Saturday, 19 December 2015

हिंदुस्तान के जज ये चाहते हैं कि इस देश की जनता उनको भगवान की तरह पूजती रहे, लेकिन ये लोग भगवान की जिम्मेदारी नहीं निभाना चाहते..........

न्यायपालिका अपने रुतबे और ताकत को कायम रखने के लिए, पिछले कुछ समय से बेशर्मी और गैर जिम्मेदारी की हदें पार करते हुए, कोई झिझक या शर्म महसूस नहीं कर रही.
उपर से अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट एक्ट में झूठे मुक़दमे दर्ज करके, उनको प्रताड़ित करके और लोगो में डर पैदा कर रही हैं. जबकि न्यायपालिका को तो लोगों को ड़र मुक्त करने के लिए काम करना चाहिए. और न्यायपालिका अपने आप को भगवान से भी ज्यादा ईमानदार दिखने का ड्रामा पूरे जोर शोर से कर रही हैं .............


सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुबर्तो राय को किस शिकायत या किस FIR के आधार पर जेल में डाला .............???
ये एक बहुत गहरे राज की बात हैं, ...
मुझे कहीं से पता चला हैं कि -- इनके कई प्रोजेक्ट्स में जजों कि अवैध कमाई लगी हुई थी और काला धन कि सूचि में कई जजों के भी नाम थे. इसलिए, अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा किया.
न्यायपालिका अपने रुतबे और ताकत को कायम रखने के लिए, पिछले कुछ समय से बेशर्मी और गैर जिम्मेदारी की हदें पार करते हुए, कोई झिझक या शर्म महसूस नहीं कर रही......

 http://www.livelaw.in/supreme-court-rejects-subrata-roys-plea-detention/

2 comments:

  1. कानून दुरूपयोग पर, जब ड्राईवर को, डॉक्टर को सजा है, तो जजों को सजा क्यों नहीं .......???

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  2. सुब्रतो राय के खिलाफ कोई शिकायत या FIR ही नहीं थी. ये सब ड्रामे गिरफ्तार करने के बाद किये जा रहे हैं

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