आइये .....!!! भारत बदलें ....
Let's Change India ....
अभी कई दिनों से हम गहराई से उन कारण पर विचार कर रहे हैं , जिनकी वजह से देश की अदालतों में मुकदमें धड़ा धड़ बढ़ रहे हैं , लेकिन कम नहीं हो रहे .......न्याय के नाम पर एक झूठा दिखावा या नाटक जमकर किया जा रहा है ।
आदरणीय देशवासियों ,
निर्दोष लोगों की प्रताड़ना रोकने , देशवासियों को न्यायपालिका , पुलिस और व्यवस्था की असली समस्या से अवगत और जागरूक करने के उद्देश्य से हम 3 किताब लिख रहे हैं ।
-- पहली पुस्तक में हम देश के उन लोगों के बारे में दुनियाभर को अवगत करवाएंगे जिनके साथ अन्याय हुआ , भरष्टाचार के चलते न्याय से वंचित रखे गए । इस पुस्तक से देश के लोगों को उन पहलुओं के बारे में पता चलेगा, जिनके बारे में मीडिया कभी बात करता ही नहीं । देश की भोली भली जनता को बहुत सारा सच पता ही नहीं चल पाता । इस पुस्तक के माध्यम हम छुपे हुए फर्जीवाड़ों को समाज के सामने लाएंगे । देश के सभी ऐसे पीड़ित लोगों से उनकी कहानी आमंत्रित कर रहे हैं । अगर आप खुद या आपकी जानकारी में कोई व्यक्ति ऐसा है जिसके साथ घोर अन्याय हुआ है, और वो समाज के सामने आना चाहिए तो आप उनके बारे में 500 शब्दों में साफ़ सुथरा लिखा हुआ या टाइप करवाकर ( एक हिंदी और एक अंग्रेजी में ) पासपोर्ट फ़ोटो और एक एफिडेविट के साथ ( जिसमे ये लिखा हो कि ये घटना मेरे साथ हुई है और मैंने इसमें सच लिखा है और कुछ छुपाया नहीं है ), हमें भेजें ।
-- दूसरी पुस्तक में हम मेरे खुद के अनुभव के बारे में लिख रहे हैं , झूठा केस, जेल, पुलिस, जज किस हद तक फर्जीवाड़े करते हैं ।
इस सच के सामने आने से देश दुनिया के करोड़ों लोगों को अन्याय, अत्याचार, झूठे मुकदमों से लड़ने की दिशा और प्रेरणा मिलेगी । जो लोग मानसिक दबाब के चलते आत्महत्या कर रहे हैं , उनको हम मरने से बचा सकेंगे । इसके आलावा जजों के फर्जीवाड़े जोकि देश की जनता के सामने आ ही नहीं पाते, वो सच दुनिया के सामने आएगा तो जजों के फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए जजों की जबाबदेही कानून भी बन सकेगा ।
-- तीसरी पुस्तक हम उस जानकारी पर लिख रहे हैं जोकि हमें स्कूल , कॉलेज में कभी पढ़ाई ही नहीं जाती, जिसके चलते निर्दोष लोगों का शोषण होता है। अगर ये सब जानकारी स्कूल कॉलेज में बच्चों को सीखा दी जाएं , तो वे अगले 50 साल तक इस जानकारी का सदुपयोग करेंगे ।
इस कदम से न केवल भरष्टाचार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी, बल्कि व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव भी आएगा । जापान , स्विट्जरलैंड जैसे देश ऐसे ही ताकतवर हुए हैं ।
इस संदर्भ में आप सभी के सुझाव और प्रतिक्रियाएँ सादर आमंत्रित हैं ।
अभी कई दिनों से हम गहराई से उन कारण पर विचार कर रहे हैं , जिनकी वजह से देश की अदालतों में मुकदमें धड़ा धड़ बढ़ रहे हैं , लेकिन कम नहीं हो रहे .......न्याय के नाम पर एक झूठा दिखावा या नाटक जमकर किया जा रहा है ।
आदरणीय देशवासियों ,
निर्दोष लोगों की प्रताड़ना रोकने , देशवासियों को न्यायपालिका , पुलिस और व्यवस्था की असली समस्या से अवगत और जागरूक करने के उद्देश्य से हम 3 किताब लिख रहे हैं ।
-- पहली पुस्तक में हम देश के उन लोगों के बारे में दुनियाभर को अवगत करवाएंगे जिनके साथ अन्याय हुआ , भरष्टाचार के चलते न्याय से वंचित रखे गए । इस पुस्तक से देश के लोगों को उन पहलुओं के बारे में पता चलेगा, जिनके बारे में मीडिया कभी बात करता ही नहीं । देश की भोली भली जनता को बहुत सारा सच पता ही नहीं चल पाता । इस पुस्तक के माध्यम हम छुपे हुए फर्जीवाड़ों को समाज के सामने लाएंगे । देश के सभी ऐसे पीड़ित लोगों से उनकी कहानी आमंत्रित कर रहे हैं । अगर आप खुद या आपकी जानकारी में कोई व्यक्ति ऐसा है जिसके साथ घोर अन्याय हुआ है, और वो समाज के सामने आना चाहिए तो आप उनके बारे में 500 शब्दों में साफ़ सुथरा लिखा हुआ या टाइप करवाकर ( एक हिंदी और एक अंग्रेजी में ) पासपोर्ट फ़ोटो और एक एफिडेविट के साथ ( जिसमे ये लिखा हो कि ये घटना मेरे साथ हुई है और मैंने इसमें सच लिखा है और कुछ छुपाया नहीं है ), हमें भेजें ।
-- दूसरी पुस्तक में हम मेरे खुद के अनुभव के बारे में लिख रहे हैं , झूठा केस, जेल, पुलिस, जज किस हद तक फर्जीवाड़े करते हैं ।
इस सच के सामने आने से देश दुनिया के करोड़ों लोगों को अन्याय, अत्याचार, झूठे मुकदमों से लड़ने की दिशा और प्रेरणा मिलेगी । जो लोग मानसिक दबाब के चलते आत्महत्या कर रहे हैं , उनको हम मरने से बचा सकेंगे । इसके आलावा जजों के फर्जीवाड़े जोकि देश की जनता के सामने आ ही नहीं पाते, वो सच दुनिया के सामने आएगा तो जजों के फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए जजों की जबाबदेही कानून भी बन सकेगा ।
-- तीसरी पुस्तक हम उस जानकारी पर लिख रहे हैं जोकि हमें स्कूल , कॉलेज में कभी पढ़ाई ही नहीं जाती, जिसके चलते निर्दोष लोगों का शोषण होता है। अगर ये सब जानकारी स्कूल कॉलेज में बच्चों को सीखा दी जाएं , तो वे अगले 50 साल तक इस जानकारी का सदुपयोग करेंगे ।
इस कदम से न केवल भरष्टाचार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी, बल्कि व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव भी आएगा । जापान , स्विट्जरलैंड जैसे देश ऐसे ही ताकतवर हुए हैं ।
इस संदर्भ में आप सभी के सुझाव और प्रतिक्रियाएँ सादर आमंत्रित हैं ।
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