मेरी हत्या करवाने के लिए, नारनौल के District Session Judge अरुण कुमार सिंगल ने , जज के सामने उपस्थित होते हुए भी , गैर कानूनी तरीके से मेरे खिलाफ Non Bailable Warrant जारी करवाये ...........
15.09.2016 को नारनौल कोर्ट में 498a के केस में JMIC अपर्णा भारद्वाज की कोर्ट में हमारी तारीख थी , उसी दिन हमारी किसी दूसरे केस के सिलसिले में रेवाड़ी कोर्ट में भी तारीख थी। रात को 01:30 a m पर चंडीगढ़ से रेवाड़ी पहुंचे । सुबह साइबर कैफ़े से , रेवाड़ी कोर्ट के केस में हाजिरी माफ़ी की ईमेल 08:37 a m पर की और फिर नारनौल के लिए निकल लिया । वहां पहुँचते ही हमनें जज साहिब और उनके रीडर से बात कि -- और उनको बताया कि हम एक लैटर तैयार करके 15 मिनट में आ रहे हैं। वो दोनों बोले -- ठीक है। थोड़ी देर में लैटर ( For recall of order dated 14.08.2016 , passed by ignoring legal provisions against my mother ) तैयार करके हम कोर्ट में गए तो जज साहिबा बोली कि -- थोड़ी देर बाहर इंतजार कर लो, अभी आवाज लगवा कर बुला रहे हैं। हम बाहर आये , लगभग 2/3 मिनट में आवाज लगाई और कोर्ट में सहायक ने हमें कोर्ट रूम में बुलाया । हम गए , जज साहिब ने फ़ाइल उठाई , हमने उस पत्र के बारे में संक्षपित में बता दिया । लैटर पढ़कर जज साहिब बोली कि --- इस पत्र पर आपके हस्ताक्षर हैं , ये नहीं चलेगा । हमने कारण पूछा तो बोली कि --- आपकी माता जी के गैर जमानती वारंट कर दिए हैं और आप के भी .... । हमने कहा कि --- मैं तो अभी थोड़ी देर पहले ही आप को बताकर गया था । मैं अभी चंडीगढ़ से रात को आया हूँ, रेवाड़ी कोर्ट में भी आज ही तारीख थी । उनको ईमेल करके, नारनौल आया हूँ । फिर बोली कि --- किसी वकील को बुला लो , लेटर पर sign करने के लिए ........
कानून में वारंट का प्रावधान किसी व्यक्ति की उपस्थित सुनिश्चित करने के लिए है । हम तो कोर्ट रूम में जज के सामने हैं, उससे पहले आकर बात की, जज और उसके रीडर को भी बताकर गया , फिर भी हमारे खिलाफ गैर जमानती वारंट जरी करने का मतलब क्या है ......???
दरअसल , नारनौल के जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंगल के फर्जीवाड़े और गैर कानूनी काम की , हमने शिकायत भी कर रखी है और इसके खिलाफ मुक़दमे भी डाले हैं । पहले नारनौल कोर्ट में, अब हाई कोर्ट में .........
कही से इसको पता लग गया । वैसे पहले भी अरुण कुमार सिंगल सेशन जज ने , खुले कोर्ट में मुझे और मेरे परिवार को जान से ख़त्म करने की धमकी भी दे रखी है । इसी रंजिश के चलते, अरुण कुमार सिंगल जो कि मर्डर , डकैती के अपराधी से भी घुटा हुआ अपराधिक मानसिकता का व्यक्ति है और इस देश का दुर्भाग्य देखिये कि -- ये आदमी जिला सेशन जज के पद पर बैठा हुआ है । धड़ाधड़ झूठे आरोप लगवाकर , निर्दोष लोगों के के खिलाफ , कॉन्टेम्पट के मुकदमें बनवा रहा है। मेरे खिलाफ भी , इसने JMIC संदीप चौहान और MZ खान के साथ मिलकर , झूठे मुकदमामें बनवाये, झूठी शिकायतें भी भिजवाई । हमनें ना तो माफ़ी मांगी,.......... और ना ही जेल जाने से मना किया ........
जोकि अभी 06.09.2016 को हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिए ।
15.09.2016 को नारनौल कोर्ट में 498a के केस में JMIC अपर्णा भारद्वाज की कोर्ट में हमारी तारीख थी , उसी दिन हमारी किसी दूसरे केस के सिलसिले में रेवाड़ी कोर्ट में भी तारीख थी। रात को 01:30 a m पर चंडीगढ़ से रेवाड़ी पहुंचे । सुबह साइबर कैफ़े से , रेवाड़ी कोर्ट के केस में हाजिरी माफ़ी की ईमेल 08:37 a m पर की और फिर नारनौल के लिए निकल लिया । वहां पहुँचते ही हमनें जज साहिब और उनके रीडर से बात कि -- और उनको बताया कि हम एक लैटर तैयार करके 15 मिनट में आ रहे हैं। वो दोनों बोले -- ठीक है। थोड़ी देर में लैटर ( For recall of order dated 14.08.2016 , passed by ignoring legal provisions against my mother ) तैयार करके हम कोर्ट में गए तो जज साहिबा बोली कि -- थोड़ी देर बाहर इंतजार कर लो, अभी आवाज लगवा कर बुला रहे हैं। हम बाहर आये , लगभग 2/3 मिनट में आवाज लगाई और कोर्ट में सहायक ने हमें कोर्ट रूम में बुलाया । हम गए , जज साहिब ने फ़ाइल उठाई , हमने उस पत्र के बारे में संक्षपित में बता दिया । लैटर पढ़कर जज साहिब बोली कि --- इस पत्र पर आपके हस्ताक्षर हैं , ये नहीं चलेगा । हमने कारण पूछा तो बोली कि --- आपकी माता जी के गैर जमानती वारंट कर दिए हैं और आप के भी .... । हमने कहा कि --- मैं तो अभी थोड़ी देर पहले ही आप को बताकर गया था । मैं अभी चंडीगढ़ से रात को आया हूँ, रेवाड़ी कोर्ट में भी आज ही तारीख थी । उनको ईमेल करके, नारनौल आया हूँ । फिर बोली कि --- किसी वकील को बुला लो , लेटर पर sign करने के लिए ........
कानून में वारंट का प्रावधान किसी व्यक्ति की उपस्थित सुनिश्चित करने के लिए है । हम तो कोर्ट रूम में जज के सामने हैं, उससे पहले आकर बात की, जज और उसके रीडर को भी बताकर गया , फिर भी हमारे खिलाफ गैर जमानती वारंट जरी करने का मतलब क्या है ......???
दरअसल , नारनौल के जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंगल के फर्जीवाड़े और गैर कानूनी काम की , हमने शिकायत भी कर रखी है और इसके खिलाफ मुक़दमे भी डाले हैं । पहले नारनौल कोर्ट में, अब हाई कोर्ट में .........
कही से इसको पता लग गया । वैसे पहले भी अरुण कुमार सिंगल सेशन जज ने , खुले कोर्ट में मुझे और मेरे परिवार को जान से ख़त्म करने की धमकी भी दे रखी है । इसी रंजिश के चलते, अरुण कुमार सिंगल जो कि मर्डर , डकैती के अपराधी से भी घुटा हुआ अपराधिक मानसिकता का व्यक्ति है और इस देश का दुर्भाग्य देखिये कि -- ये आदमी जिला सेशन जज के पद पर बैठा हुआ है । धड़ाधड़ झूठे आरोप लगवाकर , निर्दोष लोगों के के खिलाफ , कॉन्टेम्पट के मुकदमें बनवा रहा है। मेरे खिलाफ भी , इसने JMIC संदीप चौहान और MZ खान के साथ मिलकर , झूठे मुकदमामें बनवाये, झूठी शिकायतें भी भिजवाई । हमनें ना तो माफ़ी मांगी,.......... और ना ही जेल जाने से मना किया ........
जोकि अभी 06.09.2016 को हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिए ।
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