............
या फिर उसके खिलाफ कोर्ट में जज के सामने उपस्थित होते हुए भी , उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दो ।
जानबूझकर बैल न देकर , निर्दोष को जेल में भेजकर , प्रताड़ित करवाना एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री का रूप ले चूका है । इसे लीगल भाषा में Litigation इंडस्ट्री कहते हैं ।

क्या है Litigation Industry.....???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



क्या है Litigation Industry.....???
आजकल कोर्ट , न्याय के मंदिर नहीं रहे...... अब तो पुलिस, महिला आयोग, महिला सशक्तिकरण संस्थाये , वकील, जज ने मिलकर कोर्ट में झूठे मुकदमें को चलाकर, निर्दोष लोगों को फंसाये रखकर, अवैध वसूली का काम जमकर हो रहा है। 
कोई ज्यादा विरोध करे तो उस पर कॉन्टेम्पट का केस लगवा दो….....
या फिर उसे बिना किसी जायज कारण के सजा करके ........... अपील दलील में उलझा दो,............
या फिर उसके खिलाफ कोर्ट में जज के सामने उपस्थित होते हुए भी , उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दो ।
जानबूझकर बैल न देकर , निर्दोष को जेल में भेजकर , प्रताड़ित करवाना एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री का रूप ले चूका है । इसे लीगल भाषा में Litigation इंडस्ट्री कहते हैं ।

अगर आप वकीलों के अत्याचार और शोषण से परेशान हैं तो ये पोस्ट जरूर पढ़ें ........

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



हमारे रेवाड़ी में चरणजीत शर्मा नाम का रिक्शा वाला था , जोकि 8 वीं पास था, गुरुमुखी जनता था । अंग्रेज़ी नहीं जानता था .... वो केवल बड़े लोगों के खिलाफ ही केस ठोकता था । जैसे DSP, उसके सामने जजों के पैर कांपते थे ।
उसको कानूनी दांव पेंच का ऐसा खतरनाक ज्ञान था कि -- उसके सामने कोई वकील खड़ा ही नहीं होता था । क्योंकि जो भी वकील उसके सामने आता, वो उसके खिलाफ ही केस ड़ाल देता था । अधिवक्ता एक्ट में ऐसा प्रावधान है कि -- वकील अन्याय का साथ नहीं देगा । रेवाड़ी के एक वकील को इसी मामले में सजा भी हुई थी, फिर वो हाई कोर्ट में जाकर नारनौल का जज सतीश मित्तल (जोकि आजकल पंजाब का लोकपाल है , भृष्ट आचरण का जज रहा है जिसने कुर्सी की खरीद में कमीशन खाया था ) से सेटिंग करके बचा था ।
या जानकारी मुझे दो दिन पहले ही किसी मित्र ने बताई । आज वो भाई साहब इस इस दुनिया में नहीं हैं, हमें उनसे मिलने का सौभाग्य एक बार मिला था ।
वर्तमान में वकील करोड़ों पीड़ितों को फंसाकर शोषण कर रहे हैं, आप उनके खिलाफ मुक़दमे ड़ाल दो ........फिर देखो तमाशा ......

जब तक आप खुद फर्जीवाड़ों को पकड़ना नहीं सीखोगे, तब तक ऐसे ही तड़फ 2 कर मरते रहोगे ........

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



झूठे दहेज़, भीख भत्ता, घरेलु हिंसा, छेड़छाड़ और बलात्कार के शिकार पति उस दिन तक वकील, पुलिस, जज , कोर्ट ,जेल के शोषण के शिकार बनते रहेंगे , जब तक वे अपनी लड़ाई लड़ने के लिए खुद को सशक्त नहीं बनाएंगे ........
ऐसे लोगों को औरतों के सशक्तिकरण के आड़ में झूठे मुक़दमे दर्ज करवाने के पीछे अवैध वसूली के गैंग के लालच को समझना जरूरी है ।
जब तक आप खुद फर्जीवाड़ों को पकड़ना नहीं सीखोगे, तब तक ऐसे ही तड़फ 2 कर मरते रहोगे ........
ये ही सब बातें सिखाने के लिए हम कार्यशाला कर रहे हैं .......

झूठे मुकदमों के शिकार पतियों के सवाल -- सर जी वकील ने मेरे मुकदमें में बहस ही नहीं की, पेश ही नहीं हुआ................................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


पत्नी द्वारा लगाये गए 498a, भीख भत्ता, घरेलु हिंसा के झूठे मुकदमों के शिकार पतियों के सवाल
-- सर जी वकील ने मेरे मुकदमें में बहस ही नहीं की, पेश ही नहीं हुआ, जज ने 10000 रूपये महीना भीख भत्ता लगा दिया, मेरी सैलरी ही 8000 रूपये है ........... क्या करूँ सर जी ........???
समाधान -- कोर्ट में होने वाले फर्जीवाड़े को कैसे पकड़ें, इसके बारे में कार्यशाला में पधारने का कष्ट करें और गड़बड़ियों को कैसे पकड़ना और कैसे फर्जीवाड़ा रोकना है, ये सीखने की हिम्मत करें और फिर अपने मुकदमों को काबू में करें ।

झूठे मुकदमों के शिकार पतियों के सवाल -- सर जी वकील दूसरी पार्टी से मिलकर मेरे मुक़दमे में गड़बड़ी कर रहा है .................................,

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


पत्नी द्वारा लगाये गए 498a, भीख भत्ता, घरेलु हिंसा के झूठे मुकदमों के शिकार पतियों के सवाल -- सर जी वकील दूसरी पार्टी से मिलकर मेरे मुक़दमे में गड़बड़ी कर रहा है , मैंने उसको हटाकर नया वकील किया, उसको फीस भी दे दी, वो भी दगाबाजी कर गया और मेरे खिलाफ वारंट जारी करवा दिए । पुलिस घर पर चक्कर लगा रही है । क्या करूँ सर जी ........???
समाधान -- कोर्ट में होने वाले फर्जीवाड़े को कैसे पकड़ें, इसके बारे में कार्यशाला में सीखने की हिम्मत करें और फिर अपने मुकदमों को काबू में करें ।

Monday, 5 March 2018

झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के निर्दोष परिवारों का शोषण करने में न्यायपालिका भी कम जिम्मेदार नहीं .....................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



इस देश में निर्दोष लोगों का शोषण करने के लिए न्यायपलिका, बड़ी 2 बातें करती है l कभी पुलिस को........ तो कभी कानूनों को......... कभी संसद को....... तो कभी औरतों को...... जिम्मेदार बताते हुए जरूरतमंद औरतों के लिए बनाये गये कानून  दुरूपयोग की बातें करती है, लेकिन कभी समस्या की जड़ को ठीक करने का प्रयास कभी भी नहीं किया गया l  निचली अदालतों से लेकर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रवैया देखे तो इन मुकदमों में निर्दोष लोगों के शोषण में न्यायपालिका की भूमिका भी कम खतरनाक नहीं है l आप फर्जीवाड़े करने वाली औरतों के गुजारा  भत्ता के मामलों को ही देख लें, आखिर न्यायपालिका की क्या मजबूरी  है कि --  औरतों के फर्जीवाड़े करने के बदले में उनको भीख भत्ता देने के लिए पति को मजबूर किया जाता है ...............???    ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ये 20000 करोड़ रूपये सालाना की इंडस्ट्री है , जिसमे वकील, महिला सेल, पुलिस , दलाल , भ्रष्ट जज सब मिलकर कमाते हैं l
आज तक देश में लाखों परिवार इन झूठे मुकदमों की चपेट में आ चुके हैं, कोर्ट के सामने फर्जीवाड़े के सबूत भी पेश कर दिए जाते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी जज जानबूझकर औरतों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करते ........???
वहीँ दूसरी तरफ अगर पति से जाने अनजाने में कोई छोटी से गलती हो जाये तो ये लोग उसका खून चूसने को तैयार बैठे रहते हैं l  बिना सबूत के ही लोगों को सजा कर दी जाती है, फिर अपील में पैसे लेकर उनको बरी कर दिया जाता है l  इस खेल में आर्थिक संपन्न लोग तो निकल जाते हैं, लेकिन गरीब आदमी फंस जाता है l देश के करोड़ों युवाओं को केवल इसलिए उलझाकर रखा जाता है कि – मजबूर होकर वो अवैध वसूली देने को तैयार हो जाये .......
झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने  का सबसे बड़ा कारण है -- औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता और  समझौते के नाम, पर मिलने वाली मोटी  रकम .......... अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया तो झूठे मुकदमे करवाने वाले वकील, आपकी पत्नी और उसके लालची  भाई, माँ बाप सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे...............
जिस देश का युवा ही कमजोर होगा, वो देश कैसे ताकतवर हो सकता है ......     



झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है -- औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता .....और ................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है --
औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता .........................और समझौते के नाम, पर मिलने वाली मोटी रकम ..........
अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया तो झूठे मुकदमे करवाने वाले वकील, आपकी पत्नी और उसके लालची भाई, माँ बाप को सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे

फर्जीवाड़े करने वाली औरतों को, पति से हर महीने भीख भत्ता दिलवाने की न्यायपालिका की क्या मजबूरी है ..........................???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के निर्दोष परिवारों का शोषण करने में न्यायपालिका भी कम जिम्मेदार नहीं .....................

इस देश में निर्दोष लोगों का शोषण करने के लिए न्यायपलिका, बड़ी 2 बातें करती है l कभी पुलिस को........ तो कभी कानूनों को......... कभी संसद को....... तो कभी औरतों को...... जिम्मेदार बताते हुए जरूरतमंद औरतों के लिए बनाये गये कानून  दुरूपयोग की बातें करती है, लेकिन कभी समस्या की जड़ को ठीक करने का प्रयास कभी भी नहीं किया गया l  निचली अदालतों से लेकर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रवैया देखे तो इन मुकदमों में निर्दोष लोगों के शोषण में न्यायपालिका की भूमिका भी कम खतरनाक नहीं है l आप फर्जीवाड़े करने वाली औरतों के गुजारा  भत्ता के मामलों को ही देख लें, आखिर न्यायपालिका की क्या मजबूरी  है कि --  औरतों के फर्जीवाड़े करने के बदले में उनको भीख भत्ता देने के लिए पति को मजबूर किया जाता है ...............???
आज तक देश में लाखों परिवार इन झूठे मुकदमों की चपेट में आ  चुके हैं, कोर्ट के सामने फर्जीवाड़े के सबूत भी पेश कर दिए जाते हैं , लेकिन उसके बावजूद भी जज जानबूझकर औरतों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करते ........???
वहीँ दूसरी तरफ अगर पति से जाने अनजाने में कोई छोटी से गलती हो जाये तो ये लोग उसका खून चूसने को तैयार बैठे रहते हैं l  बिना सबूत के ही लोगों को सजा कर दी जाती है, फिर अपील में पैसे लेकर उनको बरी कर दिया जाता है l  इस खेल में आर्थिक संपन्न लोग तो निकल जाते हैं, लेकिन गरीब आदमी फंस जाता है l देश के करोड़ों युवाओं को केवल इसलिए उलझाकर रखा जाता है कि – मजबूर होकर वो अवैध वसूली देने को तैयार हो जाये .......
जिस देश का युवा ही कमजोर होगा, वो देश कैसे ताकतवर हो सकता है ......     

झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने  का सबसे बड़ा कारण है -- औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता........... अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया तो झूठे मुकदमे करवाने वाले वकील, आपकी पत्नी और उसके लालची  भाई, माँ बाप सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे 







गुजारा भत्ता (125) के पीड़ित लोग ध्यान दें....................
अक्सर कोर्ट में जज गुजारा भत्ता के केस में, उन हालातों में भी जेल भेज देते हैं , जब उनकी नौकरी चली गई / कर्जा हो गया / खुद के केस व दूसरे खर्च को झेलने में असमर्थ होने पर भी जज, सच जानते हुए भी आँखें बंद करते हुए,................ दूसरे पक्ष के वकील और औरतों द्वारा ड्रामा करने पर, निर्दोष लोगों को जेल भेज देते हैं ।
ज्यादा बोलेंगे तो जज कहेगा कि – सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट की अथॉरिटी लाओ ।
इस प्रथा को हम रोक सकते हैं .........???
कैसे रोकें ............???
दरअसल गुजारा भत्ता मांगने के तीन तरीके हैं । जब भी जज किसी ऐसे व्यक्ति को जेल भेजता है तो उस जेल को भेजे जाने वाले वारंट को ध्यान से पढ़ें । उसमे साफ़ -2 लिखा होता है कि– इस व्यक्ति के पास काफी पैसा है जिससे गुजारा भत्ता दे सकता है, लेकिन ये जानबूझकर नहीं दे रहा । इसलिए इसे 14 दिन की सधाराण जेल भेजा जाता है ।
क्या आप जानते हैं कि जेल वारंट में ऐसा क्यों लिखा होता है ........???
क्योंकि इन कानूनों में स्पष्ट लिखा है कि -- उसके पास इतना पैसा होना चाहिए कि --- वो गुजारा भत्ता दे सके , और जज को भी जेल भेजने से पहले ये देखना होता है कि -- उस पति के पास देने के लिए कुछ है भी या नहीं..............???
कोई पढता ही नहीं.....................और वकील क्यों पढेंगे ............???
उनकी तो कमाई/ कमीशन गुजारा भत्ता के पैसे से ही निकलनी है ..............???
इसलिए अपने गुजारा भत्ता के केस में, वकील की बजाय, आप अपना जबाब खुद लिखकर, कोर्ट में सादे पेज पर लिखकर, दस रूपये की कोर्ट फीस की टिकट लगाकर, जज को दें और फिर भी, अगर जज जेल भेज दे, तो फिर जेल से आने के बाद, जज से ये सवाल लिखित में पूँछ लें कि – उन्होंने ये किस आधार पर लिखा ...........??? कि –
मेरे सामने ये साबित हो गया है कि -- इनके पास काफी पैसा है, जिससे वो गुजारा भत्ता दे सकता है .........
और फिर देखो तमाशा .................... 99.99 % जज तो इस बात का जबाब ही नहीं दे सकेंगे, क्योंकि फैसले तो हवा में लिखे जाते हैं । आप उस जज के खिलाफ केस परमिशन मांग कर, उनके खिलाफ मुकदमा डाल दो ।
पूरे हिंदुस्तान में 100 लोग भी केस डाल देंगे, तो फिर देखना, ये जज कैसे सुधरते हैं................???
और आपका केस काबू में आ जायेगा । जब जज को टेंशन होगी, तो फिर झूठा केस डालने वालों को, तो जज अपने आप काबू में कर देंगे .........

अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया,......... तो झूठे मुकदमे करवाने लोगों को सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे .........

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झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के बढ़ने  का सबसे बड़ा कारण है -- औरतों को हर महीने मिलने वाला भीख भत्ता........... अगर आपने भीख भत्ते को काबू में कर लिया तो झूठे मुकदमे करवाने वाले वकील, आपकी पत्नी और उसके लालची  भाई, माँ बाप सबक सिखाने में 1000 % कामयाब हो जायेंगे 


गुजारा भत्ता (125) के पीड़ित लोग ध्यान दें....................
अक्सर कोर्ट में जज गुजारा भत्ता के केस में, उन हालातों में भी जेल भेज देते हैं , जब उनकी नौकरी चली गई / कर्जा हो गया / खुद के केस व दूसरे खर्च को झेलने में असमर्थ होने पर भी जज, सच जानते हुए भी आँखें बंद करते हुए,................ दूसरे पक्ष के वकील और औरतों द्वारा ड्रामा करने पर, निर्दोष लोगों को जेल भेज देते हैं ।
ज्यादा बोलेंगे तो जज कहेगा कि – सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट की अथॉरिटी लाओ ।
इस प्रथा को हम रोक सकते हैं .........???
कैसे रोकें ............???
दरअसल गुजारा भत्ता मांगने के तीन तरीके हैं । जब भी जज किसी ऐसे व्यक्ति को जेल भेजता है तो उस जेल को भेजे जाने वाले वारंट को ध्यान से पढ़ें । उसमे साफ़ -2 लिखा होता है कि– इस व्यक्ति के पास काफी पैसा है जिससे गुजारा भत्ता दे सकता है, लेकिन ये जानबूझकर नहीं दे रहा । इसलिए इसे 14 दिन की सधाराण जेल भेजा जाता है ।
क्या आप जानते हैं कि जेल वारंट में ऐसा क्यों लिखा होता है ........???
क्योंकि इन कानूनों में स्पष्ट लिखा है कि -- उसके पास इतना पैसा होना चाहिए कि --- वो गुजारा भत्ता दे सके , और जज को भी जेल भेजने से पहले ये देखना होता है कि -- उस पति के पास देने के लिए कुछ है भी या नहीं..............???
कोई पढता ही नहीं.....................और वकील क्यों पढेंगे ............???
उनकी तो कमाई/ कमीशन गुजारा भत्ता के पैसे से ही निकलनी है ..............???
इसलिए अपने गुजारा भत्ता के केस में, वकील की बजाय, आप अपना जबाब खुद लिखकर, कोर्ट में सादे पेज पर लिखकर, दस रूपये की कोर्ट फीस की टिकट लगाकर, जज को दें और फिर भी, अगर जज जेल भेज दे, तो फिर जेल से आने के बाद, जज से ये सवाल लिखित में पूँछ लें कि – उन्होंने ये किस आधार पर लिखा ...........??? कि –
मेरे सामने ये साबित हो गया है कि -- इनके पास काफी पैसा है, जिससे वो गुजारा भत्ता दे सकता है .........
और फिर देखो तमाशा .................... 99.99 % जज तो इस बात का जबाब ही नहीं दे सकेंगे, क्योंकि फैसले तो हवा में लिखे जाते हैं । आप उस जज के खिलाफ केस परमिशन मांग कर, उनके खिलाफ मुकदमा डाल दो ।
पूरे हिंदुस्तान में 100 लोग भी केस डाल देंगे, तो फिर देखना, ये जज कैसे सुधरते हैं................???
और आपका केस काबू में आ जायेगा । जब जज को टेंशन होगी, तो फिर झूठा केस डालने वालों को, तो जज अपने आप काबू में कर देंगे .........

आखिर न्यायपालिका की क्या मजबूरी है कि -- औरतों के फर्जीवाड़े करने के बदले में उनको............................

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झूठे दहेज़, घरेलु हिंसा, भीख भत्ता के मुकदमों के निर्दोष परिवारों का शोषण करने में न्यायपालिका भी कम जिम्मेदार नहीं .....................
इस देश में निर्दोष लोगों का शोषण करने के लिए न्यायपलिका, बड़ी 2 बातें करती है l कभी पुलिस को........ तो कभी कानूनों को......... कभी संसद को....... तो कभी औरतों को...... जिम्मेदार बताते हुए जरूरतमंद औरतों के लिए बनाये गये कानून  दुरूपयोग की बातें करती है, लेकिन कभी समस्या की जड़ को ठीक करने का प्रयास कभी भी नहीं किया गया l  निचली अदालतों से लेकर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रवैया देखे तो इन मुकदमों में निर्दोष लोगों के शोषण में न्यायपालिका की भूमिका भी कम खतरनाक नहीं है l आप फर्जीवाड़े करने वाली औरतों के गुजारा  भत्ता के मामलों को ही देख लें l  आखिर न्यायपालिका की क्या मजबूरी  है कि --  औरतों के फर्जीवाड़े करने के बदले में उनको भीख भत्ता देने के लिए पति को मजबूर किया जाता है ...............???
आज तक देश में लाखों परिवार इन झूठे मुकदमों की चपेट में आ  चुके हैं, कोर्ट के सामने फर्जीवाड़े के सबूत भी पेश कर दिए जाते हैं , लेकिन उसके बावजूद भी जज जानबूझकर औरतों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करते ........???
वहीँ दूसरी तरफ अगर पति से जाने अनजाने में कोई छोटी से गलती हो जाये तो ये लोग उसका खून चूसने को तैयार बैठे रहते हैं l  बिना सबूत के ही लोगों को सजा कर दी जाती है, फिर अपील में पैसे लेकर उनको बरी कर दिया जाता है l  इस खेल में आर्थिक संपन्न लोग तो निकल जाते हैं, लेकिन गरीब आदमी फंस जाता है l देश के करोड़ों युवाओं को केवल इसलिए उलझाकर रखा जाता है कि – मजबूर होकर वो अवैध वसूली देने को तैयार हो जाये .......
जिस देश का युवा ही कमजोर होगा, वो देश कैसे ताकतवर हो सकता है ......     

Thursday, 1 March 2018

क्या आप अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में भेजना चाहेंगे ........???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

क्या आप अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में भेजना चाहेंगे ........???
जिस स्कूल के प्रिंसिपल , मालिक, और टीचर ऐसे काम में संलिप्त हों वे आपके बच्चों को क्या सिखायेंगे ...............
नारनौल से कुछ किलोमीटर दूर डोंगडा अहीर गाँव स्थित इंडस वैली पब्लिक स्कूल के मालिक, प्रिंसिपल और मैडम के फर्जीवाड़ों को जानने के बाद , 
आप अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में कभी भी नहीं भेजना चाहेंगे ........???
सबूत के साथ जानकारी ......
1) हमारा विडियो, जिस दिन हम स्कूल में गये ......... कृपया लिंक पर जायें https://drive.google.com/…/1_WfK_sGScjubHlPK4SMJ8im9e…/view…
2) आशा रानी से करवाई गई शिकायत .............कृपया लिंक पर जायें https://drive.google.com/…/1P9jrd2I3jisNMSd9TPbc3oO1q…/view…
3) पुलिस को हमारा जबाब................... कृपया लिंक पर जायें https://drive.google.com/…/1E6yu8i9M-g35te7Pb4RyWV1xz…/view…
ये षड्यंत्र नहीं तो क्या है ...........???
दरअसल आशा रानी उस स्कूल में काम करती है, लेकिन उस स्कूल के मालिक ने उसे रिकॉर्ड में नहीं दिखा रखा, जबकि कोर्ट में वो कह रही है कि – वो तो मजबूर, लाचार है, उसे कुछ भी नहीं आता .........
एक तरफ स्कूल का सिक्यूरिटी गार्ड, प्रिंसिपल आशा रानी के स्कूल में काम करने की बात स्वीकार कर रहे हैं, फिर मुकर रहे हैं और शिकायत आशा रानी से करवा रहे हैं ...............
स्कूल के प्रिंसिपल, मालिक, की आशा रानी को बचाने की क्या मजबूरी है........................???
क्या स्वार्थ है ........ ???
कहीं दोनों के बीच में कोई फर्जीवाड़ा तो नहीं .....................???
एक औरत का चरित्र जब गिरने लगे तो वो अपना शरीर को परोसने के आलावा कर भी क्या सकती है ........ और स्कूलों के मालिक का चरित्र कोई ज्यादा अच्छा नहीं होता है,.................
ये लोग अक्सर ऐसे कामों में संलिप्त रहते हैं............., पैसे का थोडा सा गरूर हो जाता है...........
कोई कितना भी चालाक क्यों न हो, झूठ के निशान कहीं न कहीं छोड़ ही देता है..........

सभी समझदार लोगों के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित......

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समस्या -- रोजाना कम से कम 4 से 5 पतियों के फोन आते हैं , सर हमारी बीबी / पत्नी हमारे खिलाफ महिला सेल में शिकायत कर दी या हमारे खिलाफ दहेज़ का मुकदमा कर दिया , पापा, मम्मी, बहन , जीजा , भाई भाभी सभी का नाम भी लिखवा दिया है .....
सर उसने खर्च / गुजारा भत्ता का केस भी लगा दिया है ...
सर जी हमारी मदद करो , हम बुरी तरह फंस गए हैं । हमनें उनको बताया कि -- भाई साहब फोन पर तो हम आपकी ज्यादा मदद नहीं कर कर सकेंगे क्योंकि बिना डाक्यूमेंट्स देखे गड़बड़ी सही पकड़ में नहीं आएगी और आपका काम सही तरीके से नहीं हो सकेगा । आप कार्यशाला में अपने डाक्यूमेंट्स सहित मिलें, हम आपको सही मदद कर सकेंगे , पत्नी और उसके परिवार वालों के खिलाफ केस भी तैयार करवा देंगे । ये लोग कार्यशाला में आना नहीं चाहते ...... वैसे कहेंगे कि -- सर जी मेरे शहर में कार्यशाला होनी चाहिए, जब इनको ये कहो कि -- अपने शहर में कार्यशाला करने में साथ आओ ,तब चुप ....

Monday, 19 February 2018

हमे 500 % विशवास है कि -- हिंदुस्तान में झूठे मुकदमों में फंसाकर, अवैध वसूली का धंधा यो ही बढ़ता रहेगा ...........................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

इस देश में महिला आयोग, महिला सेल, जिला संरक्षण अधिकारी पदों पर बैठी महिलाओं का धंधा और दिन दोगुनी रात चौगनी प्रगति करता रहेगा ........... क्योंकि .......................
झूठे दहेज़, भीख भत्ता, घरेलु हिंसा के मुकदमों के शिकार पति, व्यवस्था के भ्रष्टाचार के चलते......... मानसिक रूप से इतने कमजोर हो चुके हैं कि .............
 उन्होंने अपने दुश्मनों को का ईलाज करने की सोच ही ख़त्म हो चुकी है .....
 वकीलों को लाखों रूपये देकर, अपनी बार 2, ऐसी तैसी करवाने में ही खुश हैं ........
 मुफ्त में इनको कुछ सिखाने की कोशिश करो, तो भी शक करेंगे ...............
 पैसे लेकर करो तो ज्यादा खुश रहते हैं .............
 वैसे रोना रोते रहेंगे कि – वे तो लुट पिट चुके हैं ...........
 ससुराल पक्ष के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाने में मदद करो तो भी इनको समझ नहीं आता ..........
 पूरे देश में कोई भी वकील, पुलिस. जज इनको ससुराल वालों के खिलाफ, [ सिर्फ लागत पर ] मुकदमे तैयार करने और लड़ने में मदद नहीं करता, कोई मदद करना चाहता है, तो भी ये लोग सोचते हैं ..............
इनके इन हालातों, नकारात्मक सोच, आलसीपने को देखकर, लगता है कि – जब ये लोग खुद ही मरने, शोषण करवाने, लुटने के लिए तैयार बैठे हैं तो भगवान् भी धरती पर खुद पधार कर भी इनका भला नहीं कर सकेंगे ................
और महिला आयोग, महिला सेल, जिला संरक्षण अधिकारी पदों पर बैठी महिलाओं का धंधा और दिन दोगुनी रात चौगनी प्रगति करता रहेगा l...........

इस देश में महिला आयोग, महिला सेल, जिला संरक्षण अधिकारी पदों पर बैठी महिलाओं का धंधा और दिन दोगुनी रात चौगनी प्रगति करता रहेगा , क्योंकि ...

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....
झूठे दहेज़, भीख भत्ता, घरेलु हिंसा के मुकदमों के शिकार पति, व्यवस्था के भ्रष्टाचार के चलते......... मानसिक रूप से इतने कमजोर हो चुके हैं कि .............
 उन्होंने अपने दुश्मनों को का ईलाज करने की सोच ही ख़त्म हो चुकी है .....
 वकीलों को लाखों रूपये देकर, अपनी बार 2, ऐसी तैसी करवाने में ही खुश हैं ........
 मुफ्त में इनको कुछ सिखाने की कोशिश करो, तो भी शक करेंगे ...............
 पैसे लेकर करो तो ज्यादा खुश रहते हैं .............
 वैसे रोना रोते रहेंगे कि – वे तो लुट पिट चुके हैं ...........
 ससुराल पक्ष के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाने में मदद करो तो भी इनको समझ नहीं आता ..........
 पूरे देश में कोई भी वकील, पुलिस. जज इनको ससुराल वालों के खिलाफ, [ सिर्फ लागत पर ] मुकदमे तैयार करने और लड़ने में मदद नहीं करता, कोई मदद करना चाहता है, तो भी ये लोग सोचते हैं ..............
इनके इन हालातों, नकारात्मक सोच, आलसीपने को देखकर, लगता है कि – जब ये लोग खुद ही मरने, शोषण करवाने, लुटने के लिए तैयार बैठे हैं तो भगवान् भी धरती पर खुद पधार कर भी इनका भला नहीं कर सकेंगे ................
और महिला आयोग, महिला सेल, जिला संरक्षण अधिकारी पदों पर बैठी महिलाओं का धंधा और दिन दोगुनी रात चौगनी प्रगति करता रहेगा ...........

Friday, 19 January 2018

आज हम 182 IPC के झूठे मुकदमे से बरी हो गये ......................

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


आदरणीय देशवासियों,
आज आप सभी कि दुआओ, आशीर्वाद और सहयोग से हम मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचते हुए पुलिस और रेवाड़ी के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉक्टर एच् आर यादव, तथाकथित पत्रकार रवि यादव और रेवाड़ी कि तत्कालीन प्रोटेक्शन ऑफिसर नीलम शर्मा ने मिलकर मेरे खिलाफ दर्ज करवाया था , क्योकि हमने उनके खिलाफ फर्जीवाड़े के सबूत पकड़ लिए थे. आज कोर्ट ने मुझे इस केस से बरी कर दिया है . जल्दी ही आर्डर कि कॉपी आपके साथ साँझा करेंगे ...........
आप सभी का हार्दिक शुक्रिया........

Monday, 15 January 2018

अन्याय और अत्याचार के शिकार लोगों के लिए जल्द ही शुरू होगी रेवाड़ी में कार्यशाला .......

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

स्थानीय स्तर पर अन्याय और अत्याचार के शिकार लोगों के लिए जल्द ही शुरू होगी रेवाड़ी में कार्यशाला .......
ये कार्यशाला हर महीने आयोजित होगी जिसमे अन्याय और अत्याचार का पीड़ित कोई भी व्यक्ति, हमसे मिलकर अपनी समस्या का समाधान जान सकता है l
जल्द ही इसकी शुरुआत होने जा रही है ...... हमारे एक्सपर्ट आपको देंगे सुझाव ....................
अधिक जानकारी के लिए 09253323118 पर अपना ईमेल sms करें ।