Saturday, 16 July 2016

गुरूद्वारे और सिख भाइयों का,.. हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव ..............

 गुरूद्वारे और सिख भाइयों का,.... हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव ..............
ये अनुभव हमनें सिखों से और गुरूद्वारे से सीखे हैं. जब 2001 में हमारी नौकरी अमृतसर में लगी तो, वहां का एक दोस्त हमें गोल्डन टेम्पल गुरूद्वारे ले गया. उससे पहले हमनें गुरूद्वारे के बारे में इतनी नजदीकी से नहीं जाना था, क्योंकी कभी किसी सरदार जी से दोस्ती का ऐसा मौका ही नहीं मिला .
हमने वहां पर देखा कि -- एक सरदार जी रात के 12 बजे टॉयलेट की सफाई कर रहे थे. लंगर में अमीर गरीब बिना किसी भेदभव के एक ही लाइन में खाना खा रहे थे. ये सब बातें हमनें मंदिरों में कभी भी नहीं देखि थी.
तभी से आजतक हम 10, 000 से ज्यादा लोगों को गुरूद्वारे की सेवा भावना को सिखने के लिए भेज चुके हैं. क्योंकी हमारा ये मानना है कि – अच्छी बात कहीं से , किसी से भी सिखने को मिले, बिना संकोच के सीख लो ..............

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