Friday, 30 September 2016

उस शक्शियत के प्रयासों को सलाम....... जिसने CBI से जज को पति और दलाल सहित रंगे हाथ पकड़वाया ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

हम उस शक्शियत के प्रयासों को सलाम करते हैं ,.............. जिन्होंने CBI के माध्यम से दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट की जज रचना तिवारी को उसके पति और दलाल वकील सहित , रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वाया .......... इस प्रयास से और लोगों को अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की प्रेरणा मिलती रहेगी ........

जिस प्रकार रचना तिवारी जज, अपने पति और उस दलाल वकील के साथ , रंगे हाथों  पकड़ी गई .........
वैसे ही कई और जजों का इलाज होने वाला है ..... जैसे ---
1) पलवल के कोर्ट कर्मचारी भोगी राम को नौकरी से निकाले जाने का नोटिस के बाद भी वो नौकरी पर है ।
2) मेरे खिलाफ हाई कोर्ट के जज सहित 6 जजों द्वारा दायर 3 मुक़दमे , हाई कोर्ट से ख़ारिज हुए ।
3) भोगी राम की तरह सीता राम को भी नौकरी से निकालने का नोटिस दिया गया और उस पर स्टे मिल गया और वो भी नौकरी पर कार्यरत है ।
4) लुधियाना के हरमीत टिंकू कोर्ट क्लर्क ने जजों के खिलाफ कॉन्टेम्पट के मुक़दमे डाले , जिनमें से 4 में नोटिस हो चुका है ।
5) नारनौल के सेशन जज के साथ , षड्यंत्र में शामिल कई जजों का भी  जल्दी  ही ईलाज होगा ।

Thursday, 29 September 2016

अवैध वसूली के लिए , अरुण कुमार सिंघल ने नारनौल कोर्ट को बनाया , अपराधी बनाने की फैक्टरी ......

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अवैध वसूली के लालच में , भृष्ट, जालसाज, षड्यंत्रकारी अरुण कुमार सिंगल ने नारनौल कोर्ट को बनाया .....निर्दोष लोगों को अपराधी बनाने की फैक्ट्री ......
जी हाँ ...... ये सच है । नारनौल के वर्तमान जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंघल ने अवैध वसूली के लालच में , सभी हदें पार कर दी हैं । कानून और संविधान के प्रावधानों की सरे आम उड़ाई जाती है धज्जियां.......
सारी ऊर्जा खर्च हो रही, सच को झूठ और झूठ को सच में बदलने के लिए .......
निर्दोष लोगों को जेल में डालने का डर दिखाकर, जमकर हो रही अवैध वसूली ...... अपने से जूनियर जजों के माध्यम से जमकर फर्जीवाड़े करवाये जा रहे हैं । कानून को ताक पर रखते हुए, झूठे आरोप लगवाकर कॉन्टेम्पट के मुकदमें दर्ज करने की शिफारिश भेजी जा रही है।  भृष्ट, फर्जीवाड़े, जालसाजी, षड्यंत्र का सहारा लेकर , कानून के प्रावधान के विपरीत , किये जा रहे निर्दोष लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट ......
दुरुपयोग की हद तो यहाँ तक हो गई है कि --- कोर्ट में जज के सामने उपस्थित होते हुए भी, Non Bailable Warrant जारी किये जा रहे  हैं ......!!!
नारनौल कोर्ट के , एक / दो जजों को छोड़कर , सभी जज इस धंधे में शामिल हैं ।   चाहे वो JMIC MZ Khan हो, JMIC संदीप चौहान हो,  चाहे वो JMIC रामावतार पारीक हो , ( अब इनकी ट्रांसफर हो गई ) या फिर JMIC अरुण कुमार डाबला हो, या JMIC सुयासा जावा हो ......या दूसरे और ......
कोर्ट में कानून की बजाय वकील देते हैं ,....... बाहर निकलने पर देख लेने की धमकी ......
अरुण कुमार सिंघल देता है -- जान से मारने की धमकी..........जज देखते हैं .....तमाशा .......

भृष्ट और नाकाबिल जजों को हटाने के लिए , Right to Recall क्यों नहीं ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

जब भृष्ट नेताओं को हटाने के लिए  Right to Recall जायज है ........तो न्यायपालिका के भृष्ट , तानाशाह , नाकाबिल जजों को हटाने के लिए Right to recall क्यों नहीं ...........

अवैध वसूली के लिए, भृष्ट जज कर रहे ....... वारंट का 90% से ज्यादा दुरुपयोग ......

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अदालतों में 90 % वारंट  नाजायज.... भृष्ट जज जेल का डर दिखाकर, अवैध वसूली के लिए कर रहे , जमकर दुरुपयोग ....... बेक़सूर लोगों को भेज रहे जेल ,........  कोर्ट को बना रहे अपराधी बनाने की फैक्ट्री .......!!! 

अवैध वसूली के लिए , जज जमकर कर रहे , जमानती/ गैर जमानती वारंट का दुरुपयोग .........90% वारंट लोगों को डराकर , अवैध वसूली के लिए

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

देश की अदालतों में जज कर रहे ...... जमानती/ गैर जमानती वारंट की प्रक्रिया का , जम कर दुरूपयोग ........
 90% से ज्यादा वारंट अवैध वसूली की नियत से निकाले जा रहे , ताकि जेल भेजने का डर बनाकर,  अवैध वसूली की जा सके ।

  जिनके खिलाफ वारंट होने चाहिए, उनकी होती है सेवा ....... .

तानाशाही, और अवैध वसूली की नियत के चलते, भृष्ट जज कर रहे पुलिस का 70% वक्त बर्बाद.......

Wednesday, 28 September 2016

अहंकार और तानाशाही के चलते जजों ने सबको अपना दुश्मन बना लिया है ,...........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

अहंकार और तानाशाही के चलते , इन जजों ने सबको अपना दुश्मन बना लिया है ।  आम जनता,  इनके घरों में काम करने वाले चपरासी, कोर्ट  के कर्मचारी, पुलिस,  पीड़ित, .....  जिस दिन गुस्सा फटेगा .....उस दिन लोग इनके चीथड़े कर देंगे .......और कोई भी इनको बचाने वाला नहीं होगा ......!!!

Tuesday, 27 September 2016

ये इस देश का दुर्भाग्य है कि -- जज ऐसे बेवकूफ, मूर्खतापूर्ण , संवेदनहीन, गैर जिम्मेदारी और निरंकुश तानाशाह वाले काम कर रहे हैं .........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

ये इस देश का दुर्भाग्य है कि -- जज जिनको लोग भगवान मानते हैं , वे ऐसे बेवकूफ, मूर्खतापूर्ण , संवेदनहीन, गैर जिम्मेदारी और निरंकुश तानाशाह  वाले काम कर रहे हैं .........
 वैसे हमारे देश में विश्व की सबसे बड़ी लोकतंत्र व्यवस्था है ।  देश के लोगों के खून पसीने की कमाई से इक्कट्ठा किये गए टैक्स के पैसे , के दम पर , अवैध वसूली के लिए प्रताड़ित करने और निर्दोष लोगों का शोषण कर रहे हैं ।  और ये भृष्ट जज न्याय के मंदिर को अपराधी बनाने की फैक्ट्री में तब्दील कर रहे हैं । और ये सिर्फ नारनौल कोर्ट में ही नहीं ,  देश के लगभग हर कोर्ट में यही हो रहा है ( केवल 2% समझदार जजों को छोड़कर जोकि सिर्फ अपवाद हैं ) ।
इतिहास गवाह है जब 2 शरीफ लोगों को जरूरत से ज्यादा प्रताड़ित किया गया, उनका  शोषण किया गया है , एक हद तक तो वे बर्दाशत कर लेंगे, सहन कर लेंगे , लेकिन उसके बाद फिर बड़े से बड़े तानाशाह को , बर्बाद होते देर नहीं लगती .......

 जेल, पुलिस, कानून, सिक्यूरिटी,...... सब देखते रह जाते हैं , जब जनता अपने वाली पर आती है ।

वैसे एक बात तो सच है कि --- न्यायपालिका के भृष्ट, बेवकूफ, तानाशाह जजों के खिलाफ क्रांति की शुरुआत हो चुकी है ...........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

वैसे एक बात तो सच है कि --- न्यायपालिका के भृष्ट, बेवकूफ, तानाशाह जजों के खिलाफ क्रांति की शुरुआत हो चुकी है ...........

भृष्ट जज, तानाशाही और फर्जीवाड़े की हदें पार कर कर रहे हैं ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

न्यायपालिका के भृष्ट जजों ने अब जरुरत से ज्यादा मजाक बना दिया है ,  तानाशाही और फर्जीवाड़ों की हदें पार कर रहे हैं ........

अरुण कुमार सिंघल, जैसे अपराधिक मानसिकता वाले , भृष्ट, जालसाज, देशद्रोही और आतंकवादी से भी खतरनाक अपराध करने वाले न्यायपालिका के जजों की असलियत देश दुनिया के सामने लाने के लिए , हम एक पुस्तक लिखना शुरू कर रहे हैं ।
अब इन देशद्रोही लोगों को नंगा करेंगे ।  देश के लोगों के खून पसीने की कमाई से इक्कट्ठा किये गए टैक्स के पैसे पर मजे लूटने वाले, जज अब जबाबदेही के बिना इस देश में नहीं रह सकते ...... ज्यादा शौक है तो पाकिस्तान चले जाएं ।

अरुण कुमार सिंगल के साथ2 नारनौल के ज्यादातर जज, वैसे तो मेरी जान के  ये दुश्मन बन ही चुके हैं ।  लेकिन, ये एक बात अपने दिमाग में डाल लें, कि --  हर ताकत का अंत भी आता है , जिस दिन तुम फंसोगे, उस दिन ये अरुण कुमार सिंगल खुद ही अपने रचे षड्यंत्र का फल भुगत रहा होगा ।
अन्ना जी ने हमें कुछ बातें और सिखाई हैं , हम संस्कारों को छोड़े बिना ही , इनसे ज्यादा ऐसे काम करके दिखाएंगे कि -- एक दिन ये खुद अपने आप पर शर्मिंदा होंगे । और फिर भी ज्यादा गड़बड़ की तो फिर --- पाकिस्तान के खतरनाक आतंकियों से मदद की गुहार करेंगे । क्योंकि अब  शराफत की बजाय,   आतंकी ही इनकी तानाशाही को हमेशा के लिए ख़त्म कर सकते हैं   ।
और ऊपर वाला भी सब देख रहा होगा .....!!!  क्योंकि अगर सच्चाई, ईमानदारी, और शराफत से, लोगों का एक बार भी विश्वास ख़त्म हो गया, तो मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे , गिरिजाघर बंद हो जायेंगे ।
निर्दोष, मजबूर , कमजोर, लोगों का शोषण करने और प्रताड़ित करने वाले, ताकतवर लोगों  को भी , हमनें तड़फ 2 कर मरते हुए देखा है ।
कुदरत ऐसे लोगों का बहुत बढ़िया ईलाज करती है। जजगिरि रखी रह जायेगी .....!!!

Saturday, 24 September 2016

नारनौल के भृष्ट और अपराधिक मानसिकता वाले सेशन जज अरुण कुमार सिंघल की बौखलाहट ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

बौखलाहट में , ....नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंगल की तानाशाही देखिये .......
अपनी जूनियर जज अर्पणा भारद्वाज से पहले गैर कानूनी तरीके से मेरे और मेरी माता जी के खिलाफ , 15.09.2016 को मेरे द्वारा माता जी की केस की एप्लीकेशन देने के बावजूद , मेरे जज के सामने कोर्ट रूम में उपस्थित होते हुए भी , गैर जमानती वारंट जारी करवाया । अब खुद को फंसता हुआ देख , 15.09.2016 के उस फैसले की न तो सर्टिफाइड कॉपी दी जा रही और न ही कोर्ट की वेबसाइट पर डाला गया है । जबकि आर्डर को उसी दिन वेबसाइट पर डालना होता है।  कारण सिर्फ ये कि -- हम अपनी कानूनी कार्यवाही न कर सकें । लेकिन, ये  अरुण कुमार सिंघल , शायद ये भूल गया कि -- कानून में और भी रास्ते हैं , मनोज को रास्ता दिखाने वाले, भी कुछ जानते हैं ।

देखते हैं .......सच जीतेगा ....... या फिर ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

देखते हैं कि ---सच जीतेगा या फिर नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंगल के फर्जीवाड़े .......
आदरणीय देशवासियों ,
जो भी पीड़ित लोग हैं वे जानते है कि हिन्दुस्तान के कोर्टों में किस हद तक फर्जीवाड़े होते हैं .....??? इसकी मुख्य वजह है , काबिलियत की बजाय ,  फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों का हाई कोर्ट , सुप्रीम कोर्ट के जज बनना .....।   ऐसे भृष्ट जजों ने अपनी अवैध वसूली की कमाई के चलते ही, नारनौल के सेशन जज अरुण कुमार सिंगल जैसे आतंकवादी से भी ज्यादा घुटी हुई अपराधिक मानसिकता को लोग, आज जज जैसे जिम्मेदार पद की गरिमा को इस हद तक गिरा चुके हैं कि --- कोर्ट न्याय की बजाय अन्याय और शोषण के केंद्र बनते जा रहे है।  जिस व्यक्ति का कोई कसूर ही नहीं था , उसको झूठे मुकदमों में उलझा ना , कानून तरीको जो ताक पर रखकर, निर्दोष लोगों के खिलाफ ,  कोर्ट रूम में उपस्थित होते हुए भी , गैर जमानती वारंट जारी करवाना, पुलिस पर दबाब बनाकर , जेल डालना, प्रताड़ित करवाना , ओपन कोर्ट में परिवार सहित ख़त्म करने की धमकी देना, जैसे अनेको फर्जीवाड़े हैं , जिनको देखकर ये लगता हैं कि --  ये लोग आतंकवादियों से भी खतरनाक अपराध कर रहे हैं । ऐसे भष्ट , अपराधिक मानसिकता वाले व्यक्ति जज जैसे जिम्मेदार पद पर न बैठ सकें , इसके लिए, जजों की जबाबदेही कानून जरूरी हो गया है। न्यायपालिका ने आज़ादी का दुरुपयोग करके , नेताओं से भी ज्यादा फर्जीवाड़े कर रखे हैं । अभी मुझे कहीं से पता चला कि --- एक हाई कोर्ट का जज , जिसके खिलाफ , भगोड़े के आदेश जारी थे, उसको सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया । जल्दी ही हम वो डाक्यूमेंट्स आपके साथ साँझा करेंगे । और जब वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में इस फर्जीवाड़े के खिलाफ मुकदमा डाला तो, उन पर ही एक लाख का जुर्माना ठोक दिया । जब सुप्रीम कोर्ट में ही ऐसे भृष्ट लोगों का पोषण होगा, तो ऐसे में न्यायपालिका को बड़े 2 भाषण , प्रवचन , देने का अधिकार नहीं रह जाता । और ये स्थिति बेहद खतरनाक है ।  जब सुप्रीम कोर्ट में ही ऐसे लोग जज बनेंगे, तो  पीड़ित लोगों  को न्याय कहाँ मिलेगा .....???
किसी ने सोचा भी नहीं था कि ---मेरे खिलाफ ,  इन 6 भृष्ट जजों के द्वारा डाले गए, मुकदमें ख़ारिज भी हो जायेंगे .....??? औए ये चमत्कार भी हुआ, और भी चमत्कार भी होंगे .....??? देखते हैं सच जीतेगा .......या फिर ......फर्जीवाड़ा करने वाले नारनौल का भृष्ट, आतंकी और अपराधिक मानसिकता वाला सेशन जज अरुण कुमार सिंगल .......!!!

Friday, 23 September 2016

और इनके बेटे का एक साल बर्बाद होने से बच गया ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....
ये भाई साहब मदनमोहन पाण्डेय जी हैं , और चंडीगढ़ में ऑटो चलाते हैं । एक दिन मोहाली में हमारी मुलाकात इनसे हुई,तो इन्होंने अपने बेटे की समस्या के बारे में बताया । वो 10 महीने बीमारी के चलते , अपनी पढाई ठीक से नहीं कर पाया था। घर के सभी लोग , रिश्तेदार उसे उस साल के 12 वीं के पेपर नहीं देने को कह रहे थे। बच्चा अपना साल बर्बाद नहीं करना चाहता था, इसलिए , बच्चे ने पेपर दिए ।लेकिन जो पेपर बहुत अच्छे हुए , उन्ही विषयों में उसे फैल कर दिया गया । Re-evaluation की कोशिश की तो उसमें जानबूझकर अड़ंगे लगाये जा रहे थे । हमनें इनको तरीका बताया और मेरे पास विजिटिंग कार्ड की फोटोकॉपी थी , वो उनको दे दी । इन्होंने बताये तरीके के अनुसार काम किया । उनका बच्चा पेपर में पास हो गया और उसका एक साल ख़राब होने से बच  गया । अभी 22.09.2016 की शाम को ये हमें मोहाली में मिल गए और बताने लगे कि -- उन्होंने बताये गए अनुसार काम किया, बच्चा पास हो गया है और साल बर्बाद होने से बच गया ।  

जब एक छोटी सी कोशिश से पाण्डेय जी का काम हो सकता है,  तो किसी  और का क्यों नहीं .......???

जब हम ये छोटी 2 जानकारी लोगों को सीखा कर जागरूक बना देंगे , तो भारत को बदलने से कौन रोक सकता है ........??? 

Thursday, 22 September 2016

आइये....!!! जाने देश में सामाजिक भेदभाव का कड़वा सच ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

*आओ मेरे साथ मैं तुम्हें जातिवाद दिखाता हूँ।*
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आजकल जहाँ भी दो चार जनरल केटेगरी वाले इक्कठे बैठते हैं वहाँ एक ही चर्चा होती है कि इस आरक्षण ने देश को बर्बाद कर दिया है, अब तो सभी बराबर हो गए हैं कोई जातिवाद नहीं है इसलिए अब इस आरक्षण को खत्म कर देना चाहिए।

अफशोस की बात यह की हमारे कई नेता भी बोलने लगे हैं कि आरक्षण की समीक्षा होती है तो क्या बुरा है।

जिन लोगों को सब कुछ ठीक ठाक लग रहा है और कहीं भी जातिवाद नजर नहीं आता है उनको आह्वान किया जाता है कि आओ मेरे साथ मैं तुम्हें जातिवाद दिखाता हूँ।

आओ चलें ईंट भट्ठों पर और देखो वहाँ जो ईंट पाथ रहें हैं या पक्की हुई ईंटों की निकासी कर रहे हैं जिनमें पुरुषों के साथ साथ उतनी ही संख्या में महिलाएं भी दिखाई दे रही हैं उनमें ब्राह्मण, राजपूत और बणिया कितने हैं ?

इसका जवाब यही होगा कि इनमें तो उन समाजों का एक भी व्यक्ति नहीं है तो फिर यह जातिवाद नहीं है तो फिर क्या है ?

अब आगे चलो मेरे साथ शहरों की गलियों में और ध्यान से देखो जो महिलाएं सड़कों पर झाड़ू लगा रही हैं और गंदी नालियाँ साफ कर रही हैं उनमें कितनी ब्राह्मणी, ठुकराईंन और सेठाणी जी दिखाई दे रही हैं ?

यहाँ भी वही जवाब की इनमे तो ब्राह्मणी, ठुकराएंन और सेठाणी एक भी नहीं है तो यह जातिवाद नहीं है क्या ?

अब आओ चलते हैं रेलवे स्टेशन, हमारे देश में कई हजारों की संख्या में रेलवे स्टेशन बने हुए हैं वहाँ जो रेलवे लाइनो पर शौच के ढेर के ढेर लगे हुए रहते हैं उनको रातों रात साफ करने के लिए पंडित जी आता है या सिंह साहब या फिर शाहूकार जी सेवा देते हैं।

इसका भी वही जवाब मिलेगा की उनमे से तो एक भी नहीं आता है तो फिर क्या यह जातिवाद नहीं है ?

अब रूख करते हैं भवन निर्माण कार्य करने वाले मिस्त्री और मजदूरों की ओर, जो पूरे दिन अपना हाथ चलाते रहते हैं जिन्हें मिस्त्री कहते हैं और जो पूरे दिन सिर पर काठड़ी ढोने में लगे रहते हैं उन्हें मजदूर कहा जाता है वैसे वे मजदूर नहीं बल्कि मजबूर हैं क्योंकि 50 डिग्री तापमान में कोई कूलर की हवा खा रहा होता है तो कोई ऐ सी में मौज कर रहा होता है उस वक्त भी ये लोग तेज गर्मी और लू के थपेड़े खा रहे होते हैं, अब इनमे भी नजर दौड़ाते हैं तो उनकी संख्या नदारद मिलती है तो क्या यह जातिवाद नहीं है क्या ?

अब अपना ध्यान जगह जगह बोरी बिछाकर बैठे हुए उन लोगों की ओर लेकर जाओ जो जूता पॉलिश करते हैं या जूतों की मरमत करते हैं उनमें पंडित जी और उनके साथियों की भागीदारी कितनी है, जवाब मिलेगा बिलकुल शून्य, तो पूरा का पूरा तो जातिवाद भरा पड़ा है ।

अब आजाओ बाजारों की ओर चारों ओर जो बड़े बड़े मॉल और बड़ी बड़ी दुकाने दिखाई दे रही है उनका मालिक कोई एस सी समाज वाला भी है या नहीं ?

यहाँ एकदम से ही पासा पलट गया है अब यहां एस सी का एक भी बन्दा नजर नहीं आएगा और सभी पर ब्राह्मण और बनिया व राजपूत का कब्जा मिलेगा।

अब सभी मिलकर सोचो कि क्या यह जातिवाद नही है ?

बिलकुल यह खुलं खुला जातिवाद हैं।

अब मंदिरों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहना चाहता हूँ कि मंदिरों में कितने पुजारी ब्राह्मण के अलावा देखने को मिलते हैं, शायद एक भी नहीं । क्या इसे आप जातिवाद नहीँ समझते हो।

आज भी हर कदम पर जातिवाद का जहर भरा हुआ है और लोग कहते हैं कि अब कोई जातिवाद नहीं है अब आरक्षण खत्म कर दिया जाना चाहिए।

आरक्षण होते हुए भी उच्च पदों पर हमारे समाज के लोगों को पहुंचने से रोका जाता है यदि जिस दिन आरक्षण खत्म हो जायेगा उस दिन से तो जातिवाद और अधिक पढ़ जायेगा ।
इसलिये जो ऐसी बात करता है उसे कहो कि आओ मेरे साथ तुम्हेँ जातिवाद दिखाता हूँ ।

.....भारत में 3% ब्राह्मण  .....
**********************
3% लोगों का हिस्सा देखिये....

लोकसभा में ब्राह्मण : 48 %
राज्यसभा में ब्राह्मण : 36 %
ब्राह्मण राज्यपाल : 50 %
 कैबिनेट सचिव : 53 %
मंत्री सचिव में ब्राह्मण : 64%
अतिरिक्त सचिव ब्राह्मण : 62%
पर्सनल सचिव ब्राह्मण : 70%
यूनिवर्सिटी में ब्राह्मण वाईस
चांसलर : 61%
सुप्रीम कोर्ट में ब्राह्मण जज: 85%
हाई कोर्ट में ब्राह्मण जज : 70 %
भारतीय राजदूत ब्राह्मण : 51%
पब्लिक अंडरटेकिंग ब्राह्मण :
केंद्रीय : 67%
राज्य : 82 %

बैंक में ब्राह्मण : 67 %
एयरलाइन्स में ब्राह्मण : 61%
 IAS ब्राह्मण : 72%
 IPS ब्राह्मण : 61%
टीवी कलाकार एव बॉलीवुड : 83%
CBI Custom ब्राह्मण 72%
यदि हमारा आरक्षण गलत है और उसका सवर्णों के द्वारा  विरोध किया जाता है! तो ये क्या है इसका विरोध आज तक किसी ने क्यो नही किया गया ? कहाँ छुपे हैं  आरक्षण विरोधी लोग।
एससी-एसटी  और ओबीसी को जो आरक्षण मिला है वह जनसंख्या के अनुपातिक आधार पर मिला है जिसके तहत SC & ST को 22.5% नौकरी और राजनीति में मिला है।ओबीसी की जनसंख्या 60%है जबकि आरक्षण  केवल 27%मिला है । निम्न सारणी पर ध्यान दें ।
जनसंख्या     आरक्षण   प्रतिशत  
एस सी            15 %       15 %
एस टी            7.5 %       7.5 %
ओबीसी           60 %       27 %
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योग               85 %       49.5%               _______________________
अाज 60%  ओबीसी समाज को  69 वर्षों में  केवल 5% ही भर सका है।
SC, ST, OBC, MINORITY's जनसंख्या 85% और आरक्षण 49.5%
General castes जनसंख्या
15% और आरक्षण 50.5%
अब इस आंकड़ा को देख कर बताइए की वास्तविक में आरक्षण कौन ले रहा है? कुल मिला कर इस देश में मनुवादी ब्यवस्था आज भी कायम है। इसे कायम रखने वाले यहाँ की मनुवादी सरकारें है। जिन्होंने बारी बारी इस देश में 70 सालों तक राज किया । और अपनी ब्यवस्था को कायम रखने के लिए अपनी कूटनीति के तहत हमें आपस में लडाते रहते हैं और हमारे आरक्षण का विरोध करते हैं ताकि उनको मिल रही आरक्षण की ओर हमारा ध्यान ना जा सके। पर दुःख की बात तो यह है कि हमारे अपने ही लोग  ढाल बन कर इनका साथ देते हैं जिसे मै अज्ञानी और मुर्ख के अलावा और कुछ नही कह सकता है।

Intellectual level of Supreme Court Judges ---- Justice Markandey Kartzu

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

*Justice Markandy Katju*

The intellectual level of Supreme Court judges

I think the time has come to tell Indians about the intellectual level and background of most Indian Supreme Court judges.

 While some of them have high intellectual level and character, like Justice Chalameshwar and Justice Nariman, the vast majority of the present Supreme Court Judges are people of very low intellectual level.

 I can say this because I myself was a Supreme Court Judge for about five and a half years, and I was constantly interacting with my colleagues ( the present Supreme Court judges were only High Court judges when I was a Supreme Court judge ). The level of their conversation was usually about cricket or the weather, never on any intellectual subject..

 Not once did I hear any discussion by Supreme Court judges about the theories of jurisprudence, e.g. the historical jurisprudence of Savigny and Sir Henry Maine, natural law, the positivists like Bentham, Austin, Hart and Kelsen,  the sociological jurists like Jhering, Ehrlich, Durkheim, Geny, Roscoe Pound, Frank, Llewelyn , Gray, etc. Probably most Indian Supreme Court judges have not even heard of their names, nor of Justices Holmes, Brandeis, Frankfurter, Douglas or Hugo Black, or of their contributions.

 To be a good judge one of course must know the law and important precedents. But that is not enough. One must also have some knowledge of history, philosophy, economics, political science, literature, etc. I doubt that the Supreme Court judges,( except the two I have mentioned ) have this. In fact I doubt they have even good knowledge of law.

 The present Chief Justice of India, Justice Thakur, in the BCCI case chose to ignore binding precedents that there is broad separation of powers in the Indian Constitution, and it is for the legislature, not the judiciary, to legislate. By acting thus he displayed total lack of judicial discipline, seeking only popular adulation, and  throwing the Constitution and the law to the winds. The number 2 in seniority, Justice Anil Dave openly said that the Bhagavad Gita should be made compulsory in all schools in India, thus violating his oath to uphold the secular Constitution. Justice Gogoi, who is in line to become the Chief Justice of India on the basis of seniority, has shown that he does not know an elementary principle of law, namely that hearsay evidence is not admissible ( see paragraph 16 of his judgment in the Soumya murder case ). I can go on and on about most of the present Supreme Court judges to show how low is their intellectual level, but that is not necessary. Suffice it to say that they have reached their positions not because of merit but only by dint of seniority. Justice Deepak Mishra, in line to become CJI, was appointed a Judge in Orissa High Court at a very young age because of the influence of his relative Justice Ranganath Mishra, former CJI, who was one of the most corrupt judges in India. Justice Ramanna, who is also in line to become CJI, was appointed as  a High Court Judge in Andhra Pradesh at a very young age due to his political connections, and later became Supreme Court Judge not because of merit but purely due to seniority.

*Facebook Copy Paste*

अपने बच्चे के खुशहाल भविष्य के लिए , जरूर पढ़ें ........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

पापा पापा धरती किसने बनाई?
बेटा भगवान ने बनाई।

आसमान किसने बनाया?
भगवान ने।

सितारे किसने बनाए?
भगवान ने।

हमें किसने बनाया?
भगवान ने।

पेड़-पौधे कैसे उगते है?
भगवान की मर्जी से।

लोग कैसे मरते है?
भगवान की मर्जी से।

लोग पैदा कैसे होते है?
भगवान की मर्जी से।

रोशनी कैसे मिलती है?
भगवान की कृपा से।

अँधेरा कैसे हो जाता है?
भगवान की इच्छा से।

बेटा इतने सवाल मत पूछो , इस धरती पर, ब्रह्माण्ड में जो भी कुछ होता है सब भगवान की मर्जी से
होता है।

एक दिन बच्चे के विज्ञान टीचर बच्चे के घर आते है। देखिये वर्मा जी, आपका बच्चा पढने में बहोत कमजोर है , पढ़ाई-लिखाई में ध्यान ही नहीं देता है।

टेस्ट में सवाल पूछा गया ,
बल्ब रौशनी कैसे देता है?
जवाब में लिखा, भगवान की मर्जी से।

टेलीफोन किसने बनाया?
भगवान ने बनाया।

धरती पर दिन और रात कैसे होते है?
भगवान की मर्जी से।

माफ़ कीजिये बताते हुए अच्छा तो नहीं लग रहा लेकिन
आपका लड़का फेल हो गया है।

वर्मा जी ने गुस्से से कांपते हुए लड़के को बुलाया , डांटते हुए, क्यों बे? हमारे लाड-प्यार का नाजायज फायदा उठाता है, पढ़ाई-लिखाई में दिमाग क्यों
नहीं लगाता है? और दो तमाचे रसीद करते हुए बोले,
कमबख्त फेल हो जाएगा तो जिन्दगी में क्या करेगा?
और बेचारा बच्चा समझ ही नहीं पाया कि उससे
गलती कहाँ हुई?

काश! वर्मा जी ये समझ पाते कि बच्चे की जिज्ञासा को
अगर वो भगवान से तुष्ट न करते, तो बच्चा उन सवालों के जवाब विज्ञान में ढूंढता।

उस बच्चे की सारी कल्पनाएं , जिज्ञासाएं ,
खोजी प्रवृत्ति तो एक भगवान पर आकर ही खत्म हो
गयीं, भला इसमें उस बच्चे की क्या गलती
है जो उसे विज्ञान की समझ न आई ?

क्या आप भी चाहते है कि आपके बच्चे फ़ैल हो ?
नहीं ना ?
तो फिर आपके बच्चों को विज्ञान की कहानियां सुनाओ... देवी-देवता और भगवान की नहीं ! उन्हें विज्ञान का रहस्य समझाओ, जूठी-मुठी कहानिया नहीं।
उन्हें तर्क करना सिखाओ...

विज्ञान को धर्म बनाओ... आपका बच्चा अवश्य तरक्की करेगा।

अपना विकास स्वयं करो, आपका उद्धार आपको खुद ही करना होगा।

अप्पो दीपो भव

#अंधश्रद्धा भगाओ, देश बचाओ...

Wednesday, 21 September 2016

Corrupt Judges, are more dangerous, than Terrorists.........for Nation........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

न्यायपालिका के भृष्ट जज, देश के लिए , आतंकवादी से भी ज्यादा खतरनाक ..........!!!

आइये ..... जाने भृष्ट जज किस प्रकार कर रहे , देश को अंदर से खोखला .......???
नेताओं ने अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिये, वोट बैंक की राजनीती के लिए , देश और समाज का जमकर नुकसान किया ।  लेकिन, ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि --- न्यायपालिका के भृष्ट जजों के देश का वो नुकसान किया है, जोकि आतंकवाद से भी, कहीं ज्यादा , खतरनाक है ।  जजों की कोई जबाबदेही नहीं होना, भृष्ट जजों को बचाने के लिए न्यायपालिका की नियत बेईमान होना,  अनियंत्रित ताकत मिलने से , न्यायपालिका की तानाशाही , देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है । लोगों को किसी भी तरीके से झूठे मुकदमों में उलझाकर , जेल भेजने का डर दिखाकर, जमकर अवैध वसूली कर रही है ।  कानून के प्रावधानों को ताक पर रखते हुए, निर्दोष लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करके, जेल के माध्यम से या जमानत के नाम पर प्रताड़ित करते हुए , जम कर शोषण किया जा  रहा है।  उस मुकदमें में उतनी सजा नहीं थी, उससे ज्यादा तो फर्जी और गैर कानूनी तरीके से गैर जमानती वारंट जारी करके, जेल भेजकर , सजा कटवा दी।  और ईमानदारी के नाम पर जमकर नाटक ,..... आप अगर झूठे मुकदमें के बाद शोषण करवाने को राजी हों, तो सब खुश ....!!! और अगर गलती से न्याय के लिए कोशिश की / अन्याय का विरोध किया तो, पुलिस, जज , कोर्ट , सब के सब आपके दुश्मन .........???
 क्योंकि सबको अवैध वसूली से प्यार है .......???
इसको पाने के लिए, ये लोग कुछ भी कर सकते है , यही कारण है कि --- जज झूठे मुकदमें डालने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते .......!!! 

न्यायपालिका के भृष्ट जज, आतंकवादी से भी ज्यादा खतरनाक ...........

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....
न्यायपालिका के भृष्ट जज, देश के लिए , आतंकवादी से भी ज्यादा खतरनाक ..........!!!

आइये ..... जाने भृष्ट जज किस प्रकार कर रहे , देश को अंदर से खोखला .......???
नेताओं ने अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिये, वोट बैंक की राजनीती के लिए , देश और समाज का जमकर नुकसान किया ।  लेकिन, ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि --- न्यायपालिका के भृष्ट जजों के देश का वो नुकसान किया है, जोकि आतंकवाद से भी, कहीं ज्यादा , खतरनाक है ।  जजों की कोई जबाबदेही नहीं होना, भृष्ट जजों को बचाने के लिए न्यायपालिका की नियत बेईमान होना,  अनियंत्रित ताकत मिलने से , न्यायपालिका की तानाशाही , देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है । लोगों को किसी भी तरीके से झूठे मुकदमों में उलझाकर , जेल भेजने का डर दिखाकर, जमकर अवैध वसूली कर रही है ।  कानून के प्रावधानों को ताक पर रखते हुए, निर्दोष लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करके, जेल के माध्यम से या जमानत के नाम पर प्रताड़ित करते हुए , जम कर शोषण किया जा  रहा है। रिश्वत लेकर ताकतवर पक्ष को , बिना किसी संकोच के फायदा , दिया जा रहा है। कमजोर पक्ष का जमकर शोषण.......!!!   क्या न्यायपालिका का यही काम रह गया है, तो फिर त्वरित न्याय के लिए , लोग  गुंडे बदमाश के पास क्यों न जाएं .....??? वे  लोग इन भृष्ट जजों से तो कई गुना ज्यादा ईमानदार और जिम्मेदार हैं .......  ???   उस मुकदमें में उतनी सजा नहीं थी, उससे ज्यादा तो फर्जी और गैर कानूनी तरीके से गैर जमानती वारंट जारी करके, जेल भेजकर , सजा कटवा दी।  और ईमानदारी के नाम पर जमकर नाटक ,..... आप अगर झूठे मुकदमें के बाद शोषण करवाने को राजी हों तो , सब खुश ....!!! और अगर गलती से न्याय के लिए कोशिश की / अन्याय का विरोध किया तो, पुलिस, जज , कोर्ट , सब के सब आपके दुश्मन .........??? क्योंकि सबको अवैध वसूली से प्यार है .......??? इसको पाने के लिए, ये लोग कुछ भी कर सकते है , यही कारण है कि --- जज झूठे मुकदमें डालने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते..........!!! 

Tuesday, 20 September 2016

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

ये हैं चंडीगढ़ के वकील , जिन्होंने अभी पंजाब के 19 मुख्य संसदीय सचिव की छुट्टी करवाई .......

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....
आइये .....!!! जाने चंडीगढ़ के वकील श्री जगमोहन सिंह भट्टी के बारे में , जिन्होंने अभी हाल ही में पंजाब सरकार के 19 मुख्य संसदीय सचिव को घर पर बिठाया । 
अभी हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिव की बारी  है । कोर्ट में कानूनी लड़ाई जारी है। 

कई वर्षों बाद चंडीगढ़ हाई कोर्ट का एक ऐसा फैसला आया है जिसे देशभर के लोग अनुसरण करेंगे ।  ये संविधान के मुद्दों के विशेषज्ञ हैं और सुप्रीम कोर्ट में भी मुकदमों की पैरवी करते हैं। 33 साल का लंबा , कानूनी अनुभव रखते हैं।

Sunday, 18 September 2016

नारनौल के सेशन जज ने मेरी हत्या करवाने के लिये, मेरे खिलाफ गैर जमानती वारंट .करवाये .......

मेरी हत्या करवाने के लिए, नारनौल के District Session Judge अरुण कुमार सिंगल ने , जज के सामने उपस्थित होते हुए भी , गैर कानूनी तरीके से मेरे खिलाफ Non Bailable Warrant जारी करवाये ...........
15.09.2016 को नारनौल कोर्ट में 498a के केस में JMIC अपर्णा भारद्वाज की कोर्ट में हमारी तारीख थी , उसी दिन हमारी किसी दूसरे केस के सिलसिले में रेवाड़ी कोर्ट में भी तारीख थी। रात को 01:30 a m पर चंडीगढ़ से रेवाड़ी पहुंचे । सुबह साइबर कैफ़े से , रेवाड़ी कोर्ट के केस में हाजिरी माफ़ी की ईमेल 08:37 a m पर की और फिर नारनौल के लिए निकल लिया ।  वहां पहुँचते ही हमनें जज साहिब और उनके रीडर से बात कि -- और उनको बताया कि हम एक लैटर तैयार करके 15 मिनट में आ रहे हैं। वो दोनों बोले -- ठीक है। थोड़ी देर में लैटर ( For recall of order dated 14.08.2016 , passed by ignoring legal provisions against my mother ) तैयार करके हम कोर्ट में गए तो जज साहिबा बोली कि -- थोड़ी देर बाहर इंतजार कर लो, अभी आवाज लगवा कर बुला रहे हैं। हम बाहर आये , लगभग 2/3 मिनट में आवाज लगाई और कोर्ट में सहायक ने हमें कोर्ट रूम में बुलाया । हम गए , जज साहिब ने फ़ाइल उठाई , हमने उस पत्र के बारे में संक्षपित में बता दिया । लैटर पढ़कर जज साहिब बोली कि --- इस पत्र पर आपके हस्ताक्षर हैं , ये नहीं चलेगा । हमने कारण पूछा तो बोली कि --- आपकी माता जी के गैर जमानती वारंट कर दिए हैं और आप के भी .... । हमने कहा कि --- मैं तो अभी थोड़ी देर पहले ही आप को बताकर गया था । मैं अभी चंडीगढ़ से रात को आया हूँ, रेवाड़ी कोर्ट में भी आज ही  तारीख थी । उनको ईमेल करके, नारनौल आया हूँ ।  फिर बोली कि --- किसी वकील को बुला लो , लेटर पर sign करने के लिए ........
कानून में वारंट का प्रावधान किसी व्यक्ति की उपस्थित सुनिश्चित करने के लिए है । हम तो  कोर्ट रूम में जज के सामने हैं, उससे पहले आकर बात की, जज और उसके रीडर को भी बताकर गया , फिर भी हमारे खिलाफ गैर जमानती वारंट जरी करने का मतलब क्या है ......???
दरअसल , नारनौल के जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंगल के फर्जीवाड़े और गैर कानूनी काम की , हमने  शिकायत भी कर रखी है और इसके खिलाफ मुक़दमे भी डाले हैं । पहले नारनौल कोर्ट में, अब हाई कोर्ट में .........
 कही से इसको पता लग गया । वैसे पहले भी अरुण कुमार सिंगल  सेशन जज ने , खुले कोर्ट में मुझे और मेरे परिवार को जान से ख़त्म करने की धमकी भी दे रखी है । इसी रंजिश के चलते, अरुण कुमार सिंगल जो कि मर्डर , डकैती के अपराधी से भी घुटा हुआ अपराधिक मानसिकता का व्यक्ति है और इस देश का दुर्भाग्य देखिये कि -- ये आदमी जिला सेशन जज के पद पर बैठा हुआ है ।  धड़ाधड़ झूठे आरोप लगवाकर , निर्दोष लोगों के के खिलाफ , कॉन्टेम्पट के मुकदमें बनवा रहा है। मेरे खिलाफ भी , इसने JMIC संदीप चौहान और MZ खान के साथ मिलकर , झूठे मुकदमामें बनवाये, झूठी शिकायतें भी भिजवाई । हमनें ना तो माफ़ी मांगी,.......... और ना ही जेल जाने से मना किया  ........
जोकि अभी 06.09.2016 को हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिए ।

Friday, 16 September 2016

चंडीगढ़ हाई कोर्ट के जज, अपने जजों को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं .........

हाई कोर्ट चंडीगढ़ ने हमारे खिलाफ क्रिमिनल कॉन्टेम्पट के जो मुकदमें ख़ारिज किये थे , आज उस आर्डर की कॉपी वेबसाइट से निकाली है।
हमें ये हैरानी हो रही है कि ---  हमनें हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के दोनों जजों महेश ग्रोवर और डॉक्टर शेखर धवन को,  170 पेज के दो सेट दोनों जज साहब को दिए थे । उन डाक्यूमेंट्स के आधार पर ही, उन्होंने मेरे खिलाफ मुकदमें ख़ारिज किये, लेकिन आर्डर में उसका कही भी कोई जिक्र ही नहीं किया गया ।
न हमनें माफीनामा लिखा, न ही हमनें जेल जाने से मना किया ।  जब उनको ये लगा कि --   ये न तो ड़र रहा है, और गड़बड़ी तो पकड़ ही ली है , अब कानून के तरीके से काम करेंगे तो, हाई कोर्ट को,  इन जजों के खिलाफ , कार्यवाही करनी ही पड़ेगी ( जिन  जजों के खिलाफ  15 शिकायत के,  170 पेज के दस्तावेज,  हमनें हाई कोर्ट के दोनों जज साहब को दिए ) ।
अपने हाई कोर्ट के जज को, कार्यवाही से बचाने के लिए और मीडिया में अपनी असलियत सामने आने  के डर से, कहीं  हम देश की लोगों की नजरों में छा न जाएं, इसके चलते,  हमारे खिलाफ कुछ अपने ,  आधारहीन  आरोप / विचार मुफ़्त में ही लिख दिए ।
हमारे लिखित सबूतों में दम था ।  इसीलिए, ये मुकदमें ख़त्म किये,  वैसे चाहे कुछ भी लिखते रहें ।  सच सब जानते हैं ।  हमें ख़ुशी होगी अगर , आरोप लगाने वाले जज साहब , बिना पॉवर और पोजीशन के हमारे द्वारा किये गए , काम से हमारे साथ मुकबला करते .........!!!


Copy of Order dated 06/09/2016  uploaded on 14/09/2016 evening



Tuesday, 13 September 2016

जैसी सोच, संगति, वैसे ही परिणाम ..........

जैसी सोच , संगति होगी, वैसे ही परिणाम मिलेंगे .........

एक राजा के पास कई हाथी थे,  लेकिन  एक हाथी बहुत शक्तिशाली था,
बहुत आज्ञाकारी,
समझदार व युद्ध-कौशल में निपुण था।
बहुत से युद्धों में वह भेजा गया था
और वह राजा को विजय दिलाकर वापस लौटा था,
इसलिए वह महाराज का सबसे प्रिय हाथी था।

समय गुजरता गया ...

और एक समय ऐसा भी आया,
जब वह वृद्ध दिखने लगा।

अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर पाता था।
इसलिए अब राजा उसे युद्ध क्षेत्र में भी नहीं भेजते थे।

एक दिन वह सरोवर में जल पीने के लिए गया, लेकिन वहीं कीचड़ में उसका पैर धँस गया और फिर धँसता ही चला गया।

उस हाथी ने बहुत कोशिश की,
लेकिन वह उस कीचड़ से स्वयं को नहीं निकाल पाया।

उसकी चिंघाड़ने की आवाज से लोगों को यह पता चल गया कि वह हाथी संकट में है।

हाथी के फँसने का समाचार राजा तक भी पहुँचा।

राजा समेत सभी लोग हाथी के आसपास इक्कठा हो गए और विभिन्न प्रकार के शारीरिक प्रयत्न उसे निकालने के लिए करने लगे।

लेकिन बहुत देर तक प्रयास करने के उपरांत कोई मार्ग
नहि निकला.

तब राजा के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि तथागत गौतम बुद्ध मार्गक्रमण कर रहे है तो क्यो ना तथागत गौतम बुद्ध से सलाह मांगि जाये.

राजा और सारा मंत्रीमंडल तथागत गौतम बुद्ध के पास गये और अनुरोध किया कि आप हमे इस बिकट परिस्थिती मे मार्गदर्शन करे.

तथागत गौतम बुद्ध ने सबके अनुरोध को स्वीकार किया और घटनास्थल का निरीक्षण किया और फिर राजा को सुझाव दिया कि सरोवर के चारों और युद्ध के नगाड़े बजाए जाएँ।

सुनने वालोँ को विचित्र लगा कि भला नगाड़े बजाने से वह फँसा हुआ हाथी बाहर कैसे निकलेगा, जो अनेक व्यक्तियों के शारीरिक प्रयत्न से बाहर निकल नहीं पाया।

आश्चर्यजनक रूप से जैसे ही युद्ध के नगाड़े बजने प्रारंभ हुए, वैसे ही उस मृतप्राय हाथी के हाव-भाव में परिवर्तन आने लगा।

पहले तो वह धीरे-धीरे करके खड़ा हुआ और फिर सबको हतप्रभ करते हुए स्वयं ही कीचड़ से बाहर निकल आया।

अब तथागत गौतम बुद्ध ने सबको स्पष्ट किया कि हाथी की शारीरिक क्षमता में कमी नहीं थी, आवश्यकता मात्र उसके अंदर उत्साह के संचार करने की थी।

हाथी की इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि यदि हमारे मन में एक बार उत्साह – उमंग जाग जाए तो फिर हमें कार्य करने की ऊर्जा स्वतः ही मिलने लगती है और कार्य के प्रति उत्साह का मनुष्य की उम्र से कोई संबंध नहीं रह जाता।

जीवन में उत्साह बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि मनुष्य सकारात्मक चिंतन बनाए रखे और निराशा को हावी न होने दे।

कभी – कभी निरंतर मिलने वाली असफलताओं से व्यक्ति यह मान लेता है कि अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर सकता, लेकिन यह पूर्ण सच नहीं है.

*"सकारात्मक सोच ही आदमी को "आदमी" बनाती है....*

उसे अपनी मंजील तक ले जाती है...!"
Always be positive in your life and towards your life goal, never let others ruin your life for their benefit and selfishness.

आप वो करें , जिसके लिए ऊपर वाले ने बनाया, चमक दूर तक फैलेगी.............

हमें कई बार बहुत ज्यादा पीड़ा होती है , जब कुछ लोग छोटी 2 बातों या स्वार्थ की पूर्ति के लिए , घटियापन करते रहते हैं । उनको ये लगता है कि दूसरे उनकी चालाकी / घटियापन / स्वार्थ/ चोरी/ झूठ को कोई देख नहीं सकते ....... ये लोग ये भूल जाते हैं कि काबिल लोग नये रास्ते बनाते हैं, और समझदार लोग , उस पर चलते हैं , या उन के बारे में पढ़ते हैं ।  एक बेहतरीन लेख शायद ,  ऐसे लोगों को, कुछ  समझ में आ जाये ........


Respect yourself. You are uniquely designed.
एक आदमी ने भगवान बुद्ध  से पुछा : जीवन का मूल्य क्या है?

बुद्ध  ने उसे एक Stone दिया और कहा : जा और इस stone का
मूल्य पता करके आ , लेकिन ध्यान रखना stone को बेचना नही है I

वह आदमी stone को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और बोला : इसकी कीमत क्या है?

संतरे वाला चमकीले stone को देखकर बोला, "12 संतरे लेजा और इसे मुझे दे जा"

आगे एक सब्जी वाले ने उस चमकीले stone को देखा और कहा
"एक बोरी आलू ले जा और इस stone को मेरे पास छोड़ जा"

आगे एक सोना बेचने वाले के
पास गया उसे stone दिखाया सुनार उस चमकीले stone को देखकर बोला,  "50 लाख मे बेच दे" l

उसने मना कर दिया तो सुनार बोला "2 करोड़ मे दे दे या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह दूँगा तुझे..

उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरू ने इसे बेचने से मना किया है l

आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे stone दिखाया l

जौहरी ने जब उस बेसकीमती रुबी को देखा , तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपडा बिछाया फिर उस बेसकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई माथा टेका l

फिर जौहरी बोला , "कहा से लाया है ये बेसकीमती रुबी? सारी कायनात , सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नही लगाई जा सकती ये तो बेसकीमती है l"

वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे बुद्ध  के पास आया l

अपनी आप बिती बताई और बोला "अब बताओ भगवान , मानवीय जीवन का मूल्य क्या है?

 बुद्ध  बोले :

संतरे वाले को दिखाया उसने इसकी कीमत "12 संतरे" की बताई l

सब्जी वाले के पास गया उसने इसकी कीमत "1 बोरी आलू" बताई l

आगे सुनार ने "2 करोड़" बताई lऔर जौहरी ने इसे "बेसकीमती" बताया l

अब ऐसा ही मानवीय मूल्य का भी है l

तू बेशक हीरा है..!!लेकिन, सामने वाला तेरी कीमत,
अपनी औकात - अपनी जानकारी -  अपनी हैसियत से लगाएगा।

घबराओ मत दुनिया में.. तुझे पहचानने वाले भी मिल जायेगे।

Respect Yourself,
You are very Unique..👌👌👌👌👌

Thursday, 8 September 2016

हमें अपने से बड़ों का सम्मान क्यों करना चाहिए और उनके साथ वक्त क्यों बिताना चाहिए............???

हमें अपने से बड़ों का सम्मान क्यों करना चाहिये .....???  और उनके साथ कुछ वक्त क्यों बिताना चाहिए .......???

अनुभव हमें ये सिखाता है क्या करना चाहिए ......??? और क्या नहीं  .........???    ये सब ,  हम वक्त के साथ 2 सीखते हैं ।  हमारा ये मानना है कि दूसरे जोकि हमसे उम्र में बड़े हैं, उनकी गलतियों से हम सीखेंगे , तो हम और ज्यादा काबिल बनेंगे । जो उन्होंने ठोकर खाकर सीखा, जरूरी नहीं है कि हम भी उसी गलती के लिए वक्त और कीमती ऊर्जा बर्बाद करें ।
जब हम अपनी दवाई की खोज का काम करते थे तो हमारे एक टीचर ने हमें ये बात समझाई थी और जिंदगी में कई बार इस आदत से बहुत बड़े फायदे हुए । हमारे माता पिता की उम्र के लोग , हमारी उम्र के लोगों को बच्चे समझते है , उम्र के बड़े अंतर के चलते कम्युनिकेशन गैप हो जाता है । उनके नजदीक आने का सबसे बढ़िया तरीका है  कि --- हम अपने से बड़ों का  सम्मान करें, उनसे विनम्रता से पेश आयें ।  उनके साथ ईमानदारी से पेश आएं और कुछ वक्त जरूर बिताएं और जितना सम्भव हो सके , उनकी मदद करें ।  हमें 200% विश्वास है कि आप बुजुर्गों के अनुभव से , सीखकर और उनके आशीर्वाद से , बड़े 2 कारनामे करने में कामयाब हो जायेंगे ।  फिर चाहे वो कानूनी लड़ाई हो .......या फिर जीवन की कोई और समस्या ........ इन सब में आप ही जीतेंगे ।
अब चाहे इसे संस्कार कह लें या अच्छी आदत कोई भी नाम दे सकते हैं । हमारी इस आदत ने , हाई कोर्ट के कई बड़े और सीनियर वकीलों से उनके अनुभव, ज्ञान , कौन सा हथियार, कब और कैसे चलाना है ....??? ये सब सिखने को मिला ।
और दूसरी सबसे अहम् बात ये कि --- अपनी संगति हमेशा अच्छे लोगों से रखो, जब हम नालायक और नाकारा लोगों के साथ वक्त बिताते हैं तो हम वक्त बर्बाद करते हैं ........और जब हम समझदार , और अच्छी सोच वाले लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारते हैं तो हम उनके अनुभव, सोच , ज्ञान से सीखते हैं ।

हाई कोर्ट , जिला सेशन जज सहित 6 जजों के द्वारा डाले गए 3 केस, ऐसे ही नहीं जीते गए , इस जीत के पीछे सब्र, सहनशीलता हिम्मत और त्याग भी छुपा हुआ है ............

6 जजों द्वारा डाले गए 3 मुकदमें, ऐसे ही नहीं जीते गए..................

 हमारे पर माफीनामा लिखकर मुकदमा ख़त्म करने का दबाब भी बनाया गया ।  कई बार   हमारे पर  हाई कोर्ट के जजों ने , जेल भेजने का दबाब और डर बनाने की कोशिश किया , लेकिन हम दूसरों की तरह डरने की बजाय, अपनी बात पर अडिग रहे ।  उनको ये तो समझ आ गया था कि --- मनोज ने जजों की गड़बड़ी तो पकड़ ली है , फिर भी मामले को घुमाने और डराने की पूरी कोशिश की गई ।
सच में बहुत ताकत होती है, हाई कोर्ट के जज महेश ग्रोवर  और डॉक्टर शेखर धवन के साथ लगभग 45 मिनट तक बात हुई, उन्होंने ये स्वीकार भी किया कि --- ज्यादती हुई है, हमारी , सहनशीलता, काबिलियत ,  लिखाई, ज्ञान और Achievement से वे बेहद प्रभावित भी हुए ।  वैसे तो ये जज साहब बड़े सख्त स्वभाव के हैं,  लेकिन हमें उनसे बात करते वक्त , संवेदनशीलता दिखाई दी और  दोस्त की तरह बात करने लग गए । हाई कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान जब हमनें जज साहब को ये बताया कि ---हमनें 2 नई मेडिसिन खोजी हैं, और हमारा किस तरह का इतिहास रहा है, ....??? और इस दुनियां में, इतनी काबिलियत वाले बच्चे , कितने माँ बाप को नसीब होते हैं .......??? जो की कोई नई चीज खोज सकें,  असली दिमाग तो उसका था, ...... जिसने कंप्यूटर, एयर कंडीशनर , पंखा, बिजली  की खोज की , तो जज साहब प्रभावित और खुश भी हुए और खुद ही कहने लगे कि --- यहाँ तो दो में से एक के ही हक़ में फैसला हो सकता है, जो हार जाता है , उसके लिए हम बुरे और नाराज नहीं हो , तो वकील अपने आप को बचाने के लिए , जजों पर आरोप लगाकर, लोगों को हमारे खिलाफ भड़का देते हैं ।

Wednesday, 7 September 2016

हम उन सभी के शुक्रगुजार हैं , जिन्होंने हमें बिना पैसे के भी, इस कानूनी लड़ाई को लड़ने में किसी भी तरह से मदद की .........

हम उन सभी लोगों के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने किसी भी तरीके से इस संघर्ष में हमारी मदद की ............
सबसे पहले ईश्वर का, माता पिता , मेरी बड़ी बहन का, गुरुजन का, और उनका जिन्होंने मुझे जिन्दा रहने के लिए प्रेरित किया । मोहिनी कामवानी जी, उनके बेटे दलीप कामवानी जी, एडवोकेट नीलेश ओझा जी, एडवोकेट नरेंद्र तंवर, मेरे अजीज दोस्त और बड़े भाई जो की आज इस दुनिया में नहीं है Late राजेश शर्मा जी, भाई अमित लोहिया जी,  एडवोकेट संजीव बिड़ला जी, एडवोकेट विंग कमांडर ( रिटायर्ड ) संजीव शर्मा जी, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सोनू शर्मा जी, और उन सबका जिन्होंने हमारी इस लड़ाई को लड़ने में , कोई भी मदद की है ।  जिनके नाम हम जाने अनजाने में लिखने से भूल गए हों ।

मेरे खिलाफ इन जजों ने 3 मुकदमें तो मुझे बर्बाद करने की नियत से किये थे, लेकिन हुआ ठीक उल्टा ...........

इन 6  जजों ने मेरे खिलाफ ये मुकदमें ये सोचकर डलवाये थे कि --- मनोज के पास पैसे तो है ही नहीं,  सड़कर मरता रहेगा और दूसरे लोगों में डर बैठ जायेगा । लोग तुम्हारे खिलाफ जाने की सोच ही नहीं सकेंगे , लेकिन हुआ इसका उल्टा ........
हम चंडीगढ़ आने लगे तो हमें एक से बढ़कर एक, वकील मिल गए । मेरे मुकदमें में 2 वकील कोर्ट में हाथ जोड़कर , केस से पीछे है गए, क्योंकि हाई कोर्ट के जज के खिलाफ कौन बोलेगा .......???
वो मुझसे ये कहते थे कि हम जज साहब का नाम नहीं लेंगे । हमनें कहा कि हम सच को छुपाएंगे नहीं ......
मुझे चंडीगढ़ में सबसे पहले एडवोकेट संजीव कुमार बिड़ला भाई साहब मिले , बिना किसी फीस के हमारी हर संभव मदद की, इन्ही की वजह से , मेरे शुरू के 3  केस हाई कोर्ट  में डालना संभव हुआ। और इन्होंने मुझे हमेशा अपना छोटा भाई समझा ....... उसके बाद हमारी मुलाकात विंग कमांडर एडवोकेट संजीव शर्मा भाई साहब से हुई, इन्होंने भी बिना किसी फीस के हमारी हर संभव मदद के साथ2 मार्गदर्शन भी किया ।  इन तीन मुकदमों की जीत में इन भाई साहब का बहुत बड़ा योगदान है ।  थोड़े दिनों बाद हमारी मुलाकात एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी भाई साहब से हुई, इन भाई साहब ने मुझे अपने बेटे की तरह समझा, और बिना किसी फीस के, हमारे मुकदमों का न केवल मार्गदर्शन किया, बल्कि अब ये हमारे 2 बड़े मुकदमें की पैरवी भी खुद करेंगे ।  और न मुकदमों में भी ऐतिहासिक फ़ैसले आएंगे ,.........
इन 6 जजों ने  तो मेरा नुकसान करने की नियत से मेरे खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज करवाये थेे, लेकिन इससे तो हमारा बहुत बड़ा फायदा हुआ .......

06.09.2016 का दिन न्यायपालिका के भरष्टाचार से पीड़ित लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन............

06.09.16 का दिन न्यायपालिका के भरष्टाचार से पीड़ित लोगों के लिए एतिहासिक  दिन,  ..........
आज चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने 6 जजों द्वारा  दायर,  मेरे खिलाफ  कॉन्टेम्पट ऑफ़ कोर्ट के  3 मुकदमें ख़ारिज कर दिये........

आदरणीय देशवासियों ,
मेरे खिलाफ चंडीगढ़ हाई कोर्ट में , 6 जजों द्वारा दायर किये गए तीन , मुकदमें ( Criminal Contempt of  Court Act  ) हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिए  ।  जिसमे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज महिंदर सिंह सुल्लर, नारनौल के तत्कालीन जिला सेशन जज नरेंदर कुमार मित्तल, वर्तमान जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंगल,  तत्कालीन Chief Judicial मजिस्ट्रेट राजेश गुप्ता, JMIC संदीप चौहान , JMIC  M Z Khan, शामिल थे। हमनें केस खुद ही लड़ा, आज  ये मेहनत कामयाब हुई ।   जल्दी ही हमें आर्डर की कॉपी मिलने वाली है । आपसे साँझा करेंगे ।  ये एक एतिहासिक फैसला है, जिससे देश  के लोगों को , जजों के अन्याय, झूठे मुकदमें  से लड़ने  की  प्रेरणा मिलती रहेगी, क्योंकि हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसे गिने चुने मौके आये हैं , जब जजों  ने , जजों के खिलाफ फैसले दिए हों ......
इस लड़ाई में , बहुत सारे लोगों का योगदान है ।  ये जानकारी भी जल्दी ही आप को मिलेगी ।

Tuesday, 6 September 2016

मेरे खिलाफ 6 जजों द्वारा दायर 3 मुकदमें हाई कोर्ट में ख़ारिज ...............

आज का दिन न्यायपालिका के भरष्टाचार से पीड़ित लोगों के लिए एतिहासिक  दिन,  ..........
आज चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने 6 जजों द्वारा  दायर,  मेरे खिलाफ  कॉन्टेम्पट ऑफ़ कोर्ट के  3 मुकदमें ख़ारिज कर दिये........

आदरणीय देशवासियों ,
मेरे खिलाफ चंडीगढ़ हाई कोर्ट में , 6 जजों द्वारा दायर किये गए तीन , मुकदमें ( Criminal Contempt of  Court Act  ) हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिए  ।  जिसमे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज महिंदर सिंह सुल्लर, नारनौल के तत्कालीन जिला सेशन जज नरेंदर कुमार मित्तल, वर्तमान जिला सेशन जज अरुण कुमार सिंगल,  तत्कालीन Chief Judicial मजिस्ट्रेट राजेश गुप्ता, JMIC संदीप चौहान , JMIC  M Z Khan, शामिल थे। हमनें केस खुद ही लड़ा, आज  ये मेहनत कामयाब हुई ।   जल्दी ही हमें आर्डर की कॉपी मिलने वाली है । आपसे साँझा करेंगे ।  ये एक एतिहासिक फैसला है, जिससे देश  के लोगों को , जजों के अन्याय, झूठे मुकदमें  से लड़ने  की  प्रेरणा मिलती रहेगी, क्योंकि हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसे गिने चुने मौके आये हैं , जब जजों  ने , जजों के खिलाफ फैसले दिए हों ......
इस लड़ाई में , बहुत सारे लोगों का योगदान है ।  ये जानकारी भी जल्दी ही आप को मिलेगी ।

Saturday, 3 September 2016

चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने , बहुत साल बाद एक ऐसा फैसला दिया, जिसे देश भर के लोग , अनुसरण करेंगे .............

चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने , बहुत  साल बाद एक ऐसा फैसला दिया, जिसे देश भर के लोग ,  अनुसरण करेंगे .......
हार्दिक शुभकामनाएं ..........   Advocate J S Bhatti  जी  को  जिन्होंने पिछले  9 सालों से इस मुद्दे का पीछा नहीं छोड़ा और नतीजा सब के सामने है ... Advocate Jagmohan Singh Bhatti  has filed one PIL in High Court Chandigarh for illegal appointment of Chief Parliamentary Secretary in Punjab & Haryana. For Punjab decision has come to dismiss the appointment of 18 CPS. For Haryana hearing was fixed for  01.09.2016 .  Surely, this decision wikl also be against the illegal  appointment of CPS in Haryana. ......