Wednesday, 7 September 2016

मेरे खिलाफ इन जजों ने 3 मुकदमें तो मुझे बर्बाद करने की नियत से किये थे, लेकिन हुआ ठीक उल्टा ...........

इन 6  जजों ने मेरे खिलाफ ये मुकदमें ये सोचकर डलवाये थे कि --- मनोज के पास पैसे तो है ही नहीं,  सड़कर मरता रहेगा और दूसरे लोगों में डर बैठ जायेगा । लोग तुम्हारे खिलाफ जाने की सोच ही नहीं सकेंगे , लेकिन हुआ इसका उल्टा ........
हम चंडीगढ़ आने लगे तो हमें एक से बढ़कर एक, वकील मिल गए । मेरे मुकदमें में 2 वकील कोर्ट में हाथ जोड़कर , केस से पीछे है गए, क्योंकि हाई कोर्ट के जज के खिलाफ कौन बोलेगा .......???
वो मुझसे ये कहते थे कि हम जज साहब का नाम नहीं लेंगे । हमनें कहा कि हम सच को छुपाएंगे नहीं ......
मुझे चंडीगढ़ में सबसे पहले एडवोकेट संजीव कुमार बिड़ला भाई साहब मिले , बिना किसी फीस के हमारी हर संभव मदद की, इन्ही की वजह से , मेरे शुरू के 3  केस हाई कोर्ट  में डालना संभव हुआ। और इन्होंने मुझे हमेशा अपना छोटा भाई समझा ....... उसके बाद हमारी मुलाकात विंग कमांडर एडवोकेट संजीव शर्मा भाई साहब से हुई, इन्होंने भी बिना किसी फीस के हमारी हर संभव मदद के साथ2 मार्गदर्शन भी किया ।  इन तीन मुकदमों की जीत में इन भाई साहब का बहुत बड़ा योगदान है ।  थोड़े दिनों बाद हमारी मुलाकात एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी भाई साहब से हुई, इन भाई साहब ने मुझे अपने बेटे की तरह समझा, और बिना किसी फीस के, हमारे मुकदमों का न केवल मार्गदर्शन किया, बल्कि अब ये हमारे 2 बड़े मुकदमें की पैरवी भी खुद करेंगे ।  और न मुकदमों में भी ऐतिहासिक फ़ैसले आएंगे ,.........
इन 6 जजों ने  तो मेरा नुकसान करने की नियत से मेरे खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज करवाये थेे, लेकिन इससे तो हमारा बहुत बड़ा फायदा हुआ .......

2 comments:

  1. We are thankful to them, they have opened the doors of opportunity for us.

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  2. We are thankful to them, they have opened the doors of opportunity for us.

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