आदरणीय देशवासियों,
नाकाबिल लोगों की जज के पद पर नियुक्ति से जमकर फर्जीवाड़े बढे.
इसलिये, देश में जजों की नियुक्ति के लिए UK/ US की तरह सरकार और न्यायपालिका के नियंत्रण से मुक्त, स्वतंत्र संस्था बने. जो जजों के नाम योग्यता के अनुसार निर्धारित करे और योग्यता के आधार सार्वजानिक होने चाहिए. नामांकित जजों के, नाम सार्वजानिक करके, उनके बारे में जनता से उनके बारे में जानकारी एकत्रित करके ( उन जजों के खिलाफ शिकायतों और उनके अच्छे काम ) फिर उनके नाम निर्धारित मापदंड के अनुसार फाइनल किये जायें और ये सब प्रक्रिया सार्वजानिक और पारदर्शी हो. इससे फर्जीवाड़ा करने वाले जज, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज नहीं बन सकेंगे. इससे न्यायपालिका में जिम्मेदारी आएगी और फिर भी कोई जानबूझकर गड़बड़ करे तो उस जज को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू करके, पदभार से मुक्त करके, उसके खिलाफ कार्यवाही भी की जाये.
दूसरे लोगों के फर्जीवाड़े पर बड़ी बड़ी बातें करने वाले, जजों की खुद की नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी ही गड़बड़ी................... गोपनीयता की आड़ में,............. जमकर हो रहे फर्जीवाड़े.............
ReplyDeleteभ्रष्ट और नाकाबिल जजों की नियुक्ति से, न्यायपालिका में फर्जीवाड़े बढे.
ReplyDeleteजिम्मेदारी तो जगह तानाशाही ........... पारदर्शिता की जगह गोपनीयता
अब इन पर, लगाम लगानी जरूरी.......................
ReplyDeleteजजों की प्रमोशन में,........... उनके द्वारा दिए गए फैसलों खिलाफ, की गई अपील के बारे में जानकारी पर भी गौर करना जरूरी ....................
Indian Judiciary is not willing to follow the same Standards for Transparency and Accountability, What it Expects from other Public Servants & Public Authorities................
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