Wednesday, 1 February 2017

क्या जज पब्लिक सर्वेंट नहीं हैं ........???

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....
जहाँ तक मुझे जानकारी है जनसेवक या पब्लिक सर्वेंट वो हर व्यक्ति है --- जो किसी भी रूप से पब्लिक फण्ड से वेतन लेता है, चाहे वो 2000 रूपये हो या फिर 2 लाख रूपये हो ।

अब सवाल ये है कि --- ये जज और कोर्ट खुद भी वेतन और दूसरी सुविधा, जनता के खून पसीने की कमाई से इक्कठा किये गए,  पब्लिक फण्ड से लेते हैं तो ये भी जनसेवक या Public Servant ही हुए । आज के दिन जज अपनी तानाशाही सोच के चलते , पब्लिक फण्ड को जानबूझकर बर्बाद कर रहे हैं ।  ये जज दूसरों  ( यानि कि कार्यपालिका, विधानपलिका ) को तो बड़े 2 प्रवचन देते हैं , जबकि इस समय देश में सबसे ज्यादा पब्लिक फण्ड की बर्बादी हिंदुस्तान के जज कर रहे हैं ।

 कारण ये है कि संविधान निर्माताओं ने गलती ये कर दी कि -- न्यायपालिका को निष्पक्ष रखने की नियत से आजाद रख दिया । इन निरंकुश और बेलगाम ताकत ने जजों का दिमाग जरुरत से ज्यादा ख़राब कर दिया क्योंकि -- इनके फर्जीवाड़ों और गैर कानूनी गतिविधियों पर कभी भी रोक लगाने की कोशिश ही नहीं की गई ।
न जाने कितने करोड़ों निर्दोष लोग झूठे केस और न्यायपालिका के गैर जिम्मेदार रवैये के कारण हुई ,  मानसिक, आर्थिक सामाजिक, प्रताड़ना के चलते और जानबूझकर न्याय न मिलने के कारण इस दुनिया से अलविदा हो गए .........???

कितने करोड़ों लोगों का कैरियर / काम धंधा / नौकरी चौपट हो गया। और करोड़ों लोगों को मजबूर करके आत्महत्या करने को विवश किया गया  .......???

इन जजों को ये गलतफहमी हो गई है कि --- उनके सामने खुद भी क्या चीज है ......???

जब इस देश में हर पब्लिक सर्वेंट की जिम्मेदारी है, ( जैसे -- चपरासी, ड्राईवर, डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस, IAS, IPS, MLA, MP) तो इन जजों को फर्जीवाड़ा करने के लिए छूट क्यों ......???

आईये .... !!!  देश के निर्दोष लोगों की प्रताड़ना, और लोगों के खून पसीने की कमाई के पैसे यानि की पब्लिक फण्ड की बर्बादी को रोकने, जजों के तानाशाही प्रवृति पर रोक लगाकर, उनको जिम्मेदारी से काम करने को मजबूर करने के लिए , संविधान मे संशोधन की मांग करते हुए जजों की जबाबदेही कानून और इनकी शिकायत के लिए अलग व्यवस्था बनाने के लिए केंद्र सरकार को मजबूर करें, ताकि जजों के खिलाफ आने वाली शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट / हाई कोर्ट की भृष्ट जजों को बचाकर, फर्जीवाड़ा और भृष्टाचार पर रोक लगाई जा सके और इस देश के शरीफ लोग,  शराफत के साथ शोषणमुक्त,और खुशनुमा वातावरण में जी सकें ।

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