आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
मोहाली के वकील W. C. Sh. Sanjeev Sharma की सूझ बुझ ने हाई कोर्ट चंडीगढ़ के जजों को सच को स्वीकार करने को मजबूर किया ............
आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....
दरअसल लगभग 5 साल पहले फिरोज़पुर झिरका कोर्ट में कार्यरत कर्मचारी भोगी राम जी ने स्टेशनरी की कमी को लेकर, इस समस्या का समाधान करने के लिए अपने तत्कालीन जिला सेशन जज डी एस श्योराण को लिखा ।
समाधान के लिए कोई कार्यवाही करना तो बहुत दूर की बात है, उनके खिलाफ ही 4 इन्क्वारी शुरू करवा दी गई । उसके बाद पिने के पानी के लिए लिखा तो 4 इन्क्वारी ईनाम में मिली। उनका बच्चा हॉस्पिटल में भर्ती था बच्चे को टी बी हो गई थी, ऑपरेशन होना था , इन निर्दयी जजों ने जानबूझकर भोगी राम की छुट्टी सैंक्शन नहीं की और हॉस्पिटल से ही भोगी राम को बुलाया और उन पर 5000 रूपये का जुर्माना लगाया और 4 नई इन्क्वारी ईनाम में दी ।
12 इन्क्वारी हर 3 महीने में ट्रान्सफर ( 2 साल में 7 बार ) ताकि प्रताड़ित हो, और जजों की तानाशाही को स्वीकार कर ले ।
ऐसी बेवकूफी करने के लिए जज पब्लिक के खून पसीने की कमाई बर्बाद कर रहे हैं ।
Indian Judges are wasting the Public funds, by spending their 98% energy to deliver injustice by converting Truth in to False and False in to Truth or to continue their dictatorship.
अब समस्या ये थी कि जजों के खिलाफ कौन वकील खड़ा होने को तैयार होगा .......???
मोहाली के वकील Wing Commander Sh. Sanjeev Sharma ji ने इस चुनौती भरे काम को स्वीकार किया धड़ा धड़ 25 के करीब मुक़दमे ठोके , जजों के बेवकूफी भरे आदेशों को कैंसिल करवाया 200 से ज्यादा अलग 2 Representations , RTI , अपील डाली ।
और आज हाई कोर्ट के जजों ने इस सच्चाई को स्वीकार करते हुए, हरियाणा के स्टेशनरी विभाग के सचिव को तलब करते हुए इस समस्या के समाधान के लिए किये गए प्रयास की जानकारी मांगी है ।
दरअसल लगभग 5 साल पहले फिरोज़पुर झिरका कोर्ट में कार्यरत कर्मचारी भोगी राम जी ने स्टेशनरी की कमी को लेकर, इस समस्या का समाधान करने के लिए अपने तत्कालीन जिला सेशन जज डी एस श्योराण को लिखा ।
समाधान के लिए कोई कार्यवाही करना तो बहुत दूर की बात है, उनके खिलाफ ही 4 इन्क्वारी शुरू करवा दी गई । उसके बाद पिने के पानी के लिए लिखा तो 4 इन्क्वारी ईनाम में मिली। उनका बच्चा हॉस्पिटल में भर्ती था बच्चे को टी बी हो गई थी, ऑपरेशन होना था , इन निर्दयी जजों ने जानबूझकर भोगी राम की छुट्टी सैंक्शन नहीं की और हॉस्पिटल से ही भोगी राम को बुलाया और उन पर 5000 रूपये का जुर्माना लगाया और 4 नई इन्क्वारी ईनाम में दी ।
12 इन्क्वारी हर 3 महीने में ट्रान्सफर ( 2 साल में 7 बार ) ताकि प्रताड़ित हो, और जजों की तानाशाही को स्वीकार कर ले ।
ऐसी बेवकूफी करने के लिए जज पब्लिक के खून पसीने की कमाई बर्बाद कर रहे हैं ।
Indian Judges are wasting the Public funds, by spending their 98% energy to deliver injustice by converting Truth in to False and False in to Truth or to continue their dictatorship.
अब समस्या ये थी कि जजों के खिलाफ कौन वकील खड़ा होने को तैयार होगा .......???
मोहाली के वकील Wing Commander Sh. Sanjeev Sharma ji ने इस चुनौती भरे काम को स्वीकार किया धड़ा धड़ 25 के करीब मुक़दमे ठोके , जजों के बेवकूफी भरे आदेशों को कैंसिल करवाया 200 से ज्यादा अलग 2 Representations , RTI , अपील डाली ।
और आज हाई कोर्ट के जजों ने इस सच्चाई को स्वीकार करते हुए, हरियाणा के स्टेशनरी विभाग के सचिव को तलब करते हुए इस समस्या के समाधान के लिए किये गए प्रयास की जानकारी मांगी है ।
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