Monday, 31 October 2016

हिंदुस्तान को बाहरी दुश्मनों की जरुरत ही नही, घर में ही भृष्ट जजों की कमी है क्या .......???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


हिंदुस्तान की न्यायपालिका के नाकाबिल, मुर्ख, बेवकूफ, अहंकारी, तानाशाही ,आतंकवादियों से भी खतरनाक अपराधिक मानसिकता वालेऔर  भृष्ट, जजों ने ,  पब्लिक के खून पसीने की कमाई से इक्कट्ठा किये गए टैक्स के पैसे से ही , देश के लोगों का वो नुकसान कर दिया है, जिसकी भरपाई हो ही नहीं सकती ..........???

Sunday, 30 October 2016

200% विशवास के साथ दावा कर रहे हैं , कि आपने किसी जज का , ऐसा फर्जीवाड़ा नहीं देखा होगा ..........???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

आज हम आपको नारनौल के जिला सेशन जज और उसके दूसरे जूनियर जजों के फर्जीवाड़े के नमूने दिखा रहे हैं,  हमें 200%  विश्वास है कि -- अपने जिंदगी में इससे ज्यादा फर्जीवाड़ा और घपला नहीं देखा होगा ........????


नारनौल का सेशन जज अरुण कुमार सिंघल , कितनी गहरी , अपराधिक मानसिकता का आदमी है,...........??? .
  ये जानेंगे तो आप हैरान हो जायेंगे कि --- ऐसे व्यक्ति का  सेशन जज की जिम्मेदार पद पर रहना कितना खतरनाक है .........???
अभी हमने अपने केस ( FIR no. 392, दिनांक 25.12.2009 ,थाना शहर नारनौल ) की पिछली तारीख 27.10.2016, 28.10.2016, इन तारीखों के आर्डर और अगली तारीख की जानकारी के लिए, नारनौल कोर्ट की वेबसाइट --- ecourt narnaul पर गया तो एक हैरान कर देने वाली , बात मिली कि -- अगली तारीख लगाई है 14.12.2016.  दिनांक 28.10.2016  और 27.10.2016 के साथ लिखा है कॉपी ऑफ़ आर्डर ( जिससे ये लगे कि ये आर्डर अपलोड कर दिए गए हैं ), लेकिन जब कॉपी ऑफ़ आर्डर पर क्लिक करो तो रिपोर्ट ये दिखाई देती है कि ये आर्डर अपलोड नहीं किया गया ।   ये हमनें अभी 11: 25 AM पर ही सर्च किया है ।
आप भी इस केस के बारे में , वेबसाइट पर जाकर, सच को देखें .........फिर अपने विचार दें ।

क्या आपने कभी इससे खतरनाक फर्जीवाड़ा देखा है ......???

Saturday, 29 October 2016

CJI TS Thakur , देश की अदालतों में झूठे मुकदमें बढ़ने की असली वजह ये हैं .......क्या आप कुछ करेंगे ..........या फिर वही रोना धोना ......

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


देश की अदालतों में झूठे मुक़दमे बढ़ने की असली वजह ---  जजों के द्वारा सच जानते हुए भी, झूठे केस डालने वालों पर,  कोई कार्यवाही करने की बजाय,  उनके फर्जीवाड़ों का समर्थन करना और निर्दोष को प्रताड़ित करना,  अहंकार और तानाशाही  की सोच व् अवैध वसूली के लालच में , खुद
( यानि कि  जज )की 98% ऊर्जा सच को झूठ में बदलने में खर्च करना है ।

बात2 पर जजों की कमी का रोना रोने वाले CJI TSThakur, क्या समस्या के समाधान के लिए इस सुझाव पर अमल करेंगे ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

बात 2 पर जजों की कमी का रोना रोने वाले CJI TS Thakur क्या समस्या की जड़ को ठीक करने के लिए , इस सुझाव पर काम करेंगे .......???

आइये ......!!!  जाने कोर्ट में बढ़ रहे झूठे मुकदमों को काबू करने का समाधान ........
The judges need to understand IPC 191, 193, 195 etc read with CrPC 340 so that frivolous litigants can be taught a lesson. This will result in work load naturally. Why can't SC can have aggressive workshops and training session of judges about the applicability of perjury provisions........???

 Why there is a reluctance on the judiciary side.......???
 Simply having some case law or some guidelines doesn't help.

The judges are scared,  even to think about it........

Indian Judiciary is scared , even to think about .it .........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


The judges need to understand IPC 191, 193, 195 etc read with CrPC 340 so that frivolous litigants can be taught a lesson. This will result in work load naturally. Why can't SC can have aggressive workshops and training session of judges about the applicability of perjury provisions........???

 Why there is a reluctance on the judiciary side.......???
 Simply having some case law or some guidelines doesn't help.

The judges are scared,  even to think about it.........

Mr. TS Thakur साहब, पहले अपने जजों को संविधान के अनुसार काम करना सिखाओ , भृष्ट जजों को निकालो, .......फिर कुछ.......मांगना .......

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....



Mr. TS Thakur साहब पहले अपने जजों को , संविधान के प्रावधान के अनुसार काम करना सिखाओ, कोर्ट में छुट्टियों पर कटौती करो, भृष्ट जजों पर कार्यवाही करो, जजों को समय पर काम करने के लिए , जिम्मेदार बनाओ, जजों को संविधान के प्रावधानों के अनुसार काम न करने पर नौकरी से बाहर निकालो, पहले section 11 CPC, section 300 of CRPC और article 20(2) of Constitution के अनुसार काम करो , फिर कुछ मांगना .......!!!

कहीं सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर , देश की जनता को गुमराह तो नहीं कर रहे ............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश तीरथ सिंह ठाकुर पिछले कुछ महीनों से जजों की कमी , काम के दबाब का हवाला देते हुए, नए जजों की भर्ती के लिए , केंद्र सरकार पर , दबाब बनाने की रणनीति के चलते, सार्वजनिक रूप से सरकार, पर जजों की नियुक्ति में देरी के लिए, इल्जाम लगाकर, अपने आप को दूध का धुला साबित करने की कोशिश में लगे हैं ।
जबकि हकीकत यह है कि CJI ठाकुर साहब , अपने जजों के फर्जीवाड़े, अंकल जजों की नियुक्ति, न्यायपालिका के भरष्टाचार पर चुप्पी साधे हुए हैं । जो लोग कोर्ट में जाते हैं , उनको अच्छी तरह से मालूम है कि --- कई जज तो पूरे दिन में 2 घंटे भी काम नहीं करते ........एक प्राइमरी स्कूल के छोटे बच्चे से भी ज्यादा छुट्टियां इनको ही क्यों चाहिए ........???? क्या दूसरे कर्मचारी ईन्सान नहीं .....???
दरअसल ठाकुर साहब , न्यायपालिका में नए जजों की भर्ती के बहाने, अपने लोगों को भर्ती करना चाहते हैं । न्यायपालिका जितने प्रवचन दूसरे लोगों को सुधार के लिए देती है, उसका 50% भी अगर खुद पर अमल,  कर लेगी, तो बहुत बड़ा सुधार हो जायेगा ।
देश की अदालतों में धड़ाधड़ फर्जीवाड़े हो रहे हैं, भृष्ट जज, अवैध वसूली के लिए , निर्दोष लोगों को गैर जमानती वारंट करके, बिना कसूर ही जेल भेज रही है, ऐसे जजों को क्यों बचाया जा रहा है .....???  भृष्ट जजों के खिलाफ कार्यवाही पर, न्यायपालिका और ईमानदार CJI ठाकुर साहब चुप क्यों ........???
न्यायपालिका ने जजों को मिली स्वतंत्रता, संरक्षण , का दुरुपयोग करते हुए, अन्याय और  अत्याचार के खिलाफ विरोध को कुचलने के लिए , कॉन्टेम्पट ऑफ़ कोर्ट एक्ट का गलत इस्तेमाल करते हुए, निर्दोष लोगों पर झूठे मुक़दमे दर्ज करवाकर प्रताड़ित कर रही है।

 जब अधिकार , निरंकुश ताकत और शक्तियों का दुरूपयोग होने लगे , तो उस पर लगाम लगाना जरुरी हो जाता है ।
आज के दिन , जजों की 98% ऊर्जा केवल फर्जीवाड़े, तानाशाही करने, सच को झूठ में बदलने में लगी हुई है, निर्दोष लोगों का जमकर शोषण किया जा रहा है। देश के निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करके , मरने को मजबूर किया जा रहा है । फर्जी और गैर कानूनी तरीके अपनाकर,  पुलिस पर दबाब बनाकर, निर्दोष लोगों को किसी भी तरीके से जेल में भेजकर , उनसे हो रही, जमकर अवैध वसूली .........??? दिखावा न्याय का ,....... और हकीकत में हो रही अवैध वसूली ..........!!!
एक चपरासी, सफाईवाला भी,  इन भृष्ट जजों से ज्यादा  जिम्मेदार.......!!!
आखिर न्यायपालिका और सरकार में क्यों हो रहा है टकराव .......???
 क्या न्यायपालिका को अपने गिरेबां में नहीं झांकना चाहिए.......??? अंकल जजों पर भी अंकुश लगाए सुप्रीम कोर्ट........!!!
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28 अक्टूबर को जजों की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश टी.एस.ठाकुर ने कहा कि सिफारिश के बावजूद सरकार 9 महीने से फाइल को दबाए बैठी है। सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से जस्टिस ठाकुर ने कहा कि आप इसे नाक का सवाल न बनाएं। आप (सरकार) संस्थाओं को दो पाटों के बीच नहीं पीस सकते। हम बेहद धैर्य के साथ काम कर रहे हैं। हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते, जहां न्यायपालिका तबाह हो जाए और अदालतों में ताले लगे जाएं। यह माना कि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति नहीं होने देश के सभी राज्यों में मुकदमों का अंबार लग गया है। सुप्रीम कोर्ट की यह राय वाजिब है कि जजों की नियुक्ति जल्द होनी चाहिए। सब जानते हैं कि सरकार ने जजों की नियुक्ति का जो फार्मूला सुझाया था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। अब जजों की नियुक्ति के फार्मूले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ओर सरकार के बीच विवाद की स्थिति है। लेकिन जिन लोगों का अदालतों से पाला पड़ा है, वे अच्छी तरह जानते हैं कि अदालतों में क्या-क्या होता है। ऐसा नहीं कि सुप्रीम कोर्ट में बैठे भगवानों को हाई कोर्ट के भगवानों की करतूतें पता न हों। कई अवसरों पर बड़े भगवानों ने छोटे भगवानों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। बड़े भगवानों को हाईकोर्ट के अंकल जजों के बारे में भी पता है। अंकल जज उन्हें माना जाता है जिनके पुत्र पुत्रियां या अन्य निकट के रिश्तेदार हाईकोर्ट में वकालात करते हैं। ईमानदारी इतनी की कोई जज अपने बेटे-बेटी  को अपनी अदालत में पैरवी नहीं करने देता। जब से जजों की नियुक्ति अन्य प्रांतों में होने लगी है तब से तो अंकल जजों की ईमानदारी और बढ़ गई है। उदाहरण के लिए गुजरात का कोई जज राजस्थान में और राजस्थान का गुजरात हाईकोर्ट में नियुक्त हो तो राजस्थान के वकील बेटे, बेटी को गुजरात में और गुजरात वाले को राजस्थान में अंकल जज मिल जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट को इस बात का भी पता लगाना चाहिए कि अंकल जजों से जुड़े युवा वकीलों की स्थिति कैसी है। साधारण परिवार का युवा वकील वर्षों तक अपनी पहचान के लिए मोहताज रहता है, जबकि अंकल जजों की वजह से बेटे-बेटियां रातोंरात मालामाल हो जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी पता लगाए कि जजों के बेटे-बेटियां कितनी राज्य सरकारों के पैनल में शामिल है। खुद सुप्रीम कोर्ट में होईकोर्ट के जजों के बेटे-बेटियां विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से पैरवी कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि ऐसे बेटे-बेटियों में काबिलियत की कोई कमी हो, लेकिन इनसे भी ज्यादा काबिलियत वाले वकील मुंशीगिरी का काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट यह कह सकता है कि जब नेता का बेटा नेता बन सकता है तो जज का बेटा वकील क्यों नहीं बन सकता? सुप्रीम कोर्ट का यह तर्क 100 प्रतिशत सही है, लेकिन नेता और उसके बेटे की आलोचना सार्वजनिक तौर पर हो सकती है तथा ऐसे भ्रष्ट नेताओं को कोर्ट में भी घसीटा जा सकता है, लेकिन न्यायालय की अवमानना के डर की वजह से बेटे-बेटियों की कोई आलोचना नहीं हो सकती और न ही किसी कोर्ट में घसीटा जा सकता है।
(एस.पी. मित्तल)  (28-10-2016)
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Friday, 28 October 2016

अगर जजों की 2% ऊर्जा भी ईमानदारी से , पीड़ित को न्याय देने लग जाये, तो इस देश के लोग सुखी हो जाये ...........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अगर इस देश के जजों की 2% ऊर्जा भी पीड़ित लोगों  को ईमानदारी से न्याय देने में लग जाये तो भी इस देश के लोग, सुख चैन से रह लेंगे .........

हिन्दुस्तान के जजों की 98% ऊर्जा,  सच को झूठ में बदलने, न्याय का दिखावा करने में ही लग रही है । पूरे दिन भर में ईमानदारी से दो घंटे भी काम नहीं करते, मौज मस्ती के लिए इनको गर्मी, सर्दी और लगभग हर महीने छुट्टियां चाहिए ।  ऊपर से जजों की कमी का नाटक ........

बौखलाहट, अपराधिक मानसिकता, तानाशाही सोच के चलते, नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंघल, इस हद तक गिरा ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

हमनें नारनौल के भृष्ट, आतंकवादी से भी खतरनाक , अपराधिक मानसिकता वाले, जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंघल से 28 लेटर भेजकर , सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार , की गई कार्यवाही के आदेशों की कॉपी मांगी तो, ........इन्होंने बौखलाहट में क्या किया ......???
अपनी जूनियर JMIC अपर्णा भारद्वाज से मेरे मुकदमे में, पहले तो झूठे आरोप लगवाकर, गैर जमानती वारंट करवाये, जबकि हमनें हाई कोर्ट में डेल गए केस की कॉपी भी उस मजिस्ट्रेट को दे दी थी।  आर्डर 12 दिनों तक वेबसाइट पर डाले ही नहीं गए । अब कल यानिकि 27.10.2016 को उस केस की तारीख थी, उस JMIC अपर्णा भारद्वाज ने अरुण कुमार सिंघल के प्रभाव में काम करते हुए, जानबूझकर मेरी माता जी की जमानत देने वाले लोगों के खिलाफ भी वारंट निकाल दिए, और आर्डर वेबसाइट पर डाला ही नहीं और हमें न्याय से वंचित रखने की नियत से , जानबूझकर 24 घंटे बाद की, यानि कि आज की ( 28.10.2016 ) तारीख दी है।
कितने गिर चुके हैं, नारनौल के ये भृष्ट जज (  DJS  Arun Kumar Singhal, JMIC M Z Khan,  JMIC Aprna Bhardwaj, JMIC Suyasha Jawa , JMIC Arun Kumar Dabla )..........???
नारनौल का सेशन जज अरुण कुमार सिंघल, इतना गिर चूका है कि -- कभी किसी चपरासी को , तो कभी किसी दूसरे गरीब लोगों / कोर्ट कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा है, किसी को बौखलाहट के चलते नौकरी से निकल रहा है । वैसे ये अपने आप को बहुत ऊँचे कुल का समझता है, कर्म इसके ऐसे घटिया  हैं कि -- लोग इससे नफरत करें  .........
फर्जीवाड़े करते हुए, निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करकर , ये अपने खिलाफ इतनी बद दुयायें इक्कठी कर रहे हैं कि -- ये लोग , जिन लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं ,  एक दिन शायद खुद भी हमारे से भी ज्यादा तड़फ 2 कर ,  उस दर्द को झेलेंगे ......
कुदरत और ऊपर वाला , इन जजों से बहुत ज्यादा ताकतवर हैं।  इनकी तो कोई औकात ही नहीं है।
हम भी इस लड़ाई को आखिरी सांस तक लड़ेंगे .......!!! और मुझे या मेरी माता जी को इस प्रताड़ना की वजह से कुछ भी होता है तो उसकी जिम्मेदारी इन उपरोक्त  जजों की होगी । और इनके खिलाफ षड्यंत्र रचकर, हत्या करने के प्रयास करने के मुकदमें भी डलेंगे .........

Thursday, 13 October 2016

जज साहब....!!! सुधर जाओ, वरना लोग न्याय के लिए कोर्ट में आना ही बन्द कर देंगे .........???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

सुधर जाओ,  वरना लोग न्याय के लिए कोर्ट आना ही बंद कर देंगे ........
कुछ दिनों पहले हमनें सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट के किसी जज की ये टिप्पणी पढ़ी थी । जिन्होंने न्यायपालिका के  गिरतेे हुए , खतरनाक हालातों के बारे में किसी फैसले को लिखते वक्त,  ये कड़वा सच बयान किया था।
 अभी कुछ वर्षों पहले तक,  तो लोगों का न्याय के लिए,  न्यायपालिका पर कुछ भरोसा था। चाहे वो न्याय खरीदने पर ही मिले.....!!!
 लोग,  गुंडे बदमाश की बजाय,  जजों पर ज्यादा विश्वास करते थे ।  लेकिन जजों की जरुरत से ज्यादा  तानाशाही, फर्जीवाड़े, गैर कानूनी कामों में  संलिप्तता, कोर्ट में गैर जिम्मेदार रवैया, सच की हत्या के लिए जरुरत से ज्यादा घपले/ फर्जीवाड़े ..... अवैध प्रतिफल की नियत से वारंट का दुरूपयोग, अवैध वसूली लेकर फैसले लिखना, मूर्खतापूर्ण फैसले, व्यवहार,  जैसे कारनामों ने लोगों को सफलतापूर्वक ये समझा दिया है कि -- हिन्दुस्तान की अदालतें न्याय देने की बजाय,  अवैध वसूली का केंद्र बन चुकी है । ( कुछ 2% जज ईमानदार हैं, भी तो उनका असर , न के बराबर हो रहा है वे डर रहे हैं , )
जब भी कोई ताकत,  निरंकुश , गैर जिम्मेदार, हो जाये, तो कुदरत अपने तरीके से समाधान करती है।
कुछ वर्षों पहले हमनें किसी मैगज़ीन में पाकिस्तान के , पुलिस, न्यायपालिका के बारे में पढ़ा था कि --- किस प्रकार लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर, अवैध वसूली की लिए प्रताड़ित किया जाता है ।
पाकिस्तान में तो खतरनाक आतंकवादी  हैं, ISI , और दूसरे कौमी संगठन हैं ।  वहाँ के जज भी इनसे डरते हैं ।  हिन्दुस्तान में थोडा हटकर , शराफत का माहौल है।  हमारे देश में  भृष्ट जजों की तानाशाही ख़त्म करने के लिए, खतरनाक आतंकवादी नहीं हैं । जैश ए मोहम्मद , ISI जैसे संगठन नहीं हैं , जो इस देश की तानाशाह न्यायपालिका को, सही रास्ते पर ला सके ...........  !!!
शराफत के चक्कर में , भृष्ट जजों की तानाशाही , के कारण, निर्दोष लोग प्रताड़ना और शोषण के चलते,  अकाल मौत मर रहे हैं ।
एक मशहूर कहावत है,कि -- जहर को जहर मरता है । न्यायपालिका और भृष्ट जजों की तानाशाही को, शराफत से नहीं, बल्कि पाकिस्तान में बसने वाले आतंकी ,और उनके संगठन ही सुधार सकते हैं ।
अब, लोग न्याय के लिए कोर्ट में जाने की बजाय , अपना मुद्दा बाहर ही निपटाने में समझदारी मानने लगे हैं ।जब तक लोग कोर्ट में आ रहे हैं, तो ही वसूली का रास्ता बनेगा .......!!!
 जब लोग जजों के पास जायेंगे ही नहीं, तो फिर न्यायपालिका के भृष्ट जज, अवैध वसूली किस से करेंगे ........???
अगर आपको जायज तरीके से न्याय चाहिए,  तो आप अपने गली, शहर, मोहल्ले के किसी गुंडे, बदमाश से संपर्क करें, तो काम फायदेमंद रहेगा और वाजिब दाम पर, समय रहते, समाधान होगा ।

Wednesday, 12 October 2016

प्रताड़ना, त्रिस्कार के बावजूद भी, आज के समाज में सच्चाई और ईमानदारी के अवशेष के रूप में भगवान राम कहीं न कहीं , दिख ही जाते हैं ......

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

आज के समाज में कहीं 2 अवशेष के रूप में कुछ राम भी देखने को मिल जाते हैं .......
ये लोग आपके पास पड़ोस में इस रूप में मिल जायेंगे .....
अक्सर इनको पागल ही कहा जाता है, और इनके प्रयासों के चलते ही कई अच्छे  बदलाव भी सम्भव होते है ।  RTI कार्यकर्ता के रूप में, अन्याय और अत्याचार का विरोध करने वाले पीड़ित......,

अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाले सच्चाई और ईमानदारी के प्रतीक ये भगवान राम के अवशेष.......  ( इन लोगों को,  आज के ताकतवर रावण, झूठे मुकदमों में फंसाकर,  कमजोर करने की कोशिश करने वाले , सरकारी वेतन प्राप्त सरकारी रावण......),
बिना किसी अपराध व् कसूर के , देश की जेलों में बन्द ,  रिश्वत न देने वाले , लाखों निर्दोष राम ......
प्रताड़ना, शोषण, के बावजूद , आज के संवेदनहीन समाज में कहीं न कहीं पर प्रेरणा का काम कर रहे हैं .........।

आज हमारा देश इन रावण से भरा हुआ है---रावण जज, रावण वकील, रावण सरकारी बाबू, रावण नेता, रावण समाजसेवी , रावण समाजसुधारक ., रावण पुलिस.........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

हमारा देश विभिन्न प्रकार के रावणों से भरा हुआ है , कदम 2 पर इनकी भरमार है ।
जैसे -- कोर्ट में भृष्ट जज है रावण,  भृष्ट वकील रावण , न्यायपालिका के भरष्टाचार के कारण पनप रहे , सरकारी बाबू रावण, नेता रावण, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं पर कब्ज़ा किये बैठे रावण, धार्मिक आयोजन में शामिल तथाकथित समाजसेवी रावण , थानों में पुलिस रावण ..........
दशहरे पर - आज के इन रावणों का - दहन करना चाहिए :-

रावण जज + रावण पुलिस + रावण नेता + रावण सरकारी बाबू + रावण वकील + रावण समाजसेवी +  रावण धार्मिक और सामाजिक आयोजक + +++

रावण की तरह - इन्होंने भी - रिश्वत की कमाई से - अपनी अपनी - सोने की लंका बना रखी है ।  इनकी सोने की लंका को जला देना चाहिए ।

जो इनके साथी हैं + जो इनको बचाते हैं और इनपर कार्रवाई नहीं करते ,  वो इनकी रावण गैंग - लश्कर-ए-तौबा - के मेंबर्स हैं ।

रावण के पुतले को जलाने से - क्या बुराई  नष्ट हो रही है .......???

Tuesday, 11 October 2016

उस युग के रावण में जितनी अच्छाई थी, उतनी तो आज के राम में भी नहीं रही .......!!!

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

कल का असली रावण , आज के तथाकथित पूज्यनीय भगवान
 से कई गुना अच्छा था ........

कल दशहरे का पर्व पूरे देश में धूम धाम से मनाया गया । लगभग हर शहर, क़स्बा, गांव में बुराई के प्रतीक रावण, मेघनाथ, और कुम्भकर्ण के पुतले जलाये गए ।
आजकल के राम,  तो इतने कमजोर हो चुके हैं कि -- वे तो रावण की बुराई के खिलाफ कुछ करने या विरोध करने की कोशिश ही नहीं करते ..... न तो उनमें संयम है ..... न ही बुराई का विरोध करने का दम..... बस निराश मन से , सब कुछ सहते रहते हैं .......

 इनसे तो अच्छा वो कल का रावण था, ......उसमे संयम भी था......ईमानदारी भी थी ...... चरित्र भी ऊँचे स्तर का था ......समझदार भी था...... भगवान राम के  हाथों जीवन से मुक्ति पाने के लिए लड़ाई की....... मौक्ष पाने के लिए अपने राजपाठ तक को दांव पर लगा दिया ........
इसके विपरीत,  आज हर घर में राम तो है, लेकिन वो मरे हुए जमीर का है ।
 न तो वो बुराई को ख़त्म करने के लिए कोई कोशिश करता है, और ना ही अन्याय को ख़त्म करने की कोशिश करता है , बल्कि अपनी निष्क्रियता से अच्छाई की बुराई पर विजय की सम्भावना भी लगभग ख़त्म कर चूका है ..... ऐसे कलयुगी नकली राम से तो, उस युग का असली रावण ही अच्छा था.......
उस समय के रावण में जितनी अच्छाई थी, उतनी तो आज के राम में भी नहीं रही ....... हमारे चारों तरफ, कदम 2 पर राम का रूप धारण करके , रावण घूम रहे हैं । चाहे हम अपने घर में देख लें, ......पास पड़ोस में देख लें ......या .....कोर्ट में देख लें,...... तहसील में देख लें .…....या जानकारी / रिश्तेदारी में देख लें …......,पुलिस थानों में देख लें…......., किसी सरकारी विभाग में देख लें .......   किसी धार्मिक आयोजन में देख लें , ..... बड़े 2 जागरण और रामलीला के आयोजकों को देख लें,........ बड़ी2 धार्मिक संस्थाओं के मुखियाओं को देख लें .........,  समाज और देश के हर हिस्से में देख लें । सभी तरफ दिखावा तो राम का हो रहा है, लेकिन असलियत में वे रावण से भी कई गुना ज्यादा बुरे हैं ।

आज के नकली, डरपोक राम से कई गुना अच्छा तो , उस युग का रावण ही था ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ...

कल का असली रावण , आज के तथाकथित भगवान राम, अल्लाह, वाहेगुरु, ईसामसीह से कई गुना अच्छा था ........
आज दशहरे का पर्व पूरे देश में धूम धाम से मनाया गया । लगभग हर शहर, क़स्बा, गांव में बुराई के प्रतीक रावण, मेघनाथ, और कुम्भकर्ण के पुतले जलाये गए । आजकल के राम,  तो इतने कमजोर हो चुके हैं कि -- वे तो रावण की बुराई के खिलाफ कुछ करने या विरोध करने की कोशिश ही नहीं करते ..... न तो उनमें संयम है ..... न ही बुराई का विरोध करने का दम..... बस निराश मन से , सब कुछ सहते रहते हैं ....... इनसे तो अच्छा वो कल का रावण था, ......उसमे संयम भी था......ईमानदारी भी थी ...... चरित्र भी ऊँचे स्तर का था ......समझदार भी था...... भगवान राम के  हाथों जीवन से मुक्ति पाने के लिए लड़ाई की....... मौक्ष पाने के लिए अपने राजपाठ तक को दांव पर लगा दिया ........
इसके विपरीत आज हर घर में राम तो है, लेकिन वो मरे हुए जमीर का है । न तो वो बुराई को ख़त्म करने के लिए कोई कोशिश करता है, और ना ही अन्याय को ख़त्म करने की कोशिश करता है , बल्कि अपनी निष्क्रियता से अच्छाई की बुराई पर विजय की सम्भावना भी लगभग ख़त्म कर चूका है ..... ऐसे कलयुगी नकली राम से तो, उस युग का असली रावण ही अच्छा था.......

आजकल के राम से, कई गुना अच्छा तो , उस युग का रावण ही था ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

कल का असली रावण , आज के तथाकथित भगवान राम, अल्लाह, वाहेगुरु, ईसामसीह से कई गुना अच्छा था ........
आज दशहरे का पर्व पूरे देश में धूम धाम से मनाया गया । लगभग हर शहर, क़स्बा, गांव में बुराई के प्रतीक रावण, मेघनाथ, और कुम्भकर्ण के पुतले जलाये गए । आजकल के राम,  तो इतने कमजोर हो चुके हैं कि -- वे तो रावण की बुराई के खिलाफ कुछ करने या विरोध करने की कोशिश ही नहीं करते ..... न तो उनमें संयम है ..... न ही बुराई का विरोध करने का दम..... बस निराश मन से , सब कुछ सहते रहते हैं ....... इनसे तो अच्छा वो कल का रावण था, ......उसमे संयम भी था......ईमानदारी भी थी ...... चरित्र भी ऊँचे स्तर का था ......समझदार भी था...... भगवान राम के  हाथों जीवन से मुक्ति पाने के लिए लड़ाई की....... मौक्ष पाने के लिए अपने राजपाठ तक को दांव पर लगा दिया ........
इसके विपरीत आज हर घर में राम तो है, लेकिन वो मरे हुए जमीर का है । न तो वो बुराई को ख़त्म करने के लिए कोई कोशिश करता है, और ना ही अन्याय को ख़त्म करने की कोशिश करता है , बल्कि अपनी निष्क्रियता से अच्छाई की बुराई पर विजय की सम्भावना भी लगभग ख़त्म कर चूका है .....

ऐसे कलयुगी नकली राम से तो, उस युग का असली रावण ही अच्छा था.......

Sunday, 9 October 2016

जब सीमा पर जवान, खेत में किसान, फायर ब्रिगेड, हॉस्पिटल में डॉक्टर, सफाई कर्मचारी, एम्बुलेंस स्टाफ, फार्मासिस्ट, लैब तकनीशियन, नर्स, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ , छुट्टी के दिन भी काम कर सकते है, ....तो ये जज क्यों नहीं.....???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


आइये ....!!! जाने एक घटना जो आपको डॉक्टर और उनकी मेडिकल टीम का सम्मान करने को मजबूर कर देगी .....

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

आईये ......  !!!  जाने हमें  देश के डॉक्टर और उनकी मेडिकल टीम का सम्मान क्यों करना चाहिये ......???

आज हम चंडीगढ़ के सेक्टर 16 में सरकारी मल्टी  स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गए थे। डॉक्टर ने डेंगू के बुखार का खतरा देखते हुए, हमें डेंगू का टेस्ट करवाने की सलाह दी । हमनें उसी हॉस्पिटल में टेस्ट के लिए खून का सैम्पल दिया और ये पूछा कि --- इसकी रिपोर्ट कब मिलेगी.......???
उनका जबाब सुनकर हम हैरान रह गए , जब उन्होंने कहा कि -- सर, रात के एक बजे आप ये रिपोर्ट ले सकते हैं ।
डॉक्टर और उनकी मेडिकल टीम के दूसरे सभी लोग(  नर्स, फार्मासिस्ट, लैब तकनीशियन, एम्बुलेंस स्टाफ, पोस्टमार्टम स्टाफ, सफाई कर्मचारी, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ और दूसरे लोग ), हमारी जान बचाने के लिए, छुट्टी, तीज,  त्योहारों, होली, दिवाली  के दिन भी ( जब हम अपने घरों में खुशियां / छुट्टियां मना रहे होते हैं ), बीमार मरीज लोगों की जान बचाने और उनको स्वास्थ्य रखने के लिए , 24x7x365 यानि की हर समय अपनी सेवा देते हैं .......... और दूसरी तरफ इस देश के जज हैं , जिनको तानाशाही करने,,  छुट्टियाँ मनाने , निर्दोष लोगों को जेल भेजने का डर बनाकर अवैध वसूली करने से फुरसत ही नहीं है ।

लाखों निर्दोष लोग , देश की जेलों में बन्द हैं .......और इन जजों को छुट्टियां मनाने की पड़ी है .......
जब सीमा पर जवान अपनी डयूटी लगातार कर सकता है, ......... देश के  डॉक्टर, उनकी मेडिकल टीम के सदस्य जैसे --- फार्मासिस्ट, नर्स, एम्बुलेंस टीम, पोस्टमार्टम टीम, सफाई कर्मचारी,  लैब तकनीशियन,  फायर ब्रिगेड के लोग तीज, त्योहार ,  होली, दीवाली छुट्टी के दिन भी , देश के लोगों के लिए,  काम कर सकते हैं, तो ये जज क्यों नहीं........??? 
इनको प्राइमरी स्कूल के बच्चे से भी ज्यादा छुट्टियां  किस लिए चाहिये.........??? 
जब इनको वेतन और दूसरी सुविधायें , देश के लोगों के टैक्स के पैसे से मिलती है, तो  जनसेवक के नाते , देश के लोगों के लिए जिम्मेदारी क्यों नहीं .......??? 

इसलिए, हमें डॉक्टर, किसान  और सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी चैन की नींद सुनिश्चित करने वाले जवान का सम्मान जरूर करना चाहिए । 

Friday, 7 October 2016

आइये ....!!! जाने एक घटना जो आपको डॉक्टर और उनकी मेडिकल टीम का सम्मान करने को मजबूर कर देगी .....

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

आईये ......  !!!  जाने हमें  देश के डॉक्टर और उनकी मेडिकल टीम का सम्मान क्यों करना चाहिये ......???

आज हम चंडीगढ़ के सेक्टर 16 में सरकारी मल्टी  स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गए थे। डॉक्टर ने डेंगू के बुखार का खतरा देखते हुए, हमें डेंगू का टेस्ट करवाने की सलाह दी । हमनें उसी हॉस्पिटल में टेस्ट के लिए खून का सैम्पल दिया और ये पूछा कि --- इसकी रिपोर्ट कब मिलेगी.......???
उनका जबाब सुनकर हम हैरान रह गए , जब उन्होंने कहा कि -- सर, रात के एक बजे आप ये रिपोर्ट ले सकते हैं ।
डॉक्टर और उनकी मेडिकल टीम के दूसरे सभी लोग(  नर्स, फार्मासिस्ट, लैब तकनीशियन, एम्बुलेंस स्टाफ, पोस्टमार्टम स्टाफ, सफाई कर्मचारी, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ और दूसरे लोग ), हमारी जान बचाने के लिए, छुट्टी, तीज,  त्योहारों, होली, दिवाली  के दिन भी ( जब हम अपने घरों में खुशियां / छुट्टियां मना रहे होते हैं ), बीमार मरीज लोगों की जान बचाने और उनको स्वास्थ्य रखने के लिए , 24x7x365 यानि की हर समय अपनी सेवा देते हैं .......... और दूसरी तरफ इस देश के जज हैं , जिनको तानाशाही करने,,  छुट्टियाँ मनाने , निर्दोष लोगों को जेल भेजने का डर बनाकर अवैध वसूली करने से फुरसत ही नहीं है ।

लाखों निर्दोष लोग , देश की जेलों में बन्द हैं .......और इन जजों को छुट्टियां मनाने की पड़ी है .......

इसलिए, हमें डॉक्टर, किसान  और सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी चैन की नींद सुनिश्चित करने वाले जवान का सम्मान जरूर करना चाहिए । 

Wednesday, 5 October 2016

भृष्ट जज, जब लीगल ऐड के पैसे में घपले करने से नहीं चूक रहे , तो हमें और आपको क्या खाक न्याय देंगे ........???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

भृष्ट जज, जब  लीगल ऐड का,  जरूरतमंद  का पैसा ही हजम करने से नहीं चूक रहे,...... तो हमें और आपको क्या बख्शेंगे ........???
कोर्ट में लीगल ऐड के नाम से काफी सारा पैसा आता है। इसका उद्देश्य मजबूर, गरीब, आर्थिक कमजोर लोगों को सरकारी खर्चे से , मुकदमे की पैरवी के लिए , वकील दिलवाना, गावँ , शहर जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना और पीड़ित को आर्थिक मदद दिलवाना ( जैसे कि --- बलात्कार पीड़ित,  जाती सूचक अपमान , प्रताड़ना के पीड़ित आदि) , होता है । लेकिन ये बेशर्म भृष्ट जज इस पैसे के खर्च में भी घपले / फर्जीवाड़े करने से नहीं , चूक रहे ।  अपने चहेते वकीलों को इसमें लगाकर, उनको एक्टिविटी के खर्च के नाम पर हर महीने चेक दिये जाते हैं । किसी को आर्थिक मदद मिलती है तो उसका लगभग 30% हिस्सा तो ये जज ही पास करने के नाम पर हजम कर जाते हैं और कोई नहीं देता,  तो उसका क्लेम किसी न किसी बहाने से अटका दिया जाता है ।  लीगल ऐड का पैसा , मजबूर लोगों की मदद के लिए होता है, ....... जिस प्रकार मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा , गिरिजाघर , धर्मशाला आदि का दान / चंदे के पैसे में घपला,/फर्जीवाड़ा करना बहुत बड़ा पाप माना जाता है, उसी प्रकार लीगल ऐड का पैसा भी उतना ही पवित्र है ।  लीगल ऐड के पैसे का घपला/ फर्जीवाड़ा भी उतना ही बड़ा पाप है। अभी हाई कोर्ट चंडीगढ़ के एक जज सतीश मित्तल ने ऐसा ही फर्जीवाड़ा , लीगल ऐड के लिए कुर्सियों की खरीद में किया था। किसी ने उसकी शिकायत भी कर दी । ये तो भला हो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी साहब की समझदारी का , जिन्होंने इस जज को राजस्थान हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस ज्यादा दिन रहने से रोक दिया , वर्ना तो ये राजस्थान को भी लूट कर खा  जाता ......!!!

Monday, 3 October 2016

रचना तिवारी जज की जगह , अगर कोई और होता तो क्या उसे भी जमानत इतनी जल्दी ही मिल जाती .........???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

Justice for judge 👍🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼
Civil Judge Ms.Rachna Tiwari Lakhanpal granted Bail from CBI Court after furnish a bail bond of Rs.50,000/- इस जज की जगह कोई और होता तो क्या उसे भी जमानत इतनी जल्दी मिल जाती ........???

Sunday, 2 October 2016

वैसे तो ये काम जजों का है, इसके लिए उनको वेतन और सुविधाएं मिलती हैं, ...लेकिन, इनको तो अवैध वसूली , फर्जीवाड़े, अवैध प्रतिफल , तानाशाही से फुरसत ही नहीं ..........इसलिये ,

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अब हमें उन पीड़ितों की मदद करनी है,...... जो हाई कोर्ट/ सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच ही नहीं पाते ........
इस देश में न्यायपालिका के अन्याय और अत्याचार  के शिकार  करोड़ों पीड़ित लोग हैं ,  जोकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की बहुत महँगी फीस होने के कारण , अपनी कानूनी लड़ाई को ऊपर तक लाने  की बजाय , निचली अदालतों में वकीलों और जजों के फर्जीवाड़ों,  के मकड़जाल में ही शोषण करवाने को मजबूर हैं । मानसिक , आर्थिक, सामाजिक और दूसरे अलग 2 प्रकार के शोषण और प्रताड़ना ...... अब हमें अच्छे लोग मिल गए हैं , अपनी लड़ाई तो हम जीतेंगे ही, साथ 2 ऐसे पीड़ित लोगों को भी अपनी कानूनी लड़ाई जीतने में , पीड़ित लोगों की मदद करेंगे .......

वैसे तो ये काम जजों का, कोर्ट का है,........ जिसके लिए उनको जनता के टैक्स के पैसे से वेतन और दूसरी सुविधाएं मिलती है। लेकिन , इन लोगों को तो  तानाशाही करने, न्याय का नाटक करने, अवैध वसूली करने और फर्जीवाड़ों से ही फुरसत नहीं है .......
इसलिए, देशहित में ,  हमनें ये निर्णय लिया है ।
 जो भी जिम्मेदार लोग इस मुहीम में किसी भी प्रकार का सहयोग करना चाहते हैं , वे सादर आमंत्रित हैं ........

अब हमें उन पीड़ित लोगों की मदद करनी है , जो मजबूरीवश हाई कोर्ट /सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच ही नहीं पाते .............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अब हमें उन पीड़ितों की मदद करनी है,...... जो हाई कोर्ट/ सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच ही नहीं पाते ........
इस देश में न्यायपालिका के अन्याय और अत्याचार  के शिकार  करोड़ों पीड़ित लोग हैं ,  जोकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की बहुत महँगी फीस होने के कारण , अपनी कानूनी लड़ाई को ऊपर तक लाने  की बजाय , निचली अदालतों में वकीलों और जजों के फर्जीवाड़ों,  के मकड़जाल में ही शोषण करवाने को मजबूर हैं । मानसिक , आर्थिक, सामाजिक और दूसरे अलग 2 प्रकार के शोषण और प्रताड़ना ...... अब हमें अच्छे लोग मिल गए हैं , अपनी लड़ाई तो हम जीतेंगे ही, साथ 2 ऐसे पीड़ित लोगों को भी अपनी कानूनी लड़ाई जीतने में , पीड़ित लोगों की मदद करेंगे .......

वैसे तो ये काम जजों का, कोर्ट का है,........ जिसके लिए उनको जनता के टैक्स के पैसे से वेतन और दूसरी सुविधाएं मिलती है। लेकिन , इन लोगों को तो  तानाशाही करने, न्याय का नाटक करने, अवैध वसूली करने और फर्जीवाड़ों से ही फुरसत नहीं है .......
इसलिए, देशहित में ,  हमनें ये निर्णय लिया है ।
 जो भी जिम्मेदार लोग इस मुहीम में किसी भी प्रकार का सहयोग करना चाहते हैं , वे सादर आमंत्रित हैं ........

उरी में शहीद जवानों की शहादत को सच्ची श्रधांजलि, ...........अगर हम चीन निर्मित सभी सामान का कर दें बहिष्कार ............

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

आइये ..... !!! देशहित में हम सब प्रण लें कि --- हम भविष्य में चीन का निर्मित कोई भी सामान नहीं खरीदेंगे ......

मैं  यह घोषणा करता हूँ एवं शपथ लेता हूँ कि ' #उरी आतंकी अटैक' में शहीद होने वाले देश के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिवाली कोई भी #चाइनीज़ सामान नही खरीदूँगा। फिर भले ही वह भारतीय सामान की तुलना में कितना ही सस्ता क्यों न हो क्योंकि जो चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा है उस देश में मेरा एक रुपया भी जाना मेरे देश के खिलाफ जाना है।🙏
#जयहिंद

पाकिस्तान के आतंकियों से खतरनाक, आतंकवादी तो हमारे देश की लगभग हर अदालत में बैठे हैं ..........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

आदरणीय नरेन्दर भाई मोदी जी,

आतंकवाद के खिलाफ , आप के द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर देशवासियों को गर्व है , लेकिन पाकिस्तान से पोषित ,... आतंकवादियों से भी ज्यादा खतरनाक आतंकवादी,........ अपने ही देश में , जनता के टैक्स के पैसे पर पल रहे हैं ।  जोकि देश की हर छोटी बड़ी अदालत में मौजूद हैं और इनको हम सब भृष्ट जजों के नाम से जानते हैं   ।

 जोकि दिखावा तो ईमानदारी, न्याय का करते हैं , लेकिन असलियत में , ...अपनी अवैध वसूली के लालच के चलते ........., निर्दोष लोगों का शोषण ठीक उसी प्रकार से कर रहे हैं , जिस प्रकार गन्ने का रस निकलने की मशीन में ,........गन्ने का रस निकाल कर छिलका बना दिया जाता है ।
अवैध वसूली के लिए, निर्दोष लोगों को फर्जी तरीके से वारंट निकालकर , जेल भेजने का डर बनाकर, जमकर हो रहा शोषण .......

क्या ऐसा ही होता है लोकतंत्र .......???

 देश की अर्थव्यवस्था, युवा, कीमती ऊर्जा, बुजुर्गों और समाज का वो नुकसान कर रहे हैं , जिसकी भरपाई ही नहीं हो सकती ..........

काश ......!!! देश के लोग स्कूटर वाले शर्मा जी की तरह सोचने लग जाएं ....... ....

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

ऑफिस से निकल कर शर्माजी ने

स्कूटर स्टार्ट किया ही था कि उन्हें याद आया,
.
पत्नी ने कहा था 1 दर्ज़न केले लेते आना।
.
तभी उन्हें सड़क किनारे बड़े और ताज़ा केले बेचते हुए

एक बीमार सी दिखने वाली बुढ़िया दिख गयी।
.
वैसे तो वह फल हमेशा "राम आसरे फ्रूट भण्डार" से

ही लेते थे,
पर आज उन्हें लगा कि क्यों न

बुढ़िया से ही खरीद लूँ ?
.
उन्होंने बुढ़िया से पूछा, "माई, केले कैसे दिए"
.
बुढ़िया बोली, बाबूजी 20 रूपये दर्जन,

शर्माजी बोले, माई 15 रूपये दूंगा।
.
बुढ़िया ने कहा, 18 रूपये दे देना,

दो पैसे मै भी कमा लूंगी।
.
शर्मा जी बोले, 15 रूपये लेने हैं तो बोल,

बुझे चेहरे से बुढ़िया ने,"न" मे गर्दन हिला दी।
.
शर्माजी बिना कुछ कहे चल पड़े

और राम आसरे फ्रूट भण्डार पर आकर

केले का भाव पूछा तो वह बोला 28 रूपये दर्जन हैं
.
बाबूजी, कितने दर्जन दूँ ?

शर्माजी बोले, 5 साल से फल तुमसे ही ले रहा हूँ,

ठीक भाव लगाओ।
.
तो उसने सामने लगे बोर्ड की ओर इशारा कर दिया।

बोर्ड पर लिखा था- "मोल भाव करने वाले माफ़ करें"

शर्माजी को उसका यह व्यवहार बहुत बुरा लगा,

उन्होंने कुछ  सोचकर स्कूटर को वापस

ऑफिस की ओर मोड़ दिया।
.
सोचते सोचते वह बुढ़िया के पास पहुँच गए।

बुढ़िया ने उन्हें पहचान लिया और बोली,
.
"बाबूजी केले दे दूँ, पर भाव 18 रूपये से कम नही लगाउंगी।

शर्माजी ने मुस्कराकर कहा,

माई एक  नही दो दर्जन दे दो और भाव की चिंता मत करो।
.
बुढ़िया का चेहरा ख़ुशी से दमकने लगा।

केले देते हुए बोली। बाबूजी मेरे पास थैली नही है ।

फिर बोली, एक टाइम था जब मेरा आदमी जिन्दा था
.
तो मेरी भी छोटी सी दुकान थी।

सब्ज़ी, फल सब बिकता था उस पर।

आदमी की बीमारी मे दुकान चली गयी,

आदमी भी नही रहा। अब खाने के भी लाले पड़े हैं।

किसी तरह पेट पाल रही हूँ। कोई औलाद भी नही है
.
जिसकी ओर मदद के लिए देखूं।

इतना कहते कहते बुढ़िया रुआंसी हो गयी,

और उसकी आंखों मे आंसू आ गए ।
.
शर्माजी ने 50 रूपये का नोट बुढ़िया को दिया तो

वो बोली "बाबूजी मेरे पास छुट्टे नही हैं।
.
शर्माजी बोले "माई चिंता मत करो, रख लो,

अब मै तुमसे ही फल खरीदूंगा,
और कल मै तुम्हें 500 रूपये दूंगा।

धीरे धीरे चुका देना और परसों से बेचने के लिए

मंडी से दूसरे फल भी ले आना।
.
बुढ़िया कुछ कह पाती उसके पहले ही

शर्माजी घर की ओर रवाना हो गए।

घर पहुंचकर उन्होंने पत्नी से कहा,

न जाने क्यों हम हमेशा मुश्किल से

पेट पालने वाले, थड़ी लगा कर सामान बेचने वालों से

मोल भाव करते हैं किन्तु बड़ी दुकानों पर

मुंह मांगे पैसे दे आते हैं।
.
शायद हमारी मानसिकता ही बिगड़ गयी है।

गुणवत्ता के स्थान पर हम चकाचौंध पर

अधिक ध्यान देने लगे हैं।
.
अगले दिन शर्माजी ने बुढ़िया को 500 रूपये देते हुए कहा,

"माई लौटाने की चिंता मत करना।

जो फल खरीदूंगा, उनकी कीमत से ही चुक जाएंगे।

जब शर्माजी ने ऑफिस मे ये किस्सा बताया तो

सबने बुढ़िया से ही फल खरीदना प्रारम्भ कर दिया।

तीन महीने बाद ऑफिस के लोगों ने स्टाफ क्लब की ओर से

बुढ़िया को एक हाथ ठेला भेंट कर दिया।

बुढ़िया अब बहुत खुश है।

उचित खान पान के कारण उसका स्वास्थ्य भी

पहले से बहुत अच्छा है ।

हर दिन शर्माजी और ऑफिस के

दूसरे लोगों को दुआ देती नही थकती।
.
शर्माजी के मन में भी अपनी बदली सोच और

एक असहाय निर्बल महिला की सहायता करने की संतुष्टि का भाव रहता है..!

जीवन मे किसी बेसहारा की मदद करके देखो यारों,

अपनी पूरी जिंदगी मे किये गए सभी कार्यों से

ज्यादा संतोष मिलेगा...!!
😊😊

नोट: - यदि लेख अच्छा लगा हो तो अपने Group Me जरुर शेयर करे.....
सोच को बदलो जिंदगी जीने का नजरिया बदल जायेगा। 😇😇

Saturday, 1 October 2016

महिला जज को पति और दलाल वकील सहित रंगे हाथ CBI पकड़वाने वाले शख्श की हिम्मत को सलाम .........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India .....

हम उस शक्शियत के प्रयासों को सलाम करते हैं ,.............. जिन्होंने CBI के माध्यम से दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट की जज रचना तिवारी को उसके पति और दलाल वकील सहित , रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वाया .......... इस प्रयास से और लोगों को अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की प्रेरणा मिलती रहेगी ........

जिस प्रकार रचना तिवारी जज, अपने पति और उस दलाल वकील के साथ , रंगे हाथों  पकड़ी गई .........
वैसे ही कई और जजों का इलाज होने वाला है ..... जैसे ---
1) पलवल के कोर्ट कर्मचारी भोगी राम को नौकरी से निकाले जाने का नोटिस के बाद भी वो नौकरी पर है ।
2) मेरे खिलाफ हाई कोर्ट के जज सहित 6 जजों द्वारा दायर 3 मुक़दमे , हाई कोर्ट से ख़ारिज हुए ।
3) भोगी राम की तरह सीता राम को भी नौकरी से निकालने का नोटिस दिया गया और उस पर स्टे मिल गया और वो भी नौकरी पर कार्यरत है ।
4) लुधियाना के हरमीत टिंकू कोर्ट क्लर्क ने जजों के खिलाफ कॉन्टेम्पट के मुक़दमे डाले , जिनमें से 4 में नोटिस हो चुका है ।
5) नारनौल के सेशन जज के साथ , षड्यंत्र में शामिल कई जजों का भी  जल्दी  ही ईलाज होगा ।