Tuesday, 8 August 2017

कभी आपने ये सोचा कि आजकल पुरुष इतना कमजोर और औरतें इतनी ताकतवर क्यों हो रही हैं ..........???

आईये.... .....!!! भारत बदलें .... Let's Change India ....


हमें इस बात की ख़ुशी है कि --  अब कुछ लोगों को पुरुषों की सोच का सच समझ में  आने लगा है ............?????

पुरूष का शोषण/उत्पीड़न पता है क्यों हो रहा है ......???
पुरुष को न्याय पता है क्यों नहीं मिल रहा है.......???
सारे कानून एकतरफा पता है क्यों बने हैं ....???
पुरुष न्याय के लिए पता है कानून क्यों नहीं हैं......???
बेकसूर होने पर भी पता है पुरुष बीच सङक पर चप्पलों से क्यों पिटता है.......???
क्यों जेल जाता है.......???
क्यों उस पर मनमर्जी धाराएँ लगा दी जाती हैं ......???
क्यों उसे पुलिस  पीटती है......???
क्यों उसे नीच, लुच्चा, लफंगा, हरामी, वहशी, दरिन्दा, बदमाश, आवारा, कुत्ता कहा जाता है......???
मां - बहिन की गाली खाता है।
पता हैक्यों - क्यों - क्यों .....???
"
क्योंकि पुरूष की आदत पङ चुकी है.......???
मानसिकता पक चुकी है..........
वह आवाज नहीं उठाना चाहता...........
वह संगठित होना नहीं चाहता..........
वह न्याय सुधार के लिए आगे नहीं बढ़ना चाहता.......
वह न्याय के लिए क्रांति/आन्दोलन नहीं करना चाहता..........
वह सरकार और नाजायज कानून पर दबाव नहीं डालना चाहता..........
इतना समय हो गया मुझे चीखते-चीखते ,
लेकिन पुरुष आगे आने को तैयार  नहीं..........!!!
साथ चलने और इकट्ठे होने को तैयार नहीं.......!!!
न्याय की गुहार लगाने को तैयार नहीं........!!!
आवाज उठाने को तैअार नहीं......!!!
क्योंकि  पुरूष मानसिक रूप से कमजोर हो चूका है,  डरता है........
"
और महिलाएं जरा सी देर में एक और इकट्ठी हो जाती हैं .........
रोड पर आ जाती हैं......
संसद और दिल्ली हिला देती हैं..........
सरकार हिला देती हैं............
 जानते हो ऐसा क्यों हो रहा है,  व्ओ इसलिये की हमनें  अन्याय और  अत्याचार का विरोध करना ही छोड़  दिया  ।
इसीलिए ,  आज गलत प्रवृत्ति नारी निर्दोष पुरुष पर अत्याचार/जुल्म कर रही है.........
पुरूष का शोषण/उत्पीड़न कर रही है........
और पुरुष चुपचाप मौन रहकर तमाशा देख रहा है.........
साथ में बिना सोचे समझे नारी हमदर्दी में गलत प्रवृत्ति नारी का साथ दे रहा है.........
सिर्फ हीरो बनने के लिए,
यह जताने के लिए कि मेरा चरित्र बहुत ऊंचा है  और मैं नारी की इज्जत करता हूँ ......और ऐसे पुरुष ही नारी की इज्जत लूटते हैं , उन्हें बहला-फुसलाकर.........और गलत प्रवृत्ति नारी भी ऐसे ही छिछोरों से ही खुश रहती है।

और फिर हमेशा की तरह फंसता है , अधिकतर निर्दोष पुरूष.........

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