हमें अपने से बड़ों का सम्मान क्यों करना चाहिये .....??? और उनके साथ कुछ वक्त क्यों बिताना चाहिए .......???
अनुभव हमें ये सिखाता है क्या करना चाहिए ......??? और क्या नहीं .........??? ये सब , हम वक्त के साथ 2 सीखते हैं । हमारा ये मानना है कि दूसरे जोकि हमसे उम्र में बड़े हैं, उनकी गलतियों से हम सीखेंगे , तो हम और ज्यादा काबिल बनेंगे । जो उन्होंने ठोकर खाकर सीखा, जरूरी नहीं है कि हम भी उसी गलती के लिए वक्त और कीमती ऊर्जा बर्बाद करें ।
जब हम अपनी दवाई की खोज का काम करते थे तो हमारे एक टीचर ने हमें ये बात समझाई थी और जिंदगी में कई बार इस आदत से बहुत बड़े फायदे हुए । हमारे माता पिता की उम्र के लोग , हमारी उम्र के लोगों को बच्चे समझते है , उम्र के बड़े अंतर के चलते कम्युनिकेशन गैप हो जाता है । उनके नजदीक आने का सबसे बढ़िया तरीका है कि --- हम अपने से बड़ों का सम्मान करें, उनसे विनम्रता से पेश आयें । उनके साथ ईमानदारी से पेश आएं और कुछ वक्त जरूर बिताएं और जितना सम्भव हो सके , उनकी मदद करें । हमें 200% विश्वास है कि आप बुजुर्गों के अनुभव से , सीखकर और उनके आशीर्वाद से , बड़े 2 कारनामे करने में कामयाब हो जायेंगे । फिर चाहे वो कानूनी लड़ाई हो .......या फिर जीवन की कोई और समस्या ........ इन सब में आप ही जीतेंगे ।
अब चाहे इसे संस्कार कह लें या अच्छी आदत कोई भी नाम दे सकते हैं । हमारी इस आदत ने , हाई कोर्ट के कई बड़े और सीनियर वकीलों से उनके अनुभव, ज्ञान , कौन सा हथियार, कब और कैसे चलाना है ....??? ये सब सिखने को मिला ।
और दूसरी सबसे अहम् बात ये कि --- अपनी संगति हमेशा अच्छे लोगों से रखो, जब हम नालायक और नाकारा लोगों के साथ वक्त बिताते हैं तो हम वक्त बर्बाद करते हैं ........और जब हम समझदार , और अच्छी सोच वाले लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारते हैं तो हम उनके अनुभव, सोच , ज्ञान से सीखते हैं ।
अनुभव हमें ये सिखाता है क्या करना चाहिए ......??? और क्या नहीं .........??? ये सब , हम वक्त के साथ 2 सीखते हैं । हमारा ये मानना है कि दूसरे जोकि हमसे उम्र में बड़े हैं, उनकी गलतियों से हम सीखेंगे , तो हम और ज्यादा काबिल बनेंगे । जो उन्होंने ठोकर खाकर सीखा, जरूरी नहीं है कि हम भी उसी गलती के लिए वक्त और कीमती ऊर्जा बर्बाद करें ।
जब हम अपनी दवाई की खोज का काम करते थे तो हमारे एक टीचर ने हमें ये बात समझाई थी और जिंदगी में कई बार इस आदत से बहुत बड़े फायदे हुए । हमारे माता पिता की उम्र के लोग , हमारी उम्र के लोगों को बच्चे समझते है , उम्र के बड़े अंतर के चलते कम्युनिकेशन गैप हो जाता है । उनके नजदीक आने का सबसे बढ़िया तरीका है कि --- हम अपने से बड़ों का सम्मान करें, उनसे विनम्रता से पेश आयें । उनके साथ ईमानदारी से पेश आएं और कुछ वक्त जरूर बिताएं और जितना सम्भव हो सके , उनकी मदद करें । हमें 200% विश्वास है कि आप बुजुर्गों के अनुभव से , सीखकर और उनके आशीर्वाद से , बड़े 2 कारनामे करने में कामयाब हो जायेंगे । फिर चाहे वो कानूनी लड़ाई हो .......या फिर जीवन की कोई और समस्या ........ इन सब में आप ही जीतेंगे ।
अब चाहे इसे संस्कार कह लें या अच्छी आदत कोई भी नाम दे सकते हैं । हमारी इस आदत ने , हाई कोर्ट के कई बड़े और सीनियर वकीलों से उनके अनुभव, ज्ञान , कौन सा हथियार, कब और कैसे चलाना है ....??? ये सब सिखने को मिला ।
और दूसरी सबसे अहम् बात ये कि --- अपनी संगति हमेशा अच्छे लोगों से रखो, जब हम नालायक और नाकारा लोगों के साथ वक्त बिताते हैं तो हम वक्त बर्बाद करते हैं ........और जब हम समझदार , और अच्छी सोच वाले लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारते हैं तो हम उनके अनुभव, सोच , ज्ञान से सीखते हैं ।
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