आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
ये भाई साहब मदनमोहन पाण्डेय जी हैं , और चंडीगढ़ में ऑटो चलाते हैं । एक दिन मोहाली में हमारी मुलाकात इनसे हुई,तो इन्होंने अपने बेटे की समस्या के बारे में बताया । वो 10 महीने बीमारी के चलते , अपनी पढाई ठीक से नहीं कर पाया था। घर के सभी लोग , रिश्तेदार उसे उस साल के 12 वीं के पेपर नहीं देने को कह रहे थे। बच्चा अपना साल बर्बाद नहीं करना चाहता था, इसलिए , बच्चे ने पेपर दिए ।लेकिन जो पेपर बहुत अच्छे हुए , उन्ही विषयों में उसे फैल कर दिया गया । Re-evaluation की कोशिश की तो उसमें जानबूझकर अड़ंगे लगाये जा रहे थे । हमनें इनको तरीका बताया और मेरे पास विजिटिंग कार्ड की फोटोकॉपी थी , वो उनको दे दी । इन्होंने बताये तरीके के अनुसार काम किया । उनका बच्चा पेपर में पास हो गया और उसका एक साल ख़राब होने से बच गया । अभी 22.09.2016 की शाम को ये हमें मोहाली में मिल गए और बताने लगे कि -- उन्होंने बताये गए अनुसार काम किया, बच्चा पास हो गया है और साल बर्बाद होने से बच गया ।
जब एक छोटी सी कोशिश से पाण्डेय जी का काम हो सकता है, तो किसी और का क्यों नहीं .......???
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