Friday, 16 September 2016

चंडीगढ़ हाई कोर्ट के जज, अपने जजों को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं .........

हाई कोर्ट चंडीगढ़ ने हमारे खिलाफ क्रिमिनल कॉन्टेम्पट के जो मुकदमें ख़ारिज किये थे , आज उस आर्डर की कॉपी वेबसाइट से निकाली है।
हमें ये हैरानी हो रही है कि ---  हमनें हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के दोनों जजों महेश ग्रोवर और डॉक्टर शेखर धवन को,  170 पेज के दो सेट दोनों जज साहब को दिए थे । उन डाक्यूमेंट्स के आधार पर ही, उन्होंने मेरे खिलाफ मुकदमें ख़ारिज किये, लेकिन आर्डर में उसका कही भी कोई जिक्र ही नहीं किया गया ।
न हमनें माफीनामा लिखा, न ही हमनें जेल जाने से मना किया ।  जब उनको ये लगा कि --   ये न तो ड़र रहा है, और गड़बड़ी तो पकड़ ही ली है , अब कानून के तरीके से काम करेंगे तो, हाई कोर्ट को,  इन जजों के खिलाफ , कार्यवाही करनी ही पड़ेगी ( जिन  जजों के खिलाफ  15 शिकायत के,  170 पेज के दस्तावेज,  हमनें हाई कोर्ट के दोनों जज साहब को दिए ) ।
अपने हाई कोर्ट के जज को, कार्यवाही से बचाने के लिए और मीडिया में अपनी असलियत सामने आने  के डर से, कहीं  हम देश की लोगों की नजरों में छा न जाएं, इसके चलते,  हमारे खिलाफ कुछ अपने ,  आधारहीन  आरोप / विचार मुफ़्त में ही लिख दिए ।
हमारे लिखित सबूतों में दम था ।  इसीलिए, ये मुकदमें ख़त्म किये,  वैसे चाहे कुछ भी लिखते रहें ।  सच सब जानते हैं ।  हमें ख़ुशी होगी अगर , आरोप लगाने वाले जज साहब , बिना पॉवर और पोजीशन के हमारे द्वारा किये गए , काम से हमारे साथ मुकबला करते .........!!!


Copy of Order dated 06/09/2016  uploaded on 14/09/2016 evening



1 comment:

  1. Order ddated 06.09.2016 was uuploaded on High Court wwebsite on 14.09.2016 evening. Why so late .......??? Mmanipulations......

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