निस्वार्थ भाव से की गई सेवा,.............. कभी भी व्यर्थ नहीं जाती ................!!!
अभी कुछ महीने पहले हम चंडीगढ़ हाई कोर्ट में थे. ऐसे ही एक वकील सहाब से मुलाकात हों गई, उनको Diabetis शुगर की बीमारी थी. हमने उनको कुछ नुस्खा दिए, उनको बहुत फायदा हुआ, वे बड़े खुश हुए. और बोले कि – सेवा बताओ . हमने कहा कि --- सर हम तो कुछ लेते नहीं . बड़े ही प्रभावित हुए, और हमसे कहा कि – हमारे लायक कोई काम हों, तो जरूर याद करना . उन वकील साहब को भगवान् ने फ़रिश्ता बनाकर हमारे पास भेजा था. उनकी मदद से एक बड़ा और मुश्किल, मुकदमा तो डल गया है. जल्दी ही दुसरे मुकदमें भी डल जायेंगे .
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