आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
सुधर जाओ, वरना लोग न्याय के लिए कोर्ट आना ही बंद कर देंगे ........
कुछ दिनों पहले हमनें सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट के किसी जज की ये टिप्पणी पढ़ी थी । जिन्होंने न्यायपालिका के गिरतेे हुए , खतरनाक हालातों के बारे में किसी फैसले को लिखते वक्त, ये कड़वा सच बयान किया था।
अभी कुछ वर्षों पहले तक, तो लोगों का न्याय के लिए, न्यायपालिका पर कुछ भरोसा था। चाहे वो न्याय खरीदने पर ही मिले.....!!!
लोग, गुंडे बदमाश की बजाय, जजों पर ज्यादा विश्वास करते थे । लेकिन जजों की जरुरत से ज्यादा तानाशाही, फर्जीवाड़े, गैर कानूनी कामों में संलिप्तता, कोर्ट में गैर जिम्मेदार रवैया, सच की हत्या के लिए जरुरत से ज्यादा घपले/ फर्जीवाड़े ..... अवैध प्रतिफल की नियत से वारंट का दुरूपयोग, अवैध वसूली लेकर फैसले लिखना, मूर्खतापूर्ण फैसले, व्यवहार, जैसे कारनामों ने लोगों को सफलतापूर्वक ये समझा दिया है कि -- हिन्दुस्तान की अदालतें न्याय देने की बजाय, अवैध वसूली का केंद्र बन चुकी है । ( कुछ 2% जज ईमानदार हैं, भी तो उनका असर , न के बराबर हो रहा है वे डर रहे हैं , )
जब भी कोई ताकत, निरंकुश , गैर जिम्मेदार, हो जाये, तो कुदरत अपने तरीके से समाधान करती है।
कुछ वर्षों पहले हमनें किसी मैगज़ीन में पाकिस्तान के , पुलिस, न्यायपालिका के बारे में पढ़ा था कि --- किस प्रकार लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर, अवैध वसूली की लिए प्रताड़ित किया जाता है ।
पाकिस्तान में तो खतरनाक आतंकवादी हैं, ISI , और दूसरे कौमी संगठन हैं । वहाँ के जज भी इनसे डरते हैं । हिन्दुस्तान में थोडा हटकर , शराफत का माहौल है। हमारे देश में भृष्ट जजों की तानाशाही ख़त्म करने के लिए, खतरनाक आतंकवादी नहीं हैं । जैश ए मोहम्मद , ISI जैसे संगठन नहीं हैं , जो इस देश की तानाशाह न्यायपालिका को, सही रास्ते पर ला सके ........... !!!
शराफत के चक्कर में , भृष्ट जजों की तानाशाही , के कारण, निर्दोष लोग प्रताड़ना और शोषण के चलते, अकाल मौत मर रहे हैं ।
एक मशहूर कहावत है,कि -- जहर को जहर मरता है । न्यायपालिका और भृष्ट जजों की तानाशाही को, शराफत से नहीं, बल्कि पाकिस्तान में बसने वाले आतंकी ,और उनके संगठन ही सुधार सकते हैं ।
अब, लोग न्याय के लिए कोर्ट में जाने की बजाय , अपना मुद्दा बाहर ही निपटाने में समझदारी मानने लगे हैं ।जब तक लोग कोर्ट में आ रहे हैं, तो ही वसूली का रास्ता बनेगा .......!!!
जब लोग जजों के पास जायेंगे ही नहीं, तो फिर न्यायपालिका के भृष्ट जज, अवैध वसूली किस से करेंगे ........???
अगर आपको जायज तरीके से न्याय चाहिए, तो आप अपने गली, शहर, मोहल्ले के किसी गुंडे, बदमाश से संपर्क करें, तो काम फायदेमंद रहेगा और वाजिब दाम पर, समय रहते, समाधान होगा ।
सुधर जाओ, वरना लोग न्याय के लिए कोर्ट आना ही बंद कर देंगे ........
कुछ दिनों पहले हमनें सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट के किसी जज की ये टिप्पणी पढ़ी थी । जिन्होंने न्यायपालिका के गिरतेे हुए , खतरनाक हालातों के बारे में किसी फैसले को लिखते वक्त, ये कड़वा सच बयान किया था।
अभी कुछ वर्षों पहले तक, तो लोगों का न्याय के लिए, न्यायपालिका पर कुछ भरोसा था। चाहे वो न्याय खरीदने पर ही मिले.....!!!
लोग, गुंडे बदमाश की बजाय, जजों पर ज्यादा विश्वास करते थे । लेकिन जजों की जरुरत से ज्यादा तानाशाही, फर्जीवाड़े, गैर कानूनी कामों में संलिप्तता, कोर्ट में गैर जिम्मेदार रवैया, सच की हत्या के लिए जरुरत से ज्यादा घपले/ फर्जीवाड़े ..... अवैध प्रतिफल की नियत से वारंट का दुरूपयोग, अवैध वसूली लेकर फैसले लिखना, मूर्खतापूर्ण फैसले, व्यवहार, जैसे कारनामों ने लोगों को सफलतापूर्वक ये समझा दिया है कि -- हिन्दुस्तान की अदालतें न्याय देने की बजाय, अवैध वसूली का केंद्र बन चुकी है । ( कुछ 2% जज ईमानदार हैं, भी तो उनका असर , न के बराबर हो रहा है वे डर रहे हैं , )
जब भी कोई ताकत, निरंकुश , गैर जिम्मेदार, हो जाये, तो कुदरत अपने तरीके से समाधान करती है।
कुछ वर्षों पहले हमनें किसी मैगज़ीन में पाकिस्तान के , पुलिस, न्यायपालिका के बारे में पढ़ा था कि --- किस प्रकार लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर, अवैध वसूली की लिए प्रताड़ित किया जाता है ।
पाकिस्तान में तो खतरनाक आतंकवादी हैं, ISI , और दूसरे कौमी संगठन हैं । वहाँ के जज भी इनसे डरते हैं । हिन्दुस्तान में थोडा हटकर , शराफत का माहौल है। हमारे देश में भृष्ट जजों की तानाशाही ख़त्म करने के लिए, खतरनाक आतंकवादी नहीं हैं । जैश ए मोहम्मद , ISI जैसे संगठन नहीं हैं , जो इस देश की तानाशाह न्यायपालिका को, सही रास्ते पर ला सके ........... !!!
शराफत के चक्कर में , भृष्ट जजों की तानाशाही , के कारण, निर्दोष लोग प्रताड़ना और शोषण के चलते, अकाल मौत मर रहे हैं ।
एक मशहूर कहावत है,कि -- जहर को जहर मरता है । न्यायपालिका और भृष्ट जजों की तानाशाही को, शराफत से नहीं, बल्कि पाकिस्तान में बसने वाले आतंकी ,और उनके संगठन ही सुधार सकते हैं ।
अब, लोग न्याय के लिए कोर्ट में जाने की बजाय , अपना मुद्दा बाहर ही निपटाने में समझदारी मानने लगे हैं ।जब तक लोग कोर्ट में आ रहे हैं, तो ही वसूली का रास्ता बनेगा .......!!!
जब लोग जजों के पास जायेंगे ही नहीं, तो फिर न्यायपालिका के भृष्ट जज, अवैध वसूली किस से करेंगे ........???
अगर आपको जायज तरीके से न्याय चाहिए, तो आप अपने गली, शहर, मोहल्ले के किसी गुंडे, बदमाश से संपर्क करें, तो काम फायदेमंद रहेगा और वाजिब दाम पर, समय रहते, समाधान होगा ।
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