Sunday, 18 September 2016

नारनौल के सेशन जज ने मेरी हत्या करवाने के लिये, मेरे खिलाफ गैर जमानती वारंट .करवाये .......

मेरी हत्या करवाने के लिए, नारनौल के District Session Judge अरुण कुमार सिंगल ने , जज के सामने उपस्थित होते हुए भी , गैर कानूनी तरीके से मेरे खिलाफ Non Bailable Warrant जारी करवाये ...........
15.09.2016 को नारनौल कोर्ट में 498a के केस में JMIC अपर्णा भारद्वाज की कोर्ट में हमारी तारीख थी , उसी दिन हमारी किसी दूसरे केस के सिलसिले में रेवाड़ी कोर्ट में भी तारीख थी। रात को 01:30 a m पर चंडीगढ़ से रेवाड़ी पहुंचे । सुबह साइबर कैफ़े से , रेवाड़ी कोर्ट के केस में हाजिरी माफ़ी की ईमेल 08:37 a m पर की और फिर नारनौल के लिए निकल लिया ।  वहां पहुँचते ही हमनें जज साहिब और उनके रीडर से बात कि -- और उनको बताया कि हम एक लैटर तैयार करके 15 मिनट में आ रहे हैं। वो दोनों बोले -- ठीक है। थोड़ी देर में लैटर ( For recall of order dated 14.08.2016 , passed by ignoring legal provisions against my mother ) तैयार करके हम कोर्ट में गए तो जज साहिबा बोली कि -- थोड़ी देर बाहर इंतजार कर लो, अभी आवाज लगवा कर बुला रहे हैं। हम बाहर आये , लगभग 2/3 मिनट में आवाज लगाई और कोर्ट में सहायक ने हमें कोर्ट रूम में बुलाया । हम गए , जज साहिब ने फ़ाइल उठाई , हमने उस पत्र के बारे में संक्षपित में बता दिया । लैटर पढ़कर जज साहिब बोली कि --- इस पत्र पर आपके हस्ताक्षर हैं , ये नहीं चलेगा । हमने कारण पूछा तो बोली कि --- आपकी माता जी के गैर जमानती वारंट कर दिए हैं और आप के भी .... । हमने कहा कि --- मैं तो अभी थोड़ी देर पहले ही आप को बताकर गया था । मैं अभी चंडीगढ़ से रात को आया हूँ, रेवाड़ी कोर्ट में भी आज ही  तारीख थी । उनको ईमेल करके, नारनौल आया हूँ ।  फिर बोली कि --- किसी वकील को बुला लो , लेटर पर sign करने के लिए ........
कानून में वारंट का प्रावधान किसी व्यक्ति की उपस्थित सुनिश्चित करने के लिए है । हम तो  कोर्ट रूम में जज के सामने हैं, उससे पहले आकर बात की, जज और उसके रीडर को भी बताकर गया , फिर भी हमारे खिलाफ गैर जमानती वारंट जरी करने का मतलब क्या है ......???
दरअसल , नारनौल के जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंगल के फर्जीवाड़े और गैर कानूनी काम की , हमने  शिकायत भी कर रखी है और इसके खिलाफ मुक़दमे भी डाले हैं । पहले नारनौल कोर्ट में, अब हाई कोर्ट में .........
 कही से इसको पता लग गया । वैसे पहले भी अरुण कुमार सिंगल  सेशन जज ने , खुले कोर्ट में मुझे और मेरे परिवार को जान से ख़त्म करने की धमकी भी दे रखी है । इसी रंजिश के चलते, अरुण कुमार सिंगल जो कि मर्डर , डकैती के अपराधी से भी घुटा हुआ अपराधिक मानसिकता का व्यक्ति है और इस देश का दुर्भाग्य देखिये कि -- ये आदमी जिला सेशन जज के पद पर बैठा हुआ है ।  धड़ाधड़ झूठे आरोप लगवाकर , निर्दोष लोगों के के खिलाफ , कॉन्टेम्पट के मुकदमें बनवा रहा है। मेरे खिलाफ भी , इसने JMIC संदीप चौहान और MZ खान के साथ मिलकर , झूठे मुकदमामें बनवाये, झूठी शिकायतें भी भिजवाई । हमनें ना तो माफ़ी मांगी,.......... और ना ही जेल जाने से मना किया  ........
जोकि अभी 06.09.2016 को हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिए ।

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