Wednesday, 1 February 2017

आइये .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....

सहनशीलता की एक सीमा होती है, जब ये जज बेशर्म होकर जानबूझकर फर्जीवाड़ा करते रहेंगे, न्याय की हत्या करते रहेंगे, तो शरीफ लोगों को एक सीमा  के बाद शराफत छोड़कर किसी भी हद तक कदम उठाने को मजबूर होना पड़ता है। और जब शरीफ अपनी शराफत छोड़ता है तो बड़े 2 तानाशाह ख़त्म हो जाते है, ये जज तो कुछ भी नहीं हैं  ........ ये जज अंदर से बहुत ही कमजोर हैं, इनमे सच का सामना करने की हिम्मत नहीं है । ये तो बस शरीफ लोगों को जेल भेजने का डर बनाकर , उनको अपनी मर्जी के अनुसार नचा रहे हैं । जो आदमी जेल से नहीं डरता, उससे ये जज डरते हैं । और मोहिनी कामवानी जी की इस बात से भी हम सहमत हैं कि  सुप्रीम कोर्ट ही जजों के भरष्टाचार और फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार है। क्योंकि ये लोग हाई कोर्ट और निचली कोर्ट के जजों के फर्जीवाड़े के खिलाफ कुछ नहीं करते ।

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