आईये.... .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
मुझ पर पत्नी पक्ष द्वारा झूठे दहेज़ के मुकदमे दर्ज करवाने के बाद समझौते के लिए दबाब बनाने के लिए 250 से ज्यादा सरपंच / प्रधान ने अपने दांव पेंच चलने की कोशिश की थी, लेकिन हम दबाब में नहीं आये l
उनसे केवल 2 सवाल किये थे कि – जब ये इतनी अच्छी है तो आप इसको या तो अपनी पत्नी की सौतन बना लो या फिर अपने लड़के के लिए ले जाओ l
एक बार की बात है जब एक जज ने भी मुझे ऐसा ही कहा था – तब हमनें उस जज को भी यही कहा था कि – ये मेरे लायक तो बची नहीं , अगर इतनी ही अच्छी लग रही है तो आप इसको अपने घर ले जाओ l
उस दिन के बाद उस जज ने मुझसे पत्नी को ले जाने के लिए कभी भी नहीं कहा l
मुझे वकील भी हटाने पड़े, अगर मेरे केस में वकील होते तो हम भीख भत्ता की लड़ाई को इस मुकाम तक पहुंचा ही नहीं पाते .................
उस दिन के बाद उस जज ने मुझसे पत्नी को ले जाने के लिए कभी भी नहीं कहा l
मुझे वकील भी हटाने पड़े, अगर मेरे केस में वकील होते तो हम भीख भत्ता की लड़ाई को इस मुकाम तक पहुंचा ही नहीं पाते .................
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