Friday, 28 October 2016

बौखलाहट, अपराधिक मानसिकता, तानाशाही सोच के चलते, नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंघल, इस हद तक गिरा ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

हमनें नारनौल के भृष्ट, आतंकवादी से भी खतरनाक , अपराधिक मानसिकता वाले, जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंघल से 28 लेटर भेजकर , सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार , की गई कार्यवाही के आदेशों की कॉपी मांगी तो, ........इन्होंने बौखलाहट में क्या किया ......???
अपनी जूनियर JMIC अपर्णा भारद्वाज से मेरे मुकदमे में, पहले तो झूठे आरोप लगवाकर, गैर जमानती वारंट करवाये, जबकि हमनें हाई कोर्ट में डेल गए केस की कॉपी भी उस मजिस्ट्रेट को दे दी थी।  आर्डर 12 दिनों तक वेबसाइट पर डाले ही नहीं गए । अब कल यानिकि 27.10.2016 को उस केस की तारीख थी, उस JMIC अपर्णा भारद्वाज ने अरुण कुमार सिंघल के प्रभाव में काम करते हुए, जानबूझकर मेरी माता जी की जमानत देने वाले लोगों के खिलाफ भी वारंट निकाल दिए, और आर्डर वेबसाइट पर डाला ही नहीं और हमें न्याय से वंचित रखने की नियत से , जानबूझकर 24 घंटे बाद की, यानि कि आज की ( 28.10.2016 ) तारीख दी है।
कितने गिर चुके हैं, नारनौल के ये भृष्ट जज (  DJS  Arun Kumar Singhal, JMIC M Z Khan,  JMIC Aprna Bhardwaj, JMIC Suyasha Jawa , JMIC Arun Kumar Dabla )..........???
नारनौल का सेशन जज अरुण कुमार सिंघल, इतना गिर चूका है कि -- कभी किसी चपरासी को , तो कभी किसी दूसरे गरीब लोगों / कोर्ट कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा है, किसी को बौखलाहट के चलते नौकरी से निकल रहा है । वैसे ये अपने आप को बहुत ऊँचे कुल का समझता है, कर्म इसके ऐसे घटिया  हैं कि -- लोग इससे नफरत करें  .........
फर्जीवाड़े करते हुए, निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करकर , ये अपने खिलाफ इतनी बद दुयायें इक्कठी कर रहे हैं कि -- ये लोग , जिन लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं ,  एक दिन शायद खुद भी हमारे से भी ज्यादा तड़फ 2 कर ,  उस दर्द को झेलेंगे ......
कुदरत और ऊपर वाला , इन जजों से बहुत ज्यादा ताकतवर हैं।  इनकी तो कोई औकात ही नहीं है।
हम भी इस लड़ाई को आखिरी सांस तक लड़ेंगे .......!!! और मुझे या मेरी माता जी को इस प्रताड़ना की वजह से कुछ भी होता है तो उसकी जिम्मेदारी इन उपरोक्त  जजों की होगी । और इनके खिलाफ षड्यंत्र रचकर, हत्या करने के प्रयास करने के मुकदमें भी डलेंगे .........

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